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Adultery चाहत... {completed}
#4
Wink 
एक बार हमारे क्लब में सारे मेम्बरों का सिर्फ पति पत्नी ही आमंत्रित ऐसा मिलन समारोह हुआ। उस दिन जब हम वहाँ पहुंचे तब मैंने देखा की सारे पति वर्ग मेरी पत्नी दीपा को छिप छिप कर घूर रहे थे। उन बेचारों का क्या दोष? मेरी पत्नी दीपा थी ही ऐसी। उसके स्तन एकदम भरे हुए पके बड़े आम की तरह अपने ब्लाउज में बड़ी मुश्किल से समा पाते थे। मेरी बीबी के स्तनों का नाप ३४ से कम नहीं था। मैं अपनी हथेली में एक स्तन को मुश्किल से ले पाता था। उसकी पतली कमर एवं नोकीले सुन्दर नितम्ब ऐसे थे के उसे देख कर ही अच्छे अच्छों का पानी निकल जाए। वह हमेशां पुरुषों की लालची और स्त्रियों की ईर्ष्या भरी नज़रों का शिकार रहती थी।

उस दिन क्लब के मिलन समारोह में अपने घने लम्बे बाल दीपा ने खुले छोड़ रखे थे। इससे तो वह और भी सेक्सी लग रही थी।

उसने साड़ी तो पहन रक्खीथी पर अंचल की परत और ब्लाउज की बॉर्डर स्तनों से सटकर रुक जाती थी। स्तनों के किनारे से लेकर अपनी नाभि से काफी नीचे तक (जहाँ से उसकी चूत का उभार शुरू होता था) उसकी उतनी लंबी और कामुक नंगी कमर देखने वालों की नजरें नीति भ्रष्ट कर रही थी। जिसमे उसकी नाभि और नितम्ब के अंग भंगिमा को सब ताक रहे थे। वहाँ सारे मर्दों की पैनी नजरें देख कर तो ऐसा लग रहा था जैसे वहां सिर्फ मेरी पत्नी ही थी और कोई औरत थी ही नहीं। हालाँकि वहां करीब पचीस से तीस औरतें थीं। मुझे पुरुषों के दीपा को लालची निगाहों से देखना, पता नहीं क्यों, अच्छा लगता था। एक कारण तो यह था की मुझे बड़े गर्व का अनुभव होता था की मेरी पत्नी उन सब की पत्नियों से ज्यादा सुन्दर और सेक्सी है।

उस समय दीपा कुछ महिलाओं से बात करने मुझसे थोड़ी दूर चली गयी। तब घोषणा हुई की अब डांस होगा। सब को अपने साथीदार के साथ डांस फ्लोर पर आने के लिए कहा गया। दीपा और मुझे ना डांस आता था और नाही कोई डांस करने में इंटरेस्ट था। तब मेरे बॉस मेरे पास आये। उन्होंने मेरे पास आकर पूछा, "हेलो दीपक, कैसे हो? क्या मैं तुम्हारी खूबसूरत बीबी के साथ डांस कर सकता हूँ?"

मैंने बॉस से कहा, "सर उसे या मुझे डांस करना नहीं आता। बाकी आप देखलो। दीपा वहाँ खड़ी है।"

मैंने महसूस किया की मेरे बॉस की लालच भरी नजर मेरी बीबी पर कभी से टिकी हुई थी। मैं तो जानता ही था की मेरा बॉस तो पहले से ही मेरी बीबी पर फ़िदा था। बॉस मुझसे दूर दीपा जहां खड़ी थी वहाँ गए और दीपा से कुछ देर बात करने के बाद उन्होंने अपने साथ डांस करने के लिए दीपा का हाथ पकड़ा और उसे डांस करने के लिए आग्रह करने लगे। दीपा थोड़ी सी नानुक्कड करने लगी पर बॉस के ज्यादा आग्रह करने पर दीपा उन्हें मना नहीं कर पायी। वह बॉस की ऋणी थी की उन्होंने कांटे के समय पैसा दे कर दीपा के पिता का जीवन बचाया था। दीपा ने मेरी और देखा। मैंने कंधे हिला कर दीपा को बॉस के साथ डांस करने के लिए मेरी स्वीकृति देदी।

दीपा उनके साथ फ्लोर पर चली गयी। बॉस ने मेरी बीबी दीपा की कमर पर हाथ रखा और डांस के लिए कुछ स्टेप्स कैसे लेते हैं वह समझाने लगे। जैसे ही वह और मेरी खूबसूरत बीबी दीपा ने डांस करने की शुरुआत की तब पता नहीं कहाँ से अपने पति के साथ दीपा को डाँस करने की शुरुआत करते देख बॉस की बीबी फ़ौरन वहाँ पहुँच गयी। बॉस की बीबी के चेहरे के भाव देख कर दीपा वहाँ से बिना बोले, अपनी कमर पर रखे बॉस के हाथ हटाकर वहाँ से खिसकी और वापस मेरे पास आ गयी। बॉस को दीपा पर लाइन मारते देख मेरे अंदर एक अजीब तरह का रोमांच हो रहा था। मुझे कुछ निराशा हुई की दीपा को मेरे बॉस के साथ डांस करने का मौक़ा नहीं मिला।

उस पार्टी में मेरा एक दोस्त तरुण था। वह हमारे कॉम्पिटिटर की कंपनी में काम करता था। पर हमारे बिच अच्छी खासी दोस्ती थी। कई बार हम टूर पर ट्रैन में या दूसरे कोई शहर में मिल जाते थे तब कई इधरउधर की बातें भी करते थे। हमारी कंपनी में काम करती लडकियां और औरतों पर भी टिका टिपण्णी करते रहते थे। हम एक दूसरे की बिबयों के बारेमें भी ऐसी ही ऊलजलूल तंज कसते रहते थे। हालांकि सारी बातें सभ्य तरीके से ही होती थीं।

तरुण मेरी ही उम्र का था और अच्छा लंबा तंदुरस्त और सुगठित मांस पेशियोँ वाला था। उस समय उसकी कोई ३०-३२ साल की उम्र रही होगी। वह गोरा चिट्टा और गोल सा चेहरे वाला था। उसके बाल जैसे काले घने बादल समान थे। उसने मैरून रंग की शर्ट पहनी थी और गले में स्कार्फ़ सा बाँध रख था। उसकी धीमी और नरम आवाज और सबके साथ सहजसे घुलमिल जानेवाले स्वभाव के कारण सब उसे पसंद करते थे। यहां तक के सारी स्त्रियां भी उससे बात करने के लिए उतावली रहतीं थी। वह आसानी से महिलाओ से अच्छी खासी दोस्ती बना लेता था। बल्कि कई बार मैंने कुछ लोगों से यह भी सूना था की तरुण जब भी किसी महिला के पीछे हाथ धो कर पड़ जाता था तो अक्सर उसे अपनी शैयाभागिनी बना ही लेता था। मतलब उसे चोदे बगैर चैन नहीं लेता था। कुछ महिलायें और पुरुष उसे चुदक्कड़ भी कह डालते थे।

पहली बार जब मैंने उसे मेरी पत्नी दीपा से मिलाया तो वह दीपा को घूरता ही रह गया। जब उसे लगा की वह ज्यादा देर तक घूर रहा था तो उसने बड़ी विनम्रता और सहजता से माफ़ी मांगते हुए कहा, "भाभीजी, मुझे आपको घूर घूर कर देखने के लिए माफ़ कीजिये। मैंने इससे पहले आप सी सुन्दर लड़की नहीं देखी। मैं तो सोच भी नहीं सकता के आप शादी शुदा हैं।"

भला कोई अगर एक शादी शुदा एक बच्चे की माँ को यह बताये की वह एक बहुत सुन्दर लड़की है, तो वह तो पिघल जायेगी ही। बस और क्या था? मेरी पत्नी दीपा तो यह सुनते ही पानी पानी हो गयी, ऐसी भूरी भूरी प्रशंशा सुनकर शर्म के मारे दीपा के गाल लाल हो गए। वह खिलखिला कर हँस पड़ी, प्रशंषा से खिल उठी और अपने आप को सम्हालते हुए बोली, "तरुण, मुझे चने के पेड़ पर मत चढ़ाओ। में जानती हूँ की मैं कोई सुन्दर नहीं हूँ। यह तो तुम्हारी आँखों का कमाल है की मैं तुम्हें सुन्दर दिखती हूँ।"

मैंने मेरी बीबी की अपनी खुली तारीफ़ से शर्माते हुई हँसी देखि और मैं समझ गया की यह तो गयी। कहते हैं ना, की हँसी तो फँसी।

वहाँ से थोड़ा हट कर बाद में दीपा मुझसे बोली, "आपका मित्र वास्तव में बड़ा सभ्य और शालीन लगता है। क्या वह शादी शुदा है?" दीपा की बात से मुझे अचरज हुआ की इतनी जल्दी दीपा ने कैसे तय कर लिया की तरुण सभ्य और शालीन था?

तरुण हमें छोड़ कर कुछ और लोगों से मिलने चला गया। पर मैंने यह नोटिस किया की मेरी बीबी, तरुण से कुछ हद तक इम्प्रेस जरूर हुई थी। क्यूंकि हालांकि तरुण कुछ दुरी पर दूसरे छोर पर गया था, पर दीपा उसको कभी कभी अपनी तिरछी नज़रों से देखती अथवा ढूंढती रहती थी। तरुण भी तो बारी बारी मेरी बीबी को ताकता रहता था। जब उनकी नजरें मिल जातीं तो दीपा शर्मा कर थोड़ा सा मुस्करा कर अपनीं नज़रें घुमा लेती थी जैसे वह कहीं और देख रही हो।

मैंने मेरी बीबी से धीरे से कहा, "देखो डार्लिंग, तरुण ना सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि वह एक बड़ा फ़्लर्ट भी है। मैंने सूना है की वह जिस औरत को पाने की ठान लेता है तो वह उसे अपने साथ बिस्तर में सुलाकर उसे चोद कर ही छोड़ता है। और इसमें खूबसूरती तो यह है की वह औरत को ऐसा इम्प्रेस कर देता है की वह भी उससे चुदवाने के लिए तड़पने लगती है। तुम तो उससे दूर ही रहना।"

मेरी बात सुनकर दीपा चौंक गयी और बोली, "क्या कहते हो? पर खैर मुझे क्या? मैंने जिंदगी में बड़े बड़े फ़्लर्ट देखें हैं और उनको चित्त किया है। मुझे उससे मिल ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह तो तुम्हारा दोस्त है इस लिए मैं उससे बातें कर रही थी, वरना मुझे क्या? वैसे मुझे भी वह फ़्लर्ट ही लगा।"

मैं मन ही मन मुस्कराया। अभी अभी तो दीपा तरुण को शालीन कह रही थी। अचानक वह फ़्लर्ट हो गया? तब अचानक मेरे मन में एक ख्याल आया। मुझे तरुण का मेरी बीबी पर लाइन मारना बड़ा ही उत्तेजक लगा। मुझे लगा की शायद तरुण ही मेरी बीबी को अपने जाल में फाँस कर उसे वश कर सकता है। उसमें कैसे स्त्रियों से पेश आना और उन्हें ललचाना वह एक कला थी। एक अच्छी बात यह भी थी की तरुण कभी भी किसी भी महिला के बारे में असभ्यता भरी बात नहीं करता था। कभी उसने उसके पुराने अफेयर्स के बारे में मुझसे या किसी और से कोई बात नहीं की। मतलब वह सारी बातें कैसे सीक्रेट रखना वह भाली भाँती जानता था। उसका और उसके परिवार का अपना भी समाज में सम्मान था। मतलब उससे निजी सम्बन्ध रखने में जोखिम नहीं था। पता नहीं क्यों, मैं मेरी बीबी को तरुण के करीब लाना चाहने लगा। मैंने सोचा तरुण मेरी बीबी को फाँस कर चोदने की स्थिति तक लाने में कामयाब हो सकता है। यह सोच कर ही मेरा लण्ड मेरी पतलून में खड़ा हो गया।

पर तब मेरे तरुण के बारे में ऐसी नकारात्मक बात करने से दीपा के ऊपर उलटा असर होगा उसकी चिंता सताने लगी। अगर दीपा मेरी बात से भड़क गयी और तरुण से दूर रह कर उससे किनारा करने लगी तो फिर तो तरुण का दीपा को फाँसने में कामयाब होना नामुमकिन था।

तब मैंने अपनी ही बात को पलटते हुए दीपा से कहा, "अरे यार! परेशान मत हो। मैं तो तुम्हें फ़ालतू में चिढ़ा रहा था। तरुण ऐसा बिलकुल नहीं है। बेचारा तरुण शादीशुदा और सीधा है। उसकी एक बेटी भी है। हाँ यह सच है की वह तुम से शायद थोड़ा आकर्षित जरूर हुआ लगता है। पर मेरे ख़याल से इस महफ़िल मैं शायद ही कोई मर्द ऐसा हो जो तुम पर लाइन नहीं मार रहा।"

दीपा ने मेरी और टेढ़ी नज़रों से देखा और मुझे डाँटते हुए बोली, "तुम हमेशा ऊलजलूल बातें करते रहते हो। ऐसे किसी के बारे में गलत नहीं बोलना चाहिए। क्यों उस बेचारे सीधे सादे तरुण को फ़ालतू में बदनाम करते हो? ऐसी बातें करने से उसकी बदनामी हो सकती है। कहीं तुम्हें उससे जलन तो नहीं?" उसके चेहरे से लगा की वह मेरी बात से संतुष्ट और खुश लग रही थी।


मैं अपनी बीबी को कुछ लोगों से मिलाकर, जब वह किसी महिलाओं से बातचीत में मशगूल थी तब तरुण जिस जगह था वहाँ पहुंचा। मैं तरुण के करीब गया और बोला, "क्यों यार, क्या बात है? तुमने तो पहली बार मिलते ही मेरी बीबी पर लाइन मारना शुरू कर दिया।"

मेरी बात सुनकर तरुण कुछ खिसियाना सा मुझे देखता रहा। फिर सर झुका कर बोला, "आई ऍम सॉरी भाई। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। भाई, दीपा भाभी है ही बहुत खूबसूरत। आप बड़े लकी हो भाई।"

मैंने तरुण की कमर में मजाक में ही कोहनी मारते हुए कहा, "साले, मैं मजाक कर रहा था। वैसे जितनी चाहे लाइन मार ले, पर तेरी दाल गलने वाली है नहीं। मेरी बीबी ऐसी वैसी नहीं है। बड़ी ही पतिव्रता है। वह तेरी और देखेगी भी नहीं। तेरी जाल में फंसने वाली नहीं है। तू कहीं और अपने तीर चला।"

तरुण ने मेरी और घूम कर देखा और बोला, "भाई, ऐसे भरोसे में मत रहियो। अच्छी अच्छी सतियाँ भी फँस जातीं है, कई बार। वैसे आप कहोगे तो मैं भाभी से दूर ही रहूँगा।"

मैंने सोचा यह सही मौक़ा है तरुण को चुनौती दे कर उकसाने का। मैंने जवाब दिया, "अच्छा बच्चू! क्या तू मुझे चुनौती दे रहा है? अरे तुझे रोका किसने है? चाहे उतना जोर लगाले। कुछ नहीं होने वाला। बल्कि जरूर पड़ी तो मैं तेरी सिफारिश भी कर दूंगा। पर यार एक बात बता। मेरी बीबी को ताड़ने के मजे तो तू ले रहा है। पर क्या अपनी बीबी से नहीं मिलाओगे?"

तरुण ने कहा, "भाई, टीना आ ही रही है। आप तो उसे मिले हो। अगर आपको मेरा दीपा भाभी को घूरने से शिकायत है तो बदले में आप चाहे जितनी लाइन मार लेना मेरी बीबी टीना पर बस? मैं कुछ नहीं बोलूंगा। बल्कि जैसे आपने कहा वैसे मैं भी आप की शिफारिश करूंगा। भाई आपने जब चुनौती दे ही दी है तो अब देखते हैं कौन पहले बाजी मारता है।" मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ की अगर भगवान ने चाहा तो मेरी और तरुण की सेटिंग ठीक बैठ सकती है।

तभी तरुण की पत्नी टीना जो कही बाहर गयी थी वह कमरे में दाखिल हुई। उसके आते ही तरुण उसके पास पहुँच गया और उसको मुझसे और दीपा से मिलवाने ले आया। टीना थोड़ी लम्बी और तने हुए बदन की थी। उसकी मुस्कान मुझे बहुत आकर्षक लगती थी। दोनों पत्नियां मिली और थोड़ी देर बातचीत करने के बाद दीपा और मैं एक और कपल से बातचीत करते हुए दूसरे कोने में जा के बैठ गए।

मैं देख रहा था की बार बार घूम फिर कर तरुण की आँखे मेरी बीबी को ताक रहीं थी। शायद दीपा ने भी यह महसूस किया होगा, पर वह कुछ न बोली। जब जब दोनों की आँखें मिलती थीं तो दीपा बरबस अपनी नजरें झुका लेती थी या कहीं और देखने लगती थी। यह मैंने कई बार देखा। मुझे ऐसे लग रहा था जैसे तरुण दीपा पर फ़िदा ही हो गया था। कुछ देर बाद तरुण खड़ा हो कर हॉल में इधर उधर घूम रहा था। तरुण की पत्नी टीना किसी और महिला से बातचीत करनेमें व्यस्त थी। घूमते घूमते जैसे स्वाभाविक रूपसे वह हमारे सामने आ खड़ा हुआ।

बड़ी सरलता से उसने अपना हाथ लम्बाया और अपना सर थोड़ा झुका कर उसने दीपा को डांस करने को आमंत्रित किया।

दीपा ने भोलेपन से कहा, "पर मुझे तो डांस करना नहीं आता।"

तरुण ने कहा, "यहां डांस कर रहे लोगों में से कितनों को आता है? आप चिंता मत करो। मैं आप को कुछ स्टेप्स सीखा दूंगा।"

दीपा ने मेरी तरफ देखा। वह मेरी इजाजत चाह रही थी। मैंने अपना सर हिला कर उसे इजाजत दे दी। दीपा तैयार हो गयी। मैंने देखा की तरुण मेरी पत्नी को अपनी बाँहों में लेकर एक हाथ उसकी कमर दूसरा उसके कंधे पर रखकर एकदम करीब से उसे स्टेप्स सीखा ने लगा। उनके डांस शुरू करने के दो तिन मिनट में ही संगीत की लय धीमी हो गयी जिससे डांस करने वाले एक दूसरे से लिपट कर डांस कर सके।

मैं उसी समय वाशरूम में जानेका बहाना करके खिसक गया और ऐसी जगह छिप गया जहाँसे मैं तो उन्हें देख सकता था, पर वह मुझे नहीं देख सकते थे। मैंने महसूस किया की तरुण की कुछ हरकतें महसूस कर मेरी बीबी कुछ अजीब फील कर रही थी। मेरी पत्नी बिच बिच में मुझे ढूंढ ने का प्रयास कर रही थी। मैंने देखा की तरुण मेरी पत्नी के साथ कुछ ऐसे स्टेप्स लेता था जिससे उन दोनों की कमर और उससे निचला हिस्सा और जिस्म एकदूसरे के साथ रगड़े। इस तरह दोनों ने थोड़े समय डांस किया।

तरुण को मेरी पत्नी के साथ अपने शरीर को रगड़ते हुए डांस करते देख कर मैं एकदम उत्तेजित सा हो गया। मुझे इसकी ईर्ष्या आनी चाहिए थी। पर उल्टा मैं तो गरम हो गया। पतलून में मेरा लण्ड खड़ा हो गया; जैसे की मैं चाहता था की तरुण मेरी पत्नी के साथ और भी छूट ले। मुझे मेरी पत्नी का पर पुरुष के साथ शारीरिक सम्बन्ध का विचार उकसाने लगा।

जब मैं वापस आया तो तरुण की पत्नी उसके पति को मेरी सुन्दर पत्नी के साथ करीब से डांस करते देख रही थी। मुझे टीना बहुत सुन्दर लग रही थी। मैं तरुण की पत्नी टीना की और बहुत आकर्षित था, पर अपने विचारों को मन में ही दबा कर रखता था।

टीना का आकर्षण मुझे तीन कारणों से बहुत ज्यादा लगा। एक उसकी सेक्सी आँखें। मुझे हमेशा ऐसा लगता था जैसे वह मुझे अपने पास बुला रही है और चुनौती दे रही है की हिम्मत हो तो पास आओ। दूसरे उसके भरे और उफान मारते हुए स्तन (मम्मे ) जो उसके ब्लाउज और ब्रा का बंधन तोड़कर खुल जाने के लिए व्याकुल लग रहे थे। जैसे ही वह चलती थी तो उसकी छाती के दोनों परिपक्व फल ऐसे हिलते थे जैसे बारिश के मौसम में हवा के तेज झोँकोँ पर डालियाँ हिलती हैं। और तीसरे उसके कूल्हे। उसके बदन के परिमाण में वह थोड़े बड़े थे। पर थे बड़े सुडौल और सुगठित। अक्सर औरतो के बड़े कूल्हे भद्दे लगते हैं। पर टीना के कूल्हों को नंगा करके सहलाने का मेरा मन करता था।

मैंने आगे बढ़ कर उसको डांस करने के लिए आमंत्रित किया। वह मना कैसे करती? जिसकी पत्नी उसके पति के साथ डांस कर रही हो तो उसी के पति के साथ डांस करने से हिसाब बराबर हो जाता है ना? तरुण की पत्नी तैयार हो गयी। वह बहुत सुन्दर थी। शायद दीपा और टीना में सुंदरता का मुकाबला हो तो यह कहना बड़ा मुश्किल होगा की कौन ज्यादा सुन्दर है। फर्क सिर्फ इतना ही था की टीना थोड़ी सी ज्यादा भरे बदन की थी, जब की दीपा थोड़ी सी पतली थी। ज्यादा फर्क नहींथा।

अब चिंता करने की बारी मेरी थी। मैं भी टीना के साथ टीना के बदन से अपना बदन रगड़ कर कुछ ज्यादा ही नजदीकी स्टेप्स लेना चाह रहा था। मैं मेरी बीबी और तरुण की नजर में नहीं आना चाह रहा था। मैं धीरे धीरे डान्स करते हुए टीना को हॉल के दूसरे छोर पर ले गया। में फिर धीरे धीरे अपनी जांघें टीना की जाँघों के साथ रगड़ना और उसकी कमर को मेरी कमर से चिपका कर कपड़ों के अंदर छुपी हुई उसकी चूत में मेरा खड़ा लण्ड घुसेड़ने की कवायद करने की कोशिश में लग गया। आश्चर्य की बात तो यह थी की टीना को इससे कोई आपत्ति नहीं लग रही थी। बल्कि वह भी मुझे पूरा साथ दे रही थी।

मैं डांस ख़त्म होने के बाद जब अपनी पत्नी से मिला तो मैंने उसको ये जताया की उनके डांस शुरू होने के तुरंत बाद मैं वाशरूम गया था और वहां कोई मिल गया था उससे बात कर रहा था। ये जाहिर होने नहीं दिया की मैंने उसको और तरुण को बदन रगड़ते हुए डांस करते देखा था और मैंने भी वैसा ही डान्स टीना के साथ भी किया था।

जब हम वापस जा रहे थे तो मैंने दीपा से कहा, "यार आज वह बॉस की दिल जली बीबी के कारण बॉस तुम्हारे साथ डांस करने का एक बढ़िया मौक़ा चूक गए। बॉस बड़े ही अच्छे आदमी है और मुझसे बहुत खुश है। मेरा बड़ा आदर करते है। उन्होंने मुझे कहा है की उन्हें मेरे जैसे मेहनती और रिजल्ट लाने वाले आदमियों की सख्त जरुरत है। वह तो मुझे प्रमोशन देने की बात भी कर रहे है। और हाँ, मुझे यकीन है की वह तुम पर भी फ़िदा है। उनकी नजर तुम पर से हट ही नहीं रही थी। वह तुम्हारे साथ डांस करने के लिए बेताब थे। तुमको वहाँ से हट नहीं जाना चाहिए था। शायद वह कपड़ों के ऊपर से ही सही पर तुम्हारे करारे बदन का अपना बदन रगड़ कर थोड़ा बहोत का आस्वादन लेना चाहते थे। मुझे लगता है वह तुम्हें सपने में पता नहीं क्या करते होंगे? आज वह बेचारे बहुत ही दुखी होंगे। उनकी बीबी ने तो आज उन्हें बड़ा झटका दे दिया।"

मेरी बात सुनकर पहले तो दीपा के गाल शर्म से लाल हो गए। पर तुरंत बाद वह मुझसे चिढ गयी। दीपा ने कहा, "पता नहीं कभी कभी तुम्हें क्या हो जाता है और वैसे ही फ़ालतू बातें करने लगते हो? तुम्हारे दिमाग में सेक्स के अलावा कुछ है की नहीं? मैं तो उनसे डांस करने के लिए तैयार थी, पर उनकी बीबी शायद यह नहीं चाहती थी। इसी लिए मैं वहाँ से हट गयी। कहीं उनको बुरा तो नहीं लगा होगा की मैं वहाँ से हट गयी? आपके बॉस वाकई में अच्छे हैं, पर पता नहीं कैसी औरत से शादी कर बैठे? खैर, अगर मेरे पति को कोई आपत्ति न हो तो भला मुझे किसी के साथ भी डांस करने में क्या आपत्ति हो सकती है? पर अगर तुम्हें मेरे डांस करने से ऐसा लगता है की लोग मेरे बदन से बदन रगड़ रहे हैं और तुम्हें जलन हो रही है तो तुम्हें मुझे इजाजत नहीं देनी चाहिए। तुम बॉस से मेरी तरफ से मांफी मांग लेना।"

मैंने कहा, "मेरे माफ़ी मांगने से क्या होगा? सही तो यही होगा की मौक़ा मिलने पर तुम ही उनसे बात करना।"

दीपा ने कहा, "ठीक है, अगर वह तुम पर खुश है तो अगली बार जब तुम मिलाओगे तो मैं उनसे माफ़ी भी मांग लुंगी और उनकी नाराजगी दूर कर दूंगी। मुझे लगा की उनकी बीबी कुछ पंगा कर सकती है इस लिए मैं वहाँ से खिसक गयी। अगर उनकी बीबी को एतराज ना होता तो मैं उनके साथ डांस कर लेती। अगर वह मेरे साथ डांस करने से ही खुश हो जाता तो क्या प्रॉब्लम है? और तुम खुश तो मैं भी खुश।"

मैंने दीपा से पूछा, "क्या तरुण के साथ डांस करने में तुम्हे मझा आया?"

दीपा ने कहा, "इसमें मझे की क्या बात है? एक रस्म है डांस करने की तो मैंने निभाई, वर्ना डांस में क्या रखा है?"

तब मैंने अपनी भोली सी पत्नीसे कहा, "सारी कहानी डांस से ही तो शुरू होती है। पहले डांस, फिर एक दूसरे के बदन पर हाथ फेरना फिर और करीब से छूना, छेड़ खानी करना, बार बार मिलते रहना, मीठी मीठी बातें करके पटाते रहना और आखिर में सेक्स।"

दीपा मेरी तरफ थोडासा घबराते हुए देखने लगी और बोली, "दीपक, क्या डांस इसी लिए करते है? फिर तो गड़बड़ हो गयी। मुझे क्या पता? अब तरुण क्या सोचेगा? वह सोचेगा दीपा भाभी तो फिसल गयी। शायद इसी लिए वह मुझे दुबारा कब मिलेंगे ऐसे पूछने लगा। यह तो गलत हुआ। अब में क्या करूँ?"

मैंने हँसते हुए मेरी प्यारी पत्नी से कहा, "तुम ज़रा भी चिंता मत करो। मैं तो ऐसे ही मजाक कर रहा था। ऐसे कोई नहीं समझता। डांस करना तो आम बात है। पर हाँ, मैंने देखा था की तरुण तुम्हारे साथ डांस करते करते काफी गरम हो गया था। उसकी पतलून में उसका लण्ड खड़ा हो गया था। क्या तुमने अनुभव नहीं किया?" तरुण और दीपा ने चिपककर जो डांस किया था उसके बारेमें ना तो मैंने दीपा से पूछा था ना दीपा ने मुझे बताया था ।

दीपा झेंप गयी। उसके गाल लाल से हो गए। तब मैं समझ गया की दीपा ने भी तरुण के लण्ड को महसूस किया था। शायद वह इसे नजर अंदाज़ कर गयी। मैंने उसे ढाढस देते हुए कहा, "ऐसे तो होता ही है। अगर उसका लण्ड कड़क हो गया तो उसके लिए तुम ही जिम्मेवार हो।"

दीपा ने मेरी और सख्त नजर से देखा और बोली, "वह कैसे?"

मैंने कहा, "उसका क्या दोष? तुम चीज़ ही ऐसी हो। तुम इतनी सेक्सी हो की तुम्हे देखकर ही अच्छे अच्छों का खड़ा क्या हो जाए उनका पानी भी निकल जाये। और फिर तरुण तो तुम्हारी जाँघों से जांघें रगड़ कर डांस जो कर रहा था? उसका कैसे खड़ा ना होता?"

दीपा थोड़ी देर चुप रही फिर बोली, "तुम भी तो टीना से बड़े चिपक चिपक कर डांस कर रहे थे। क्या तुम्हारा खड़ा नहीं हुआ था?" अब चुप रहने की बारी मेरी थी।

मैंने धीरे से कहा, "चलो हिसाब बराबर हो गया।"
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चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:05 PM
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RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:47 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:48 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:49 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-12-2019, 07:49 PM
RE: चाहत... {completed} - by kamdev99008 - 15-12-2019, 01:51 AM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 22-01-2020, 04:25 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 07-04-2020, 10:43 PM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 12-05-2021, 09:50 AM
RE: चाहत... {completed} - by usaiha2 - 01-08-2021, 04:09 PM
RE: चाहत... {completed} - by dickcassidy - 08-08-2021, 01:15 AM
RE: चाहत... {completed} - by raj500265 - 21-08-2022, 01:01 AM
RE: चाहत... {completed} - by koolme98 - 01-02-2023, 04:34 PM



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