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Misc. Erotica सेक्स, उत्तेजना और कामुकता -
#64
अनु की इन सब बातों से मैं बहुत उत्तेजित हो गया और उसके पीछे अपना खड़ा लंड ले कर बैठ गया। अनु ने अपना चेहरा तकिये में छिपा लिया और अपने हाथों से अपने चूत्तड़ पकड़ कर मेरे सामने अपनी गाँड का छेद पूरी तरह से खोल दिया। मैंने उसकी गाँड के छेद पर अपने मुँह से थोड़ा थूक लगाया और अपने लंड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर रगड़ने लगा। अनु मेरी तरफ अपना चेहरा घुमा कर बोली, "देखो, अपनी शादी के बाद से आज मैं इतने सालों में पहली बार अपनी गाँड को लंड खिला रही हूँ। मेरी गाँड काफी टाईट है... इसलिये पहले बहुत धीरे-धीरे मेरी गाँड मारना... नहीं तो मेरी गाँड फट जायेगी और मुझको बहुत दर्द होगा।" करीब पाँच मिनट तक रगड़ने के बाद मैंने अपना लंड अनु की गाँड के छेद में घुसेड़ना चाहा, लेकिन उसकी गाँड काफी टाईट थी और मुझको अपना लंड घुसेड़ने में काफी तकलीफ महसूस होने लगी। फिर मैंने अपने दाहिने हाथ से अपना लंड उसकी गाँड के छेद पर लगा कर अपने बाँये हाथ से उसके एक निप्पल को जोर से मसल दिया। निप्पल मसले जाने से अनु जोर से चींखी "ऊऊई" और उसने अपनी गाँड को ढील छोड़ दिया और मैंने अपने लंड क सुपाड़ा एक जोरदार धक्के से उसकी गाँड के छेद के अंदर घुसेड़ दिया। अनु ने अपनी गाँड को फिर से टाईट करना चाही, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अनु बोली, "नो... नहींईंईं... प्लीज़।"

चूँकि अनु की गाँड और मेरा लंड थूक से बहुत चीकना हो गया था, मेरा सुपाड़ा उसकी गाँड में धँस चुका था और मैंने उसकी दोनों चूंची कस कर पकड़ कर एक धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा लंड उसकी कसी हुई गाँड के अंदर उतार दिया। मेरा पूरा का पूरा लंड अनु की गाँड में एक झटके के साथ घुस गया। अनु जोर से चींखी, "ऊऊऊईईईईईई ओ ओ ऊईईईईईई ओह ओह ऊई अहहह! मैं मर गयी। ऊईई मेरी गाँड फट गयी ऊऊऊऊ हाय अहहह ओई मेरी गाँड फट गयी। प्लीज़ बाहर निकाल लो।" अनु इतनी जोर से चींखी थी कि मुझको डर लगने लगा कि कोई सुन ना ले। मैंने उसके मुँह पर हाथ रखना चाहा, लेकिन अनु ने अपना मुँह तकिये में घुसा दिया। वो अब भी मारे दर्द से सुबक रही थी और बोल रही थी, "मेरी गाँड फाड़ दी, ऊईई मेरी गाँड फट गयी, बाहर निकालो नहीं तो मैं मर जाऊँगी।" मैं उसकी चूचीयों को फिर से अपने हाथों से पकड़ कर मसलने लगा। अनु फिर मुझसे बोली, "प्लीज़ बाहर निकालो वरना मैं मर जाऊँगी।"


मैंने उसकी चूचीयों को थोड़ा जोर दे कर दबाया और उससे कहा, "मैं तुम्हें मरने नहीं दुँगा, बस थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा।" अनु अपना बाँया हाथ अपनी गाँड पर लायी और मेरे लौड़े को छू कर बोली, "उफफ ये बेहद मोटा है, इसने मेरी गाँड फाड़ दी... हाय।" मैंने उसकी चूचीयों को और थोड़ा जोर देकर मसला और पूछा, "क्या बहुत मोटा है?"


अनु बोली, "यह जैसे तुमने मेरे अंदर मूसल डाल दिया है।"

मैंने फिर से पूछा, "यह क्या है, इस को क्या कहते हैं?"

अनु मेरे आँडों को छूते हुए बोली, "मुझे नहीं पता, तुम्हें पता होगा।"

मैंने अपना लंड उसकी गाँड में और अंदर तक धँसाते हुए कहा, "तुम्हें पता है... थोड़ी देर पहले तो खुल कर इसका नाम ले रही थी और अब क्यों नखरा कर रही है?"

"ओह नहीं बिल्कुल मत हिलो, नहीं... मुझे दर्द हो रहा है... बस आराम से अंदर डाल कर पड़े रहो।"

मैंने फिर से अनु से कहा, "पहले इसका नाम ले कर बोलो जैसे चूत चुदाई के वक्त बोल रही थी!"

अनु मेरे आँडों को अपने हाथों से दबाती हुई बोली, "तुम बहुत बेहया हो, मुझसे गंदी बातें करवाना चाहते हो।"

मैंने कहा, "हाँ मैं तुमसे गंदी बातें करना चाहता हूँ, तुम ही तो कह रही थीं कि तुम्हें गंदी बातें करना और सुनना अच्छा लगता है... तो फिर बेशर्म हो जाओ और खुल कर गंदी बातें करो।"

अनु ने अपना चेहरा मेरी तरफ घुमाया और अपने दाँये हाथ से मेरे सिर को पकड़ कर अपने चेहरे के पास ले आयी। उसने मेरे कान पर चुम्मा दिया और मेरे कान मैं फुसफुसा कर बोली, "साले तेरा इतना मोटा लंड अपनी गाँड में ले कर बेहया बनी हुई तो हूँ, और क्या चाहता है तू।" वो फिर से मेरे लंड को छू कर बोली, "तेरा लंड बेहद मोटा ओर लंबा है, मुकुल का इतना बड़ा नहीं है।"
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RE: सेक्स, उत्तेजना और कामुकता - - by usaiha2 - 07-12-2019, 10:54 AM



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