07-12-2019, 06:27 PM
दीपा ने उससे कहा- दरवाजा लॉक कर लो।
मनोज बोला- आज दरवाजा खोल कर सेक्स करेंगे। मैंने सुनील से कह दिया है कि मन करे तो वो भी आ जाए।
दीपा बोली- जाओ पहले दरवाजा लॉक करो, फिर इधर आना।
मनोज ने दरवाजा लॉक किया और कपड़े उतार कर आ गया बेड पर। जैसे ही उसने चादर हटाई तो देखा दीपा बिल्कुल नंगी लेटी थी, यानि पूरे मूड में थी। मनोज तुरंत नीचे होकर उसकी चूत चाटने लगा। दीपा ने मेहनत तो की ही थी अपनी चूत से आज, और इसका अहसास मनोज को हो रहा था। चूत आज ज्यादा चिकनी और खुशबूदार लग रही थी। असल में दीपा कहे कुछ भी ... पर उसने सुनील के लिए तैयारी पूरी कर ली थी। आज दीपा ने अपनी चूत को गुलाबजल से नहलाया था और अपने पूरे शरीर पर गुलाब का स्प्रे किया था। मनोज ने भी अपनी पूरी जीभ घुसा दी थी। और दीपा भी अब अपने कूल्हे उठवा कर चूत चुसाई का पूरा मजा ले रही थी।
अब मनोज 69 पोजीशन पर आ गया और दीपा ने उसका लंड पूरा मुंह में ले लिया था।
अरे ये क्या ... मनोज ने भी लंड चिकना कर लिया था। दीपा को ध्यान आया कि आज सुबह मनोज अकेले नहाया था और उसे वाशरूम में समय भी ज्यादा लगा था। तो महाशय सुनील से चुसवाने के लिए अपना लंड चिकना कर के आये थे।
दीपा ने उसका लंड मुंह से निकाल कर कहा- अपने यार से चुसवाने को बड़ा चिकना किया है तो उसी के पास चले जाओ और चुसवा आओ।
मनोज बोला- तू कहे तो उसे यहीं बुला लूं, मैं भी चुसवा लूँगा तुम भी चटवा लेना।
यह सुन कर दीपा को भी जोश चढ़ गया, वो मनोज के ऊपर चढ़ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत पर सेट किया,
दीपा बोली- आज तो तुम मजे दो, कल चुदवायेंगे।
यह सुन कर मनोज को भी जोश चढ़ गया और उसने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और लगा उछलने।
वो बोल रहा था- जानू कल मना मत कर देना। तुमने देखा नहीं सुनील का लंड कितना खड़ा हो गया था तुम्हें नाईट ड्रेस में देखकर।
अब उसने दीपा को नीचे किया और उसकी टाँगें चौड़ा कर घमासान चुदाई शुरू की। दोनों ये भूल ही गए की बगल के कमरे में सुनील उनकी आवाज सुनकर अपना लंड की मुठ मारने की तैयारी कर रहा है। इधर मनोज ने अपना सारा माल निकाल कर दीपा चूत भर दी तो उधर सुनील ने अपना सारा माल पेपर टिश्यू पर निकाल दिया।
सुबह दीपा मनोज 8 बजे सोकर उठे. मनोज को आज ऑफिस तो जाना नहीं था. मनोज ने दीपा से चाय बनाने के लिए कहा और खुद सुनील के रूम में जाने लगा.
दीपा ने मनोज से कहा- रुको, पहले मैं कपड़े ठीक से पहन लूं, रात की बात और थी।
पर मनोज ने कहा- सुनील से कोई तकल्लुफ नहीं है, तुम यही नाईट ड्रेस डाल लो।
दीपा ने फिर बिना ब्रा के ही ड्रेस डाल ली। हालांकि उसके मम्मों की नुकीली नोक उठ कर आ रही थी तो,
दीपाने मनोज से कहा- मैं ब्रा पहन लेती हूँ।
मनोज बोला- रहने दो, देखना अभी उसका फिर खड़ा हो जाएगा।
अब दीपा की बला से ... जब उसके आदमी को ही फर्क नहीं है तो उसे किसी की परवाह नहीं।
दीपा वाशरूम से फ्रेश होकर रसोई में गयी तो पीछे से हँसता हुआ मनोज आया और दीपा को इशारे से बाहर बुलाया और होंठों पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा किया। वो उसे लेकर सुनील के कमरे में गया। सुनील बेसुध सोया पड़ा था पर बिल्कुल नंगा, उसका लंड देख कर दीपा को मजा आ गया। लम्बा और मोटा और इस समय भी खड़ा हुआ। नीचे वो ही टिश्यू पड़ा था जिस पर रात की कहानी लिखी थी सुनील ने। दीपा ने चुपके से वो टिश्यू उठा लिया और मुस्कुराते हुए बाहर आ गए दोनों। मनोज ने किवाड़ बंद कर दिया और बाहर आकर सुनील को जोर से दो आवाज दी। सुनील जग गया और फिर दस मिनट बाद फ्रेश होकर कपड़े पहन कर बाहर आया। बाहर चाय रखी थी और दीपा पूरे मूड में मुस्कुराती हुई बैठी थी।
सुनील ने एक ही नजर में दीपा के मम्मों के नुकीले उभार देख लिए। उसका बस चलता तो अभी दबोच लेता। चाय पीकर सुनील और मनोज बाहर घूमने चले गए। उन्होंने दीपा से भी कहा तो
दीपा बोली- नहीं मेड आती होगी, मैं नाश्ता बनाती हूँ, तुम दोनों घूम आओ।
दीपा ने ड्रेस चेंज कर ली। उसने डीप नैक की काफ्तान पहनी और बोटम कुछ नहीं। लाल फूलों के प्रिंट की काफ्तान, खुले बाल, उसका अंदाज कातिलाना था। मेड से काम करवा कर और नाश्ता बना कर दीपा फ्रेश हो गयी।
सुनील और मनोज लौट आये। दीपा ने नाश्ता लगा दिया और उनसे कहा कि आ जाएँ।
मनोज को एक बार फिर फ्रेश होने जाना था। सुनील हाथ धोकर टेबल पर आ गया। सुनील की प्लेट एक छोटी प्लेट से ढकी थी। दीपा कुछ सामान लेने का बहाना कर के रसोई में गयी। सुनील ने जैसे ही अपनी प्लेट हटाई तो उसमें रात वाला टिश्यू रखा था और उस पर दीपा के होंठों के लाल लिपिस्टिक के निशाँ बने थे। सुनील सकुचा गया! इसका मतलब दीपा का मालूम पड़ गया कि उसने रात मुठ मारी है।
और क्या पता दीपा सुबह कमरे में आई हो? तभी दीपा के आने की आहट हुई तो उसने टिश्यू छिपा लिया और अपनी प्लेट में नाश्ता परोसने लगा।
मनोज भी आ गया था।
दीपा ने एक टेढ़ी निगाह सुनील की ओर देखा और आँख मार दी।
सुनील मुस्कुरा दिया।
नाश्ते में मनोज और सुनील बैठे, दीपा गर्म गर्म कटलेट सेक रही थी तो वो नहीं बैठी। मनोज ने जिद की कि सेक लो, फिर एक साथ नाश्ता करेंगे। दीपा फटाफट कटलेट सेक लायी और अब सोच रही थी कि चार लोगों वाली टेबल पर कहाँ बैठूं। जाहिर है मनोज के साथ ही बैठती, पर अभी एक मिनट पहले मनोज रसोई में आकर उससे कह गया था कि वो सुनील के साथ बैठे। दीपा सुनील की साथ ही बैठी।
सुनील ने उसकी प्लेट में नाश्ता सर्व किया। अब मनोज नीचे से दीपा के पैर अपने पैर से सहलाने लगा और सुनील की ओर करने लगा।
दीपा समझ गयी कि मनोज उसकी सुनील से नजदीकी चाहता है। उसने किसी बहाने से अपनी कुर्सी सुनील की कुर्सी से सटा ली। अब दीपा की बांहें सुनील की बांहों से टकरा रही थीं।
सुनील ने हलवे की एक चम्मच मुंह में डाल कर कहा- दीपा तुम चीनी डालना तो भूल गयीं।
दीपा चौंकी, बोली- चीनी तो मैंने डाली है।
सुनील ने अपनी चम्मच से हलवा दीपा को खिलाया तो
दीपा बोली- है तो मीठा।
अब सुनील ने उसी चम्मच से फिर खाया और बोला- हाँ अब तुम्हारी झूठी चम्मच से खाने से मीठा हो गया।
दीपा उसकी बदमाशी समझ गयी, उसने एक धौल लगा दिया सुनील को, तभी मनोज का फोन बजा और वो फोन सुनने के लिए बालकनी में गया। नजर बचा कर सुनील ने दीपा को किस कर लिया। अब सुनील के पैर दीपा के पैरों को सहला रहे थे और सुनील बार बार अपनी चम्मच से दीपा को कुछ न कुछ खिला रहा था। उधर से आते समय मनोज ने उनकी हरकत देख ली थीं और उसने दीपा को एक फ़्लाइंग किस भी दे दिया यानि 'लगे रहो मुन्ना भाई।' नाश्ता करके सुनील ने सिगरेट लगाई तो पैकेट मनोज को भी ऑफर किया। दीपा ने लाइटर से पहले सुनील की फिर मनोज की सिगरेट जलाई। उसने अपनी अलग से सिगरेट नहीं ली। वो कभी एक सुट्टा सुनील की सिगरेट से, कभी मनोज की सिगरेट से लगा लेती। मनोज सुनील से दीपा ने जल्दी से नहाने को कहा ताकि घूमने चला जाए।
दीपा मनोज से बोली- तुम दोनों एक साथ नहा लो, अपनी पुरानी यादें ताजा कर लो, मैं रसोई संभाल कर अपने वाशरूम में तैयार होती हूँ।
सुनील भी हंस कर बोला- चल मनोज, अपन दोनों साथ नहायेंगे।
वो मनोज को खींच ले गया।
मनोज जाते जाते बोला- मेरा टॉवल तो दे दो।
दीपा बोली- तुम नहाओ, मैं देती हूँ।
सुनील मनोज दोनों बाथरूम में घुस गए।
दीपा हंसती हुई रसोई में समेटने लगी। वो टॉवल लेकर गयी तो उसने मनोज को आवाज देकर कह दिया कि टॉवल बाहर दरवाजा हैंडल पर टंगा है।
तभी अंदर से मनोज की आवाज आई- एक मिनट सुनो।
दीपा रुकी तो अंदर से मनोज ने झाँका और बोला- हमारी पीठ पर साबुन लगा दो।
दीपा बोली- मैं तुम्हारी बातों में नहीं आने वाली, चुपचाप नहा लो।
अब मनोज बाहर आ गया। उसने अंडरवियर पहना हुआ था और पूरा भीगा था,
मनोज बोला- प्रॉमिस कोई बदमाशी नहीं करेंगे, बस तुम साथ आ जाओ।
दीपा नहीं मानी तो मनोजने दीपा को आलिंगन करके दीपा किस दिया और
मनोजने कहा- प्लीज।
दीपाने सोचा कि दोनों अंडरवियर पहने हैं। ऐसे भी तो बाहर बरमुडा में ही थे।
दीपा बोली- ठीक है, मैं साबुन लगा देती हूँ, पर मुझे नहीं भिगोना! और पहले लाईट बंद करो।
सुनील ने अंदर से लाईट बंद कर दी। अंदर अँधेरा हो गया।
अब तीनों अंदर थे। एक बार शावर चलाकर सुनील और मनोज ने पानी डाला और दीपा ने उनको शावर जेल से स्पोंज करना शुरू कर दिया। माहौल गर्म हो चला था, सुनील और मनोज की गर्म साँसे दीपा से टकरा रही थी और खुद दीपा भी अब शायद मन तैयार कर चुकी थी मस्ती करने का।
सुनील ने दीपा से कहा कि वो उसकी छाती पर जेल लगा दे तो दीपा उसकी ओर मुड़ी तो पीछे से मनोज ने उसे सुनील की ओर धक्का दे दिया। दीपा सुनील की बाँहों में आ गयी और चिपट गयी।
'अब जो होगा देखा जाएगा' सोच कर दीपा ने अपने होंठ सुनील के होंठों से मिला दिया। सुनील ने शावर खोल दिया। ऊपर से पानी, नीचे जलते बदन, बीच में कपड़ों का क्या काम? सुनील और मनोज ने अपने अपने अंडरवियर उतार दिये और मनोज ने दीपा की ड्रेस भी।
अब तीन नंगे जिस्म पानी में अठखेलियाँ कर रहे थे। सुनील दीपा के मम्मे चूस रहा था और मनोज नीचे झुक कर उसकी चूत चाट रहा था। दीपा के हाथ भी सुनील का लंड मरोड़ रहे थे। सुनील ने चाहां कि वो अपना लंड दीपा की चूत में कर दे पर अचानक दीपा को जाने क्या हुआ? वो तेजी से बाहर आ गयी और अपने वाश रूम में जाकर दरवाजा लॉक कर लिया।
सुनील चिंतित हो गया कि पता नहीं क्या हुआ?
पर
मनोज हँसते हुए बोला- कोई बात नहीं, मैं दीपा को जनता हूँ, वो अभी नार्मल मिलेगी। बस अब हम लोग दिन में इस बारे में कोई बात नहीं करेंगे।
और यही हुआ, आधे घंटे बाद जब सब तैयार होकर निकले तो दीपा को देख कर लग ही नहीं रहा था कि अभी कोई ऎसी बात हुई है। तीनों ने ही जींस और टी शर्ट पहनी थीं। हाँ दीपा का ओरेंज टॉप ढीला और शोर्ट था। खुले बाल, सनग्लास और ओरेंज कलर के नेल पेंट, लिपस्टिक और मैचिंग बेली। ऐसा लगता था कि कोई कॉलेज स्टूडेंट अपनी डेट पर जा रही है। तीनों घूमने निकल गए।
मनोज ने खुद ड्राइविंग न करके कैब बुक करी क्योंकि पार्किंग की बहुत समस्या होती है। दूसरे वो चाहता था कि दीपा और सुनील की नजदीकी बढ़े। दीपा भी मस्ती में सुनील का हाथ पकड़े दिन भर घूमती रही। गाड़ी में बियर, स्नैक्स खूब थे। आज जितनी फोटो खींची, उनमें अधिकतर में दीपा सुनील से चिपट कर खड़ी थी। देर शाम तक सब लोग लौटे।
दिन भर की थकान थी, दीपा ने डिनर का आर्डर कर दिया था, जिसकी डिलीवरी रात को होनी थी। घर आकर कपड़े बदलकर चाय नाश्ते का प्रोग्राम चला। सुनील और मनोज तो केवल शॉर्ट्स पहने रहे। दीपा ने भी शॉर्ट्स और टॉप डाला, पर बिना अंडरगार्मेंट्स के!
अब सबसे पहले सिगरेट दीपा ने जलाई और दो चार सुट्टे मारकर मनोज को दे दी। सुनील ने अलग जला ली, दीपा मनोज की गोदी में सर रख के लेट गयी और सिगरेट के छल्ले बनाने लगी। दीपा ने अपने पैर सुनील की गोदी पर टिका दिए कि जरा दबा दो। सुनील आज्ञाकारी बच्चे की तरह दीपा की गोरी गोरी नाजुक उंगलियाँ दबाने लगा। जितना मजा दीपा को दबवाने में आ रहा था, शायद उससे ज्यादा मजा सुनील को दबाने में आ रहा था। दीपा ने अभी दो दिन पहले ही वेक्सिंग और पेडीक्योर कराया था तो सब कुछ शेप में था। उसकी स्किन ग्लो कर रही थी। मनोज ने धीरे से उठकर लाईट बहुत धीमी कर दी। उसने दोबारा दीपा का सर अपनी गोदी में रख लिया और धीरे धीरे उसकी गर्दन की और कन्धों की मालिश करने लगा। अब सुनील का हाथ उसके पंजे से उसके पैरों पर और धीरे धीरे घुटनों तक आ और जा रहा था। दीपा ने आँखें बंद कर लीं थीं। उधर मनोज ने आँखों आँखों में सुनील को कुछ इशारा किया तो सुनील का हाथ कुछ ऊपर उठने की कोशिश करने लगा पर दीपा ने उसका हाथ रोक दिया और नीचे कर दिया। बेचारा अब वापिस घुटने के नीचे ही मालिश करने लगा।
अब मनोज ने अपने हाथ उसके कन्धों से हटाकर उसकी गर्दन और धीरे धीरे गले को सहलाते हुए गले से नीचे छाती की ओर जाने लगे।
दीपा ने एक आँख खोल कर मनोज से कहा- ज्यादा बदमाशी नहीं।
पर मनोज ने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर कर दिया और अब वो उसके निप्पल तक पहुँच गया था। उसने निप्पल के चारों ओर घेरा बनाकर उसने दीपा को निप्पल मसाज देनी शुरू कर दी। दो मिनट में ही दीपा कसमसाने लगी। मौका देख कर सुनील ने भी दीपा के पैर अपनी गोदी से हटाये और खुद सरककर आगे हो गया और अब सीधे अपने हाथ दीपा कि नंगी जाँघों पर फिराते फिराते उसकी शॉर्ट्स के मुहाने तक पहुँच गया। सुनील की हिम्मत नहीं पड़ रही थी दीपा की शॉर्ट्स के अंदर पहुँचने की, दीपा भी अब कामोत्तेजना से कांपने लगी थी। मनोज ने आगे झुक कर उसके होंठों से अपने होंठ लगा दिए।
अब सुनील को मौका साफ़ लगा तो उसने अपना हाथ दीपा की चूत तक पहुंचा दिया। वहां तो नदी बह रही थी। दीपा की चूत ने पानी छोड़ दिया था। सुनील ने अपनी उंगली दीपा की चूत में घुसा दी और मालिश करने लगा। अब दीपा कसमसा उठी, उसने मनोज से छूटकर सुनील को अपनी ओर खीन्चा और होंठ से होंठ मिला दिये। अब सभी की साँसे गर्म हो चुकी थीं और कमरा का माहोल पूरा वासनामय हो चुका था। सुनील और दीपा गुत्थम-गुत्था होकर चूमा चाटी कर रहे थे और मनोज अपनी प्लानिंग को साकार होता देख रहा था। सुनील ने अब दीपा को छोड़ा और नीचे होकर उसकी शॉर्ट्स उतार दी और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी।
उधर मनोज ने भी अपना लंड दीपा के मुंह में दे दिया। दीपा पागलों की तरह मनोज का लंड चूस रही थी क्योंकि नीचे सुनील ने उसकी चूत में अपनी जीभ से आग लगा दी थी।
पर हाय री किस्मत ... तभी घंटी बजी ...
दीपा बोली- डिनर आ गया।
मनोज सुनील को दीपा के पास अकेला छोड़ना नहीं चाहता था क्योंकि वो जानता था कि उसके हटते ही सुनील दीपा की चूत में घुस जाएगा और मनोज वह पल देखने से चूक जाएगा, जिसकी उसे इतने दिनों से प्रतीक्षा थी।
तो मनोजने दीपा से कहा- चलो कपड़े डाल लो।
अब दीपा क्या कहती? उसकी चूत तो चुदने के लिए बेताब थी पर दीपा मनोज से ये नहीं कह सकती थी कि तुम जाओ मैं तो पहले चुदुंगी। मन मारकर दीपा उठी।
घंटी दोबारा बजी ...
दीपा बोली- रुको, आ रही हूँ।
दीपा ने बाथरूम से गाउन डाला और पर्स लेकर आई। सुनील और मनोज भी उठकर अपने अपने रूम में चले गए। अब एक बार रंग में भंग हुआ तो महफ़िल बर्खास्त। मनोज ने पेग बना लिए।
जब तक दीपा डिनर लगाती, सुनील और मनोज ने एक एक पेग मार लिया। बीच बीच में दीपा ने आकर दो-चार सिप मार लिए।
डिनर लेते समय अचानक
सुनील बोला- ये सतपुड़ा हिल्स कितनी दूर हैं?
मनोज - 5-6 घंटे का रास्ता है।
सुनील का मन था वहां जाने का। दीपा भी झट तैयार हो गयी क्योंकि सतपुड़ा हिल्स में अपनी चूत फड़वाने का अलग ही मजा आएगा।
तो ये तय हुआ कि चूंकि कल सन्डे है तो मनोज सोमवार की छुट्टी लेगा। कल सुबह 5-6 बजे निकल चलते हैं और सोमवार को शाम तक वापिस आ जायेंगे क्योंकि रात की सुनील की फ्लाइट है। डिनर से फ्री होते होते रात के 10 बज गए। सामान भी लगाना था, सुबह जल्दी निकलना था। दीपा को टेंशन हो रही थी।
दीपा ने सुनील और मनोज को कहा- आप सुनील के रूम में जाकर गप्पें मारो, तब तक में तैयारी कर लूं।
दीपा ने जल्दी से ढेर सारे स्नैक्स, बियर, व्हिस्की, सिगरेट और जो कुछ भी हाथ लगा पैक कर लिया। अब बारी आई कपड़ों की ... तो उसने अपनी नयी ड्रेस्सेस, शॉर्ट्स, टॉप वगेरा रखे और मनोज के भी कपड़े रखे। 11 बजते बजते दीपा ने सारे काम निबटा लिए। ड्राइंग रूम में झाँक के देखा तो सुनील और मनोज सोफे पर ही सो गए थे। दीपा चुपके से जाकर लाईट बंद कर आई और अपने रूम में आकर सो गयी। सुबह का 4 बजे का अलार्म लगा लिया था उसने।
रात को 2 बजे करीब मनोज ने आकर उसे दबोच लिया, वो सेक्स के मूड में था पर दीपा ने उस से कहा कि कल सतपुड़ा में जम कर सेक्स करेंगे, अभी सो जाओ, तुम्हें ड्राइव भी करना है। मनोज चूमा चाटी करके मन गया।
मनोज बोला- आज दरवाजा खोल कर सेक्स करेंगे। मैंने सुनील से कह दिया है कि मन करे तो वो भी आ जाए।
दीपा बोली- जाओ पहले दरवाजा लॉक करो, फिर इधर आना।
मनोज ने दरवाजा लॉक किया और कपड़े उतार कर आ गया बेड पर। जैसे ही उसने चादर हटाई तो देखा दीपा बिल्कुल नंगी लेटी थी, यानि पूरे मूड में थी। मनोज तुरंत नीचे होकर उसकी चूत चाटने लगा। दीपा ने मेहनत तो की ही थी अपनी चूत से आज, और इसका अहसास मनोज को हो रहा था। चूत आज ज्यादा चिकनी और खुशबूदार लग रही थी। असल में दीपा कहे कुछ भी ... पर उसने सुनील के लिए तैयारी पूरी कर ली थी। आज दीपा ने अपनी चूत को गुलाबजल से नहलाया था और अपने पूरे शरीर पर गुलाब का स्प्रे किया था। मनोज ने भी अपनी पूरी जीभ घुसा दी थी। और दीपा भी अब अपने कूल्हे उठवा कर चूत चुसाई का पूरा मजा ले रही थी।
अब मनोज 69 पोजीशन पर आ गया और दीपा ने उसका लंड पूरा मुंह में ले लिया था।
अरे ये क्या ... मनोज ने भी लंड चिकना कर लिया था। दीपा को ध्यान आया कि आज सुबह मनोज अकेले नहाया था और उसे वाशरूम में समय भी ज्यादा लगा था। तो महाशय सुनील से चुसवाने के लिए अपना लंड चिकना कर के आये थे।
दीपा ने उसका लंड मुंह से निकाल कर कहा- अपने यार से चुसवाने को बड़ा चिकना किया है तो उसी के पास चले जाओ और चुसवा आओ।
मनोज बोला- तू कहे तो उसे यहीं बुला लूं, मैं भी चुसवा लूँगा तुम भी चटवा लेना।
यह सुन कर दीपा को भी जोश चढ़ गया, वो मनोज के ऊपर चढ़ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत पर सेट किया,
दीपा बोली- आज तो तुम मजे दो, कल चुदवायेंगे।
यह सुन कर मनोज को भी जोश चढ़ गया और उसने एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया और लगा उछलने।
वो बोल रहा था- जानू कल मना मत कर देना। तुमने देखा नहीं सुनील का लंड कितना खड़ा हो गया था तुम्हें नाईट ड्रेस में देखकर।
अब उसने दीपा को नीचे किया और उसकी टाँगें चौड़ा कर घमासान चुदाई शुरू की। दोनों ये भूल ही गए की बगल के कमरे में सुनील उनकी आवाज सुनकर अपना लंड की मुठ मारने की तैयारी कर रहा है। इधर मनोज ने अपना सारा माल निकाल कर दीपा चूत भर दी तो उधर सुनील ने अपना सारा माल पेपर टिश्यू पर निकाल दिया।
सुबह दीपा मनोज 8 बजे सोकर उठे. मनोज को आज ऑफिस तो जाना नहीं था. मनोज ने दीपा से चाय बनाने के लिए कहा और खुद सुनील के रूम में जाने लगा.
दीपा ने मनोज से कहा- रुको, पहले मैं कपड़े ठीक से पहन लूं, रात की बात और थी।
पर मनोज ने कहा- सुनील से कोई तकल्लुफ नहीं है, तुम यही नाईट ड्रेस डाल लो।
दीपा ने फिर बिना ब्रा के ही ड्रेस डाल ली। हालांकि उसके मम्मों की नुकीली नोक उठ कर आ रही थी तो,
दीपाने मनोज से कहा- मैं ब्रा पहन लेती हूँ।
मनोज बोला- रहने दो, देखना अभी उसका फिर खड़ा हो जाएगा।
अब दीपा की बला से ... जब उसके आदमी को ही फर्क नहीं है तो उसे किसी की परवाह नहीं।
दीपा वाशरूम से फ्रेश होकर रसोई में गयी तो पीछे से हँसता हुआ मनोज आया और दीपा को इशारे से बाहर बुलाया और होंठों पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा किया। वो उसे लेकर सुनील के कमरे में गया। सुनील बेसुध सोया पड़ा था पर बिल्कुल नंगा, उसका लंड देख कर दीपा को मजा आ गया। लम्बा और मोटा और इस समय भी खड़ा हुआ। नीचे वो ही टिश्यू पड़ा था जिस पर रात की कहानी लिखी थी सुनील ने। दीपा ने चुपके से वो टिश्यू उठा लिया और मुस्कुराते हुए बाहर आ गए दोनों। मनोज ने किवाड़ बंद कर दिया और बाहर आकर सुनील को जोर से दो आवाज दी। सुनील जग गया और फिर दस मिनट बाद फ्रेश होकर कपड़े पहन कर बाहर आया। बाहर चाय रखी थी और दीपा पूरे मूड में मुस्कुराती हुई बैठी थी।
सुनील ने एक ही नजर में दीपा के मम्मों के नुकीले उभार देख लिए। उसका बस चलता तो अभी दबोच लेता। चाय पीकर सुनील और मनोज बाहर घूमने चले गए। उन्होंने दीपा से भी कहा तो
दीपा बोली- नहीं मेड आती होगी, मैं नाश्ता बनाती हूँ, तुम दोनों घूम आओ।
दीपा ने ड्रेस चेंज कर ली। उसने डीप नैक की काफ्तान पहनी और बोटम कुछ नहीं। लाल फूलों के प्रिंट की काफ्तान, खुले बाल, उसका अंदाज कातिलाना था। मेड से काम करवा कर और नाश्ता बना कर दीपा फ्रेश हो गयी।
सुनील और मनोज लौट आये। दीपा ने नाश्ता लगा दिया और उनसे कहा कि आ जाएँ।
मनोज को एक बार फिर फ्रेश होने जाना था। सुनील हाथ धोकर टेबल पर आ गया। सुनील की प्लेट एक छोटी प्लेट से ढकी थी। दीपा कुछ सामान लेने का बहाना कर के रसोई में गयी। सुनील ने जैसे ही अपनी प्लेट हटाई तो उसमें रात वाला टिश्यू रखा था और उस पर दीपा के होंठों के लाल लिपिस्टिक के निशाँ बने थे। सुनील सकुचा गया! इसका मतलब दीपा का मालूम पड़ गया कि उसने रात मुठ मारी है।
और क्या पता दीपा सुबह कमरे में आई हो? तभी दीपा के आने की आहट हुई तो उसने टिश्यू छिपा लिया और अपनी प्लेट में नाश्ता परोसने लगा।
मनोज भी आ गया था।
दीपा ने एक टेढ़ी निगाह सुनील की ओर देखा और आँख मार दी।
सुनील मुस्कुरा दिया।
नाश्ते में मनोज और सुनील बैठे, दीपा गर्म गर्म कटलेट सेक रही थी तो वो नहीं बैठी। मनोज ने जिद की कि सेक लो, फिर एक साथ नाश्ता करेंगे। दीपा फटाफट कटलेट सेक लायी और अब सोच रही थी कि चार लोगों वाली टेबल पर कहाँ बैठूं। जाहिर है मनोज के साथ ही बैठती, पर अभी एक मिनट पहले मनोज रसोई में आकर उससे कह गया था कि वो सुनील के साथ बैठे। दीपा सुनील की साथ ही बैठी।
सुनील ने उसकी प्लेट में नाश्ता सर्व किया। अब मनोज नीचे से दीपा के पैर अपने पैर से सहलाने लगा और सुनील की ओर करने लगा।
दीपा समझ गयी कि मनोज उसकी सुनील से नजदीकी चाहता है। उसने किसी बहाने से अपनी कुर्सी सुनील की कुर्सी से सटा ली। अब दीपा की बांहें सुनील की बांहों से टकरा रही थीं।
सुनील ने हलवे की एक चम्मच मुंह में डाल कर कहा- दीपा तुम चीनी डालना तो भूल गयीं।
दीपा चौंकी, बोली- चीनी तो मैंने डाली है।
सुनील ने अपनी चम्मच से हलवा दीपा को खिलाया तो
दीपा बोली- है तो मीठा।
अब सुनील ने उसी चम्मच से फिर खाया और बोला- हाँ अब तुम्हारी झूठी चम्मच से खाने से मीठा हो गया।
दीपा उसकी बदमाशी समझ गयी, उसने एक धौल लगा दिया सुनील को, तभी मनोज का फोन बजा और वो फोन सुनने के लिए बालकनी में गया। नजर बचा कर सुनील ने दीपा को किस कर लिया। अब सुनील के पैर दीपा के पैरों को सहला रहे थे और सुनील बार बार अपनी चम्मच से दीपा को कुछ न कुछ खिला रहा था। उधर से आते समय मनोज ने उनकी हरकत देख ली थीं और उसने दीपा को एक फ़्लाइंग किस भी दे दिया यानि 'लगे रहो मुन्ना भाई।' नाश्ता करके सुनील ने सिगरेट लगाई तो पैकेट मनोज को भी ऑफर किया। दीपा ने लाइटर से पहले सुनील की फिर मनोज की सिगरेट जलाई। उसने अपनी अलग से सिगरेट नहीं ली। वो कभी एक सुट्टा सुनील की सिगरेट से, कभी मनोज की सिगरेट से लगा लेती। मनोज सुनील से दीपा ने जल्दी से नहाने को कहा ताकि घूमने चला जाए।
दीपा मनोज से बोली- तुम दोनों एक साथ नहा लो, अपनी पुरानी यादें ताजा कर लो, मैं रसोई संभाल कर अपने वाशरूम में तैयार होती हूँ।
सुनील भी हंस कर बोला- चल मनोज, अपन दोनों साथ नहायेंगे।
वो मनोज को खींच ले गया।
मनोज जाते जाते बोला- मेरा टॉवल तो दे दो।
दीपा बोली- तुम नहाओ, मैं देती हूँ।
सुनील मनोज दोनों बाथरूम में घुस गए।
दीपा हंसती हुई रसोई में समेटने लगी। वो टॉवल लेकर गयी तो उसने मनोज को आवाज देकर कह दिया कि टॉवल बाहर दरवाजा हैंडल पर टंगा है।
तभी अंदर से मनोज की आवाज आई- एक मिनट सुनो।
दीपा रुकी तो अंदर से मनोज ने झाँका और बोला- हमारी पीठ पर साबुन लगा दो।
दीपा बोली- मैं तुम्हारी बातों में नहीं आने वाली, चुपचाप नहा लो।
अब मनोज बाहर आ गया। उसने अंडरवियर पहना हुआ था और पूरा भीगा था,
मनोज बोला- प्रॉमिस कोई बदमाशी नहीं करेंगे, बस तुम साथ आ जाओ।
दीपा नहीं मानी तो मनोजने दीपा को आलिंगन करके दीपा किस दिया और
मनोजने कहा- प्लीज।
दीपाने सोचा कि दोनों अंडरवियर पहने हैं। ऐसे भी तो बाहर बरमुडा में ही थे।
दीपा बोली- ठीक है, मैं साबुन लगा देती हूँ, पर मुझे नहीं भिगोना! और पहले लाईट बंद करो।
सुनील ने अंदर से लाईट बंद कर दी। अंदर अँधेरा हो गया।
अब तीनों अंदर थे। एक बार शावर चलाकर सुनील और मनोज ने पानी डाला और दीपा ने उनको शावर जेल से स्पोंज करना शुरू कर दिया। माहौल गर्म हो चला था, सुनील और मनोज की गर्म साँसे दीपा से टकरा रही थी और खुद दीपा भी अब शायद मन तैयार कर चुकी थी मस्ती करने का।
सुनील ने दीपा से कहा कि वो उसकी छाती पर जेल लगा दे तो दीपा उसकी ओर मुड़ी तो पीछे से मनोज ने उसे सुनील की ओर धक्का दे दिया। दीपा सुनील की बाँहों में आ गयी और चिपट गयी।
'अब जो होगा देखा जाएगा' सोच कर दीपा ने अपने होंठ सुनील के होंठों से मिला दिया। सुनील ने शावर खोल दिया। ऊपर से पानी, नीचे जलते बदन, बीच में कपड़ों का क्या काम? सुनील और मनोज ने अपने अपने अंडरवियर उतार दिये और मनोज ने दीपा की ड्रेस भी।
अब तीन नंगे जिस्म पानी में अठखेलियाँ कर रहे थे। सुनील दीपा के मम्मे चूस रहा था और मनोज नीचे झुक कर उसकी चूत चाट रहा था। दीपा के हाथ भी सुनील का लंड मरोड़ रहे थे। सुनील ने चाहां कि वो अपना लंड दीपा की चूत में कर दे पर अचानक दीपा को जाने क्या हुआ? वो तेजी से बाहर आ गयी और अपने वाश रूम में जाकर दरवाजा लॉक कर लिया।
सुनील चिंतित हो गया कि पता नहीं क्या हुआ?
पर
मनोज हँसते हुए बोला- कोई बात नहीं, मैं दीपा को जनता हूँ, वो अभी नार्मल मिलेगी। बस अब हम लोग दिन में इस बारे में कोई बात नहीं करेंगे।
और यही हुआ, आधे घंटे बाद जब सब तैयार होकर निकले तो दीपा को देख कर लग ही नहीं रहा था कि अभी कोई ऎसी बात हुई है। तीनों ने ही जींस और टी शर्ट पहनी थीं। हाँ दीपा का ओरेंज टॉप ढीला और शोर्ट था। खुले बाल, सनग्लास और ओरेंज कलर के नेल पेंट, लिपस्टिक और मैचिंग बेली। ऐसा लगता था कि कोई कॉलेज स्टूडेंट अपनी डेट पर जा रही है। तीनों घूमने निकल गए।
मनोज ने खुद ड्राइविंग न करके कैब बुक करी क्योंकि पार्किंग की बहुत समस्या होती है। दूसरे वो चाहता था कि दीपा और सुनील की नजदीकी बढ़े। दीपा भी मस्ती में सुनील का हाथ पकड़े दिन भर घूमती रही। गाड़ी में बियर, स्नैक्स खूब थे। आज जितनी फोटो खींची, उनमें अधिकतर में दीपा सुनील से चिपट कर खड़ी थी। देर शाम तक सब लोग लौटे।
दिन भर की थकान थी, दीपा ने डिनर का आर्डर कर दिया था, जिसकी डिलीवरी रात को होनी थी। घर आकर कपड़े बदलकर चाय नाश्ते का प्रोग्राम चला। सुनील और मनोज तो केवल शॉर्ट्स पहने रहे। दीपा ने भी शॉर्ट्स और टॉप डाला, पर बिना अंडरगार्मेंट्स के!
अब सबसे पहले सिगरेट दीपा ने जलाई और दो चार सुट्टे मारकर मनोज को दे दी। सुनील ने अलग जला ली, दीपा मनोज की गोदी में सर रख के लेट गयी और सिगरेट के छल्ले बनाने लगी। दीपा ने अपने पैर सुनील की गोदी पर टिका दिए कि जरा दबा दो। सुनील आज्ञाकारी बच्चे की तरह दीपा की गोरी गोरी नाजुक उंगलियाँ दबाने लगा। जितना मजा दीपा को दबवाने में आ रहा था, शायद उससे ज्यादा मजा सुनील को दबाने में आ रहा था। दीपा ने अभी दो दिन पहले ही वेक्सिंग और पेडीक्योर कराया था तो सब कुछ शेप में था। उसकी स्किन ग्लो कर रही थी। मनोज ने धीरे से उठकर लाईट बहुत धीमी कर दी। उसने दोबारा दीपा का सर अपनी गोदी में रख लिया और धीरे धीरे उसकी गर्दन की और कन्धों की मालिश करने लगा। अब सुनील का हाथ उसके पंजे से उसके पैरों पर और धीरे धीरे घुटनों तक आ और जा रहा था। दीपा ने आँखें बंद कर लीं थीं। उधर मनोज ने आँखों आँखों में सुनील को कुछ इशारा किया तो सुनील का हाथ कुछ ऊपर उठने की कोशिश करने लगा पर दीपा ने उसका हाथ रोक दिया और नीचे कर दिया। बेचारा अब वापिस घुटने के नीचे ही मालिश करने लगा।
अब मनोज ने अपने हाथ उसके कन्धों से हटाकर उसकी गर्दन और धीरे धीरे गले को सहलाते हुए गले से नीचे छाती की ओर जाने लगे।
दीपा ने एक आँख खोल कर मनोज से कहा- ज्यादा बदमाशी नहीं।
पर मनोज ने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर कर दिया और अब वो उसके निप्पल तक पहुँच गया था। उसने निप्पल के चारों ओर घेरा बनाकर उसने दीपा को निप्पल मसाज देनी शुरू कर दी। दो मिनट में ही दीपा कसमसाने लगी। मौका देख कर सुनील ने भी दीपा के पैर अपनी गोदी से हटाये और खुद सरककर आगे हो गया और अब सीधे अपने हाथ दीपा कि नंगी जाँघों पर फिराते फिराते उसकी शॉर्ट्स के मुहाने तक पहुँच गया। सुनील की हिम्मत नहीं पड़ रही थी दीपा की शॉर्ट्स के अंदर पहुँचने की, दीपा भी अब कामोत्तेजना से कांपने लगी थी। मनोज ने आगे झुक कर उसके होंठों से अपने होंठ लगा दिए।
अब सुनील को मौका साफ़ लगा तो उसने अपना हाथ दीपा की चूत तक पहुंचा दिया। वहां तो नदी बह रही थी। दीपा की चूत ने पानी छोड़ दिया था। सुनील ने अपनी उंगली दीपा की चूत में घुसा दी और मालिश करने लगा। अब दीपा कसमसा उठी, उसने मनोज से छूटकर सुनील को अपनी ओर खीन्चा और होंठ से होंठ मिला दिये। अब सभी की साँसे गर्म हो चुकी थीं और कमरा का माहोल पूरा वासनामय हो चुका था। सुनील और दीपा गुत्थम-गुत्था होकर चूमा चाटी कर रहे थे और मनोज अपनी प्लानिंग को साकार होता देख रहा था। सुनील ने अब दीपा को छोड़ा और नीचे होकर उसकी शॉर्ट्स उतार दी और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी।
उधर मनोज ने भी अपना लंड दीपा के मुंह में दे दिया। दीपा पागलों की तरह मनोज का लंड चूस रही थी क्योंकि नीचे सुनील ने उसकी चूत में अपनी जीभ से आग लगा दी थी।
पर हाय री किस्मत ... तभी घंटी बजी ...
दीपा बोली- डिनर आ गया।
मनोज सुनील को दीपा के पास अकेला छोड़ना नहीं चाहता था क्योंकि वो जानता था कि उसके हटते ही सुनील दीपा की चूत में घुस जाएगा और मनोज वह पल देखने से चूक जाएगा, जिसकी उसे इतने दिनों से प्रतीक्षा थी।
तो मनोजने दीपा से कहा- चलो कपड़े डाल लो।
अब दीपा क्या कहती? उसकी चूत तो चुदने के लिए बेताब थी पर दीपा मनोज से ये नहीं कह सकती थी कि तुम जाओ मैं तो पहले चुदुंगी। मन मारकर दीपा उठी।
घंटी दोबारा बजी ...
दीपा बोली- रुको, आ रही हूँ।
दीपा ने बाथरूम से गाउन डाला और पर्स लेकर आई। सुनील और मनोज भी उठकर अपने अपने रूम में चले गए। अब एक बार रंग में भंग हुआ तो महफ़िल बर्खास्त। मनोज ने पेग बना लिए।
जब तक दीपा डिनर लगाती, सुनील और मनोज ने एक एक पेग मार लिया। बीच बीच में दीपा ने आकर दो-चार सिप मार लिए।
डिनर लेते समय अचानक
सुनील बोला- ये सतपुड़ा हिल्स कितनी दूर हैं?
मनोज - 5-6 घंटे का रास्ता है।
सुनील का मन था वहां जाने का। दीपा भी झट तैयार हो गयी क्योंकि सतपुड़ा हिल्स में अपनी चूत फड़वाने का अलग ही मजा आएगा।
तो ये तय हुआ कि चूंकि कल सन्डे है तो मनोज सोमवार की छुट्टी लेगा। कल सुबह 5-6 बजे निकल चलते हैं और सोमवार को शाम तक वापिस आ जायेंगे क्योंकि रात की सुनील की फ्लाइट है। डिनर से फ्री होते होते रात के 10 बज गए। सामान भी लगाना था, सुबह जल्दी निकलना था। दीपा को टेंशन हो रही थी।
दीपा ने सुनील और मनोज को कहा- आप सुनील के रूम में जाकर गप्पें मारो, तब तक में तैयारी कर लूं।
दीपा ने जल्दी से ढेर सारे स्नैक्स, बियर, व्हिस्की, सिगरेट और जो कुछ भी हाथ लगा पैक कर लिया। अब बारी आई कपड़ों की ... तो उसने अपनी नयी ड्रेस्सेस, शॉर्ट्स, टॉप वगेरा रखे और मनोज के भी कपड़े रखे। 11 बजते बजते दीपा ने सारे काम निबटा लिए। ड्राइंग रूम में झाँक के देखा तो सुनील और मनोज सोफे पर ही सो गए थे। दीपा चुपके से जाकर लाईट बंद कर आई और अपने रूम में आकर सो गयी। सुबह का 4 बजे का अलार्म लगा लिया था उसने।
रात को 2 बजे करीब मनोज ने आकर उसे दबोच लिया, वो सेक्स के मूड में था पर दीपा ने उस से कहा कि कल सतपुड़ा में जम कर सेक्स करेंगे, अभी सो जाओ, तुम्हें ड्राइव भी करना है। मनोज चूमा चाटी करके मन गया।