06-12-2019, 07:30 PM
अगले दिन 11 बजे रवि का फोन आया कि उसने एयर टिकेट्स करा दी हैं और अपने होटल में ही एक रूम बिना नाम के रुकवा दिया है। दोनों ने यह प्लानिंग की कि ऐसा मौका फिर कब मिलेगा तो श्वेता कुछ न कुछ बहाना बनाकर होटल में ही रुक जाएगी ताकि... अगले दो दिन श्वेता ने अपनी तैयारी में निकाल दिए। आधा दिन तो उसको पार्लर में ही लग गया... पूरी वेक्सिंग और पता नहीं क्या क्या.. उसने अपनी चूत को भी ऐसा चमकाया कि रात को जब माही का मुँह उसने जबरदस्ती अपनी चूत में किया तो माही तो पागलों की तरह उसकी चूत को चूसने लगा। उस रात उसकी चुदाई ऐसी थी कि श्वेता को लगा कि आज उसकी चूत फट जायेगी और वो दिल्ली नहीं जा पायेगी। चूत तो फटनी थी, पर श्वेता चाहती थी कि दिल्ली में फटे...
इतवार सुबह 6 बजे वो और माही एयरपोर्ट पहुँच गए।रवि वहां पहुँच चुका था। श्वेता ने क्रीम कलर का टॉप और ट्राउजर और हील वाली बेलीज पहने थी, नेल पेंट उसने रेड लगाया था। कुल मिलाकर रवि का लंड खड़ा करने का पूरा इंतजाम था। प्लेन में रवि ने श्वेता का हाथ कई बार चूमा। दिल्ली पहुँच कर उन लोगों ने अपने होटल में चेक इन किया और फटाफट एग्ज़िबिशन के लिए निकले। हालाँकि रवि एक ट्रिप के मूड में था पर टाइम नहीं था इसलिए बस चूमा चाटी के बाद दोनों रूम से बाहर आ गए। रवि ने श्वेता का नाम अपने गेस्ट की तरह होटल के रजिस्टर में लिखा। श्वेता को भी खुमारी पूरी चढ़ चुकी थी तो उसने भी सोचा जो होगा देखा जाएगा। दिन भर दोनों प्रदर्शनी में रहे, शाम को होटल वापस आये तो 7 बज चुके थे। अब श्वेता को कोई बहाना बनाना था होटल में ही रुकने का!
उधर सुबह एयरपोर्ट से चलते समय रवि ने माही को अपने ऑफिस की चाभी दी जो गलती से उसके साथ आ गई थी। उसने कहा कि किसी स्टाफ से घर भेज देना। आज सन्डे की वजह से माही का भी ऑफिस बंद था और वो खाली था, उसने सोचा कि चलो हिना से मुलाकात हो जायेगी। तो वो खुद ही लौटते में रवि के घर चाभी देने चला गया। रवि के घर पहुँच कर वहां भी सन्नाटा था क्योंकि ऑफिस बंद था और ड्राईवर भी कार खड़ी करके चला गया था। डोर बेल बजाने पर पांच मिनट बाद हिना ऊपर टेरेस पर आई और माही को देख कर चौंक गई। उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था। वो नीचे गेट खोलने आई और आते में गाउन डाल लिया। माही ने मोर्निंग विश करके चाभी दी और लौटने लगा तो हिना बोली- आज घर पर कोई काम तो आपको है नहीं, रुकिए चाय पीकर जाइएगा।
गेट बंद करके अंदर आकर माही को उसने लॉन में बिठाया और चाय बनाने के लिए जाने लगी तो माही भी साथ साथ अंदर ही आ गया कि बाहर बैठे बोर ही होऊँगा। पर उसने अंदर हिना से कहा- तुम शॉर्ट्स में बहुत प्यारी लग रही थीं, क्या मुझसे पर्दा करना है जो गाउन डाल लिया?
हिना ने हंस कर गाउन उतार दिया। टॉप के अंदर ब्रा ना पहने हनी से उसके निप्पल का उभार अलग ही नजर आ रहा था। चाय लेकर दोनों अंदर ही बैठ गए। आज दोनों खाली थे और अकेलापन होने से बदन में कामाग्नि सुलगनी शुरू हो गई थी। हिना ने पूछ ही लिया कि सन्डे को क्या करते हो।
माही ने बेशर्मी से कह दिया कि सन्डे को जो करता हूँ वो तो आज श्वेता नहीं है तो कैसे होगा, आज तो बोरियत ही होगी।
हिना चुप रही।
माही जाने के लिए खड़ा हुआ.. उसकी शॉर्ट्स में भी उभार आ गया था।
उसने हिना से पूछ लिया- तुम क्या करोगी दिन में?
हिना बोली- कुछ ख़ास नहीं।
माही ने हिना का हाथ पकड़ के कहा- क्यों नहीं आज हम दोनों 'कुछ नहीं' की जगह कुछ करें।
हिना बोली- क्या?
अब माही का सब्र टूट चुका था, उसने हिना को होठों से चूम लिया। हिना भी उससे चिपट गई। दोनों एक दूसरे को चूमते रहे... कुछ पल बाद माही बोला- आज तुम मेरे साथ रहो, कपड़े पैक कर लो।
हिना कुछ सोचने लगी... तो माही ने तुरुप का पत्ता चला कि वहाँ दिल्ली में रवि और श्वेता भी तो साथ साथ हैं।
हिना तैयार हो गई और फटाफट अपना बैग पैक कर लिया।
इतवार सुबह 6 बजे वो और माही एयरपोर्ट पहुँच गए।रवि वहां पहुँच चुका था। श्वेता ने क्रीम कलर का टॉप और ट्राउजर और हील वाली बेलीज पहने थी, नेल पेंट उसने रेड लगाया था। कुल मिलाकर रवि का लंड खड़ा करने का पूरा इंतजाम था। प्लेन में रवि ने श्वेता का हाथ कई बार चूमा। दिल्ली पहुँच कर उन लोगों ने अपने होटल में चेक इन किया और फटाफट एग्ज़िबिशन के लिए निकले। हालाँकि रवि एक ट्रिप के मूड में था पर टाइम नहीं था इसलिए बस चूमा चाटी के बाद दोनों रूम से बाहर आ गए। रवि ने श्वेता का नाम अपने गेस्ट की तरह होटल के रजिस्टर में लिखा। श्वेता को भी खुमारी पूरी चढ़ चुकी थी तो उसने भी सोचा जो होगा देखा जाएगा। दिन भर दोनों प्रदर्शनी में रहे, शाम को होटल वापस आये तो 7 बज चुके थे। अब श्वेता को कोई बहाना बनाना था होटल में ही रुकने का!
उधर सुबह एयरपोर्ट से चलते समय रवि ने माही को अपने ऑफिस की चाभी दी जो गलती से उसके साथ आ गई थी। उसने कहा कि किसी स्टाफ से घर भेज देना। आज सन्डे की वजह से माही का भी ऑफिस बंद था और वो खाली था, उसने सोचा कि चलो हिना से मुलाकात हो जायेगी। तो वो खुद ही लौटते में रवि के घर चाभी देने चला गया। रवि के घर पहुँच कर वहां भी सन्नाटा था क्योंकि ऑफिस बंद था और ड्राईवर भी कार खड़ी करके चला गया था। डोर बेल बजाने पर पांच मिनट बाद हिना ऊपर टेरेस पर आई और माही को देख कर चौंक गई। उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था। वो नीचे गेट खोलने आई और आते में गाउन डाल लिया। माही ने मोर्निंग विश करके चाभी दी और लौटने लगा तो हिना बोली- आज घर पर कोई काम तो आपको है नहीं, रुकिए चाय पीकर जाइएगा।
गेट बंद करके अंदर आकर माही को उसने लॉन में बिठाया और चाय बनाने के लिए जाने लगी तो माही भी साथ साथ अंदर ही आ गया कि बाहर बैठे बोर ही होऊँगा। पर उसने अंदर हिना से कहा- तुम शॉर्ट्स में बहुत प्यारी लग रही थीं, क्या मुझसे पर्दा करना है जो गाउन डाल लिया?
हिना ने हंस कर गाउन उतार दिया। टॉप के अंदर ब्रा ना पहने हनी से उसके निप्पल का उभार अलग ही नजर आ रहा था। चाय लेकर दोनों अंदर ही बैठ गए। आज दोनों खाली थे और अकेलापन होने से बदन में कामाग्नि सुलगनी शुरू हो गई थी। हिना ने पूछ ही लिया कि सन्डे को क्या करते हो।
माही ने बेशर्मी से कह दिया कि सन्डे को जो करता हूँ वो तो आज श्वेता नहीं है तो कैसे होगा, आज तो बोरियत ही होगी।
हिना चुप रही।
माही जाने के लिए खड़ा हुआ.. उसकी शॉर्ट्स में भी उभार आ गया था।
उसने हिना से पूछ लिया- तुम क्या करोगी दिन में?
हिना बोली- कुछ ख़ास नहीं।
माही ने हिना का हाथ पकड़ के कहा- क्यों नहीं आज हम दोनों 'कुछ नहीं' की जगह कुछ करें।
हिना बोली- क्या?
अब माही का सब्र टूट चुका था, उसने हिना को होठों से चूम लिया। हिना भी उससे चिपट गई। दोनों एक दूसरे को चूमते रहे... कुछ पल बाद माही बोला- आज तुम मेरे साथ रहो, कपड़े पैक कर लो।
हिना कुछ सोचने लगी... तो माही ने तुरुप का पत्ता चला कि वहाँ दिल्ली में रवि और श्वेता भी तो साथ साथ हैं।
हिना तैयार हो गई और फटाफट अपना बैग पैक कर लिया।