06-12-2019, 07:28 PM
काफी देर तक एक दूसरे को चूमते और जीभ से एक दूसरे को चूसते हुए दोनों कामाग्नि में जल कर अपने दिल के हाथों इतने मजबूर हो गए थे कि वहीं बिस्तर पर दो बदन एक जान हो गए।
पहले रवि ने श्वेता का टॉप उतरा और फिर तो दोनों के कपड़े मिनटों में उतर गए। रवि श्वेता के नर्म और गोल गोल मम्मों को चूस रहा था और श्वेता की मुट्ठी में उसका मजबूत लंड छटपटा रहा था। श्वेता से भी बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो रवि के ऊपर चढ़ गई और रवि का लंड अपनी चिकनी चूत में कर लिया। ऊपर से श्वेता चुदाई कर रही थी और रवि नीचे से धक्के लगा रहा था, दोनों पागलों की तरह एक दूसरे की चुदाई में लगे थे। श्वेता हांफने लगी थी और रवि का लंड फनफना रहा था। रवि ने श्वेता को नीचे किया और उसकी टांगें चौड़ा कर अपना लंड पूरा अंदर कर दिया।
श्वेता अब चिल्ला रही थी- और जोर से जानू... और अंदर करो.. आज मुझे पूरे मजे दे दो..
रवि कुछ शर्मीला था इसलिए बोल तो नहीं रहा था पर उसकी स्पीड बता रही थी कि आज श्वेता की चूत फाड़ने में कोई कसर नहीं वो छोड़ेगा। एक जोरदार धक्के में उसने सारा माल श्वेता की चूत में डाल दिया। उसका वीर्य श्वेता की चूत से निकल कर बेडशीट पर फ़ैल गया। श्वेता ने पास रखे टॉवल से अपनी चूत और पेट पर फ़ैले रवि के वीर्य को साफ़ किया और टॉवल रवि को दे दिया। दोनों पास पास लेट कर एक दूसरे को देखते रहे और फिर चिपट गए। थोड़ी देर बाद उठकर रवि कपड़े पहन कर श्वेता को किस करके चला गया और श्वेता मुस्कुराती हुई नहाने चली गई।
नहाकर उसने बेड शीट और टॉवल वाशिंग मशीन में डाले और कमरा ठीक किया। उसने सोच लिया था कि माही को बस इतना ही बताना है कि रवि आया था और नाप लेकर चला गया। श्वेता फटाफट बाजार के लिए निकल गई और लौटते में पनीर ले आई। पनीर पकोड़ा के साथ ड्रिंक और फिर पोर्न मूवी... बस इतना ही चाहिए माही को मस्त करने के लिए... आकर उसे वाशरूम फिर जाना पड़ा... रवि के प्यार की निशानी की बूँदें उसकी चूत से अब भी निकल रहीं रहीं थीं। श्वेता ने हैण्ड शावर से चूत को अंदर तक धोया और फिर भी उसने यह सोचा कि आज माही चूत ना चूसे तो अच्छा रहेगा। और अगर माही नहीं माना तो... इसका इलाज़ भी उसने सोच लिया।
पकोड़े उसने कच्चे सेक लिए और एक टू पीस का बहुत ही छोटा नाईट वियर पहन लिया और उसके ऊपर हाउस गाउन डाल लिया। माही का 6 बजे ही फोन आ गया था कि वो 8 बजे तक आएगा। 8.15 तक माही आया और श्वेता को इस अंदाज में देख और उसके बदन से आती मदहोश करने वाली खुशबू को सूंघ वो समझ गया कि श्वेता आज मूड में है। वो फटाफट नहाकर और कुरता लुंगी पहन कर आ गया क्योंकि श्वेता ने कहा था कि बाहर लॉन में ड्रिंक लगा रही हूँ। श्वेता ने अपने लिये जूस और माही के लिए पेग बनाया। पकोड़े बहुत मजेदार बने थे और बैठते ही श्वेता का गाउन एक ओर हो गया तो उसकी चिकनी टांगें देखकर माही का लंड तो सलामी देने लगा।
उनकी कोठी की बाउंड्री इतनी ऊंची थी कि बाहर से या बगल से कुछ नहीं दीखता था तो माही के कहने पर श्वेता ने गाउन उतार दिया। लॉन में बहुत हल्की रोशनी थी और उसमें श्वेता का लगभग नंगा बदन... माही को व्हिस्की पीने से पहले ही नशा चढ़ गया था। माही लॉन में डले झूले पर बैठा और श्वेता को बगल में बिठाकर उसके मम्मों को चूसने लगा। श्वेता ने गिलास उठाया और अपने लबों से लगाकर माही को एक घूँट पिला कर उसे गिलास थमा दिया और पकोड़े खिलाने लगी। आधे घंट बाद माही श्वेता को लेकर अंदर आ गया और आते ही उसने श्वेता को वहीं कुर्सी पर बिठाकर उसकी चूत में अपनी जीभ से उसकी चूत को चुसलाने लगा।
चूत में जीभ लगते ही उसे मीठा मीठा महसूस हुआ... श्वेता ने अपनी चूत में चॉकलेट लगा रखी थी। उसकी यही अदाएँ माही को दीवाना बना देती थीं। माही उसको अभी चोदना चाहता था पर श्वेता ने मना किया कि पहले डिनर कर लो फिर.. डिनर के बाद जो धम्माल मचा तो शायद उसके बेड की भी एक दिन में इतनी शामत कभी नहीं आई होगी।
रवि का कोई जिक्र होने का वक़्त ही नहीं मिला। श्वेता की चूत आज मदमस्त हो गई थी। आज श्वेता थक कर ऐसी सोई कि उसे यह भी होश नहीं रहा की अपना मोबाइल संभाल लेती जिसके व्हाट्सएप में रवि के अनेक मेसेज थे। वो तो वक़्त उसका अच्छा था कि माही ने उसके मोबाइल को देखा ही नहीं। सुबह श्वेता ने उठते ही अपना मोबाइल देखा तो रवि के सारे मेसेज डिलीट किये। माही के ऑफिस जाने के कुछ देर बाद ही रवि का फोन आ गया, वो बोला- पता नहीं कल कैसे मैं अपने पर काबू नहीं रख पाया और अगर आपको बुरा लगा हो तो मैं आज के बाद कभी शक्ल नहीं दिखाऊँगा।
श्वेता हंस पड़ी... सच रवि बहुत भोला था। श्वेता ने रवि को लंच पर अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट में दोपहर दो बजे बुलाया। लंच पर दोनों ने आपस में वादा किया कि वो अच्छे दोस्तों की तरह रहेंगे और अपने पर कंट्रोल करेंगे।
अचानक श्वेता ने महसूस किया कि एक व्यक्ति उन दोनों को ध्यान से देख रहा है।
पहले रवि ने श्वेता का टॉप उतरा और फिर तो दोनों के कपड़े मिनटों में उतर गए। रवि श्वेता के नर्म और गोल गोल मम्मों को चूस रहा था और श्वेता की मुट्ठी में उसका मजबूत लंड छटपटा रहा था। श्वेता से भी बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो रवि के ऊपर चढ़ गई और रवि का लंड अपनी चिकनी चूत में कर लिया। ऊपर से श्वेता चुदाई कर रही थी और रवि नीचे से धक्के लगा रहा था, दोनों पागलों की तरह एक दूसरे की चुदाई में लगे थे। श्वेता हांफने लगी थी और रवि का लंड फनफना रहा था। रवि ने श्वेता को नीचे किया और उसकी टांगें चौड़ा कर अपना लंड पूरा अंदर कर दिया।
श्वेता अब चिल्ला रही थी- और जोर से जानू... और अंदर करो.. आज मुझे पूरे मजे दे दो..
रवि कुछ शर्मीला था इसलिए बोल तो नहीं रहा था पर उसकी स्पीड बता रही थी कि आज श्वेता की चूत फाड़ने में कोई कसर नहीं वो छोड़ेगा। एक जोरदार धक्के में उसने सारा माल श्वेता की चूत में डाल दिया। उसका वीर्य श्वेता की चूत से निकल कर बेडशीट पर फ़ैल गया। श्वेता ने पास रखे टॉवल से अपनी चूत और पेट पर फ़ैले रवि के वीर्य को साफ़ किया और टॉवल रवि को दे दिया। दोनों पास पास लेट कर एक दूसरे को देखते रहे और फिर चिपट गए। थोड़ी देर बाद उठकर रवि कपड़े पहन कर श्वेता को किस करके चला गया और श्वेता मुस्कुराती हुई नहाने चली गई।
नहाकर उसने बेड शीट और टॉवल वाशिंग मशीन में डाले और कमरा ठीक किया। उसने सोच लिया था कि माही को बस इतना ही बताना है कि रवि आया था और नाप लेकर चला गया। श्वेता फटाफट बाजार के लिए निकल गई और लौटते में पनीर ले आई। पनीर पकोड़ा के साथ ड्रिंक और फिर पोर्न मूवी... बस इतना ही चाहिए माही को मस्त करने के लिए... आकर उसे वाशरूम फिर जाना पड़ा... रवि के प्यार की निशानी की बूँदें उसकी चूत से अब भी निकल रहीं रहीं थीं। श्वेता ने हैण्ड शावर से चूत को अंदर तक धोया और फिर भी उसने यह सोचा कि आज माही चूत ना चूसे तो अच्छा रहेगा। और अगर माही नहीं माना तो... इसका इलाज़ भी उसने सोच लिया।
पकोड़े उसने कच्चे सेक लिए और एक टू पीस का बहुत ही छोटा नाईट वियर पहन लिया और उसके ऊपर हाउस गाउन डाल लिया। माही का 6 बजे ही फोन आ गया था कि वो 8 बजे तक आएगा। 8.15 तक माही आया और श्वेता को इस अंदाज में देख और उसके बदन से आती मदहोश करने वाली खुशबू को सूंघ वो समझ गया कि श्वेता आज मूड में है। वो फटाफट नहाकर और कुरता लुंगी पहन कर आ गया क्योंकि श्वेता ने कहा था कि बाहर लॉन में ड्रिंक लगा रही हूँ। श्वेता ने अपने लिये जूस और माही के लिए पेग बनाया। पकोड़े बहुत मजेदार बने थे और बैठते ही श्वेता का गाउन एक ओर हो गया तो उसकी चिकनी टांगें देखकर माही का लंड तो सलामी देने लगा।
उनकी कोठी की बाउंड्री इतनी ऊंची थी कि बाहर से या बगल से कुछ नहीं दीखता था तो माही के कहने पर श्वेता ने गाउन उतार दिया। लॉन में बहुत हल्की रोशनी थी और उसमें श्वेता का लगभग नंगा बदन... माही को व्हिस्की पीने से पहले ही नशा चढ़ गया था। माही लॉन में डले झूले पर बैठा और श्वेता को बगल में बिठाकर उसके मम्मों को चूसने लगा। श्वेता ने गिलास उठाया और अपने लबों से लगाकर माही को एक घूँट पिला कर उसे गिलास थमा दिया और पकोड़े खिलाने लगी। आधे घंट बाद माही श्वेता को लेकर अंदर आ गया और आते ही उसने श्वेता को वहीं कुर्सी पर बिठाकर उसकी चूत में अपनी जीभ से उसकी चूत को चुसलाने लगा।
चूत में जीभ लगते ही उसे मीठा मीठा महसूस हुआ... श्वेता ने अपनी चूत में चॉकलेट लगा रखी थी। उसकी यही अदाएँ माही को दीवाना बना देती थीं। माही उसको अभी चोदना चाहता था पर श्वेता ने मना किया कि पहले डिनर कर लो फिर.. डिनर के बाद जो धम्माल मचा तो शायद उसके बेड की भी एक दिन में इतनी शामत कभी नहीं आई होगी।
रवि का कोई जिक्र होने का वक़्त ही नहीं मिला। श्वेता की चूत आज मदमस्त हो गई थी। आज श्वेता थक कर ऐसी सोई कि उसे यह भी होश नहीं रहा की अपना मोबाइल संभाल लेती जिसके व्हाट्सएप में रवि के अनेक मेसेज थे। वो तो वक़्त उसका अच्छा था कि माही ने उसके मोबाइल को देखा ही नहीं। सुबह श्वेता ने उठते ही अपना मोबाइल देखा तो रवि के सारे मेसेज डिलीट किये। माही के ऑफिस जाने के कुछ देर बाद ही रवि का फोन आ गया, वो बोला- पता नहीं कल कैसे मैं अपने पर काबू नहीं रख पाया और अगर आपको बुरा लगा हो तो मैं आज के बाद कभी शक्ल नहीं दिखाऊँगा।
श्वेता हंस पड़ी... सच रवि बहुत भोला था। श्वेता ने रवि को लंच पर अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट में दोपहर दो बजे बुलाया। लंच पर दोनों ने आपस में वादा किया कि वो अच्छे दोस्तों की तरह रहेंगे और अपने पर कंट्रोल करेंगे।
अचानक श्वेता ने महसूस किया कि एक व्यक्ति उन दोनों को ध्यान से देख रहा है।