07-12-2019, 10:52 AM
करीब दस मिनट के बाद अनु फिर से मुझको अपने हाथों से बाँध कर मुझको चूमने लगी और थोड़ी-थोड़ी देर के बाद मेरे कान पर अपने दाँत से हल्के-हल्के काटने लगी। फिर वोह मुझसे बोली, "हाय मेरे चोदू सनम, आज तक किसी ने चुदाई में मुझे इस तरह खुश नहीं किया है। मुझे तुम्हारा चुदाई का औजार और तुम्हारा चुदाई का तरीका बेहद पसंद आया और सबसे अच्छी बात चुदाई के दौरान गंदी-गंदी बात करना अच्छा लगा। चूत मरवाते वक्त मुझे गंदी-गंदी बात सुनने और गंदी-गंदी बात करने में बहुत मज़ा आता है... लेकिन मेरा पति मुकुल कभी भी मुझे चोदते समय गंदी-गंदी बात नहीं करता है। वो तो बस सोने के पहले लाईट ऑफ करके मेरी नाईटी उठा कर मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल कर दस-पंद्रह धक्के मारता है और झड़ जाता है। मैं तब तक गरम भी नहीं होती हूँ। फिर रात भर वो मेरी तरफ अपनी गाँड करके सोता रहता है और मैं अपनी अँगुली से अपनी चूत का पानी निकालती हूँ।"
मैंने तब अनु की चूची को मसलते हुए कहा, "तुम भी तो चुदाई के दौरान खूब गंदी-गंदी बात करती हो और यह मुझे बहुत पसंद आया... अपने हसबैंड के अलावा और कितने लंड लिये हैं तुमने अपनी चूत में... काफी खेली-खायी लगती हो तुम।" "मुझे मौका ही कहाँ मिलता है.... शादी से पहले तो मैं कॉलेज में खूब चुदवाती थी पर शादी के बाद से कभी किसी और से चुदवाने का मौका नहीं मिलता है... पर आज जब बगैर खतरा उठाये चुदवाने का मौका मिला तो मैं छोड़ती कैसे।" यह कहकर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मैंने उसकी जीभ चूसते हुए उसके मुँह में अपना थूक डाल दिया। इसके साथ मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और वो अनु की चूत में उछलने लगा। फिर अनु ने अपनी सैक्सी आवाज में मुझसे पूछा, "क्या तुम मुझसे और गंदी बातें सुनना चाहोगे?" मैंने उसकी चूची को जोर से मसलते हुए कहा, "क्यों नहीं, जरूर। चलो शुरू हो जाओ गंदी-गंदी बात करना।"
तब अनु मेरे सीने में अपना मुँह छिपाती हुई बोली, "आज तुम मेरी गाँड मारो। मैं तुम्हारा लंबा और मोटा लंड अपनी गाँड को खिलाना चाहती हूँ। मुझे तुम्हारा लौड़ा अपनी गाँड के अंदर लेना है।"
मैं उसकी बात सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर उछलना शुरू हो गया। मैंने उसके होठों को चूमते हुए उससे कहा, "हाँ, मुझे भी औरतों की गाँड में लंड पेलने में मजा आता है। मुझे तुम्हारी मोटी-मोटी गाँड के अंदर लंड डाल कर चोदने में बहुत मज़ा आयेगा।"
फिर अनु बोली, "मैंने कईं दफा मुकुल से मेरी गाँड मारने के लिये कहा, मगर मुकुल मेरी गाँड नहीं मारना चाहता है। उसको बस मेरी चूत के अंदर लंड पेलने में ही मज़ा आता है।" वो आगे बोली, "मेरी बहुत सी सहेलियों को भी गाँड मरवाने का शौक है लेकिन उनके पति भी उनकी गाँड नहीं चोदते।" मैंने तब अपना लंड अनु की चूत से निकाला। मेरा लंड इस समय अनु की चूत के रस से सना हुआ था और इस लिये वो चमक रहा था। अनु ने मेरे लंड को देखते ही उसे अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। जब तक अनु मेरा लंड चूस रही थी मैं अपनी एक अँगुली से उसकी गाँड खोदता रहा।
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद अनु कुत्तिया की तरह पलंग पर अपने हाथों और घुटनों के बल झुक गयी और अपने हाथों से अपने चूत्तड़ों की फाँक को खींच कर अपनी गाँड मेरे सामने खोल दी। फिर वोह मुझसे अपने लंड को उसके मुँह के सामने लाने के लिये बोली। मैंने जैसे ही अपना लंड अनु के मुँह के सामने किया तो अनु ने उस पर अपने मुँह से ढेर सारा थूक निकाल कर मेरे लौड़े पर अच्छी तरह से लगाया। मेरा लंड तो पहले से ही उसकी चूत के पानी से लसलसा रहा था। तब अनु मुझसे बोली, "आओ मेरी चूत के सरताज़, अब तक तुमने मेरी चूत का लुत्फ़ लिया अब तुम मेरी गाँड मार कर मुझे गाँड से लंड खाने का मज़ा दो। आज मेरी बहुत दिनों की गाँड चुदवाने की तमन्ना पूरी होने जा रही है। अगर तुमने मेरी गाँड मार कर मुझे खुश कर दिया तो मैं अपनी और सहेलियों की चूत और गाँड तुमसे चुदवाऊँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ शादी के पहले से गाँड मरवा कर गाँडू बन गयी हैं। चलो अब तुम पहले मेरी गाँड चोदो, सहेलियों की बात बाद में होगी।"
मैंने तब अनु की चूची को मसलते हुए कहा, "तुम भी तो चुदाई के दौरान खूब गंदी-गंदी बात करती हो और यह मुझे बहुत पसंद आया... अपने हसबैंड के अलावा और कितने लंड लिये हैं तुमने अपनी चूत में... काफी खेली-खायी लगती हो तुम।" "मुझे मौका ही कहाँ मिलता है.... शादी से पहले तो मैं कॉलेज में खूब चुदवाती थी पर शादी के बाद से कभी किसी और से चुदवाने का मौका नहीं मिलता है... पर आज जब बगैर खतरा उठाये चुदवाने का मौका मिला तो मैं छोड़ती कैसे।" यह कहकर उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मैंने उसकी जीभ चूसते हुए उसके मुँह में अपना थूक डाल दिया। इसके साथ मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और वो अनु की चूत में उछलने लगा। फिर अनु ने अपनी सैक्सी आवाज में मुझसे पूछा, "क्या तुम मुझसे और गंदी बातें सुनना चाहोगे?" मैंने उसकी चूची को जोर से मसलते हुए कहा, "क्यों नहीं, जरूर। चलो शुरू हो जाओ गंदी-गंदी बात करना।"
तब अनु मेरे सीने में अपना मुँह छिपाती हुई बोली, "आज तुम मेरी गाँड मारो। मैं तुम्हारा लंबा और मोटा लंड अपनी गाँड को खिलाना चाहती हूँ। मुझे तुम्हारा लौड़ा अपनी गाँड के अंदर लेना है।"
मैं उसकी बात सुन कर बहुत उत्तेजित हो गया और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर उछलना शुरू हो गया। मैंने उसके होठों को चूमते हुए उससे कहा, "हाँ, मुझे भी औरतों की गाँड में लंड पेलने में मजा आता है। मुझे तुम्हारी मोटी-मोटी गाँड के अंदर लंड डाल कर चोदने में बहुत मज़ा आयेगा।"
फिर अनु बोली, "मैंने कईं दफा मुकुल से मेरी गाँड मारने के लिये कहा, मगर मुकुल मेरी गाँड नहीं मारना चाहता है। उसको बस मेरी चूत के अंदर लंड पेलने में ही मज़ा आता है।" वो आगे बोली, "मेरी बहुत सी सहेलियों को भी गाँड मरवाने का शौक है लेकिन उनके पति भी उनकी गाँड नहीं चोदते।" मैंने तब अपना लंड अनु की चूत से निकाला। मेरा लंड इस समय अनु की चूत के रस से सना हुआ था और इस लिये वो चमक रहा था। अनु ने मेरे लंड को देखते ही उसे अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। जब तक अनु मेरा लंड चूस रही थी मैं अपनी एक अँगुली से उसकी गाँड खोदता रहा।
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद अनु कुत्तिया की तरह पलंग पर अपने हाथों और घुटनों के बल झुक गयी और अपने हाथों से अपने चूत्तड़ों की फाँक को खींच कर अपनी गाँड मेरे सामने खोल दी। फिर वोह मुझसे अपने लंड को उसके मुँह के सामने लाने के लिये बोली। मैंने जैसे ही अपना लंड अनु के मुँह के सामने किया तो अनु ने उस पर अपने मुँह से ढेर सारा थूक निकाल कर मेरे लौड़े पर अच्छी तरह से लगाया। मेरा लंड तो पहले से ही उसकी चूत के पानी से लसलसा रहा था। तब अनु मुझसे बोली, "आओ मेरी चूत के सरताज़, अब तक तुमने मेरी चूत का लुत्फ़ लिया अब तुम मेरी गाँड मार कर मुझे गाँड से लंड खाने का मज़ा दो। आज मेरी बहुत दिनों की गाँड चुदवाने की तमन्ना पूरी होने जा रही है। अगर तुमने मेरी गाँड मार कर मुझे खुश कर दिया तो मैं अपनी और सहेलियों की चूत और गाँड तुमसे चुदवाऊँगी। मेरी बहुत सी सहेलियाँ शादी के पहले से गाँड मरवा कर गाँडू बन गयी हैं। चलो अब तुम पहले मेरी गाँड चोदो, सहेलियों की बात बाद में होगी।"