07-12-2019, 10:51 AM
आगे की दास्ताँ वीर की जबानी
फिर उसने मेरे लंड पर से अपना हाथ हटा कर मेरा शर्ट उतारना शुरू कर दिया। मैंने उसको मेरी शर्ट उतारने में मदद की। फिर उसने मेरी पैंट और अंडरवीयर भी उतार कर मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया। तब मैंने उसकी नाईटी और ब्रा उतार दी और उसकी चूची को नंगी कर दिया। फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब वो भी मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। उसने सिर्फ अपने गले में नेकलेस और पैरों में हाई हील के सैंडल पहने हुए थे। उसने मेरे लंड को फिर से अपने हाथों से पकड़ लिया और मेरा लंड अपनी चूत की तरफ खींचने लगी। मैं भी अब उसकी चूत को अपने हाथों से मसलने लगा। उसकी चूत एक दम साफ थी और इस समय उसकी चूत में से हल्का-हल्का लसलसा-सा पानी निकल रहा था। मैंने उसकी चूत में अपनी दो अँगुली एक साथ डाल दीं और अँगुली चूत के अंदर बाहर करने लगा।
मेरी अँगुली की चुदाई से वो बहुत ही गरमा गयी और बड़बड़ाने लगी, "हाय, मेरे सनम, मेरी चूत को तुम्हारे लंड की जरूरत है। तुम अपनी अँगुली मेरी चूत से हटा कर उसमें अपना लंड घुसेड़ दो और मेरी चूत को अपने लंड से भर दो। मैं चुदास के मारे मारी जा रही हूँ। जल्दी से मुझको बिस्तर पर डालो... मेरे पैरों को अपने कँधों पर रख कर मेरी चूत की चुदाई कर दो। जल्दी से मुझको अपना लंड खिलाओ और रगड़ कर चोदो मुझे।" मैंने उसके चूत्तड़ों पर हाथ रख कर उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसको बिस्तर पर डाल दिया। बिस्तर पर डालने के बाद मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर कर चूसना शुरू किया और दूसरी चूची को अपने हाथों से मसलने लगा। अनु तब मेरे चेहरे को अपने हाथों से अपने चूची पर दबाने लगी। मैं करीब दस-पंद्रह मिनट तक उसकी चूची चूसता रहा और इस दौरान अनु मुझसे अपनी चूत में लंड डालने को कहती रही।
फिर मैं धीरे-धीरे उसका पेट चाटते हुए उसकी चूत पर अपना मुँह ले गया। अनु ने अपनी चूत पर मेरा मुँह लगते ही अपनी टाँगों को फ़ैला कर अपने हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। मैं उसकी चूत का चुम्मा लेने लगा। फिर मैं उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा कर उसकी चूत चूसने लगा। उसकी चूत के अंदर मेरी जीभ घुसते ही उसने मेरे चेहरे को अपनी चूत पर दबा लिया और अपनी कमर उठा-उठा कर अपनी चूत मुझसे चुसवाने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझसे बोली, "जल्दी से तुम सिक्स्टी-नाइन की पोज़िशन में लेटो, मुझको भी तुम्हारा लंड चूसना है।" यह सुन कर मैंने उससे कहा, "यह तो बहुत ही अच्छी बात है... लो मैं अभी तुमको अपना लंड चूसने के लिये देता हूँ," और मैं तुरंत ही सिक्स्टी-नाइन की पोज़िशन में उसके ऊपर लेट गया।
अब मेरी आँखों के सामने उसकी चमकती हुई चूत बिल्कुल खुली हुई थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर तक घुसेड़ दी और उसकी चूत से निकल रहे मीठे-मीठे रस को चूस-चूस कर पीने लगा। उधर अनु भी मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में भर कर चूस रही थी। मैंने अपनी कमर को हिला कर अपना पूरा का पूरा खड़ा लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया। थोड़ी देर तक मैंने उसकी चूत को अंदर और बाहर से चाटा और चूसा। चूत चुसाई से उसकी चूत दो बार रस छोड़ चुकी थे जिसको मैंने बड़े ही चाव से चाट चाट कर पिया। इस समय अनु एक खेली खायी रंडी की तरह से मेरा लंड अपने मुँह में भर कर चूस रही थी और मैं भी अपनी कमर हिला कर अपना लंड उसको चुसवा रहा था। हम लोग इसी तरह काफी देर तक एक दूसरे का लंड और चूत चूसते रहे। फिर मुझे लगा कि मेरा अपना रस छूटने वाला है और यह बात मैंने अनु से बतायी और कहा, "मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दो।"
लेकिन उसने मेरे चूत्तड़ों को जोर से पकड़ लिया और मेरा लंड अपने दाँतों से हल्के हल्के काटने लगी। इस से मेरी गर्मी और बढ़ गयी मेरे लंड ने उसके मुँह के अंदर उल्टी कर दी और उसके मुँह को अपने पानी से भर दिया। वो मेरा लंड अपने मुँह में ही रखे रही और लंड का सारा पानी पी गयी और मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ़ भी कर दिया। उसकी इस जबरदस्त चुसाई से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। तब उसने मुझको उठने के लिये कहा और मैं उठ कर उसके पैरों के बीच बैठ गया। अनु भी उठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर बोली, "अब मैं और नहीं रुक सकती। जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से फाड़ दो।" मैंने उसकी टाँगों को उठा कर अपने कँधों पर रख लिया और उसकी चूत के दरवाजे पर अपना लंड टिका दिया। उसकी चूत इस वक्त बहुत ही गीली और गरम थी। मैं उसकी चूत के दरवाजे पर लंड रखके उसके ऊपर लेट गया और उसकी एक चूची को पकड़ कर उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। अनु मुझको अपने चारों हाथ-पैर से जकड़ कर अपने चूत्तड़ उछालने लगी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक ही झटके से डाल दिया।
अनुने मेरे गालों को काट लिया और चिल्ला कर बोली, "ऊईईईईईई हाय बहनचोद तूने मेरी चूत फाड़ दी हाय।" उसकी चूत बिल्कुल कुँवारी लड़की की तरह तंग थी। उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रख दीं। मैं उसकी चूची को सहलाने लगा और कभी-कभी उसके निप्पल अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। अनु चुपचाप पड़ी रही और थोड़ी देर के बाद अपनी सैक्सी आवाज में बोली, "ऊईईईई, उफफ कितना मोटा लंड है... ऐसा लगता है कि गधे का लंड हो।" मैंने कहा, "गधे का लंड इतना छोटा नहीं होता... तुम्हारी चूत ज़्यादा तंग है इसलिये तुम्हें मेरा लंड मोटा लग रहा है," और मैं अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
अनु मेरे चुदाई शुरू करते ही बोली, "ओह जानू... अभी नहीं हिलो... मुझे दर्द हो रहा है... पहले मेरी चूत को अपने लंड से दोस्ती कर लेने दो... ज़रा दर्द कम हो तो फिर इस को चोदना।"
थोड़ी देर के बाद अनु मुझे चुम कर फिर बोली, "ओह मेरी जान, मुझे तुम्हारा लंड बेहद पसंद आया। मुझे अब तक इतने मोटे, लंबे और सैक्सी लंड से चुदवाने का मौका नहीं मिला। बस अब तुम मुझको जोरदार धक्के मार-मार कर खूब चोदो। अब ये चूत तुम्हारी है... इसको जैसे चाहो अपना लंड पेल-पेल कर चोदते रहो।" मैं अनु की बात मानते हुए उसकी चूत में लंड दनादन पेलता रहा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूंची मसलता रहा। मैं इस समय अनु की चूत एक पागल कुत्ते की तरह चोद रहा था। शुरू के दस मिनट तक अनु मुझे चोदने में पूरा साथ देती रही पर बाद में मेरे कँधों पर पैर रख कर आँखें बंद करके चुपचप लेट गयी। उसकी सैंडल के बकल मेरी गर्दन पर खरोंच रहे थे। थोड़ी देर के बाद मैं जब झड़ने को हुआ तो मैंने अपनी कमर चलाना बंद कर दी और उससे कहा, "मैं अब अपना लंड निकाल कर तुम्हारे पेट के ऊपर झड़ने वाला हूँ।"
अनु ने मेरी बात सुनते ही मुझे और जोर से अपने हाथों से बाँध लिया और बोली, "खबरदार, अपना लंड मत निकालना। तुम मेरी चूत के अंदर ही अपना पानी छोड़ो। मैं रोज़ पिल्स लेती हूँ। तुम अपने पानी से मेरी चूत को भर दो। मुझे तुम्हारे पानी से अपनी चूत भरनी है।" मैंने उसकी बातों को सुन कर चोदने की स्पीड फिर से तेज कर दी और उसकी चूत में अपना लंड जल्दी-जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने अनु की चूत के अंदर पिचकारी छोड़ दी और उसकी चूत मेरे पानी से भरने लगी। अनु भी मेरे झड़ने के साथ साथ झड़ गयी। वो अपनी चूत सिकोड़-सिकोड़ कर मेरे लंड का पानी निचोड़ने लगी।
थोड़ी देर मैं अपना लंड अनु की चूत से बिना निकाले उसके उपर लेटा रहा और अनु को फिर से चूमने लगा और हाथों से उसकी चूची को दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं अनु की एक चूची अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।
फिर उसने मेरे लंड पर से अपना हाथ हटा कर मेरा शर्ट उतारना शुरू कर दिया। मैंने उसको मेरी शर्ट उतारने में मदद की। फिर उसने मेरी पैंट और अंडरवीयर भी उतार कर मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया। तब मैंने उसकी नाईटी और ब्रा उतार दी और उसकी चूची को नंगी कर दिया। फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब वो भी मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। उसने सिर्फ अपने गले में नेकलेस और पैरों में हाई हील के सैंडल पहने हुए थे। उसने मेरे लंड को फिर से अपने हाथों से पकड़ लिया और मेरा लंड अपनी चूत की तरफ खींचने लगी। मैं भी अब उसकी चूत को अपने हाथों से मसलने लगा। उसकी चूत एक दम साफ थी और इस समय उसकी चूत में से हल्का-हल्का लसलसा-सा पानी निकल रहा था। मैंने उसकी चूत में अपनी दो अँगुली एक साथ डाल दीं और अँगुली चूत के अंदर बाहर करने लगा।
मेरी अँगुली की चुदाई से वो बहुत ही गरमा गयी और बड़बड़ाने लगी, "हाय, मेरे सनम, मेरी चूत को तुम्हारे लंड की जरूरत है। तुम अपनी अँगुली मेरी चूत से हटा कर उसमें अपना लंड घुसेड़ दो और मेरी चूत को अपने लंड से भर दो। मैं चुदास के मारे मारी जा रही हूँ। जल्दी से मुझको बिस्तर पर डालो... मेरे पैरों को अपने कँधों पर रख कर मेरी चूत की चुदाई कर दो। जल्दी से मुझको अपना लंड खिलाओ और रगड़ कर चोदो मुझे।" मैंने उसके चूत्तड़ों पर हाथ रख कर उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसको बिस्तर पर डाल दिया। बिस्तर पर डालने के बाद मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर कर चूसना शुरू किया और दूसरी चूची को अपने हाथों से मसलने लगा। अनु तब मेरे चेहरे को अपने हाथों से अपने चूची पर दबाने लगी। मैं करीब दस-पंद्रह मिनट तक उसकी चूची चूसता रहा और इस दौरान अनु मुझसे अपनी चूत में लंड डालने को कहती रही।
फिर मैं धीरे-धीरे उसका पेट चाटते हुए उसकी चूत पर अपना मुँह ले गया। अनु ने अपनी चूत पर मेरा मुँह लगते ही अपनी टाँगों को फ़ैला कर अपने हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। मैं उसकी चूत का चुम्मा लेने लगा। फिर मैं उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा कर उसकी चूत चूसने लगा। उसकी चूत के अंदर मेरी जीभ घुसते ही उसने मेरे चेहरे को अपनी चूत पर दबा लिया और अपनी कमर उठा-उठा कर अपनी चूत मुझसे चुसवाने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझसे बोली, "जल्दी से तुम सिक्स्टी-नाइन की पोज़िशन में लेटो, मुझको भी तुम्हारा लंड चूसना है।" यह सुन कर मैंने उससे कहा, "यह तो बहुत ही अच्छी बात है... लो मैं अभी तुमको अपना लंड चूसने के लिये देता हूँ," और मैं तुरंत ही सिक्स्टी-नाइन की पोज़िशन में उसके ऊपर लेट गया।
अब मेरी आँखों के सामने उसकी चमकती हुई चूत बिल्कुल खुली हुई थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर तक घुसेड़ दी और उसकी चूत से निकल रहे मीठे-मीठे रस को चूस-चूस कर पीने लगा। उधर अनु भी मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में भर कर चूस रही थी। मैंने अपनी कमर को हिला कर अपना पूरा का पूरा खड़ा लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया। थोड़ी देर तक मैंने उसकी चूत को अंदर और बाहर से चाटा और चूसा। चूत चुसाई से उसकी चूत दो बार रस छोड़ चुकी थे जिसको मैंने बड़े ही चाव से चाट चाट कर पिया। इस समय अनु एक खेली खायी रंडी की तरह से मेरा लंड अपने मुँह में भर कर चूस रही थी और मैं भी अपनी कमर हिला कर अपना लंड उसको चुसवा रहा था। हम लोग इसी तरह काफी देर तक एक दूसरे का लंड और चूत चूसते रहे। फिर मुझे लगा कि मेरा अपना रस छूटने वाला है और यह बात मैंने अनु से बतायी और कहा, "मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दो।"
लेकिन उसने मेरे चूत्तड़ों को जोर से पकड़ लिया और मेरा लंड अपने दाँतों से हल्के हल्के काटने लगी। इस से मेरी गर्मी और बढ़ गयी मेरे लंड ने उसके मुँह के अंदर उल्टी कर दी और उसके मुँह को अपने पानी से भर दिया। वो मेरा लंड अपने मुँह में ही रखे रही और लंड का सारा पानी पी गयी और मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ़ भी कर दिया। उसकी इस जबरदस्त चुसाई से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। तब उसने मुझको उठने के लिये कहा और मैं उठ कर उसके पैरों के बीच बैठ गया। अनु भी उठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर बोली, "अब मैं और नहीं रुक सकती। जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से फाड़ दो।" मैंने उसकी टाँगों को उठा कर अपने कँधों पर रख लिया और उसकी चूत के दरवाजे पर अपना लंड टिका दिया। उसकी चूत इस वक्त बहुत ही गीली और गरम थी। मैं उसकी चूत के दरवाजे पर लंड रखके उसके ऊपर लेट गया और उसकी एक चूची को पकड़ कर उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। अनु मुझको अपने चारों हाथ-पैर से जकड़ कर अपने चूत्तड़ उछालने लगी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक ही झटके से डाल दिया।
अनुने मेरे गालों को काट लिया और चिल्ला कर बोली, "ऊईईईईईई हाय बहनचोद तूने मेरी चूत फाड़ दी हाय।" उसकी चूत बिल्कुल कुँवारी लड़की की तरह तंग थी। उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रख दीं। मैं उसकी चूची को सहलाने लगा और कभी-कभी उसके निप्पल अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। अनु चुपचाप पड़ी रही और थोड़ी देर के बाद अपनी सैक्सी आवाज में बोली, "ऊईईईई, उफफ कितना मोटा लंड है... ऐसा लगता है कि गधे का लंड हो।" मैंने कहा, "गधे का लंड इतना छोटा नहीं होता... तुम्हारी चूत ज़्यादा तंग है इसलिये तुम्हें मेरा लंड मोटा लग रहा है," और मैं अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
अनु मेरे चुदाई शुरू करते ही बोली, "ओह जानू... अभी नहीं हिलो... मुझे दर्द हो रहा है... पहले मेरी चूत को अपने लंड से दोस्ती कर लेने दो... ज़रा दर्द कम हो तो फिर इस को चोदना।"
थोड़ी देर के बाद अनु मुझे चुम कर फिर बोली, "ओह मेरी जान, मुझे तुम्हारा लंड बेहद पसंद आया। मुझे अब तक इतने मोटे, लंबे और सैक्सी लंड से चुदवाने का मौका नहीं मिला। बस अब तुम मुझको जोरदार धक्के मार-मार कर खूब चोदो। अब ये चूत तुम्हारी है... इसको जैसे चाहो अपना लंड पेल-पेल कर चोदते रहो।" मैं अनु की बात मानते हुए उसकी चूत में लंड दनादन पेलता रहा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूंची मसलता रहा। मैं इस समय अनु की चूत एक पागल कुत्ते की तरह चोद रहा था। शुरू के दस मिनट तक अनु मुझे चोदने में पूरा साथ देती रही पर बाद में मेरे कँधों पर पैर रख कर आँखें बंद करके चुपचप लेट गयी। उसकी सैंडल के बकल मेरी गर्दन पर खरोंच रहे थे। थोड़ी देर के बाद मैं जब झड़ने को हुआ तो मैंने अपनी कमर चलाना बंद कर दी और उससे कहा, "मैं अब अपना लंड निकाल कर तुम्हारे पेट के ऊपर झड़ने वाला हूँ।"
अनु ने मेरी बात सुनते ही मुझे और जोर से अपने हाथों से बाँध लिया और बोली, "खबरदार, अपना लंड मत निकालना। तुम मेरी चूत के अंदर ही अपना पानी छोड़ो। मैं रोज़ पिल्स लेती हूँ। तुम अपने पानी से मेरी चूत को भर दो। मुझे तुम्हारे पानी से अपनी चूत भरनी है।" मैंने उसकी बातों को सुन कर चोदने की स्पीड फिर से तेज कर दी और उसकी चूत में अपना लंड जल्दी-जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने अनु की चूत के अंदर पिचकारी छोड़ दी और उसकी चूत मेरे पानी से भरने लगी। अनु भी मेरे झड़ने के साथ साथ झड़ गयी। वो अपनी चूत सिकोड़-सिकोड़ कर मेरे लंड का पानी निचोड़ने लगी।
थोड़ी देर मैं अपना लंड अनु की चूत से बिना निकाले उसके उपर लेटा रहा और अनु को फिर से चूमने लगा और हाथों से उसकी चूची को दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं अनु की एक चूची अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।