07-12-2019, 12:24 PM
गोवा में कामुक मस्ती
दोस्तो, ये झमेला मेरे साथ गोवा में हुआ था। बहुत से लोग अपने जीवन काल में कभी न कभी वहां गये होंगे या फिर वहां पर जाने के लिए प्लान भी कर रहे होंगे। उनके लिए यह कहानी काफी रोचक होने वाली है। जो लोग पहले से वहां पर घूम कर आ चुके हैं, वो वहां की संस्कृति से अच्छी तरह परिचित होंगे। एक समय ऐसा था कि जब गोवा में जाते थे तब वहां के शानदार बीच और खूबसूरती के अलावा विदेशी सैलानियों का खुलापन देखना भी जबरदस्त आकर्षण था। समुद्र के किनारे बीच पर यहां-वहां टू पीस बिकनी में घूमतीं विदेशी बालाएं ही अधिकतर दिखाई देती थीं। विदेशी गोरे जिस्म की मल्लिकायें वहां पर आपको खुलेआम रेत पर पसरी हुई दिखाई दे जाती थीं। कोई धूप सेंक रही होती थी तो कोई मसाज का आनंद ले रही होती थी। उनको देख कर आंखों की रौशनी कई गुना बढ़ जाया करती थी। मगर पिछले कुछ सालों से वहां पर विदेशियों की तर्ज पर ही भारतीयों ने भी वही अंदाज दिखाना शुरू कर दिया है। वहां पर भारतीय युवा पीढ़ी में भी काफी खुलापन आ चुका है। आपको सरेआम अंग प्रदर्शन करती सेक्सी लड़कियां या फिर चूमा-चाटी करते हुए कपल्स दिख जायें तो कोई हैरानी न होगी। यह प्रेमालाप देख कर अब भला दूसरे भी वही सब दोहराने की कोशिश करते हैं। वहां की एक खास बात है कि जो थोड़ा बहुत संकोच किसी में कहीं छिपा रहता है तो वो भी वहां जाकर छू-मंतर हो जाता है। गोवा जैसी जगह पर जाकर सब बिंदास हो जाते हैं। वहां पर शराब और शबाब दोनों का ही बराबर का बोलबाला है।
बात कुछ साल पहले की है जब मैं अपनी पत्नी के साथ गोवा में घूमने गया हुआ था। हम एक पैकेज टूर के माध्यम से गये हुए थे। पैकेज टूर में तो आप लोगों को पता ही है कि कई सारे कपल्स हो जाते हैं। हमारे टूर में भी कुछ कपल्स तो बिल्कुल नव-विवाहित थे। कुछ एक थोड़े मैच्योर थे। मैच्योर वाले एक कपल से हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। वो दोनों पति-पत्नी डॉक्टरी पेशे से थे। पति गायनेकोलॉजी से था तो पत्नी ई.एन.टी. में थी। जब पहले उन्होंने बताया था तो मुझे लगा था कि पति ई.एन.टी. में होगा और उसकी बीवी गायनेकोलॉजी में होगी। लेकिन फिर बाद में पता चला कि दोनों ही इसके उलट थे। खैर, उस बात में क्या रखा है। काम तो काम ही होता है। मैंने भी इस बात के बारे में ज्यादा सोच-विचार नहीं किया। यहां पर विचार करने वाली बात थी हम दोनों ही मर्दों की मिली-जुली सोच। डॉक्टरनी साहिबा के पति के विचार मेरे विचारों से काफी मेल खा रहे थे इसलिए हम दोनों में अच्छी पट रही थी। हम दोनों ही एक जैसी रूचि के थे। मुझे भी सेक्स, पोर्न और न्यूडिटी की तलाश रहती थी और ऐसा ही कुछ विचार उनके पतिदेव का भी रहता था। चार दिन के टूर में दो दिन तो हम कपल्स ट्रैवल कंपनी के मार्गदर्शन में ही घूमे लेकिन फिर बाकी के दो दिनों में हमें अपनी मर्जी से मन मुताबिक कहीं भी घूमने की आजादी थी। उस दौरान सब ने अपनी टीम बना ली थी। हम चारों भी एक साथ हो लिये थे। हमने एक टैक्सी ली और घूमना शुरू कर दिया। नाश्ता, लंच और डिनर सब एक साथ हो रहा था। हम अब पहले से ज्यादा खुले कपड़ों में आ गये थे क्योंकि अब तक तो बाकी लोग भी साथ थे इसलिए इतनी आजादी में सांस लेने का मौका नहीं मिल पाया था। हम दोनों हस्बैंड छोटी निक्कर और टी-शर्ट में थे और हमारी पत्नियां स्लीवलेस टॉप्स और स्कर्ट में, जिसमें उनकी नाभि भी साफ दिख रही थी। मेरे साथी ने टैक्सी वाले से चुन-चुन कर कुछ ऐसी जगह पूछी जहां पर आंखों को गर्म नजारे देखने के लिये मिल जायें।
हम दोनों ने तो मालिश के भी खूब मजे लिये लेकिन हमारी बीवियां तैयार नहीं हुई इसके लिए। उन्होनें तो बस अपनी पीठ और पैरों की ही मालिश करवाई। हमारी आंखों के सामने पत्नियों के बदन की मालिश होते हुए देखना भी सुखद अनुभव था। उसके बाद हमने कंधे पर टैम्परेरी टैटू भी बनवाये। हम दोनों मर्दों ने कंधों पर बनवाये जबकि पत्नियों ने नाभि के नीचे। धीरे-धीरे अब गोवा के खुले माहौल की गर्मी हम चारों पर हावी होने लगी थी। जो डॉक्टर कपल था वो हमसे भी ज्यादा आगे था इस खुलेपन के मामले में। अगर डॉक्टर दोस्त के शरीर की बात करूं तो उम्र में मुझसे छोटा था और स्मार्ट भी था। उसकी पत्नी सांवले रंग की लेकिन सुंदर नैन नक्श वाली थी। शरीर से कुछ दुबली थी और चूतड़ भी औसत आकार के ही थे। उसके बूब्स भी ज्यादा भारी या आकर्षक नहीं मालूम पड़ रहे थे। उसके मुकाबले में मेरी पत्नी ज्यादा मांसल और गदराये बदन वाली थी। इसका कारण यह भी था कि वो अब 40 पार कर रही थी। मगर मेरी बीवी का रंग एकदम गोरा था और कूल्हे भी बड़े-बड़े। वक्षों को देख कर किसी के भी मुंह में पानी आ जायेथी। ये बात मैंने डॉक्टर की आंखों में भी नोटिस की थी। वो बार-बार मेरी बीवी को देख रहा था। इसमें मेरी बीवी की गलती नहीं थी क्योंकि उसका बदन है ही इतना आकर्षक। इसलिए मुझे कुछ खास दिक्कत नहीं थी किसी गैर मर्द को मेरी बीवी की तरफ ऐसे ताड़ने में। ड्राइवर से हमने ऐसे किसी बीच पर ले जाने के लिए बोला जहां एकांत हो, मस्ती का माहौल हो। वो हमे अंजना बीच पर लेकर गया। जो लोग गोवा गये हुए हैं वो जानते होंगे कि वहां का अंजना बीच काफी अलग है। वहां पर सिर्फ रेत का खुला मैदान है। काफी सारी बड़ी-बड़ी चट्टाने हैं जो दूर तक फैली हुई दिखाई पड़ती हैं। चट्टानों के कारण वहां पर एकांत और आड़ से काफी अच्छा माहौल बन जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि वहां पर ज्यादा खुलेपन का अहसास किया जा सकता है और किसी भी तरह का मजा लिया जा सकता है। चट्टानों की आड़ में भारतीय जोड़े कामुक क्रियाएं करने से भी परहेज नहीं करते हैं। साथ ही साथ समुद्र की लहरें चट्टानों तक आकर मजे को दोगुना कर देती हैं।
जब हम वहां पहुंचे तो वहां का नज़ारा देख कर हक्के-बक्के रह गए। वहां पर सच में बहुत से भारतीय कपल विदेशी बिकनी या छोटे कपड़ों में मजे कर रहे थे। हम भी अपने लिए ऐसा ही कोई एकांत सा स्थान ढूंढने के लिए दूर तक निकल गए। हमारी बीवियां शायद हमारा इरादा भांप गयी थी, दोनों आनाकानी कर रही थीं लेकिन उनकी चली नहीं और हमें भी एक बड़ी ऊँची और दूर तक फैली चट्टान की आड़ मिल ही गयी। इस जगह का एक फायदा और था कि यदि कोई हमारी तरफ आता तो हमें दूर से ही दिख सकता था। इस बात से हमारी बीवियों को बहुत ही तसल्ली मिली और अब वो कुछ रिलेक्स भी हो गयीं। वहां पर पहुंच कर हमने एक सूखी जगह पर अपना सामान रख दिया। हम दोनों मर्दों ने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी और उन्हें भी बिकनी पहनने के लिए बोला जो वो दोनों ख़ास गोवा के लिए ही लायी थीं। मगर अभी तक उनको वह बिकनियां पहनने का सुअवसर मिल ही नहीं पाया था। इसलिए वो थोड़ी उत्साहित लग रही थीं। मगर उनके सामने अब एक और समस्या थी कि दोनों के सामने ही गैर मर्द थे, वो भी अर्धनग्न अवस्था में, थोड़ी शर्म आनी तो जाहिर सी प्रतिक्रिया थी। डॉक्टर की पत्नी के लिए मैं गैर था और मेरी पत्नी के लिये डॉक्टर गैर था। इसलिए दोनों की ही बीवियां एक दूसरे के चेहरे को देख रही थीं। डॉक्टर की नजर मेरी बीवी के बदन पर जैसे गड़ी जा रही थी।
वो बोला- भाभी, ऐसी भी क्या लाज है, यहां पर हम चारों के अलावा और कौन है। आप निश्चिंत होकर कपड़े बदल लो। मेरा मन भी काफी देर से आपको देखने के लिए कर रहा था।
मैंने भी उसकी बात को सपोर्ट करते हुए
अपनी बीवी से कहा- हां, सही तो कह रहे हैं ये, यहां पर भी क्या शर्म! बार-बार ऐसे मौके कब मिलते हैं और ऐसे खुले दिल के लोग भी नहीं मिलते हैं। इसलिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। इस मौके को इस तरह संकोच में जाया मत करो और इनकी वाइफ को भी बोल दो कि वो भी जल्दी से चेंज कर लें। जिस नजारे का हम दोनों दोस्त बेसब्री से इंतजार कर रहे थे अब वह हमारे सामने शुरू हो ही गया था। पहले डॉक्टर दोस्त की बीवी ने ही पहल की। उसने अपने टॉप और बाकी कपड़ों को उतार दिया। अब वह सिर्फ पेंटी और ब्रा में ही थी। ऐसा करने के बाद उसने मेरी पत्नी के कपड़े उतरवाने में भी मदद की और खुद उसके पास जाकर अपने हाथ से मेरी बीवी के कपड़े उतारने लगी। मेरी वाइफ एकदम भरी-पूरी माल है। बूब्स और कूल्हे बहुत मस्त और बड़े हैं। ब्रा और पेंटी उन्हें पूरी तरह नहीं छुपा सकते हैं। जब मेरी बीवी ने कपड़े निकाले तो वहां पर भी यही हुआ। मेरी बीवी के बूब्स आधे से ज्यादा दिख रहे थे और उसकी चड्डी भी गांड को छुपा नहीं पा रही थी। डॉक्टर की बीवी का फिगर भी मस्त था। वह हम से उम्र में कम भी थी। उसके बूब्स औसत थे लेकिन गांड उसकी भी सही थी। कपड़ों के अंदर से उसके जिस्म का सही अंदाजा नहीं लग पाया था पहले। मगर जब उसने कपड़े उतारे तो पता चला कि माल बुरा नहीं था। अब जब किसी गैर की बीवी सामने कपड़े उतार रही हो तो नजर कब तक न जाती भला। जाहिर था कि हम दोनों ही एक दूसरे की बीवी को ही निहार रहे थे और फिर जब वह मोनोकिनी (वन पीस बिकिनी जिसमें थोड़ा बदन ढ़क जाता है) पहनने का सोच रही थी तो हम दोनों ने ही मना कर दिया और कहा कि तुम इन पेंटी और ब्रा में ही बहुत मस्त लग रही हो।
वह दोनों इस बात पर बहुत हंसी और बोलीं- कितने बदमाश हो तुम दोनों।
इतना कहकर वो दोनों ही मोनोकिनी पहनने का उपक्रम करने लगीं। लेकिन मेरे दोस्त ने मेरी वाइफ के हाथ से मोनोकिनी लगभग छीन ली और अपनी बीवी को भी मोनोकिनी पहनने से मना कर दिया। गोवा के माहौल और वहां आस-पास मौजूद सेक्सी कपल्स की वजह से हमारी वाली दोनों बीवियां भी थोड़ी बिंदास हो गई थीं और ऐसा लग रहा था कि खुले जिस्म पर गोवा की ठंडी हवा का उन पर असर होने लगा था जिससे अब वह थोड़ी खुल रही थी और बेबाक भी हो चली थीं। उन दोनों ने भी मोनोकिनी पहनने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई और फिर सब सामान को समेट कर एक तरफ रख दिया। हम दोनों ही उनकी तरफ बढ़े और अपनी-अपनी बीवियों को आलिंगन में लेकर उनके ऊपर चुम्बनों की बारिश सी करने लगे। ऐसे खुले माहौल में औरत के कोमल बदन से लिपटने में अलग ही मजा आ रहा था। वह दोस्त अपनी पत्नी को आलिंगन में लिए हुए भी मेरी ही पत्नी को निहार रहा था और तुरंत ही उसने मेरी तरफ देखते हुए
बोला- तुम लोग बहुत अच्छे मिल गए, गोवा आने का पैसा वसूल हो गया। अगर तुम दोनों नहीं आते तो यहां पर ऐसा मजा शायद ही मिल पाता।
उसकी नजरों में मुझे हवस टपकती हुई साफ दिखाई दे रही थी। अपनी पत्नी से अलग होकर वह हम दोनों के पास आया और बिना कोई देर लगाए मेरी पत्नी को गहरे आलिंगन में ले लिया और उसके गालों पर किस कर दिया। दोस्तो, जैसे ही उसने मेरी पत्नी के अर्धनग्न जिस्म को आगोश में लिया तो मेरी उत्तेजना चरम पर पहुंच गई। मैंने भी बिना समय गंवाए उस सेक्सी डॉक्टरनी बीवी को बांहों में भर लिया। वह थोड़ा घबरा सी गई। पहले जब मैं उसको चूमने की कोशिश कर रहा था तो वह थोड़ी असहज महसूस कर रही थी। मगर फिर मैंने अपनी बीवी की तरफ इशारा किया। उसको दिखाया कि उसका मर्द मेरी बीवी के साथे कैसे मजे ले रहा है। वो फिर भी थोड़ी हिचकती रही। लेकिन जब उसने अपने पति को मेरी बीवी के जिस्म के साथ मस्ती करते हुए लिपटते देखा तो उसने भी धीरे-धीरे अपने जिस्म को मेरी बांहों में समा जाने दिया। हम दोनों मर्द जिस वक्त का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहे थे वह यूं अचानक आ जाएगा हमें इसका अंदाजा न था।
हम दोनों ही मर्द उत्तेजित अवस्था में केवल निक्कर में थे और हम दोनों की ही पत्नियां सिर्फ पेंटी और ब्रा में ही हमारे साथ थीं और हम उनके जिस्म से लिपट रहे थे। बहुत मजा आ रहा था। मेरी इस बात को वही समझ सकता है जिसने किसी गैर की बीवी के जिस्म को भोगा हो। भारत में इस तरह की सोच बहुत उत्तेजक लगती है। लेकिन दोस्तो, गोवा का माहौल ही ऐसा है कि वहां ये सब कुछ हो जाता है। यही हम चारों के साथ हुआ क्योंकि जहां हम पहले चट्टानों के पीछे छुपने का सोच रहे थे वहां अब हालत यह थी कि हम नाम मात्र के कपड़ों में ही चूमा-चाटी कर रहे थे। इससे भी आगे बढ़ कर हम अब हालत ऐसी होती जा रही थी कि पहले जहां बाकी कपल्स की नजरों से काफी दूर होकर भी हमारी बीवियों को कपड़े उतारने में संकोच हो रहा था, अब वही बीवियां हम दोनों मर्दों के आधे नंगे जिस्मों से नागिन की तरह लिपटने लगी थीं। माहौल की गर्मी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चट्टानों के पीछे से चल कर अब हम चारों के चारों ही बाहर खुले में आ गए थे। वहां बहुत तेज हवा चल रही थी। तेज बहती हवा में दोनों ही सेक्सी औरतों के बाल उड़ रहे थे। दोनों बहुत मस्त लग रही थी। जब हम खुले में आए तो वहां हमारे जैसे दो-तीन और कपल भी थे जो हमें बाहर आने के बाद दिखाई दिये। यहां यह बताना जरूरी होगा कि हमारे साथ हमारी बीवियां निहायत उत्तेजक लग रही थीं। इसलिए जो दूसरे मर्द हमारे आस-पास मौजूद थे, अपने पार्टनर के साथ वो भी हमारी बीवियों के जिस्म को निहारने से कोई परहेज नहीं कर रहे थे। काफी देर तक चूमा-चाटी करने के बाद मेरा लंड तो तन कर ठोस हो चुका था। मन कर रहा था कि इसको भी पूरी आजादी दे दूं लेकिन भारतीय होने के नाते थोड़ा लिहाज करना भी जरूरी था। उसके बाद हम चारों नहाने के लिए समुद्र की ओर चल पड़े।
समुद्र की अठखेलियां करती हुई लहरें हमारी तरफ जब पहुंच रही थी तो दिल में अलग ही तरंगें सी पैदा हो रही थीं और वह नजारा बेहद रोमांचकारी लग रहा था। अगले कुछ ही मिनट के अंदर हम लोग समुद्र की उफान भरती हुई झाग वाली लहरों के बीच में थे। पानी में पहुंचने के बाद जो हुआ उसने लंड में जैसे आग ही लगा दी। अगर आप नहीं सोच पा रहे हैं तो बता ही देता हूं कि जो ब्रा और पैंटी हमारी बीवियों ने पहनी हुई थी वो पानी में भीगने के कारण उनके चूचों और चूतड़ों से एकदम जैसे चिपक ही गई थी। अब अंदाजा लगा सकते हैं कि ब्रा और पैंटी जो पहले से औरत के जिस्म में गड़ी हुई हो तो वह भीगने के बाद किस तरह से उसके चूचों और गांड को सबके सामने उभार दे रही होगी। चूचों के निप्पल तक उठे हुए साफ दिखने लगे थे। पैंटी भी गांड में जैसे अंदर ही घुसने को हो गई थी। आह्ह ... वो नजारा तो सच में बहुत ही उत्तेजक था जिसमें समुद्र के पानी ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई। अब तक तो हम एक-दूसरे की बीवियों को वैसे ही देख कर इतनी उत्तेजना महसूस कर रहे थे लेकिन जब उनकी ब्रा और पैंटी भीग गई तो आप हमारी हालत के बारे में सोच सकते हैं। मेरी पत्नी का ऊपर वाला हिस्सा तो जैसे नग्न ही होने वाला था क्योंकि उसके चूचे भी इतने भारी थे कि गीली ब्रा तो उनको किसी हाल में संभाल नहीं पा रही थी। मेरी बीवी की गीली ब्रा बार-बार उसके बूब्स पर से फिसल कर नीचे जा रही थी और कई बार उसके बूब्स अपने जोड़े को छोड़कर बाहर झांक चुके थे। जिनको वो बार-बार ढकने का व्यर्थ प्रयास करती दिखाई दे रही थी। इधर मेरा डॉक्टर दोस्त इस नजारे का भरपूर मजा ले रहा था। वो मेरी बीवी के नजदीक ही था। अब मेरी बीवी थोड़ी सी परेशान होकर
कहने लगी- यह तुम दोनों का ही प्लान था न हम दोनों को इस तरह सबके सामने नंगी करने का? यह तुम्हारी अच्छी बात नहीं है।
मैंने भी कह दिया- जब तुम्हारे बूब्स ही बाहर आने को बेताब हो रहे हैं तो तुम क्यूं उनको बेवजह कैद करके रखना चाह रही हो?
मेरी इस बात पर मेरी पत्नी खीझते हुए हंसने लगी।
मैंने कहा- सही तो कह रहा हूं। इसमें इतना छुपाने की क्या बात है, सब तो मजे ले रहे हैं, तुम भी ले लो।
मेरे मन में पता नहीं क्या आया कि मैंने मजाक और वासना के वशीभूत होकर अपनी बीवी की ब्रा को निकाल दिया। उसके मोटे चूचे उसके गीले बदन पर झूलने लगे। ऊपर से ब्रा अलग होने के बाद वो केवल पैंटी में ही पानी के अंदर खड़ी थी। पैंटी भी ऐसी कि उसको नाममात्र ही कहा जाये तो सही रहेगा। माहौल में गर्मी और बढ़ गई थी मेरी इस हरकत के बाद। मेरी बीवी के नंगे चूचों को देख कर अब मेरे डॉक्टर दोस्त को भी यही शरारत सूझी और उसने भी अपनी बीवी की ब्रा को निकलवा दिया। दोस्त की बीवी के बूब्स की असली खूबसूरती तो अब मुझे दिखाई दी। जहां मेरी पत्नी के बूब्स बड़े भारी और थोड़े लटके हुए थे वहीं दोस्त की बीवी के चूचे मीडीयम साइज के थे लेकिन उभरे हुए थे। उसके निप्पल का घेरा गहरे काले रंग का और बड़ा था। मेरी वाइफ दूध जैसी गोरी है इसलिए निप्पल भी एकदम गुलाबी और छोटे-छोटे हैं मेरी बीवी के। अब हम चारों लोग समुद्र की उफनती हुई लहरों में मस्ती करने लगे, उछलने लगे, एक दूसरे पर पानी फेंकने लगे और एक दूसरे की बीवियों के साथ ज्यादा खुल गए। मैं बार-बार देख रहा था कि वह दोस्त मेरी बीवी के नंगे जिस्म को पकड़ रहा था। समुद्र की लहरों से मेरी वाइफ की अंडरवियर भी बार-बार सरक रही थी। वो उसके कूल्हों से सरक कर उसकी गोरी सी गांड के दर्शन करवा देती थी और मेरी पत्नी अपनी गांड को फिर से ढकने की कोशिश करती और इसका मजा वह दोनों पति-पत्नी भी ले रहे थे। तभी मुझे शरारत सूझी और
मैंने कहा- आज हम चारों के पास एक मौका है। हम खुले आसमान में पूरी तरह नग्न हो सकते हैं, ऐसा मौका फिर जिंदगी में दोबारा नहीं मिलेगा।
मेरे इस प्रस्ताव को दोनों औरतों ने सिरे से नकार दिया। मगर मेरे दोस्त को सुनकर मजा आ गया और उसने कहा भी वही।
वो बोला- अब हम लोगों के जिस्म पर ज्यादा कपड़े हैं भी तो नहीं, वैसे भी अब हम लगभग नंगे ही हैं। तो फिर एक कपड़ा और उतारने में क्या ऐतराज है?
लेकिन पत्नियों ने दोनों ही मर्दों में से किसी की नहीं सुनी और बोली- हम अभी तक इतना को-ऑपरेट कर रही हैं वही काफी है। ज्यादा हवा में उड़ना भी ठीक बात नहीं है। पूरे नंगे होने का आइडिया बिल्कुल अच्छा नहीं है।
इधर मेरा दोस्त बहुत ही ज्यादा उत्तेजक हो चला था और
बोला- नहीं भाभी, मुझे तो आपको आज पूरी तरह नंगी देखना ही है।
मगर मेरी बीवी ने उसकी इच्छा को नकारते हुए साफ मना कर दिया। हम दोनों ने काफी मनाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मान रही थी। उसके बाद मैंने एक और सुझाव दिया।
मैंने कहा- ठीक है, ऐसा करते हैं कि हम थोड़े से और गहरे पानी में चलते हैं। वहां पर अगर नीचे से नंगे हो भी गये तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। अगर कमर तक पानी रहेगा तो वहां जाकर हम आरामसे अपना अंडरवियर उतार सकते हैं। मैंने कहा कि एक बार बस अंडरवियर उतार कर उसको ऊपर हाथ में लेकर हवा में लहरा देंगे। इतना सा ही काम तो करना है। दोनों की बीवियों ने एक दूसरे को देखा और बेमन से राजी हो गईं। उसके बाद हम चारों गहरे समुद्र में जाने लगे। वहां जाकर भी दोनों औरतें संकोच कर रही थीं। इसलिए मैंने उनके काम को आसान करने के मकसद से अपनी बीवी का अंडरवियर खुद ही उतार दिया। अपनी बीवी की चड्डी उतार कर मैंने अपने दोस्त के हाथ में दे दी। मेरी इस हरकत पर मेरी पत्नी मुझे गुस्से से मारने के लिए पानी में ही मेरी तरफ दौड़ी। मगर मेरे दोस्त की उत्तेजना इतना बढ़ गई कि उसने मेरी बीवी को बीच में ही अपनी गोद में उठा कर पानी से ऊपर कर दिया। मेरी नंगी बीवी मेरे दोस्त की बांहों में लटकी हुई थी। इधर मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए उसकी बीवी को अपनी गोद में उठा लिया और उसको आलिंगन करने लगा। अब माहौल इतना गर्म हो गया कि नहाने की बजाय चूमा-चाटी होने लगी वहीं पर। चूंकि मेरी बीवी नंगी थी इसलिए मैंने दोस्त की बीवी को भी नंगी करने के लिए उसकी पेंटी में हाथ देकर उसको खींचना शुरू किया लेकिन वो मुझसे मिन्नतें करते हुए मना करने लगी। मगर फिर भी मैंने उसकी बीवी की पैंटी में हाथ डाल ही दिया। इधर मेरा दोस्त मेरी पत्नी के साथ भरपूर मस्ती करने में लगा था। बहुत खुल कर मजे ले रहा था और मेरी बीवी की तो जैसे ही वासना की चिंगारी सुलगती है वह निहायत ही बेशर्म बन जाती है। मेरी बीवी की उत्तेजना उसको बेशर्म बना देती है। ऐसा ही कुछ वह यहां कर रही थी। वह जिद पर अड़ गई कि जब वह खुद नंगी है तो उसे (मेरे दोस्त को) भी नंगा करेगी। मगर उस बेवकूफ औरत को यह पता नहीं था कि ऐसे उत्तेजना भरे माहौल में तो मर्द खुद ही नंगा होने के लिए बेचैन हो उठता है। मेरे दोस्त का हाल भी वैसा ही था। मेरी बीवी की पहल पर उसने आसानी से अपनी निक्कर उतार दी। मेरी पत्नी मेरे दोस्त का तना हुआ लंड अपने हाथ में लेकर उसकी बीवी को दिखाने लगी।
दोस्त की बीवी बोली- बहुत अच्छा किया।
इस बात पर मैं भी मुस्करा दिया।