06-12-2019, 07:27 PM
सुबह चार बजे सब लोग अपने अपने कमरों की ओर लपके। लड़कियों से तो चला भी नहीं जा रहा था और अपने साथ जो होटल का हैण्ड टॉवल वो लाई थी, वो वीर्य से बिल्कुल गीला था, जिसे उन्होंने अपनी अपनी चूत में ठोक रखा था।
पिछली रात वाइफ़ स्वैपिंग में तीनों जोड़ों में पता नहीं कौन किससे चुदी, कौन किसे चोद रहा था। अगली दोपहर को तीनों जोड़े एक साथ बीच पर गए और आज तीनों लड़कियों ने टू पीस बिकनी पहनी थी।
बीच पर एक एकांत जगह पर तीनों जोड़े समुद्र में मस्ती करने लगे। अनिल और वैभव तो बार बार श्वेता के मम्मे छूने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें उकसाने के लिए माही ने श्वेता की ब्रा ऊपर कर के मम्मे चूसने शुरू किये। यह देख कर अब तो अनिल वैभव भी सीमा और सरोजके मम्मे चूसने लगे। अनिल ने तो सरोज की पेंटी के अंदर उंगली भी डाल दी। थोड़ी देर में ही सबका मूड चुदाई का बन गया। यहाँ खुले में चुदाई संभव नहीं थी तो सब लोग वापस होटल में आ गए और अपने अपने कमरों में घुस गए।
तो ऐसी मस्ती करते थे माही और श्वेता!
श्वेता के मन में अपना बेड रूम और बाथरूम का इंटीरियर चेंज करने का था। इस सब के लिए उसे माही से पूछना नहीं सिर्फ बताना था। पर वो कुछ लेटेस्ट करना चाहती थी इसलिए उसने भोपाल के एक इंटीरियर डिज़ाइनर रवि से फ़ोन पर संपर्क किया और अपने रूम और बाथरूम का स्केच मेल किया। श्वेता कभी मिली नहीं थी रवि से, पर नाम सुना था और यह भी सुना था कि वो बहुत स्मार्ट है और उसके आईडिया बहुत रोमांटिक होते हैं। रवि को उसने साईट विजिट के लिए इनवाइट किया।
रवि ने अगले दिन दोपहर एक बजे का समय दिया। श्वेता ने माही से भी आने को कहा तो उसने तो मना कर दिया। श्वेता अपनी पसंदीदा ड्रेस लॉन्ग फ्रॉक में तैयार हुई, उसने रेड कलर का नेल पेंट लगाया था, कुल मिलकर उसका गेटअप रवि का खड़ा करने के लिए काफी था। और यही हुआ... रवि जब आया तो हाथ मिलते समय वो सिहर उठा था, शायद इतना कोमल और जवान हाथ उसके हाथ में कम ही आया होगा।
उसने सबसे पहले सुरुचिपूर्ण तरीके से सजाई कोठी की तारीफ की, फिर अपने को ना रोक पाते हुए उसने श्वेता की खूबसूरती की भी तारीफ करी। दोनों ने बेडरूम में ही बैठ कर सारा साईट प्लान डिसकस किया। जाते समय भी रवि की निगाहें श्वेता के चिकनी बदन से हाथ नहीं रही थीं और उसके लंड का उभार श्वेता को हंसी दिला रहा था। सच... मर्दों को सताने में श्वेता को बहुत मजा आता था पर आज तो श्वेता भी चाह रही थी कि रवि एक बार उसे चूम ले या चोद दे। रवि ने उसे बताया कि उसकी शादी पिछले साल ही हुई है और अभी उनके कोई बच्चा नहीं है। आगे डिसकशन के लिए रवि ने श्वेता को अपने ऑफिस जो उसकी कोठी में ही था अगले हफ्ते बुलाया।
रात को बेड पर जब श्वेता ने माही को रवि के बारे में बताया तो माही हंस कर बोला- आज रात रवि अपनी बीवी की चुदाई श्वेता की समझ कर करेगा। अब माही को कौन समझाए कि आज श्वेता ही जो उससे चुद रही है वो यही सोच कर चुद रही है कि रवि उसे चोद रहा है।
पति से बेवफ़ाई
अगले दिन श्वेता बड़ी बैचैन रही, उसे रवि के फोन का इन्तजार था, पर रवि का फोन क्यों आता, कोई काम ही नहीं था उसे... पर जो आग इधर लगी थी उससे ज्यादा बड़ी रवि के लगी थी, वो जब से श्वेता से मिला था उसका मन काम में लग ही नहीं रहा था। हार कर वो गाड़ी लेकर निकला और श्वेता की कोठी के सामने से कई चक्कर लगाये, शायद श्वेता दिख जाए... फिर उसने एक फोन किया श्वेता को...पहली घंटी में ही श्वेता ने फोन अटेंड किया और बहुत प्यार से हाय बोला।
रवि ने बड़ी मासूमियत से झूठ बोला- कल कुछ मेज़रमेंट में गलती थी.. बाथरूम को दोबारा मेजर करना होगा, कब आ जाऊँ?
श्वेता ने अपने को शीशे में देखा और कहा- घर आपका है, कभी आ जाइए, पर आधा घंटे बाद आ जायेंगे तो सुविधा होगी।
श्वेता इस आधा घंटे में अपने को ठीक करने के अलावा ये भी सुनिश्चित करना चाहती थी कि फिर अगले एक घंटे माही के ऑफिस से भी कोई न आये, इसलिए उसने माही को फोन भी किया कि वो मार्किट जा रही है और 6 बजे तक आयेगी। वो फटाफट बाथरूम में घुस गई... पंद्रह मिनट में वो तैयार थी। उसने स्कर्ट और पिंक टॉप पहना... हाई हील पहनी। कुल मिला कर डॉल सी लग रही थी और परफ्यूम तो उसका जानलेवा था। आज तो रवि का बस भगवान् ही मालिक था। श्वेता ने घड़ी देखकर आधा घंटे के बाद कोठी का गेट खोलकर बाहर निकालने को गाड़ी स्टार्ट की। वो गेट तक ही पहुंची थी कि रवि की गाड़ी रुकी।
वो विश करके बोला- आप कहीं जा रहीं हैं तो मैं बाद में आ जाऊँगा।
श्वेता बोली- हाँ, कुछ मार्किट का काम था, पर कोई बात नहीं बाद में चली जाऊँगी।
उसने यह ड्रामा गेट पर लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग के लिए किया ताकि किसी भी शक में यदि माही कैमरा चेक करे तो उसमें ये रिकॉर्ड हो कि वो तो मार्किट जा रही थी, अचानक रवि आ गया। श्वेता रवि से हाथ मिलने को आतुर थी। घर का एंट्री गेट खोलकर उसने रवि की ओर हाथ बढ़ाकर कहा- आइए...
रवि ने उसके कोमल हाथ को हाथ में लेकर छोड़ने की कोई जल्दी नहीं की। रवि बाथोरूम का मेज़रमेंट का ड्रामा करने लगा तो श्वेता ने पूछा- चाय, कॉफ़ी, जूस क्या लेंगे?
रवि ने जूस की हाँ कर दी।
श्वेता किचन में गई, रवि को बाथरूम की ओर ही छोड़ कर, जूस की केन और नमकीन ड्राई फ्रूट्स लेकर ड्राइंगरूम में रखकर रवि को बुलाने गई तो देखा रवि बाथरूम में ही है। उसने बाथरूम में झाँका तो देखकर दंग रह गई कि रवि उसकी उतारी ब्रा और पैंटी को चूम रहा था, मदहोशी में उसकी आँखें बंद थी। श्वेता दबे पाँव बाहर आ गई और ड्राइंगरूम से उसे आवाज दी। रवि तुरंत आ गया और भोलेपन से बोला- पिछला मेज़रमेंट गलत था, अच्छा हुआ आज ले लिया।
सोफे पर बैठ कर जूस पीते समय रवि की निगाहें श्वेता से हट नहीं रही थीं। श्वेता भी जान बूझकर टांग पर टांग रख कर बैठी थी जिससे उसकी चिकनी जांघों की झलक भी रवि को मिल जाए। रवि की पैंट के उठे उभार को देखकर उसे हंसी आ गई।
रवि बोला- क्या हुआ?
श्वेता भी बैचेन थी.. हंस कर बोली- मेज़रमेंट ठीक से ले लिया है या मैं कुछ हेल्प करूँ?
रवि चुप था, जाने के लिए खड़ा हुआ।
श्वेता उसके पास गई और उसके बालों के पीछे दोनों हाथ लगा कर उसकीं आँखों में आँखें डालकर बोली- क्यों... डरते हो? मैंने देखा है कि तुम बाथरूम में क्या मेजर कर रहे थे।
रवि और श्वेता की गर्म साँसें एक दूसरे से टकरा रही थी। श्वेता ने आँख बंद कर ली और अगले ही पल दोनों के जलते होंठ मिल गए। दोनों के बदन की प्यास ने उन्हें चिपका दिया था।
पिछली रात वाइफ़ स्वैपिंग में तीनों जोड़ों में पता नहीं कौन किससे चुदी, कौन किसे चोद रहा था। अगली दोपहर को तीनों जोड़े एक साथ बीच पर गए और आज तीनों लड़कियों ने टू पीस बिकनी पहनी थी।
बीच पर एक एकांत जगह पर तीनों जोड़े समुद्र में मस्ती करने लगे। अनिल और वैभव तो बार बार श्वेता के मम्मे छूने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें उकसाने के लिए माही ने श्वेता की ब्रा ऊपर कर के मम्मे चूसने शुरू किये। यह देख कर अब तो अनिल वैभव भी सीमा और सरोजके मम्मे चूसने लगे। अनिल ने तो सरोज की पेंटी के अंदर उंगली भी डाल दी। थोड़ी देर में ही सबका मूड चुदाई का बन गया। यहाँ खुले में चुदाई संभव नहीं थी तो सब लोग वापस होटल में आ गए और अपने अपने कमरों में घुस गए।
तो ऐसी मस्ती करते थे माही और श्वेता!
श्वेता के मन में अपना बेड रूम और बाथरूम का इंटीरियर चेंज करने का था। इस सब के लिए उसे माही से पूछना नहीं सिर्फ बताना था। पर वो कुछ लेटेस्ट करना चाहती थी इसलिए उसने भोपाल के एक इंटीरियर डिज़ाइनर रवि से फ़ोन पर संपर्क किया और अपने रूम और बाथरूम का स्केच मेल किया। श्वेता कभी मिली नहीं थी रवि से, पर नाम सुना था और यह भी सुना था कि वो बहुत स्मार्ट है और उसके आईडिया बहुत रोमांटिक होते हैं। रवि को उसने साईट विजिट के लिए इनवाइट किया।
रवि ने अगले दिन दोपहर एक बजे का समय दिया। श्वेता ने माही से भी आने को कहा तो उसने तो मना कर दिया। श्वेता अपनी पसंदीदा ड्रेस लॉन्ग फ्रॉक में तैयार हुई, उसने रेड कलर का नेल पेंट लगाया था, कुल मिलकर उसका गेटअप रवि का खड़ा करने के लिए काफी था। और यही हुआ... रवि जब आया तो हाथ मिलते समय वो सिहर उठा था, शायद इतना कोमल और जवान हाथ उसके हाथ में कम ही आया होगा।
उसने सबसे पहले सुरुचिपूर्ण तरीके से सजाई कोठी की तारीफ की, फिर अपने को ना रोक पाते हुए उसने श्वेता की खूबसूरती की भी तारीफ करी। दोनों ने बेडरूम में ही बैठ कर सारा साईट प्लान डिसकस किया। जाते समय भी रवि की निगाहें श्वेता के चिकनी बदन से हाथ नहीं रही थीं और उसके लंड का उभार श्वेता को हंसी दिला रहा था। सच... मर्दों को सताने में श्वेता को बहुत मजा आता था पर आज तो श्वेता भी चाह रही थी कि रवि एक बार उसे चूम ले या चोद दे। रवि ने उसे बताया कि उसकी शादी पिछले साल ही हुई है और अभी उनके कोई बच्चा नहीं है। आगे डिसकशन के लिए रवि ने श्वेता को अपने ऑफिस जो उसकी कोठी में ही था अगले हफ्ते बुलाया।
रात को बेड पर जब श्वेता ने माही को रवि के बारे में बताया तो माही हंस कर बोला- आज रात रवि अपनी बीवी की चुदाई श्वेता की समझ कर करेगा। अब माही को कौन समझाए कि आज श्वेता ही जो उससे चुद रही है वो यही सोच कर चुद रही है कि रवि उसे चोद रहा है।
पति से बेवफ़ाई
अगले दिन श्वेता बड़ी बैचैन रही, उसे रवि के फोन का इन्तजार था, पर रवि का फोन क्यों आता, कोई काम ही नहीं था उसे... पर जो आग इधर लगी थी उससे ज्यादा बड़ी रवि के लगी थी, वो जब से श्वेता से मिला था उसका मन काम में लग ही नहीं रहा था। हार कर वो गाड़ी लेकर निकला और श्वेता की कोठी के सामने से कई चक्कर लगाये, शायद श्वेता दिख जाए... फिर उसने एक फोन किया श्वेता को...पहली घंटी में ही श्वेता ने फोन अटेंड किया और बहुत प्यार से हाय बोला।
रवि ने बड़ी मासूमियत से झूठ बोला- कल कुछ मेज़रमेंट में गलती थी.. बाथरूम को दोबारा मेजर करना होगा, कब आ जाऊँ?
श्वेता ने अपने को शीशे में देखा और कहा- घर आपका है, कभी आ जाइए, पर आधा घंटे बाद आ जायेंगे तो सुविधा होगी।
श्वेता इस आधा घंटे में अपने को ठीक करने के अलावा ये भी सुनिश्चित करना चाहती थी कि फिर अगले एक घंटे माही के ऑफिस से भी कोई न आये, इसलिए उसने माही को फोन भी किया कि वो मार्किट जा रही है और 6 बजे तक आयेगी। वो फटाफट बाथरूम में घुस गई... पंद्रह मिनट में वो तैयार थी। उसने स्कर्ट और पिंक टॉप पहना... हाई हील पहनी। कुल मिला कर डॉल सी लग रही थी और परफ्यूम तो उसका जानलेवा था। आज तो रवि का बस भगवान् ही मालिक था। श्वेता ने घड़ी देखकर आधा घंटे के बाद कोठी का गेट खोलकर बाहर निकालने को गाड़ी स्टार्ट की। वो गेट तक ही पहुंची थी कि रवि की गाड़ी रुकी।
वो विश करके बोला- आप कहीं जा रहीं हैं तो मैं बाद में आ जाऊँगा।
श्वेता बोली- हाँ, कुछ मार्किट का काम था, पर कोई बात नहीं बाद में चली जाऊँगी।
उसने यह ड्रामा गेट पर लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग के लिए किया ताकि किसी भी शक में यदि माही कैमरा चेक करे तो उसमें ये रिकॉर्ड हो कि वो तो मार्किट जा रही थी, अचानक रवि आ गया। श्वेता रवि से हाथ मिलने को आतुर थी। घर का एंट्री गेट खोलकर उसने रवि की ओर हाथ बढ़ाकर कहा- आइए...
रवि ने उसके कोमल हाथ को हाथ में लेकर छोड़ने की कोई जल्दी नहीं की। रवि बाथोरूम का मेज़रमेंट का ड्रामा करने लगा तो श्वेता ने पूछा- चाय, कॉफ़ी, जूस क्या लेंगे?
रवि ने जूस की हाँ कर दी।
श्वेता किचन में गई, रवि को बाथरूम की ओर ही छोड़ कर, जूस की केन और नमकीन ड्राई फ्रूट्स लेकर ड्राइंगरूम में रखकर रवि को बुलाने गई तो देखा रवि बाथरूम में ही है। उसने बाथरूम में झाँका तो देखकर दंग रह गई कि रवि उसकी उतारी ब्रा और पैंटी को चूम रहा था, मदहोशी में उसकी आँखें बंद थी। श्वेता दबे पाँव बाहर आ गई और ड्राइंगरूम से उसे आवाज दी। रवि तुरंत आ गया और भोलेपन से बोला- पिछला मेज़रमेंट गलत था, अच्छा हुआ आज ले लिया।
सोफे पर बैठ कर जूस पीते समय रवि की निगाहें श्वेता से हट नहीं रही थीं। श्वेता भी जान बूझकर टांग पर टांग रख कर बैठी थी जिससे उसकी चिकनी जांघों की झलक भी रवि को मिल जाए। रवि की पैंट के उठे उभार को देखकर उसे हंसी आ गई।
रवि बोला- क्या हुआ?
श्वेता भी बैचेन थी.. हंस कर बोली- मेज़रमेंट ठीक से ले लिया है या मैं कुछ हेल्प करूँ?
रवि चुप था, जाने के लिए खड़ा हुआ।
श्वेता उसके पास गई और उसके बालों के पीछे दोनों हाथ लगा कर उसकीं आँखों में आँखें डालकर बोली- क्यों... डरते हो? मैंने देखा है कि तुम बाथरूम में क्या मेजर कर रहे थे।
रवि और श्वेता की गर्म साँसें एक दूसरे से टकरा रही थी। श्वेता ने आँख बंद कर ली और अगले ही पल दोनों के जलते होंठ मिल गए। दोनों के बदन की प्यास ने उन्हें चिपका दिया था।