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Misc. Erotica सेक्स, उत्तेजना और कामुकता -
#87
Heart 
Heart

"जब यार मेरा हो पास मेरे, मैं क्यों न हद से गुजर जाऊं,


जिस्म बना लूं उसे मैं अपना, या रूह मैं उसकीं बन जाऊं.

लबों से छु लूं जिस्म तेरा, साँसों में साँस जगा जाऊ,

तू कहे अगर इक बार मुझें, मैं खुद ही तुझ में समां जाऊं!"
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RE: सेक्स, उत्तेजना और कामुकता - - by usaiha2 - 07-12-2019, 06:48 PM



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