24-01-2019, 08:20 PM
Update 14 .
पिंकि-तुमने दरवाजा तो बंद किया ही नहीं । मन में तो वो सोच रही थी कि बुद्धु मेरी चूत तेरे इस मूसल लन्ड को देखकर भीगी पड़ी है आ और फाड़ के रख दे इसे ।
राहुल(अभी भी वो अपने तने हुए लन्ड को पकड़े हुए था)- सुस्सू ज़ोर से लगी थी इसलिए भूल गया घर जाके कर लूँगा ,वो अपने खड़े लन्ड को निक्कर में खोंसते हुए कहता और अपने घर की तरफ भाग जाता है ।
पिंकि राहुल की इस बचकाना हरकत पर मुस्कुरा उठती है । दरवाजा बंद करके वो फिर सोफ़े पे बैठ जाती और अपना तौलिया खोलकर बिल्कुल नंगी होकर मोबाइल पे राहुल के हब्शी लन्ड को निहारने लगती है। "हाय राम कितना जानदार लन्ड है" वो मन में सोचती है और एक हाथ से अपनी चूत को सहलाते हुए सपनों की दुनियां में गुम हो जाती है ---
एक फूलों से भरे मैदान में पिंकी बिल्कुल नंगी भागती जा रही है उसके 34c आकार के बड़े-2 और गोल बूब्स गुबारों कि तरह ऊपर नीचे हो रहे हैं उसके पीछे कुछ दूरी पर राहुल उसे पकड़ने के लिए भाग रहा है राहुल का लिंग किसी अजगर जैसा लग रहा है उसकी नसें फूली हुई हैं और बड़े-2 अंडकोष भागने के कारण आगे पीछे हो रहे हैं । "रुक जा पिंकि वरना सोच ले मेरा मूसल एक ही बार में तेरी बुर में डालकर ऐसा पेलूँगा की 2 दिन बिस्तर से उठ नहीं पाएगी" राहुल उसका पीछा करते हुए कहता है । पर पिंकि किसी हिरनी कि तरह उसे छकाते हुए उससे और दूर चली जाती है " हा हा...पकड़ा तो जा नही रहा तुमसे " वो भागते हुए पीछे मुड़ती है और नाक चिढाते हुए कहती है । राहुल अपनी रफ्तार बढ़ा कर उसके पास पहुंचता है तो वो अपनी दिशा बदलकर दूसरी तरफ भाग जाती है अचानक उसका पैर फिसलता है और वो गिरने लगती है पर राहुल तेज़ी से आकर उसे थाम लेता है और उसके स्तंनो को ज़ोर से दबाते हुए कहता है बड़ी भूख लगी है आज तो इन दूध के टैंकरों को खाली करके ही छोडूंगा ।
राहुल पिंकि को फूलों से भरे मैदान में लिटा देता है और खुद उसके ऊपर लेट जाता है और पिंकि के एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगता है "आह...मां ....धीरे दर्द होता है " पिंकि सिसकारी लेते हुए कहती है । राहुल काफी समय तक उसके मम्मों को चूसता ,चूमता ,दबाता और मसलता रहता है पिंकि अचानक उसे पलट देती है और बिजली की तेजी से राहुल की छाती पर बैठ जाती है और राहुल की आँखों में देखते हुए उसके मर्दाना निप्पल्स को काटने -चूमने लगती है " आह....खयेगी क्या .." राहुल उसके मम्में पर हल्की सी चपत मारते हुए कहता है ।
पिंकि(राहुल के दोनों निप्पलों को मरोड़ते हुए)-हाँ मुझे भी बड़ी भूख लगी है इनका सारा रस निचोड़ लूँगी आज मैं ।
राहुल(पिंकि के होंठो को अपनी उंगलियों से दबाते हुए)- रस ही निकालना है तो नीचे जो 2 किलो की लोकी है उसका निकालो ।
पिंकि (घूम कर बैठते हुए ,अब उसकी पीठ राहुल के मुँह की तरफ थी और चेहरा राहुल के लन्ड की ओर जो 90 डीग्री पर ताना हुआ किसी खम्बे जैसा लग रहा था । वो दोनों हाथों से उसके मूसल-हब्शी लौड़े को पकड़ लेती है और तोड़ा नीचे झुककर अपना पूरा मुँह खोलते हुए राहुल मोटे और बड़े टोपे को मुँह में लेती है तथा उसके लन्ड को मुठियाते हुए लॉलीपॉप की तरह चूसने लगती है ।
राहुल अपना मुँह उसकी गाँड़ की दरार में घुसाते हुए अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने-चोदने लगता है चूत में गर्म -गर्म जीभ के अहसास से उसका पूरा बदन काँप जाता है वो अपने बदन कि कंपन को रोकने के लिए राहुल का मूसल लन्ड आधे से ज्यादा निगल जाती है जो उसके गले में जाकर फंस सा जाता है राहुल उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदते हुए अपनी कमर हिला हिलाकर उसके मुँह को बेहरमी के साथ चोदने लगता है ।
इधर पिंकी सपनों में खोई हुई अपनी चूत में उँगली कर रही थी और दूसरी तरफ उसका चोदू रवि रवि उसको दरवाजे के की(key)होल से देखते हुए अपना लन्ड मुठिया रहा था , हुआ यूँ के उसने आके कई बार दरवाजा खटखटाया पर जब पिंकि ने दरवाजा नहीं खोला तो रवि ने की होल से अंदर देखा तो अपनी जवान कमसिन और सेक्सी भतीजी को नंगी उंगली करते देख उससे रहा न गया और अपना लन्ड बाहर निकाल कर मुठियाने लगा पर उसे क्या पता था कि रमा वँहा आ जायेगी और उसके लिए एक और चूत का इंतजाम हो जाएगा । रमा तो बेचारी बाजार जाने के लिए घर से निकली तो सामने रवि को दरवाजे से झाँकते हुए मुठ मारते देख हैरान रह गयी , रवि 6 फुट का लंबा चोड़ा मर्द था ऊपर से उसका 8इंच लम्बा और 3 इंच मोटा काला लौड़ा देख रमा तो जैसे पगला ही गयी और कुछ देर मन्त्रमुग्ध सी उसे मुठियाते देखती रही पर फिर उसने खुद को संभाला और यह सोचकर कि उसकी बेटियां रवि को इस हालत में न देख लें उसने रवि को बुलाने का फैसला किया ।
रमा(खांसते हुए)-रवि भाई साहब ....
रवि(जैसे नींद से जागा पर रमा को देखकर उसने अपना लन्ड छुपाने की कोशिश नहीं कि बल्कि सीधा रमा की तरफ मुड़कर खड़ा हो गया)-ओह माफ कीजिये गा मुझे ज़रा खारिश हो गयी थी ।
रमा(उसके लन्ड को घूरते हुए)-यह तुम बाथरूम में भी कर सकते थे ।
रवि(लन्ड को सहलाते हुए) -जी वो ऐसा है कि मैं पिंकि को तंग नहीं करना चाहता था ।
रमा(रवि के लन्ड कि तरफ इशारा करते हुए)-अभी तो तुम खुजा चुके हैं तो ,इसे अंदर डाल सकते हैं ।
रवि-तुम लेंगी इसे ? यह तुमकी चूत में जाकर धन्य हो जाएगा ।
रमा(रवि के इस जवाब से हैरान रह जाती है ,उसने ऐसे बेशर्म जवाब की उम्मीद नहीं कि थी , ऊपर से वो अपने घर के बाहर खड़ी थी इसलिए डर रही थी कि अगर किसी ने उसको रवि के साथ इस हालत में देख लिया तो न जाने क्या सोचेगा )- भाई साहब क्या कह रहें तुम कुछ तो शर्म की जिए , मेरे बच्चे है एक माँ के साथ तुमको ऐसी बात करते शर्म नहीं आती क्या ।
रवि-( रमा का यह जवाब सुनकर और निःचिन्त हो गया वो समझ गया कि रमा खुद डरी हुई है वो उसे कुछ नहीं कहेगी । यही सोचकर वो लन्ड को सहलाते हुए रमा के करीब आ गया और रमा का हाथ अपने लौड़े पर रखते हुए उसे कान में बोला)- रमा जी अब यह लन्ड तुमके हाथों से ही पैंट में जायेगा ।
रमा(गुस्से से)-क्या बकवास है यह ।
रवि(रमा के कान को चाटते हुए)- रमा जी इस लन्ड को तुम जैसी हुस्न परी की ज़रूरत है और तुमकी चूत को ऐसे ही जानदार लौड़े की तो इसे पकड़कर पैंट में डालिये यह हमारी दोस्ती की शुरूआत होगी ।
रमा( बेचारी रमा समझ नहीं पा रही थी इस स्थिति से बाहर कैसे निकले , उसका दिल तो यह सोचकर डर रहा था कि कहीं राहुल,गरिमा या तनु में से कोई बाहर न आ जाये )- रवि जी क्यों तंग कर रहे हैं , इसे अंदर कि जिये न पैंट में कोई देख लेगा ।
रवि- यही तो मैं कह रहा हूँ रमा जी कि तुम ही इस शुभ कार्य को करें कहीं अपकी बेटियों ने तुमको इस हालत में देख लिया तो न जाने क्या सोचेंगी ।
"यह मेरा मन कैसे पढ़ लेता है" रमा ने मन में सोचा और अपना हाथ आगे बढ़ाकर रवि का लन्ड थाम लिया ताकि वो उसे रवि की पैंट में डाल सके । वो लन्ड को ज़िप के अंदर करने ही जा रही थी कि रवि उसके हाथ को अपने हाथ में जकड़ते हुए बोला -रमा जी कैसा लगा औज़ार ?
रमा-मुझे नहीं पता ।
रवि(रमा की साड़ी के ऊपर से उसके स्तनों को मसलते हुए)- रमा जी तुम भूल गईं की तुमकी बेटियां घर पर ही हैं और कभी भी बाहर आ सकतीं है ।
रमा(मजबूर होते हुए)- अच्छा है ।
रवि -क्या ? मेरा तुम्हारा मम्में दबाना या मेरा लौड़ा ।
रमा-तुम्हारा वो ,अब छोड़ो मुझे।
रवि(अब तक रवि पूरी लय में आ चुका था ,हाथ आई इस बेशकीमती मछली को वो जाने नहीं देना चाहता था , वो रमा की चूची को ज़ोर से मसलते हुए बोला)- वो क्या रमा जी ? साफ साफ बोलिये ।
रमा(दर्द से तड़प उठी और रवि से पीछा छुड़ाने के लिए बोली)-तुम्हारा लन्ड ।
रवि(लौड़े को पैंट में डालते हुए)-आह जान खुश कर दिया तूने तो , तू लन्ड इतना अच्छा बोलती है चूसती कितना अच्छा होगी ।
रमा(शर्म के मारे उसके दोनों गाल लाल हो गए) - तुम तो कुछ भी बोलते है , मुझे मार्केट जाने दें वैसे भी मैं काफी लेट हो चुकी हूँ और मुझे मेट्रो शॉपिंग मॉल जाना है जो काफी दूर है ।
रवि(वैसे तो उसे भी शादी में जाना था और पिंकि के घर वो अपने कपड़े लेने आया था पर रमा का कामुक बदन देख उसे चुदाई के इलावा कुछ नहीं सूझ रहा था )-मैं भी वहीं जा रहा था मुझे भी अपने लिए एक कोट-पैंट खरीदना था तो चलिए साथ चलते हैं मेरी गाड़ी में ।
रमा-नहीं नहीं मैं चली जाऊंगी ।
रवि -रमा जी तुम भी न , इतनी दूर जाना है तुमको कम से कम भी 3 रिक्शा बदलने पड़ेगें और अगर स्पेशल रिक्शा करेंगी तो 200 से ज्यादा लग जाएंगे। इससे तो अच्छा है हम साथ-2 चलते हैं ।
रवि ने बात तो सही की थी और रमा की भी कई सालों की कामवासना उस पर हावी होने लगी थी उसका भी मन करता था कि कोई उसे बेहरहमी से चोदे उसके मम्में निचोड़े और उसकी प्यासी बुर को अपने लौड़े से चोद-चोद के सुजा दे ,रमा ने सिर हिलाकर हामी भर दी और रवि के साथ सीढ़ियां उतरने लगी ।
रवि उन मर्दों में से था जिन्हें लड़कियों को चोदने से ज्यादा 30-35 साल की पक चुकी औरतों को चोदने में ज्यादा मज़ा आता था , रमा का माधुरी के जैसा फेस कट , लंबे घने बाल गदराई कमर और मोटी सुडौल उठी गाँड़ रवि के लिए किसी जन्नत की हूर से कम नहीं था । वो जब भी रमा को देखता तो अपना लन्ड मसल कर रह जाता और रमा थी कि उसकी तरफ देखती तक नहीं थी । गाड़ी चलाते हुए वो पीछे की सीट पर बैठी रमा को ड्राइविंग मिरर में से देख रहा था कितनी सुंदर आकर्षक एक दम आदर्श हिंदुस्तानी औरत , सफेद साड़ी जिस पर हल्की गोल्डन कढ़ाई थी उसे काम देवी बना रही थी । सीलव लेस ब्लाउज में से उसकी सुडौल गोरी बाहें और कंधे किसी भी मर्द को पागल कर देने के लिए काफी थे । ऊपर से उसका माँसल नेवल तो जैसे बादलों के साथ साथ बिजलियाँ गिरा रहा था "यह पीछे बैठी रही तो आज पक्का एक्सीडेंट करवाएगी" रवि ने मन में सोचा और गाड़ी रोक दी ।
रमा-रवि जी तुमने गाड़ी क्यों रोक दी ?
रवि(उसका मन यह सोचकर खुश हो गया कि रमा ने इस समय उसे भाई साहब नहीं बल्कि सिर्फ रवि कहा था)-तुम पीछे बैठी हैं जिसके कारण मैं ड्राइव पे ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ ,तुम फ्रंट सीट पे आ जाइए ।
रमा(उसकी बात का मतलब समझ जाती है जिसके कारण एक बार फिर उसके गाल शर्म से लाल हो जाते हैं )-मैं ठीक से नहीं बैठी हूँ क्या ?
रवि-तुम तो ठीक ही बैठी हैं पर तुम इतनी खूबसूरत हैं कि मैं ड्राइव पे ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ ,नज़र तुमसे हटती ही नहीं ।
रमा-मैं और सुंदर अच्छा मज़ाक कर लेते हैं तुम , सुन्दर तो जवान लड़कियां होती है मुझ जैसी बूढ़ी औरतें नहीं ।
रवि- यह तो पसंद की बात है , छोकरों को कलियां पसंद आती हैं पर मर्दों को तो फूल ही घायल करते हैं ।
रमा-तुम बातें बेहद खूबसूरत करते हैं तुमसे जीतना मुश्किल है ।
रवि(गाड़ी से बाहर निकलकर रमा का दरवाजा खोलकर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए)- तुमकी पहली झलक में ही मैं सब हार गया था , 2 जून था उस दिन तुमने पीली साड़ी पहनी हुई थी ।
रमा जैसे 2 साल पीछे चली जाती है तनु का जन्मदिन था उस दिन और उसी दिन पिंकि के पापा और रवि फ्लैट किराए पर लेने के लिए आए थे हाँ 2 जून ही था इसे याद है ....कोई क्यों याद रखेगा.....प्रेमी याद रखते हैं....पर मैं तो शादीशुदा हूँ और यह 24-25 जवान मर्द ...
रवि(रमा के गालों को छूते हुए)-रमा रमा.....ठीक तो हो तुम क्या हो गया ।
रमा(रवि का हाथ पकड़कर गाड़ी से बाहर आते हुए)- हाथ छोड़ेंगे तो नहीं ? भारी हूँ गिरा मत देना ।
रवि(उसको अपनी तरफ खिंच लेता है और उसे कस के अपने बाहुपाश से जकड़ते हुए सीधा उसकी आँखों में देखते हुए कहता है)- रमा कसम भगवान की आजतक कई लड़कियों को चोदा पर किसी को I love you नहीं कहा कह के किया कि बस एक रात ज्यादा से ज्यादा बस चुदाई तक होगा अपना रिश्ता लेकिन तुमसे महोबत हो गयी है ,एक बार जो तुम्हारा हाथ पकड़ लिया है तो मरते दम तक पकड़े रखूँगा । वो रमा के होंठ चूम लेता है ।
रमा-क्या करते हो कोई देख लेगा ।
रवि -जो देखेगा जल जाएगा इतनी गर्म हो तुम ।
रमा-मुझसे पूछा भी नहीं और सब खुद ही सोच लिया ।
रवि-तुम्हारी आँखे बता रही हैं कि तुमको तनु और गरिमा के नए पापा पसंद हैं ।
रमा-उनका नाम मत लो यह गलत है ।
रवि-कमीना हूँ पर कह के , अब से वो भी बेटियां हैं मेरी । हरामी नहीं हूँ । रमा उसके साथ अगली सीट पर बैठ गयी तो उसने बात बढ़ाई उसने रमा का हाथ पकड़कर कहा-रमा आज पता मैं क्यों मुठ मार रहा था ?
रमा-क्यों ?
रवि-अंदर पिंकि नंगी उंगली कर रही थी ।चाहता तो अंदर जाता उसे डराता और तुम समझती ही हो आगे ,लेकिन रिश्तों की हद मैं जानता हूँ ।
रमा(अपने और राहुल के बारे में सोचते हुए)-समझ सकती हूँ मैं ।
रवि-तो विश्वास करती हो मेरा ?
रमा-हूं , खुद से ज्यादा ।
रवि-मेरा फ्लैट पास ही है चोलोगी ?
रमा-गृह प्रवेश करवाना है क्या ?
रवि-हम्म पर उसके साथ साथ लन्ड प्रवेश भी ।
रमा-धत ,कितना गंदा बोलते हो यार ,अब चलो भी मुझे घर भी जाना है
रवि का फ्लैट एक पॉश कॉलोनी में था ,फ्लैट में घुसते ही रवि और रमा एक दूसरे पे भूखे शेर शेरनी की तरह टूट पड़े एक दूसरे चूमते नोचते वो कुछ ही पल में एक दूसरे को नंगा कर चुके थे । वो कभी एक दीवार से टकराते तो कभी दूसरी वो पागल प्रेमियों की तरह एक दूसरे के अंगों को कभी चुम,चाट और काट रहे थे आखिर रमा का सब्र जवाब दे गया और वो बोली" रवि और नहीं सहा जाता अब " रवि ने उसे अपनी गोद में उठा लिया औऱ रमा को बेड रूम में ले जाकर नरम नरम बिस्तर पर फेंक दिया औऱ रमा के ऊपर लेट गया "रमा तुम नहीं जानती की इस दिन का कबसे इंतज़ार था मुझे " उसने रमा के होंठ चूमते हुए कहा ।
"तो और मत रुको डाल दो अपना मूसल लन्ड मेरी चूत में" रमा ने अपनी से रवि की कमर को जकड़ते हुए कहा और अपने एक हाथ से रवि के डण्डे जैसे सख्त लौड़े को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करते हुए कहा ।
रवि ने मजबूत और बड़े हाथों की उंगलियों को राम के छोटे और मुलायम हाथों की उंगलियों फसाते हुए उन्हें बिस्तर के साथ सटा दिया और अपनी कमर पर भार डालते हुए अपना मोटा लन्ड रमा की गदराई चूत में उतारने लगा ....
"उफ्फ्फ.....रवव....वी ओह कितना मोटा है तुम्हारा लौड़ा ...आह...माँ ...फट जाएगी मेरी " रमा ने छटपटाते हुए कहा । उनसे जितना सोचा था रवि का लन्ड लेते हुए उसे उससे कहीं अधिक दर्द हो रहा था रवि का लन्ड मानो उसकी चूत को पूरा फैलता जा रहा था ।
रवि ने रमा के चेहरे पर दर्द से उभर आई लकीरों और पसीने को देखा तो उसने अपने लन्ड को उसकी चूत बाहर खींच लिया और रमा की बगल में लेटते हुए कहा ज्यादा दर्द हो रहा है तो थोड़ा चिकना कर दो । रमा पलटकर उसके ऊपर आ गयी और बोली अभी इसे तैयार करती हूँ फिर उसकी छाती से पेट को चूमते हुए रवि के लन्ड की तरफ आने लगी । पर रवि के लन्ड का तो जैसे कायाकल्प हो चुका था वो बिल्कुल भी वैसा नहीं था जैसा उसने आज घर के बाहर देखा था उसे देखते ही डर के मारे उसकी चीख निकल गयी "आह...इतना बड़ा लन्ड" रवि का आम सा दिखने वाला लन्ड इस समय राहुल के लौड़े से कुछ लम्बा और मोटा हो चुका था । "क्या हुआ रमा ? मेरा लन्ड पसंद नहीं आया ?" रवि ने रमा की आँखों में देखते हुए कहा। "कितना बड़ा है बिल्कुल किसी हाथी के लौड़े जैसा" रमा ने उसे अपने दोनों हाथों से पकड़ते हुए कहा । रमा के अंदर इस समय सवालों का एक पहाड़ उमड़ रहा था .....किसी इंसान का लिंग इतना बड़ा कैसे हो सकता है?......अभी 1 घंटा भी नहीं उसे रवि को जाने पर क्यों उसे ऐसा लग रहा है कि वो उससे इतना प्रेम करने लगी है कि अपनी जान भी दे दे उसके लिए .....तरनजीत ने तो उसके लिंग का आकार 7 इंच बताया था....घर पे जब देखा तो उससे कुछ बड़ा था....पर अब इतना बड़ा....?.....कोई अपने लिंग का आकार इतना बड़ा कैसे कर सकता है ?...फिर अचानक न जाने क्यों उसे याद आया कि जब वो बहुत छोटी थी तो उसकी नानी को किसी ने इसलिए मार डाला था क्योंकि गाँव वालों को शक था कि वो रूप बदलने वाली चुड़ैल थी ....
रवि ने उसे पकड़ कर अपनी बगल में लिटा लिया और उसके चेहरे को सहलाते हुए बोला "रमा डर लग रहा है ?"
रमा-(रवि के होंठों पर एक हल्की सी किस करते हुए)- अब नहीं लग रहा ।
रवि-फिर क्या सोच रही हो ?
रमा- रवि मेरी नानी बहुत सुन्दर थी ,देखने में तो उनकी उम्र मेरी माँ से भी कम लगती थी । वो कहती थीं रमा एक दिन एक राजकुमार आएगा जिसका बदन हीरों की तरह चमकेगा वो तुझे बहुत खुश रखेगा । लेकिन.... लेकिन....
रवि(रमा की बात सुनकर रवि के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है...वो सोचता है रमा भी हम जैसी है ? और मैं पहचान नहीं सका ?...अब कुछ छुपाने की ज़रूरत नहीं है, वो खिड़की पे लगे पर्दे को हल्का सा हटा देता है)-लेकिन क्या रमा ?
रमा उसकि तरफ देखती है और उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है रवि का सारा बदन हीरों के जैसे जगमगा रहा था ।
रवि-तुम्हारी नानी को रूप बदलने वाली चुड़ैल समझ कर किसी ने .........वो जानबूझकर कर बात पूरी नही करता ताकि रमा और ज्यादा दुखी न हो जाये ।
रमा-तुम मेरा दिमाग पढ़ सकते हो ?
रवि- हम्म ,पर सिर्फ अपने इस रूप में । तुम भी अपना दूसरा रूप देखना चाहोगी ?
रमा-क्या भी इंसान नहीं हूँ ? पिशाच हूँ ।
रवि- (ठहाका मार कर हँस पड़ता है और रमा के गालों को सहलाते हुए कहता है) -बिल्कुल इंसानों जैसी बातें करती हो मेरा मतलब है धरती के इंसानों जैसे ,रमा न तुम और न मैं पिशाच हूँ ,हम जैसे कुछ और भी हैं जो एक दूसरे ग्रह के निवासी है जिसका नाम था "माया ग्रह" ।
रमा-तो मुझे उसके बारे में बताओ ।
रवि-अभी नहीं ,बहुत लंबी कहानी है आज रात में बताऊंगा । अभी पहले तुमको असली रमा के दर्शन करवाने हैं ।
यह कहकर रवि रमा को उठा कर दूसरे कमरे में ले जाता है और एक बड़े से शीशे के सामने खड़ा कर देता है ।
"रमा अपनी आँखें बंद करो और डरना मत मैं तुम्हें एक इंजेक्शन लगाऊंगा जिससे तुम्हारी सोई हुई शक्तियां जागृत हो जाएंगी पर ध्यान रखना अब जब तुम्हें कुछ मिनटों बाद होश आएगा तो शायद तुम खुद को न पहचान पाओ ।
"ठीक है"कह कर रमा अपनी आँखें बंद कर लेती है । रवि एक अलमारी से एक इंजेक्शन निकाल लेता है और उसे रमा योनि के भगनासे पर लगा देता है ।कुछ ही सेकन्ड में रमा का पूरा शरीर एठने लगता है और उसका रूप बदलना शुरू हो जाता है । सबसे पहले उसकी टाँगे और पैर बदलते जो पहले से भी ज्यादा मुलायम और नाज़ुक हो जाते है फिर उसकी योनि के होंठ जो पहले हल्के भूरे रंग के थे अब गुलाबी हो जाते है ,उसकी गाँड़ कुछ और बड़ी गोल हो जाती है उसकी 30 इंच की कमर 24 की रह जाती है फिर उसकी बाहें,हाथ बदल जाते है फिर उसके स्तन कुछ और फूल कर एक दम गोल हो जाते हैं और निप्पल गुलाबी होकर दुगने आकर के हो जाते हैं मानों उसके मम्मों पे स्ट्राबेरी उग आई हों , गर्दन कुछ पतली और लम्बी हो जाती है फिर उसकी ठोड़ी कुछ छोटी हो जाती है होंठ कुछ ऊपर की और उठ जाते हैं नाक कुछ छोटी हो जाती है उसे देखकर रवि के मुँह से निकलता है "पूरी काइली जैनर लेकिन उससे भी सेक्सी और गोरी..."
पिंकि-तुमने दरवाजा तो बंद किया ही नहीं । मन में तो वो सोच रही थी कि बुद्धु मेरी चूत तेरे इस मूसल लन्ड को देखकर भीगी पड़ी है आ और फाड़ के रख दे इसे ।
राहुल(अभी भी वो अपने तने हुए लन्ड को पकड़े हुए था)- सुस्सू ज़ोर से लगी थी इसलिए भूल गया घर जाके कर लूँगा ,वो अपने खड़े लन्ड को निक्कर में खोंसते हुए कहता और अपने घर की तरफ भाग जाता है ।
पिंकि राहुल की इस बचकाना हरकत पर मुस्कुरा उठती है । दरवाजा बंद करके वो फिर सोफ़े पे बैठ जाती और अपना तौलिया खोलकर बिल्कुल नंगी होकर मोबाइल पे राहुल के हब्शी लन्ड को निहारने लगती है। "हाय राम कितना जानदार लन्ड है" वो मन में सोचती है और एक हाथ से अपनी चूत को सहलाते हुए सपनों की दुनियां में गुम हो जाती है ---
एक फूलों से भरे मैदान में पिंकी बिल्कुल नंगी भागती जा रही है उसके 34c आकार के बड़े-2 और गोल बूब्स गुबारों कि तरह ऊपर नीचे हो रहे हैं उसके पीछे कुछ दूरी पर राहुल उसे पकड़ने के लिए भाग रहा है राहुल का लिंग किसी अजगर जैसा लग रहा है उसकी नसें फूली हुई हैं और बड़े-2 अंडकोष भागने के कारण आगे पीछे हो रहे हैं । "रुक जा पिंकि वरना सोच ले मेरा मूसल एक ही बार में तेरी बुर में डालकर ऐसा पेलूँगा की 2 दिन बिस्तर से उठ नहीं पाएगी" राहुल उसका पीछा करते हुए कहता है । पर पिंकि किसी हिरनी कि तरह उसे छकाते हुए उससे और दूर चली जाती है " हा हा...पकड़ा तो जा नही रहा तुमसे " वो भागते हुए पीछे मुड़ती है और नाक चिढाते हुए कहती है । राहुल अपनी रफ्तार बढ़ा कर उसके पास पहुंचता है तो वो अपनी दिशा बदलकर दूसरी तरफ भाग जाती है अचानक उसका पैर फिसलता है और वो गिरने लगती है पर राहुल तेज़ी से आकर उसे थाम लेता है और उसके स्तंनो को ज़ोर से दबाते हुए कहता है बड़ी भूख लगी है आज तो इन दूध के टैंकरों को खाली करके ही छोडूंगा ।
राहुल पिंकि को फूलों से भरे मैदान में लिटा देता है और खुद उसके ऊपर लेट जाता है और पिंकि के एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगता है "आह...मां ....धीरे दर्द होता है " पिंकि सिसकारी लेते हुए कहती है । राहुल काफी समय तक उसके मम्मों को चूसता ,चूमता ,दबाता और मसलता रहता है पिंकि अचानक उसे पलट देती है और बिजली की तेजी से राहुल की छाती पर बैठ जाती है और राहुल की आँखों में देखते हुए उसके मर्दाना निप्पल्स को काटने -चूमने लगती है " आह....खयेगी क्या .." राहुल उसके मम्में पर हल्की सी चपत मारते हुए कहता है ।
पिंकि(राहुल के दोनों निप्पलों को मरोड़ते हुए)-हाँ मुझे भी बड़ी भूख लगी है इनका सारा रस निचोड़ लूँगी आज मैं ।
राहुल(पिंकि के होंठो को अपनी उंगलियों से दबाते हुए)- रस ही निकालना है तो नीचे जो 2 किलो की लोकी है उसका निकालो ।
पिंकि (घूम कर बैठते हुए ,अब उसकी पीठ राहुल के मुँह की तरफ थी और चेहरा राहुल के लन्ड की ओर जो 90 डीग्री पर ताना हुआ किसी खम्बे जैसा लग रहा था । वो दोनों हाथों से उसके मूसल-हब्शी लौड़े को पकड़ लेती है और तोड़ा नीचे झुककर अपना पूरा मुँह खोलते हुए राहुल मोटे और बड़े टोपे को मुँह में लेती है तथा उसके लन्ड को मुठियाते हुए लॉलीपॉप की तरह चूसने लगती है ।
राहुल अपना मुँह उसकी गाँड़ की दरार में घुसाते हुए अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने-चोदने लगता है चूत में गर्म -गर्म जीभ के अहसास से उसका पूरा बदन काँप जाता है वो अपने बदन कि कंपन को रोकने के लिए राहुल का मूसल लन्ड आधे से ज्यादा निगल जाती है जो उसके गले में जाकर फंस सा जाता है राहुल उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदते हुए अपनी कमर हिला हिलाकर उसके मुँह को बेहरमी के साथ चोदने लगता है ।
इधर पिंकी सपनों में खोई हुई अपनी चूत में उँगली कर रही थी और दूसरी तरफ उसका चोदू रवि रवि उसको दरवाजे के की(key)होल से देखते हुए अपना लन्ड मुठिया रहा था , हुआ यूँ के उसने आके कई बार दरवाजा खटखटाया पर जब पिंकि ने दरवाजा नहीं खोला तो रवि ने की होल से अंदर देखा तो अपनी जवान कमसिन और सेक्सी भतीजी को नंगी उंगली करते देख उससे रहा न गया और अपना लन्ड बाहर निकाल कर मुठियाने लगा पर उसे क्या पता था कि रमा वँहा आ जायेगी और उसके लिए एक और चूत का इंतजाम हो जाएगा । रमा तो बेचारी बाजार जाने के लिए घर से निकली तो सामने रवि को दरवाजे से झाँकते हुए मुठ मारते देख हैरान रह गयी , रवि 6 फुट का लंबा चोड़ा मर्द था ऊपर से उसका 8इंच लम्बा और 3 इंच मोटा काला लौड़ा देख रमा तो जैसे पगला ही गयी और कुछ देर मन्त्रमुग्ध सी उसे मुठियाते देखती रही पर फिर उसने खुद को संभाला और यह सोचकर कि उसकी बेटियां रवि को इस हालत में न देख लें उसने रवि को बुलाने का फैसला किया ।
रमा(खांसते हुए)-रवि भाई साहब ....
रवि(जैसे नींद से जागा पर रमा को देखकर उसने अपना लन्ड छुपाने की कोशिश नहीं कि बल्कि सीधा रमा की तरफ मुड़कर खड़ा हो गया)-ओह माफ कीजिये गा मुझे ज़रा खारिश हो गयी थी ।
रमा(उसके लन्ड को घूरते हुए)-यह तुम बाथरूम में भी कर सकते थे ।
रवि(लन्ड को सहलाते हुए) -जी वो ऐसा है कि मैं पिंकि को तंग नहीं करना चाहता था ।
रमा(रवि के लन्ड कि तरफ इशारा करते हुए)-अभी तो तुम खुजा चुके हैं तो ,इसे अंदर डाल सकते हैं ।
रवि-तुम लेंगी इसे ? यह तुमकी चूत में जाकर धन्य हो जाएगा ।
रमा(रवि के इस जवाब से हैरान रह जाती है ,उसने ऐसे बेशर्म जवाब की उम्मीद नहीं कि थी , ऊपर से वो अपने घर के बाहर खड़ी थी इसलिए डर रही थी कि अगर किसी ने उसको रवि के साथ इस हालत में देख लिया तो न जाने क्या सोचेगा )- भाई साहब क्या कह रहें तुम कुछ तो शर्म की जिए , मेरे बच्चे है एक माँ के साथ तुमको ऐसी बात करते शर्म नहीं आती क्या ।
रवि-( रमा का यह जवाब सुनकर और निःचिन्त हो गया वो समझ गया कि रमा खुद डरी हुई है वो उसे कुछ नहीं कहेगी । यही सोचकर वो लन्ड को सहलाते हुए रमा के करीब आ गया और रमा का हाथ अपने लौड़े पर रखते हुए उसे कान में बोला)- रमा जी अब यह लन्ड तुमके हाथों से ही पैंट में जायेगा ।
रमा(गुस्से से)-क्या बकवास है यह ।
रवि(रमा के कान को चाटते हुए)- रमा जी इस लन्ड को तुम जैसी हुस्न परी की ज़रूरत है और तुमकी चूत को ऐसे ही जानदार लौड़े की तो इसे पकड़कर पैंट में डालिये यह हमारी दोस्ती की शुरूआत होगी ।
रमा( बेचारी रमा समझ नहीं पा रही थी इस स्थिति से बाहर कैसे निकले , उसका दिल तो यह सोचकर डर रहा था कि कहीं राहुल,गरिमा या तनु में से कोई बाहर न आ जाये )- रवि जी क्यों तंग कर रहे हैं , इसे अंदर कि जिये न पैंट में कोई देख लेगा ।
रवि- यही तो मैं कह रहा हूँ रमा जी कि तुम ही इस शुभ कार्य को करें कहीं अपकी बेटियों ने तुमको इस हालत में देख लिया तो न जाने क्या सोचेंगी ।
"यह मेरा मन कैसे पढ़ लेता है" रमा ने मन में सोचा और अपना हाथ आगे बढ़ाकर रवि का लन्ड थाम लिया ताकि वो उसे रवि की पैंट में डाल सके । वो लन्ड को ज़िप के अंदर करने ही जा रही थी कि रवि उसके हाथ को अपने हाथ में जकड़ते हुए बोला -रमा जी कैसा लगा औज़ार ?
रमा-मुझे नहीं पता ।
रवि(रमा की साड़ी के ऊपर से उसके स्तनों को मसलते हुए)- रमा जी तुम भूल गईं की तुमकी बेटियां घर पर ही हैं और कभी भी बाहर आ सकतीं है ।
रमा(मजबूर होते हुए)- अच्छा है ।
रवि -क्या ? मेरा तुम्हारा मम्में दबाना या मेरा लौड़ा ।
रमा-तुम्हारा वो ,अब छोड़ो मुझे।
रवि(अब तक रवि पूरी लय में आ चुका था ,हाथ आई इस बेशकीमती मछली को वो जाने नहीं देना चाहता था , वो रमा की चूची को ज़ोर से मसलते हुए बोला)- वो क्या रमा जी ? साफ साफ बोलिये ।
रमा(दर्द से तड़प उठी और रवि से पीछा छुड़ाने के लिए बोली)-तुम्हारा लन्ड ।
रवि(लौड़े को पैंट में डालते हुए)-आह जान खुश कर दिया तूने तो , तू लन्ड इतना अच्छा बोलती है चूसती कितना अच्छा होगी ।
रमा(शर्म के मारे उसके दोनों गाल लाल हो गए) - तुम तो कुछ भी बोलते है , मुझे मार्केट जाने दें वैसे भी मैं काफी लेट हो चुकी हूँ और मुझे मेट्रो शॉपिंग मॉल जाना है जो काफी दूर है ।
रवि(वैसे तो उसे भी शादी में जाना था और पिंकि के घर वो अपने कपड़े लेने आया था पर रमा का कामुक बदन देख उसे चुदाई के इलावा कुछ नहीं सूझ रहा था )-मैं भी वहीं जा रहा था मुझे भी अपने लिए एक कोट-पैंट खरीदना था तो चलिए साथ चलते हैं मेरी गाड़ी में ।
रमा-नहीं नहीं मैं चली जाऊंगी ।
रवि -रमा जी तुम भी न , इतनी दूर जाना है तुमको कम से कम भी 3 रिक्शा बदलने पड़ेगें और अगर स्पेशल रिक्शा करेंगी तो 200 से ज्यादा लग जाएंगे। इससे तो अच्छा है हम साथ-2 चलते हैं ।
रवि ने बात तो सही की थी और रमा की भी कई सालों की कामवासना उस पर हावी होने लगी थी उसका भी मन करता था कि कोई उसे बेहरहमी से चोदे उसके मम्में निचोड़े और उसकी प्यासी बुर को अपने लौड़े से चोद-चोद के सुजा दे ,रमा ने सिर हिलाकर हामी भर दी और रवि के साथ सीढ़ियां उतरने लगी ।
रवि उन मर्दों में से था जिन्हें लड़कियों को चोदने से ज्यादा 30-35 साल की पक चुकी औरतों को चोदने में ज्यादा मज़ा आता था , रमा का माधुरी के जैसा फेस कट , लंबे घने बाल गदराई कमर और मोटी सुडौल उठी गाँड़ रवि के लिए किसी जन्नत की हूर से कम नहीं था । वो जब भी रमा को देखता तो अपना लन्ड मसल कर रह जाता और रमा थी कि उसकी तरफ देखती तक नहीं थी । गाड़ी चलाते हुए वो पीछे की सीट पर बैठी रमा को ड्राइविंग मिरर में से देख रहा था कितनी सुंदर आकर्षक एक दम आदर्श हिंदुस्तानी औरत , सफेद साड़ी जिस पर हल्की गोल्डन कढ़ाई थी उसे काम देवी बना रही थी । सीलव लेस ब्लाउज में से उसकी सुडौल गोरी बाहें और कंधे किसी भी मर्द को पागल कर देने के लिए काफी थे । ऊपर से उसका माँसल नेवल तो जैसे बादलों के साथ साथ बिजलियाँ गिरा रहा था "यह पीछे बैठी रही तो आज पक्का एक्सीडेंट करवाएगी" रवि ने मन में सोचा और गाड़ी रोक दी ।
रमा-रवि जी तुमने गाड़ी क्यों रोक दी ?
रवि(उसका मन यह सोचकर खुश हो गया कि रमा ने इस समय उसे भाई साहब नहीं बल्कि सिर्फ रवि कहा था)-तुम पीछे बैठी हैं जिसके कारण मैं ड्राइव पे ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ ,तुम फ्रंट सीट पे आ जाइए ।
रमा(उसकी बात का मतलब समझ जाती है जिसके कारण एक बार फिर उसके गाल शर्म से लाल हो जाते हैं )-मैं ठीक से नहीं बैठी हूँ क्या ?
रवि-तुम तो ठीक ही बैठी हैं पर तुम इतनी खूबसूरत हैं कि मैं ड्राइव पे ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ ,नज़र तुमसे हटती ही नहीं ।
रमा-मैं और सुंदर अच्छा मज़ाक कर लेते हैं तुम , सुन्दर तो जवान लड़कियां होती है मुझ जैसी बूढ़ी औरतें नहीं ।
रवि- यह तो पसंद की बात है , छोकरों को कलियां पसंद आती हैं पर मर्दों को तो फूल ही घायल करते हैं ।
रमा-तुम बातें बेहद खूबसूरत करते हैं तुमसे जीतना मुश्किल है ।
रवि(गाड़ी से बाहर निकलकर रमा का दरवाजा खोलकर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए)- तुमकी पहली झलक में ही मैं सब हार गया था , 2 जून था उस दिन तुमने पीली साड़ी पहनी हुई थी ।
रमा जैसे 2 साल पीछे चली जाती है तनु का जन्मदिन था उस दिन और उसी दिन पिंकि के पापा और रवि फ्लैट किराए पर लेने के लिए आए थे हाँ 2 जून ही था इसे याद है ....कोई क्यों याद रखेगा.....प्रेमी याद रखते हैं....पर मैं तो शादीशुदा हूँ और यह 24-25 जवान मर्द ...
रवि(रमा के गालों को छूते हुए)-रमा रमा.....ठीक तो हो तुम क्या हो गया ।
रमा(रवि का हाथ पकड़कर गाड़ी से बाहर आते हुए)- हाथ छोड़ेंगे तो नहीं ? भारी हूँ गिरा मत देना ।
रवि(उसको अपनी तरफ खिंच लेता है और उसे कस के अपने बाहुपाश से जकड़ते हुए सीधा उसकी आँखों में देखते हुए कहता है)- रमा कसम भगवान की आजतक कई लड़कियों को चोदा पर किसी को I love you नहीं कहा कह के किया कि बस एक रात ज्यादा से ज्यादा बस चुदाई तक होगा अपना रिश्ता लेकिन तुमसे महोबत हो गयी है ,एक बार जो तुम्हारा हाथ पकड़ लिया है तो मरते दम तक पकड़े रखूँगा । वो रमा के होंठ चूम लेता है ।
रमा-क्या करते हो कोई देख लेगा ।
रवि -जो देखेगा जल जाएगा इतनी गर्म हो तुम ।
रमा-मुझसे पूछा भी नहीं और सब खुद ही सोच लिया ।
रवि-तुम्हारी आँखे बता रही हैं कि तुमको तनु और गरिमा के नए पापा पसंद हैं ।
रमा-उनका नाम मत लो यह गलत है ।
रवि-कमीना हूँ पर कह के , अब से वो भी बेटियां हैं मेरी । हरामी नहीं हूँ । रमा उसके साथ अगली सीट पर बैठ गयी तो उसने बात बढ़ाई उसने रमा का हाथ पकड़कर कहा-रमा आज पता मैं क्यों मुठ मार रहा था ?
रमा-क्यों ?
रवि-अंदर पिंकि नंगी उंगली कर रही थी ।चाहता तो अंदर जाता उसे डराता और तुम समझती ही हो आगे ,लेकिन रिश्तों की हद मैं जानता हूँ ।
रमा(अपने और राहुल के बारे में सोचते हुए)-समझ सकती हूँ मैं ।
रवि-तो विश्वास करती हो मेरा ?
रमा-हूं , खुद से ज्यादा ।
रवि-मेरा फ्लैट पास ही है चोलोगी ?
रमा-गृह प्रवेश करवाना है क्या ?
रवि-हम्म पर उसके साथ साथ लन्ड प्रवेश भी ।
रमा-धत ,कितना गंदा बोलते हो यार ,अब चलो भी मुझे घर भी जाना है
रवि का फ्लैट एक पॉश कॉलोनी में था ,फ्लैट में घुसते ही रवि और रमा एक दूसरे पे भूखे शेर शेरनी की तरह टूट पड़े एक दूसरे चूमते नोचते वो कुछ ही पल में एक दूसरे को नंगा कर चुके थे । वो कभी एक दीवार से टकराते तो कभी दूसरी वो पागल प्रेमियों की तरह एक दूसरे के अंगों को कभी चुम,चाट और काट रहे थे आखिर रमा का सब्र जवाब दे गया और वो बोली" रवि और नहीं सहा जाता अब " रवि ने उसे अपनी गोद में उठा लिया औऱ रमा को बेड रूम में ले जाकर नरम नरम बिस्तर पर फेंक दिया औऱ रमा के ऊपर लेट गया "रमा तुम नहीं जानती की इस दिन का कबसे इंतज़ार था मुझे " उसने रमा के होंठ चूमते हुए कहा ।
"तो और मत रुको डाल दो अपना मूसल लन्ड मेरी चूत में" रमा ने अपनी से रवि की कमर को जकड़ते हुए कहा और अपने एक हाथ से रवि के डण्डे जैसे सख्त लौड़े को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करते हुए कहा ।
रवि ने मजबूत और बड़े हाथों की उंगलियों को राम के छोटे और मुलायम हाथों की उंगलियों फसाते हुए उन्हें बिस्तर के साथ सटा दिया और अपनी कमर पर भार डालते हुए अपना मोटा लन्ड रमा की गदराई चूत में उतारने लगा ....
"उफ्फ्फ.....रवव....वी ओह कितना मोटा है तुम्हारा लौड़ा ...आह...माँ ...फट जाएगी मेरी " रमा ने छटपटाते हुए कहा । उनसे जितना सोचा था रवि का लन्ड लेते हुए उसे उससे कहीं अधिक दर्द हो रहा था रवि का लन्ड मानो उसकी चूत को पूरा फैलता जा रहा था ।
रवि ने रमा के चेहरे पर दर्द से उभर आई लकीरों और पसीने को देखा तो उसने अपने लन्ड को उसकी चूत बाहर खींच लिया और रमा की बगल में लेटते हुए कहा ज्यादा दर्द हो रहा है तो थोड़ा चिकना कर दो । रमा पलटकर उसके ऊपर आ गयी और बोली अभी इसे तैयार करती हूँ फिर उसकी छाती से पेट को चूमते हुए रवि के लन्ड की तरफ आने लगी । पर रवि के लन्ड का तो जैसे कायाकल्प हो चुका था वो बिल्कुल भी वैसा नहीं था जैसा उसने आज घर के बाहर देखा था उसे देखते ही डर के मारे उसकी चीख निकल गयी "आह...इतना बड़ा लन्ड" रवि का आम सा दिखने वाला लन्ड इस समय राहुल के लौड़े से कुछ लम्बा और मोटा हो चुका था । "क्या हुआ रमा ? मेरा लन्ड पसंद नहीं आया ?" रवि ने रमा की आँखों में देखते हुए कहा। "कितना बड़ा है बिल्कुल किसी हाथी के लौड़े जैसा" रमा ने उसे अपने दोनों हाथों से पकड़ते हुए कहा । रमा के अंदर इस समय सवालों का एक पहाड़ उमड़ रहा था .....किसी इंसान का लिंग इतना बड़ा कैसे हो सकता है?......अभी 1 घंटा भी नहीं उसे रवि को जाने पर क्यों उसे ऐसा लग रहा है कि वो उससे इतना प्रेम करने लगी है कि अपनी जान भी दे दे उसके लिए .....तरनजीत ने तो उसके लिंग का आकार 7 इंच बताया था....घर पे जब देखा तो उससे कुछ बड़ा था....पर अब इतना बड़ा....?.....कोई अपने लिंग का आकार इतना बड़ा कैसे कर सकता है ?...फिर अचानक न जाने क्यों उसे याद आया कि जब वो बहुत छोटी थी तो उसकी नानी को किसी ने इसलिए मार डाला था क्योंकि गाँव वालों को शक था कि वो रूप बदलने वाली चुड़ैल थी ....
रवि ने उसे पकड़ कर अपनी बगल में लिटा लिया और उसके चेहरे को सहलाते हुए बोला "रमा डर लग रहा है ?"
रमा-(रवि के होंठों पर एक हल्की सी किस करते हुए)- अब नहीं लग रहा ।
रवि-फिर क्या सोच रही हो ?
रमा- रवि मेरी नानी बहुत सुन्दर थी ,देखने में तो उनकी उम्र मेरी माँ से भी कम लगती थी । वो कहती थीं रमा एक दिन एक राजकुमार आएगा जिसका बदन हीरों की तरह चमकेगा वो तुझे बहुत खुश रखेगा । लेकिन.... लेकिन....
रवि(रमा की बात सुनकर रवि के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है...वो सोचता है रमा भी हम जैसी है ? और मैं पहचान नहीं सका ?...अब कुछ छुपाने की ज़रूरत नहीं है, वो खिड़की पे लगे पर्दे को हल्का सा हटा देता है)-लेकिन क्या रमा ?
रमा उसकि तरफ देखती है और उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती है रवि का सारा बदन हीरों के जैसे जगमगा रहा था ।
रवि-तुम्हारी नानी को रूप बदलने वाली चुड़ैल समझ कर किसी ने .........वो जानबूझकर कर बात पूरी नही करता ताकि रमा और ज्यादा दुखी न हो जाये ।
रमा-तुम मेरा दिमाग पढ़ सकते हो ?
रवि- हम्म ,पर सिर्फ अपने इस रूप में । तुम भी अपना दूसरा रूप देखना चाहोगी ?
रमा-क्या भी इंसान नहीं हूँ ? पिशाच हूँ ।
रवि- (ठहाका मार कर हँस पड़ता है और रमा के गालों को सहलाते हुए कहता है) -बिल्कुल इंसानों जैसी बातें करती हो मेरा मतलब है धरती के इंसानों जैसे ,रमा न तुम और न मैं पिशाच हूँ ,हम जैसे कुछ और भी हैं जो एक दूसरे ग्रह के निवासी है जिसका नाम था "माया ग्रह" ।
रमा-तो मुझे उसके बारे में बताओ ।
रवि-अभी नहीं ,बहुत लंबी कहानी है आज रात में बताऊंगा । अभी पहले तुमको असली रमा के दर्शन करवाने हैं ।
यह कहकर रवि रमा को उठा कर दूसरे कमरे में ले जाता है और एक बड़े से शीशे के सामने खड़ा कर देता है ।
"रमा अपनी आँखें बंद करो और डरना मत मैं तुम्हें एक इंजेक्शन लगाऊंगा जिससे तुम्हारी सोई हुई शक्तियां जागृत हो जाएंगी पर ध्यान रखना अब जब तुम्हें कुछ मिनटों बाद होश आएगा तो शायद तुम खुद को न पहचान पाओ ।
"ठीक है"कह कर रमा अपनी आँखें बंद कर लेती है । रवि एक अलमारी से एक इंजेक्शन निकाल लेता है और उसे रमा योनि के भगनासे पर लगा देता है ।कुछ ही सेकन्ड में रमा का पूरा शरीर एठने लगता है और उसका रूप बदलना शुरू हो जाता है । सबसे पहले उसकी टाँगे और पैर बदलते जो पहले से भी ज्यादा मुलायम और नाज़ुक हो जाते है फिर उसकी योनि के होंठ जो पहले हल्के भूरे रंग के थे अब गुलाबी हो जाते है ,उसकी गाँड़ कुछ और बड़ी गोल हो जाती है उसकी 30 इंच की कमर 24 की रह जाती है फिर उसकी बाहें,हाथ बदल जाते है फिर उसके स्तन कुछ और फूल कर एक दम गोल हो जाते हैं और निप्पल गुलाबी होकर दुगने आकर के हो जाते हैं मानों उसके मम्मों पे स्ट्राबेरी उग आई हों , गर्दन कुछ पतली और लम्बी हो जाती है फिर उसकी ठोड़ी कुछ छोटी हो जाती है होंठ कुछ ऊपर की और उठ जाते हैं नाक कुछ छोटी हो जाती है उसे देखकर रवि के मुँह से निकलता है "पूरी काइली जैनर लेकिन उससे भी सेक्सी और गोरी..."
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