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Adultery चाहत... {completed}
#20
Tongue 
बाहर से देखने वाले को तो शायद ऐसा ही लगता जैसे दीपा मेरी गोद में बैठ कर मुझे चोद रही थी। मैंने दीपा को उसकी बाँहें मेरे गले में डालकर मुझे चुम्बन करने के लिए बाध्य किया। दीपा भी उकसाई हुई थी। वह भी अपनी बाँहों में मुझे लपेट कर मेरे होँठों से अपने होँठ भींच कर मुझे गहरा चुम्बन करने में जुट गयी।


ऐसा करते हुए मैंने तरुण की और देख कर एक आँख मटक कर कहा, "यार तरुण, तुम्हारी कहानी तो अच्छे अच्छों का लण्ड खड़ा कर देने वाली है। मेरा लण्ड भी कितना गरम हो कर खड़ा हो गया और फुंफकार रहा है।" मैंने फिर दीपा की और घूम कर दीपा के होँठों पर अपने होँठ रख दिए और एक पागल की तरह मैं उन्हें चूमने और चूसने लगा।

दीपा भी तो उत्तेजित हो गयी थी। वह भी काफी गरम थी। वह अपनी खुली हुई चूँचियों भूल ही गयी। उसके गुस्से पर मैंने जैसे पानी फेर दिया। जब मैं दीपा को चुम रहा था तो दीपा मुझे रोक कर कुछ खिसियानी सी आवाज में बोल पड़ी, "अरे रुको। यह क्या कर रहे हो? कुछ शर्म है की नहीं? तरुण यहाँ बैठा हुआ है और सब देख रहा है।"

मैंने दीपा को कहा, "देखा? यही तो मैं कह रहा था की आज की रात जब मैं तुम्हें प्यार करूंगा तो तुम मुझे यह कह कर रोकेगी की तरुण है। तुमने मुझे वचन दिया था की तुम ऐसा नहीं कहोगी और मुझे प्यार करने दोगी। अब तुम वापस मुकर गयी ना? अरे तरुण की ऐसी की तैसी। मुझे प्यार करने दो ना यार!"

मैंने उसे पहले से हिदायत दी थी की तरुण आये या ना आये, मैं तो मेरी बीबी को प्यार करूंगा ही। तो दीपा मुझे मना नहीं कर सकती थी। उसने तो मुझे वचन जो दिया था। वैसे भी उसके लिए यह मुमकिन नहीं था की मेरे बाहुपाश से छूटकर अपनी चूँचियों को वह सम्हाल सके।

अपने वचन से बंधी हुई दीपा लाचारी में मुझे चूमने से रोक नहीं पायी और खुद भी इतनी गरम हो गयी थी की बिना तरुण की परवाह किये वह मेरे होंठों को चूसने लगी।

मैंने तरुण से कहा, "तरुण, सॉरी यार। मैं तुम्हारी गरमागरम कहानी सुनकर मेरी बीबी को प्यार किये बिना रह नहीं सकता। दीपा डार्लिंग, आज तुम्हें हमारे साथ बैठ कर खुल कर बातें करते हुए देख कर मुझे बहोत बहोत बहोत अच्छा लगा है। मजाक अलग है पर आज मुझे तुम पर वाकई में नाज है। आज मुझे ऐसा लगा है जैसे हम लोग हनीमून मना रहे हों।"

दीपा ने मेरी और मुस्करा कर देखा और कुछ दबी सी आवाज में मेरे कानों में बोली जिससे तरुण ना सुन सके, "अच्छा? हम क्या तरुण के साथ हनीमून मना रहे है?"

मैंने कहा, "तो क्या हुआ? तरुण अपना ही है, कोई पराया थोड़े ही है? पर फिलहाल तो तरुण की ऐसी की तैसी"

हम कभी हनीमून पर तो गए नहीं थे। पर मेरी हनीमून वाली बात सुनकर वह काफी खुश थी। उसका गुस्सा पिघल चुका था। मेरी बात सुनते ही बिना बोले दीपा मेरे साथ चुम्बन में जुट गयी। किस करते करते मैंने दीपा की साडी को उसकी जांघों से ऊपर खींचते हुए तरुण की और मुड़कर देखा और कहा, "तरुण, तुम्हारी कहानी ने मुझे इतना उत्तेजित कर दिया है की मैं अपने आप को कंट्रोल में रख नहीं पा रहा हूँ।"

दीपा भी उतनी उत्तेजित हो गयी थी की वह मुझसे लिपट कर जोश से चुम्बन करने लगी और मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर मुझसे अपनी जीभ चुसवाती रही। दीपा ने पीछे मुड़ कर हमारी और हैरानगी से देख रहे तरुण को देखा। फिर उसे हलकी सी मुस्कराहट देकर फिर वह मुझे किस करने लग गयी। दीपा के मेरी गोद में आ जाने से मैं उसकी और घूम गया था और उसे मेरी और घूमना पड़ा था, जिसके कारण उसकी नंगी पीठ तरुण की तरफ हो गयी थी। दीपा की ब्रा की पट्टी का हुक तो तरुण ने पहले से ही खोल दिया था।

दीपा की साडी की गाँठ भी दीपा के अपनी सीट पर बार बार सरकने से खुल गयी थी। मतलब के दीपा की पीठ उसकी गाँड़ तक नंगी थी। तरुण को उस समय दीपा की गाँड़ का कट भी नजर आ रहा था। हालांकि दीपा का घाघरा जरूर था, पर वह भी दीपा ने काफी निचे पहना हुआ था जिसके कारण तरुण को दीपा की गाँड़ का कट अपनी नज़रों के सामने दिख रहा था। मैं तरुण की नजर देख रहा था जो दीपा की गाँड़ पर टिकी हुई थी।

दीपा को उठा कर मेरी गोद में बिठाते हुए मैंने पाया की दीपा की साडी की गाँठ खुलने के कारण दीपा की साडी एक कपडे का ढेर बनकर दीपा की कमर के इर्दगिर्द लिपटी हुई थी। दीपा ने भी यह महसूस किया। दीपा की साडी की गाँठ अपने आप खुल गयी थी या तरुण का भी उसमें कोई योगदान था मुझे नहीं पता।

दीपा ने तरुण ना सुने इतनी धीमी आवाज में मेरे कानों में फुसफुसाते हुए कहा, "मैंने तुम्हें बोला था ना की यह साडी वजन में एकदम हलकी और फिसलन वाली है? देखो अब इसकी गाँठ खुल गयी। तुम तो मुझे सेक्सी कपडे पहनने के लिए कह रहे थे पर यहां तो मैं नंगी ही हो गयी ना? तुमने मेरी इज्जत का तो फालूदा करवा ही दिया ना?"

दीपा की बात सुनकर मैं हैरान रह गया। मैंने तो दीपा से यह साडी पहनने के लिए नहीं कहा था। पर खैर, मैंने उसे समझाते हुए कहा, "कोई बात नहीं। तरुण ने तुमको पहले आधी नंगी नहीं देखा क्या? तुम्हारी जाँघों को नहीं देखा क्या? तुम कार में ऐसे ही बैठी रहो। तुम चिंता मत करो। मैं तरुण को कार से बाहर जाने ले लिए कहूंगा। तब तुम साडी दोबारा पहन लेना। पर अभी तो मुझे तुम्हारे रसीले होंठों का रस पान करने दो ना?"

दीपा के होँठों से रस टपक रहा था। मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाली तो दीपा उसे चाटने लग गयी। मैं और मेरी बीबी दीपा एक उत्कट आलिंगन में जकड़े हुए थे तब तरुण ने मेरी एक बाँह पकड़ी और बोला, "भाई कमाल है। आप दोनों तो गरम हो कर एक दूसरे से लिपट कर अपने बदन की आग बुझा सकते ही पर मेरा क्या? तुम मियाँ बीबी मुझ पर बड़ा जुल्म ढा रहे हो। मेरा कसूर यही है ना की मेरी बीबी मेरे साथ नहीं है?"

मैंने देखा की तरुण मेरी बीबी की नंगी करारी जाँघों को दीपा के कंधे से ऊपर सर उठा कर देखने की कोशिश कर रहा था। मैंने उसे देखते हुए पकड़ लिया तब उसने अपनी नजरें घुमा दीं।

तब मैंने तरुण को तपाक से जवाब देते हुए कहा, "यह सच है की तेरी बीबी इस वक्त नहीं है। पर दीपा और टीना एक दूसरे को बहन मानते हैं। तो दीपा तेरी साली तो है ना? साली तो आधी घरवाली ही होती है ना? क्यों दीपा, बोलती क्यों नहीं?"

दीपा ने आँख टेढ़ी करके मेरी और देखा और कटाक्ष में बोल पड़ी, "क्यों नहीं? भड़काओ अपने दोस्त को। और दोनों मिल कर मेरी बैंड बजा दो। क्यों भाई? क्या मैं तरुण की साली हूँ? तरुण तो मुझे भाभी कह रहा है, तो तरुण मेरा देवर हुआ की नहीं? अब यह मत कहिये की देवर आधा घरवाला होता है, या भाभी भी आधी घरवाली होती है।"

तरुण और मैं दीपा की बात सुनकर हंस पड़े। तरुण ने कहा, "भाभी, मैं ऐसा कुछ नहीं कह रहा हूँ। बस मैं तो अपनी तक़दीर को कोस रहा था और भाई की तक़दीर की तारीफ़ कर रहा था की उन्हें आप जैसी कंधे से कंधा मिला कर पूरा साथ देने वाली अक्लमंद, हिम्मतवाली, खूबसूरत और सेक्सी साथीदार पत्नी के रूप में मिली है।"


दीपा मेरी गोद मैं मेरी टाँगों के ऊपर बैठी हुई थी। उसका मुंह मेरी और था और पीठ तरुण की और। दीपा थोड़ी घूमी और उसने अपना एक हाथ तरुण की और लम्बाया और बोली, "अरे तुम मेरे दीपक पर क्यों जल रहे हो? अगर मैं दीपक की साथीदार हूँ तो क्या मैं तुम्हारी साथीदार नहीं हूँ? अगर टीना नहीं है तो दुखी मत होना। मैं तो हूँ ना?" ऐसा कह कर दीपा ने तरुण को अपनी दाँहिनी बाँह में लिया। कुछ पलों के लिए दीपा को ध्यान नहीं रहा की उसका ब्लाउज और ब्रा खुले हुए थे। अगर तरुण उसकी बाँहों में आया तो तरुण का हाथ और अगर वह झुक गया तो उसका मुंह दीपा की चूँचियों को जरूर छुएगा।

तरुण ने मौक़ा पाकर दीपा के एक बॉल को एक हाथ में पकड़ा और उसे सहलाने और मसलने लगा। तरुण का हाथ उसके स्तन को छूते ही दीपा मचल उठी।दीपा के पुरे बदन में एक झनझनाहट फ़ैल गयी जैसे उसे बिजली का करंट लगा हो। वह एकदम भड़क गयी जब उसे ध्यान आया की उसकी चोली और ब्रा खुले हुए थे। दीपा सावधान हो गयी। दीपा ने तरुण को एक हाथ से धक्का मारकर हटाया और अपनी ब्रा और ब्लाउज ठीक करने में जुट गयी।

दीपा ने तरुण पर दहाड़ते हुए कहा, "तुम अपनी हरकतों से बाज नहीं आओगे। मैं आप लोगों के साथ इतना कोआपरेट कर रही हूँ फिर भी तुम मुझे सताने पर क्यों तुले हुए हो?"

दीपा की जब तगड़ी डाँट पड़ी तब घबड़ा कर तरुण फ़ौरन दरवाजा खोल कर कार से बाहर निकला। वह घूम कर मैं जिस तरफ बैठा था उस दरवाजे के पास आ गया। कार का मेरी तरफ वाला दरवाजा खोलते ही मैं तरुण की सीट (ड्राइवर सीट की ) और थोड़ा सरक गया। दीपा ने तब कुछ राहत अनुभव करते हुए अपनी टांगें सीट पर लम्बी कर दीं। दीपा की टाँगें दरवाजे के बाहर निकल पड़ीं। उस समय दीपा मेरी गोद में मेरी पतलून में छिपे हुए मेरे लण्ड से उसकी साडी, घाघरा और पैंटी में छिपी हुई अपनी चूत सटाकर मेरी जाँघों पर अपने कूल्हों को टिका कर बैठी थी। मेरी कमर की दोनों और उसकी टाँगें फैली हुई थीं। मैं दीपा की और घुमा हुआ था। दीपा का घाघरा उसकी जाँघों को नंगा करता हुआ काफी ऊपर लगभग दीपा की पैंटी तक चढ़ा हुआ था।

कार के दरवाजे को खोलते ही जब तरुण की आँखो को मेरी बीबी की नंगीं जाँघों के दर्शन हुए तो वह पागल सा होगया। वह झुक कर दीपा के पाँव के तलेटी के सोल को चूमने और चाटने लगा। तरुण दीपा के पाँव पकड़ कर बोला, "भाभीजी मुझे माफ़ कीजिये। मैंने कहा नहीं, की मैं एक बन्दर हूँ। भाभी सच मानिये मैं आपकी बहोत रीस्पेक्ट करता हूँ। पर मैं जब आपका सेक्सी बदन देखता हूँ ना, तो पता नहीं मुझे क्या हो जाता है। मैं अपने आपको कण्ट्रोल ही नहीं कर पाता हूँ। आप तो जानते ही हो।" फिर अपने दोनों अंगूठों को दोनों कान पर रख कर तरुण उठक बैठक करने लगा।

मैंने प्यार से दीपा का हाथ थामा और धीरे से दबाया और दीपा के कानों के पास मेरे होँठ ले जाकर उसके कानों में प्यार भरी आवाज में धीरे से बोला, "यार डार्लिंग, गुस्सा क्यों करती हो? तुम्ही ने कहा था की आज तुम गुस्सा नहीं करोगी और हमारा साथ दोगी। फिर गुस्सा क्यों? तुम्हारे इतने खूबसूरत बूब्स खुले देख कर तरुण से रहा नहीं गया और उसने उन्हें मसल दिए, तो कौनसा आसमान टूट पड़ा यार? तुम ही सोचो अगर तुम उसकी जगह होती तो क्या तुम्हारा मन नहीं करता? उसने तुम्हारे बूब्स ही दबाये है ना? तो क्या हुआ? पहले नहीं दबाये क्या? डार्लिंग गुस्सा मत करो। मैंने कहा ना था की वह तुम्हें छेड़ेगा? बेचारा क्या करे? वह टीना के बगैर तड़प रहा है। जब से तुम उसके पास बैठी हो ना, तबसे उसका लण्ड उसकी पतलून में बड़ा टेंट बना रहा है। तुमने देखा नहीं? मुझे तो डर था की कहीं अँधेरे में उसने अपना लण्ड तुम्हारे हाथ में पकड़ा कर अपना माल निकलवाने के लिए उसने तुम्हें मजबूर ना किया हो। क्यूंकि तुम्ही देखो ना अभी भी वह अपना लण्ड कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा है। जानेमन तुम समझो। प्लीज अब तुम शांत हो जाओ और एन्जॉय करो। प्लीज?"

मेरे इतना कहने पर दीपा मेरी और बड़ी तिरस्कार भरी आँखों से देखने लगी और चुप हो गयी। फिर कुछ देर बाद कुछ सहम कर थोड़ी शर्माती हुई अपने आप पर कुछ नियंत्रण रखते हुए मेरे कानों में फुसफुसाती हुई बोली, " क्या तुमने देख लिया था? दीपक मुझे माफ़ करना। मैं कबुल करती हूँ की उसने कार में जब हम कवितायें सुन रहे थे तब मेरा हाथ उसकी टाँगों के बिच में उसके पतलून की जीप पर रख दिया था और ऊपर से मेरे हाथ को दबा रहा था। तुम सही कह रहे थे। बापरे! उसका लण्ड उसकी पतलून में लोहे की तरह खड़ा होगया था। हालांकि उसका लण्ड उसकी पतलून में ही था, मुझे ऐसा फील हुआ जैसे उसका लण्ड उसकी पतलून फाड़ कर बाहर आ जाएगा। पतलून के ऊपर से ही मुझे लग रहा था जैसे वह बड़ा मोटा और लंबा है। तरुण वाकई चाहता था की मैं उसकी जीप खोल कर उसके लण्ड को पकड़ कर सेहलाऊं। उसने मेरा हाथ भी उसकी जीप पर दबा कर रख दिया था। पर मैंने उसकी जीप नहीं खोली और कुछ देर बाद मेरा हाथ वहाँ से हटा दिया। मैंने उसका माल वाल नहीं निकाला।" मेरी बीबी के यह स्वीकार करने से मेरा लण्ड भी मेरी पतलून में खड़ा हो कर फुंफकारने लगा।

दीपा फिर तरुण की और पीछे मुड़ कर तरुण को थोड़ी दूर उठक बैठक करते हुए देख कर हंस कर मेरे कानों में फुसफुसाती हुई मुझसे बोली, "करने दो उसको कुछ देर कसरत। उसकी सेहत के लिए अच्छा है। साले का लण्ड मुझे देखता है तब खड़ा हो जाता है और कुदने लगता है।"

मैंने कहा, "डार्लिंग तो कभी कबार बेचारे पर दया खा कर उसे शांत कर दिया करो ना?"

फिर वापस मेरी और मुड़कर थोड़ी झल्ला कर बोली, "दीपक, यार तुम भी ना कभी कभी बड़ी ऊलजलूल बात करते हो। तुम्हारा दोस्त तरुण सिर्फ बन्दर ही नहीं, बहुत बड़ा लम्पट बन्दर है। पता नहीं मुझे देख कर ही इसकी जीभ लपलपाने लगती है। यह मुझे बहोत ज्यादा फ़्लर्ट करता और छेड़ता रहता है और मैं सच बताती हूँ की जब वह मुझे छेड़ता है तो मुझे अंदर से पता नहीं क्या हो जाता है? मैं भी पागल सी हो जाती हूँ। यह तो सुधरेगा नहीं। अब तो मैं वाकई तंग आ गयी हूँ। तुम भी हमेशा उसको ही सपोर्ट करते रहते हो। बोलो ना, आखिर तुम दोनों मुझसे क्या चाहते हो? बोलो तो सही। मुझसे क्या हिचकिचाना? मैं तुम्हारी बीबी हूँ। क्या आज तक मैंने कभी तुम्हारी कोई बात नकारी है? एक बार बोलो तो सही तुम दोनों मुझसे क्या चाहते हो? यार बर्दाश्त की भी कोई हद होती है। इतना घुट घुट के बार बार मरने से तो एक बार मर जाना ही अच्छा है।"

तरुण उस समय कार के बाहर निकल कर कुछ दूर धीरे धीरे दीपा को दिखाने के लिए दण्डबैठक लगाने का ढोंग कर रहा था। वह हमारी बात नहीं सुन सकता था। मैंने दीपा के कान में अपने होंठ रखे और उसे एकदम धीरे से फुसफुसाते हुए पूछा, "डार्लिंग एक बात बताओ। हम तरुण को कह रहे हैं की उसी ने उस पति पत्नी के साथ मिल कर थ्रीसम एम.एम.एफ. किया था। शायद ऐसा ही हुआ भी होगा।

इसका मतलब तो तरुण को थ्रीसम का अच्छा खासा अनुभव है। तो फिर क्यों ना हम भी उसके अनुभव का फायदा उठायें, और उससे एम.एम.एफ. थ्रीसम करें? तुमने खुद कहा की अगर सेक्स में नीरसता आगयी हो और अगर सब की मर्जी से होता है तो एम्.एम्.एफ. थ्रीसम कोई बुरी बात नहीं है। तुम्हें नहीं लगता की वह हम पर भी लागू होता है? हमारी शादी को भी कई साल हो गए हैं? क्या तुम मानती हो की नहीं की हमारी सेक्स लाइफ में भी कुछ हद तक नीरसता आ गयी है?"

यह बात कह कर मैंने मेरी बीबी को घुमा फिरा कर यह इशारा कर ही दिया की मैं चाहता था की मेरी बीबी उस रात मुझसे और तरुण से चुदवाये। दीपा ने मेरी और टेढ़ी नजर कर के मेरे कान में पूछा, "क्या तुम मुझसे ऊब गए हो?"

मैंने कहा, "नहीं ऊबने वाली बात नहीं है। मैं तो तुमसे नहीं उबा हूँ पर शायद कुछ हद तक तुम मुझसे ऊब गयी हो। चलो, इस तूतू मैंमैं की बहस को छोड़ दो पर अगर हम हमारे जीवन में कुछ नयापन लाना चाहें तो क्या बुरी बात है?"

दीपा ने अपने कन्धों को उठा कर कहा, "क्या पता भाई। जब से तरुण ने हमारी जिंदगी में कदम रखा है तब से मुझे तो नयेपन की कोई कमी नहीं खल रही। रोज ही तुम्हारा यह बन्दर नयापन ला रहा है। कभी वह पिकनिक में मुझे अपनी बाँहों में लेकर मेरे बूब्स दबाता है, कभी वह मुझे बाथरूम में दबाकर किस करता है, कभी वह होली में मुझे ब्लाउज के अंदर हाथ डाल कर मेरे बूब्स को भी रंगता और बिंदास मेरी चूँचियों को दबाता और मसलता है, कभी मेरा घाघरा उठा कर मेरी जाँघों को सेहलता है, कभी घर आ कर तुम्हें अपनी बीबी की आधी नंगी तस्वीरें दिखाता है। कभी वह पतलून में छिपे हुए उसके खड़े मोटे और लम्बे लण्ड को मेरे हाथ में पकड़ाने की कोशिश करता है, कभी वह अँधेरे का फायदा उठा कर मुझे खुले में कार के पीछे खड़ी कर अपनी बाँहों में जकड कर कपडे पहने हुए ही चोदने की कोशिश करता है, और मेरे पति उसमें उसका साथ देते हैं। जब मेरे पति ही चाहते हैं की तरुण मुझे और छेड़े तो मैं लाचार हो जाती हूँ क्यूंकि मैं मानती हूँ की पति पत्नी के बिच में विचार मतभेद हो सकते हैं, पर उन को हमेशा साथमें चलना चाहिए। हो सकता है मैं आपसे सहमत न होऊं, पर अगर आपकी प्रखर इच्छा हो या ज़िद हो तो मुझे भी उसके आगे झुकना पडेगा। तभी तो हम साथ साथ चल सकते हैं। पति को पत्नी पर पूरा भरोसा होना चाहिए और पत्नी को पति की बात माननी चाहिए। मैं कभी आपसे असहमत हो सकती हूँ पर कभी ऐसा नहीं होगा की मैं आपके विरुद्ध जाउंगी। मैं हमारे बिच में कभी भी कोई घर्षण नहीं होने दूंगी। और जहां तक नयेपन का सवाल है तो आजकल तरुण के कारण मेरी जिंदगी में नयापन ही नयापन है।"

मैंने कहा, "डार्लिंग क्यों ना आज रात हम सब मिल कर इस नयेपन को पूरी तरह एन्जॉय करें?"

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चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:05 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:06 PM
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RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:49 PM
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RE: चाहत... {completed} - by kamdev99008 - 15-12-2019, 01:51 AM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 22-01-2020, 04:25 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-04-2020, 10:43 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 12-05-2021, 09:50 AM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 01-08-2021, 04:09 PM
RE: चाहत... {completed} - by dickcassidy - 08-08-2021, 01:15 AM
RE: चाहत... {completed} - by raj500265 - 21-08-2022, 01:01 AM
RE: चाहत... {completed} - by koolme98 - 01-02-2023, 04:34 PM



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