07-12-2019, 11:27 AM
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अनजान लड़की की चुदाई खुले में
दोस्तो, अब मैं अपने एक मेल मित्र की कहानी को शेयर कर रहा हूँ.. जो कि दिल्ली में रहता है। उसने यह कहानी मुझे बताई और अब मैं उसकी कहानी को अपने शब्दों में पिरो रहा हूँ। आपसे गुजारिश है कि आप यही मानना कि इस कहानी को मेरा दोस्त ही आपसे शेयर कर रहा है।
तो अब मेरे दोस्त की कहानी.. उसकी ही जुबानी।
हैलो दोस्तो, मैं अमित कुमार दिल्ली का रहना वाला हूँ और मैं 6 फ़ीट और 4 इंच लम्बा हूँ, मेरा बदन काफी बलिष्ठ है और मेरा लौड़ा 8 इंच से अधिक का ही होगा। एक बार जो लड़की मेरे घोड़े की सवारी कर ले तो उसे फिर किसी और लौड़े का मजा नहीं आएगा। लेकिन मैं आप लोगों को अपनी चुदाई का किस्सा नहीं बता रहा हूँ.. दिल्ली में लगभग हर दिन की होने वाली घटनाओं को बता रहा हूँ कि कैसे लड़का और लड़की खुले में भी चुदाई करने से नहीं डरते।
एक रात करीब नौ बजे दिल्ली -- नोएडा हाईवे से अपनी बुलेट से लौट रहा था कि मैंने सड़क के एक किनारे एक कार को हिलते हुए देखा.. तो मैं अपनी बुलेट को एक किनारे पार्क करके उस कार के करीब आया। मैंने देखा कि कार का शीशा खुला हुआ है और एक लड़की लड़के के लण्ड पर बैठ कर उछल-कूद कर रही है.. जिससे उसकी चूचियाँ भी रह-रह कर उछल रही थीं। वो लड़की पसीने से भीगी हुई थी।
मैं बड़े मजे से उनकी इस काम-क्रीड़ा को देख रहा था कि अचानक लड़की की नजर मुझ पर पड़ी और वो मुझे देखकर चीख पड़ी और अपने हाथों से अपनी चूचियों को छुपाने का प्रयास करने लगी। मैंने गाड़ी के अन्दर हाथ डाल कर उसके हाथों को हटाते हुए उससे कहा- अभी तक तुम गाड़ी का शीशा खुला छोड़ कर चुदाई का मजा ले रही हो और अब अपनी चूची को छुपा रही हो.. इसको खुला रहने दो। तभी लड़का चिल्लाते हुए बोला- हट भोसड़ी के..
यह कहकर उसने गाड़ी का दरवाजा झटके से खोला और मेरी तरफ बढ़ने लगा।
जल्दी में उसने केवल नेकर ही पहना था, लेकिन जैसे ही मेरे पास आया और मुझे इतना लम्बा और अपने से ज्यादा तगड़ा देखा.. तो थोड़ा सा डाउन हो गया और मुझे वहाँ से चले जाने के लिए बोला।
तब मैंने उस लड़के से बोला- खुले में इस मासूम कली की चुदाई कर रहे हो अगर कोई चार-पाँच लोग आ गए तो इसकी तो खूब चोदेंगे और तुम्हारी गाण्ड का मजा भी इस लड़की के सामने ले लेंगे।
लड़का- मुझे और रेशमा को एडवेंचर का शौक है.. इसलिए हम खुले में चुदाई कर रहे हैं।
मैं- तो एक काम करो.. तुम और ये लड़की दोनों मेरे घर चलो.. जो पास में ही है.. वहाँ पर खूब खुली जगह है.. लड़की को तुम चोदना और तुम दोनों की चुदाई का खेल देखकर मैं भी मजा लूंगा।
दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा और आपस में हामी भरी।
लड़का- चलिए चलते हैं।
मैं- लेकिन तुम ड्राईव नंगे बैठ कर करोगे और तुम्हारे बगल में लड़की भी नंगी ही बैठेगी।
मैंने उन दोनों को घर का रास्ता बताया। दोनों आगे-आगे और मैं अपनी बुलेट से उसके पीछे-पीछे चल दिया। घर पहुँचने के बाद गेट से ही दोनों को अन्दर चलने के लिए कहा।
रेशमा- राहुल.. यार मैं नंगी यहाँ से अन्दर नहीं जाऊँगी।
राहुल- चलो यार।
जब रेशमा ने उस लड़के को राहुल करके पुकारा.. तब मुझे उस लड़के का नाम पता चला।
रेशमा- नहीं राहुल.. मैं नंगी नहीं जाऊँगी।
राहुल- अच्छा चल मैं तुझे गोदी में उठा लेता हूँ।
मैं- क्या बहन की लौड़ी.. जब खुले में चुदवा सकती है.. तो यहाँ से अन्दर नहीं जा सकती.. चल जल्दी से अन्दर चल.. नहीं तो यकीनन कोई न कोई आ जाएगा।
रेशमा ने मेरे तेवर देखे.. तो बिना कुछ कहे गाड़ी से नीचे उतरी। उसे देखते ही मैं दंग रह गया.. क्या पीस थी.. लगता है कि बनाने वाले ने बड़ी फुर्सत से उसे बनाया था। पाँच फिट चार इंच के आस-पास लम्बी थी.. लम्बे बाल.. उसके चूतड़ क्या उठे हुए थे.. हय.. उसकी चूचियां.. क्या कहूँ.. बिल्कूल खरबूजे जैसी गोल-गोल.. उसका फिगर 34-32-34 का होगा। उसके जिस्म का रंग बिल्कुल साफ और जिस्म तो इतना चिकना कि सनी लियोनी भी उसे देख ले तो फेल हो जाए। जब वो गाड़ी से उतर कर चलने लगी.. तो उसके लम्बे बाल और चूतड़ क्या बल खा रहे थे। उसी समय मेरे दिमाग में एक खुरापात सूझी। मैं पेशाब करने के बहाने रेशमा को अपने लण्ड का दर्शन कराना चाहता था।
तभी राहुल बोल पड़ा- दोस्त.. मुझे पेशाब लगी है, जल्दी अन्दर चलो नहीं तो छूट जाएगी।
मैं- मेरा नाम अमित है और रही पेशाब लगने की बात.. तो वो मुझे भी लगी है.. चलो पहले यहीं मूत लिया जाए।
ये कहकर मैंने अपने जिप खोली और अपना आठ इंची लण्ड को बाहर निकाला और वहीं मूतना शुरू कर दिया। राहुल ने भी वहीं मूतना शुरू कर दिया।
मैं रेशमा की तरफ घूमते हुए बोला- अगर तुम्हें भी मूतना है.. तो तुम भी मूत लो।
रेशमा ने मेरे लण्ड की तरफ देखा और अपनी नजरें झुका लीं और वहीं पर वो भी मूतने बैठ गई। 'शर्रर्रर्र र्रर्रर्रर्रर्र..' की आवाज आने लगी।
मैं और राहुल दोनों ही रेशमा को मूतते हुए देख रहे थे। तभी राहुल की नजर मेरे लौड़े पर पड़ी- यार तेरा लौड़ा है कि मूसल.. कितना लम्बा होगा?
मैं- आठ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा।
राहुल- इसका मतलब कि जिस लड़की को चोदता होगा.. तो उसकी क्या हालत होती होगी। तब तक रेशमा भी मूत कर उठ चुकी थी।
फिर हम तीनों मेरे घर के अन्दर चल दिए। मैं रेशमा के पीछे-पीछे था उसकी मटकती हुई गाण्ड मुझे बड़ा मजा दे रही थी और मैंने धीरे से उसकी गाण्ड में ऊँगली कर दी.. रेशमा थोड़ी उचकी.. उसने पीछे मुड़कर मुझे देखा और मुस्कुराते हुए आगे चल दी। हम तीनों लोग जैसे ही मेरे घर के खुले मैदान में पहुँचे.. वैसे ही बारिश होने लगी। मैं बरामदे में बैठ गया जबकि राहुल और रेशमा दोनों ही बाग में बारिश का मजा लेने लगे थे.. उनका जिस्म भीग रहा था।
राहुल रेशमा के पीछे आकर उसकी चूचियों को दबा रहा था और रेशमा अपने दोनों हाथों से उसके लण्ड को मसल रही थी। थोड़ी देर तक तो दोनों एक-दूसरे की चूची और लण्ड मसल रहे थे। फिर रेशमा अन्दर आकर मेरे बगल में बैठ गई और राहुल गेट की तरफ चल दिया।
मैं रेशमा से बोला- यह राहुल कहाँ चला गया?
रेशमा- बीयर लेने.. गाड़ी में रखी है।
मैं- यार तुम तो बहुत चिकनी हो.. अपनी चूत को भी बहुत चिकना रखा है। राहुल की तो मौज ही मौज है।
रेशमा- तुम अपने भारी भरकम जिस्म का धौंस जमा रहे हो।
मैं- नहीं तो?
रेशमा- यार मैं बिल्कुल नंगी बैठी हुई हूँ.. जबकि तुम पूरे के पूरे कपड़े पहने हुए हो।
मैं- तुम मेरे कपड़े उतार तो सकती हो मेरी जान.. पर तुम्हारी चूत का मजा तो राहुल का लण्ड ही लेगा.. मेरे शेर का क्या होगा?
रेशमा मुस्कुराते हुए उठी और मेरी तरफ आई और मेरे होंठों पर अपनी उँगली फिराते हुए मेरे एक-एक कपड़े उतारने लगी। उसकी आँखों में चुदास की खुमारी थी और उसकी चूचियों के चूचुक काफी तने हुए थे। मेरे ऊपरी आवरण को हटाने के बाद उसने मेरी छाती की घुंडियों को अपने नाखूनों से कुरेदना शुरू कर दिया। मुझे यह भी बहुत पसंद है.. मैंने भी उसकी गाण्ड में उँगली करते हुए उसके होंठों को चूमा तो उसने मेरे कान में बोला- आज तक मैंने राहुल को अपनी गाण्ड मारने नहीं दी.. पर जब से तुम्हारा लण्ड देखा है.. मैं तो बस इसकी दीवानी हो गई हूँ। अब मैं इसको अपनी चूत और गाण्ड दोनों में लूँगी।
तभी राहुलको आता देखकर कर वो एकदम से हटी और अपनी जगह पर बैठ गई। राहुल बियर के साथ-साथ सिग्नेचर की एक बोतल भी ले आया। उसका लण्ड भी एकदम से तना हुआ था, करीब 6 या साढ़े 6 इंच के आस-पास का होगा। नजदीक आकर वो बैठ गया और मुझसे बोला- बॉस, गिलास का इंतजाम तो कर दो..
मैंने कहा- यार गिलास क्या.. इसके साथ गोश्त भी है..
राहुल हँसते हुए बोला- यार.. गर्म गोश्त तो मेरे पास भी है..
यह कहकर उसने रेशमा को अपनी ओर खींचा और उसकी गाण्ड में एक चपत लगा दी।
'अगर तुम्हें ऐतराज न हो तो रेशमा, क्या तुम मेरी रसोई से गिलास और बना हुआ मटन भी रखा है.. क्या तुम ला दोगी?'
'बिल्कुल..' कहकर रेशमा उठी और अपनी गाण्ड मटकाते हुए रसोई में चल दी। थोड़ी देर बाद उसने राहुल को आवाज दी, राहुल अन्दर चला गया। कुछ देर बाद रेशमा गिलास लेकर लौटी। उसनी हल्की सी मुस्कान बिखेरी और वो झुक कर गिलास रखने लगी। उसकी लटकी हुई चूची को मैंने हल्का सा दबा दिया।
तभी वो बोली- राहुल को दारू पिला कर तुम टुन्न कर दो.. और मैं उसके लौड़े का पानी निकाल देती हूँ। इसके बाद वो पूरी रात सोएगा और तुम मेरे साथ चुदाई का मजा लेना।
पीछे-पीछे राहुल मटन भी ले आया, राहुल का अभी भी लौड़ा टनटनाया हुआ था।
राहुल के बैठते ही रेशमा बोली- क्या राहुल.. हम लोग पूरी तरह से अमित के सामने नंगे बैठे हैं और अमित केवल आधे नंगे बैठे हैं।
'हाँ यार अमित..' राहुल बोला- इट इज नाट फेयर.. तुम्हें भी पूरे कपड़े उतारने होंगे।
'श्योर.. लेकिन क्या तुम्हारी दोस्त मेरे कपड़े उतारने में मेरी मदद नहीं करेगी?' राहुल ने रेशमा को अपनी तरफ खींचा.. उसकी चूची को अपने मुँह में लेकर उसकी गाण्ड को सहलाते हुए बोला- मेरी जान.. जिस तरह तुम मेरे कपड़े उतरवाने में मदद करती हो.. उसके कपड़े उतरवाने में भी उसकी मदद कर दो।
'अगर तुम्हें ऐतराज नहीं है.. तो मैं मदद तो कर दूँगी।'
ये कहकर रेशमा बड़ी अदा से मेरे पास आई और होंठों को गोल करके नीचे घुटनों के बल बैठ गई और मेरी पैन्ट की हुक और चैन को खोलने लगी। उसने एक झटके से मेरी पैन्ट को नीचे उतार दिया। उसके बाद उसने मेरी चड्डी की इलास्टिक में अपनी उँगली को फंसा कर धीरे से मेरी चड्डी को नीचे करने लगी। मेरा लण्ड टाईट होने की वजह से चड्डी उतर नहीं रही थी.. तो रेशमा ने थोड़े झटके से मेरी चड्डी खींची.. जिसकी वजह से मेरा लण्ड फुंफकार कर उसके होंठों से जा टकराया। राहुल की नजर बचाकर.. रेशमा ने मेरे लण्ड को चूम लिया।