06-12-2019, 07:12 PM
रोहित ने मेरी बीवी सन्जू को इस पोज में लगभग 5 मिनट चोदा और फिर बोला:- भाभी, प्लीज भैया के साथ वाला पोज में आओ ना, संजना को भी मजा आ रहा था, अतः वो भी डॉगी स्टाईल में आ गई। रोहित ने डॉगी पोज में संजना की चूत में लंड जोर से घुसा दिया। संजना थोड़ी चिंहुकी और बोली:- आह ... धीरे से। इस पोज में मेरी बीवी की गांड के पीछे रोहित की गांड ऐसा लग रहा जैसे किसी घोड़ी को मेमना चोद रहा हो। अर्थात कहाँ मेरी सन्जू की विशाल गांड और कहाँ रोहित की पतली सी जांघें और पतली सी गांड। परंतु रोहित में अभी जवानी का जोश था तो वो पूरे वेग से मेरी पत्नी को चोदे जा रहा था। यहाँ तक कि सन्जू के मुंह से आंह ... उॅंह ... इस्स ... अअअ ... ओहो ... ओह ... बाप रे बाप, तक निकलवा दे रहा था।
एकाएक क्या हुआ कि रोहित का स्पीड एकदम से तेज हो गयी और वो बेतहाशा सन्जू को चोदने लगा। सन्जू की पूरी गांड और चूची थर्रा गयी और हिलोरें मार रही थी। सन्जू के मुंह से आह ... उह ... इशस्स ... अअह ... ओहो ... उह ... की आवाजें तेज हो गई। लगभग 10 मिनट के चुदाई के बाद एकाएक सन्जू बोली:- थोड़ा रुको। रोहित रुका तो सन्जू बोली:- इतनी ताकत कहां से आती रे तेरे पास? बाप रे बाप ... तूने तो मेरा पसीना निकाल दिया ... मुझे निचोड़ के रख दिया।
सन्जू बोली:- अब तुम नीचे उतरो l
और फिर सन्जू उसे पीठ के बल लिटा कर उसके लंड के ऊपर बैठ गई और लगी गांड को ऊपर नीचे करने, रोहित सिसकारी भरने लगा और संजना भी अपने चरमोत्कर्ष पर थी. एकाएक संजना ने लंड पर बैठे बैठे रोहित के मुख में अपनी जीभ घुसा दी और उसके होंठों को जैसे खाने लगी और बेतहाशा उसकी गर्दन, छाती, यहाँ तक कि उसकी बगल (कांख) को भी चूसने लगी।
दृश्य ऐसा लग रहा था जैसे किसी मेमने के ऊपर कोई शेरनी बैठी हो। आखिर बेचारा रोहित कब तक बरदाश्त करता, वो इस पोज में लगभग 5 मिनट के बाद झड़ने लगा.
सन्जू बोली:- थोड़ादेर रुको, मैंभी झड़ने वाली हूँ।
पर अब वो रुकने वाला कहाँ था, सन्जू की पूरी चूत वीर्य से भर गयी।
परंतु सन्जू को कुछ एहसास हुआ, वो बोली:- अरे वाह ... तुम्हारा लंड तो वीर्य निकलने के बाद भी नहीं सिकुड़ा है. और संजना फिर से शेरनी की भांति रोहित के लंड पर उठक बैठक करने लगी। चूंकि सन्जू की चूत रोहित के गाढ़े वीर्य से भरी हुई थी तो अब चूत के घर्षण से संजना की चूत की बाहरी सतह पर सफेद सफेद फेन निकलने लगा था जो बढ़ता ही जा रहा था और सन्जू के पेट और रोहित के पेट पर भी चिपचिपा कर रहा था। अभी तक रोहित का लंड खड़ा था। एकाएक सन्जू का शरीर अकड़ा और वो बेतहाशा झड़ने लगी और रोहित के ऊपर लेट गई और रोहित को कस कर अपने बड़ी-बड़ी चूचीसे सटा कर चिपक गई। फिर थोड़े देर बाद दोनों उठे।
सन्जू बहुत तृप्त और खुश नजर आ रही थी, वो मुझसे बोली:- बाप रे बाप ... आज आप दोनों मिलकर मेरा कचूमर निकाल दिया. और रोहित की तरफ देख कर बोली;- रोहित, देखने से तो तू बहुत कमजोर लगता है पर बहुत ताकत है तुझमें भी। अब सन्जू काफी खुल गई थी और मुझसे संकोच भी खत्म हो गया था। मैंने उससे पूछा:- कैसा लगा?
वो बोली:- बहुत मजा आया।
वो मेरे पास आई और मेरे होंठों को हल्का सा किस करते हुए बहुत प्यार से मुझे 'आई लव यू ...' बोली। संजना बोली:- अब मैं फ्रेश होकर आती हूँ.
और वो बाथरुम चली गई।
इधर रोहित मेरे पास आकर हाथ जोड़कर बोला:- भैया, मैं आपका ये उपकार जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगा।
मैं उसे बोला:- कोई बात नहीं ... जाओ कपड़े पहन लो, और वो अपने कपड़े पहनमें लगा। तब तक संजना फ्रेश होकर आ गई, वो अबकी बार एक लाल रंग की नाईटी पहनकर आयीथी जिसमें उसकी चूची और गांड का उभार स्पष्ट दिख रहा था, वो पूरा फ्रेश दीख रही थी।
एकाएक क्या हुआ कि रोहित का स्पीड एकदम से तेज हो गयी और वो बेतहाशा सन्जू को चोदने लगा। सन्जू की पूरी गांड और चूची थर्रा गयी और हिलोरें मार रही थी। सन्जू के मुंह से आह ... उह ... इशस्स ... अअह ... ओहो ... उह ... की आवाजें तेज हो गई। लगभग 10 मिनट के चुदाई के बाद एकाएक सन्जू बोली:- थोड़ा रुको। रोहित रुका तो सन्जू बोली:- इतनी ताकत कहां से आती रे तेरे पास? बाप रे बाप ... तूने तो मेरा पसीना निकाल दिया ... मुझे निचोड़ के रख दिया।
सन्जू बोली:- अब तुम नीचे उतरो l
और फिर सन्जू उसे पीठ के बल लिटा कर उसके लंड के ऊपर बैठ गई और लगी गांड को ऊपर नीचे करने, रोहित सिसकारी भरने लगा और संजना भी अपने चरमोत्कर्ष पर थी. एकाएक संजना ने लंड पर बैठे बैठे रोहित के मुख में अपनी जीभ घुसा दी और उसके होंठों को जैसे खाने लगी और बेतहाशा उसकी गर्दन, छाती, यहाँ तक कि उसकी बगल (कांख) को भी चूसने लगी।
दृश्य ऐसा लग रहा था जैसे किसी मेमने के ऊपर कोई शेरनी बैठी हो। आखिर बेचारा रोहित कब तक बरदाश्त करता, वो इस पोज में लगभग 5 मिनट के बाद झड़ने लगा.
सन्जू बोली:- थोड़ादेर रुको, मैंभी झड़ने वाली हूँ।
पर अब वो रुकने वाला कहाँ था, सन्जू की पूरी चूत वीर्य से भर गयी।
परंतु सन्जू को कुछ एहसास हुआ, वो बोली:- अरे वाह ... तुम्हारा लंड तो वीर्य निकलने के बाद भी नहीं सिकुड़ा है. और संजना फिर से शेरनी की भांति रोहित के लंड पर उठक बैठक करने लगी। चूंकि सन्जू की चूत रोहित के गाढ़े वीर्य से भरी हुई थी तो अब चूत के घर्षण से संजना की चूत की बाहरी सतह पर सफेद सफेद फेन निकलने लगा था जो बढ़ता ही जा रहा था और सन्जू के पेट और रोहित के पेट पर भी चिपचिपा कर रहा था। अभी तक रोहित का लंड खड़ा था। एकाएक सन्जू का शरीर अकड़ा और वो बेतहाशा झड़ने लगी और रोहित के ऊपर लेट गई और रोहित को कस कर अपने बड़ी-बड़ी चूचीसे सटा कर चिपक गई। फिर थोड़े देर बाद दोनों उठे।
सन्जू बहुत तृप्त और खुश नजर आ रही थी, वो मुझसे बोली:- बाप रे बाप ... आज आप दोनों मिलकर मेरा कचूमर निकाल दिया. और रोहित की तरफ देख कर बोली;- रोहित, देखने से तो तू बहुत कमजोर लगता है पर बहुत ताकत है तुझमें भी। अब सन्जू काफी खुल गई थी और मुझसे संकोच भी खत्म हो गया था। मैंने उससे पूछा:- कैसा लगा?
वो बोली:- बहुत मजा आया।
वो मेरे पास आई और मेरे होंठों को हल्का सा किस करते हुए बहुत प्यार से मुझे 'आई लव यू ...' बोली। संजना बोली:- अब मैं फ्रेश होकर आती हूँ.
और वो बाथरुम चली गई।
इधर रोहित मेरे पास आकर हाथ जोड़कर बोला:- भैया, मैं आपका ये उपकार जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगा।
मैं उसे बोला:- कोई बात नहीं ... जाओ कपड़े पहन लो, और वो अपने कपड़े पहनमें लगा। तब तक संजना फ्रेश होकर आ गई, वो अबकी बार एक लाल रंग की नाईटी पहनकर आयीथी जिसमें उसकी चूची और गांड का उभार स्पष्ट दिख रहा था, वो पूरा फ्रेश दीख रही थी।