06-12-2019, 06:19 PM
एक्चुअली सीमा ने शिवानी का चादर ओढ़ लिया था और शिवानी ने सीमा का l हम सब नींद में इतने थे की ज्यादा ध्यान नही दिया l
मैं सीमा को शिवानी समझ इंस्ट्रक्शन देता गया और वो भी नींद में होने की वजह से हाँ हाँ बोलते बोलते साथ में मेरे रूम में आ गई। मैं सामान रखा और बेड पर जा गिरा और लेट गया सीमा वो भी लेटी हुई थी लाइट सब बन्द करदी थी l
मैं और सीमा दोनों एक ही बेड पर मदहोश नींद में थे रात गहरी थी कटरा का मौसम अचानक ठंडा पड़ गया l मुझे ठंड लगने लगी l
ठंड की वजह से नींद में ही मैं सीमा को अपने आगोश में ले लिया ठण्ड और बढ़ती जा रही थी और कम्बल से मेरा और सीमा (शिवानी समझ) का बुरा हाल हो रहा था समझ नही आ रहा था क्या करूँ एक तरफ नींद दूसरी तरफ ठंड मैं और सीमा दोनों ने एक दूसरे को कास कर बाहों में भर लिया l इसके बाद मुझसे रहा नही गया और मैंने सीमा के पायजामा में हाथ डाला और उसके गांड पर हाथ फेरने लगा l
तभी सीमा भी मुझे अनिल समझ मेरे पेंट के हुक को खोल अंदर हाथ डाल दिया तब उसने मेरे लण्ड को पकड़ सहलाने लगी, ऐसा करने से उसको और मुझे दोनों को गर्माहट मिलने लगी l
तभी सीमा बोली, अनिल जी, माता रानी हमारी झोली भरेगी न?
ये सुनते ही मेरा 17 CM का लण्ड सुख कर 5 CM का हो गया, मैं समझ गया कि गलती से शिवानी की जगह सीमा आ गई फिर इमेजिन करने लगा की अनिल भी ठंड में क्या क्या कर रहा होगा । वैसे भी शिवानी तो बिना कुछ बोले अपनी खोल कर चुदती रहेगी । मैं सोचा की जब अनिल मेरी बीबी चोड़के झूठा कर ही देगा क्यों न सीमा को भी चोद देता हूँ l
फिर मैंने सीमा को अंधेरे में ही घुमा दिया और पायजामा ढीला कर नीचे उतार दिया, लण्ड को उसके गांड के क्लीवेज पर रख सहलाता रहा जो सेक्स में शिवानी के साथ नही कर पाया वो मैं सीमा के साथ करने की सोच रहा था, जब मेरा लण्ड अपने पूरे शबाब पर था तो मैंने धीरे धीरे सीमा के गांड के छेद पर लण्ड रखा, तो सीमा बोली अनिल मैंने आपको बोला हुआ है न कि मुझे इसमे दर्द बहुत होता है मैं बिना कुछ बोले सब छोड़ कर अलग हट गया और नाटक करने लगा की जैसे नराज हूँ l सीमा थोड़ी देर तो रुकी फिर मेरे ऊपर आ गई और बोलने लगी अनिल जी ऐसे करोगे तो माता पिता कैसे बनेगे? इतना बोलने के वो मेरे लण्ड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी जैसे जैसे लण्ड शबाब में आया तो मेरा पूरा लण्ड उसके मुंह को कवर कर लिया, फिर मैंने उसको अपने ऊपर किया और अपने हाथों से उसके चूचियो को दबाने लगा l माँ कसम यार चूचिया ऐसी थी मानो जैसे तरबूजा बड़े बड़े और रुई जैसे सॉफ्ट चेरी जैसे निप्पल मन तो किया कि चूस लू आम के रस को l
फिर ख्याल आया जल्दबाजी नही करना इसका रस धीरे धीरे पिने में मजा आएगा । फिर मैंने उसको थोड़ा उठाया और अपना लण्ड उसके गांड के छेद पर रखा वो फिर मना करने लगी मैंने बिना कुछ बोले उसको अपनी तरफ खिंचा और उसके ऊपर चढ़ गया और सबसे पहले उसके होठो को अपने होठों से चूसने लगा वो समझी के मैं मान गया हूँ, लेकिन मेरा इरादा कुछ अलग था l पहले मैंने उसकी गांड ऊपर उठाई और अपने लण्ड को फिर छेद पर रखा और बिना देर करते हुए एक धक्का मारा मेरा आधा लण्ड उसके गांड में जा चूका था उसकी चीख भी निकली लेकिन मैं अब इसके साथ नरमी नही बरतने वाला था मैंने फिर एक बार लण्ड बाहर निकाला और छेद पर रख दोबारा एक धक्का मार दिया इस बार वो और तेज चीखी मेरा लण्ड भी पूरा अंदर जा चूका था
सीमा -- अनिल जी बस करो, दर्द होता है बहुत
मैं -- प्लीज (दबी आवाज में) करने दो यार मजा आ रहा है ।
सीमा -- आपके आवाज को किया हुआ जी?
मैं -- वो कोल्ड ड्रिंक पिया था न ट्रैन में इसलिए गाला बैठ गया है ।
सीमा -- ओके लेकिन प्लीज मेरी गांड तो मत मारो दर्द होता है बहुत
मैं -- आज भर प्लीज इसके बाद नही ।
सीमा -- ओके , लेकिन सिर्फ आज
मैं तैयार हुआ दोबारा और एक बार फिर एक झटके मारे और झटके मारने की स्पीड तेज करदी पूरा रूम घपा घप की आवाज से गूंज रहा था उसके बाद मैंने लण्ड निकाला और उसकी चूत पर रखा और फिर मैंने एक तेज तरार धक्का मारा और उसके अंदर पेल दिया ।
15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने फील किया किया मैं झड़ने वाला हूँ मैं अपने लण्ड को गहराई तक ले गया चुत के अंदर , फिर मैंने अपना वीर्य छोड़ दिया, वीर्य छोड़ने के बाद मैंने उसके चूचियो को चूसने लगा क्योंकि मैं चाहता था कि आज की चुदाई की निशानी सीमा हमेशा याद रखे, इसलिए जब मैं उसके चूचियो को चूस रहा था तब मैंने उसके निप्पल को एक बच्चे की तरफ चूस रहा था और काट भी रहा था,
चूचियो के मसलने के बाद मेरा इरादा था कि उसके होठो को भी मसलू लेकिन गुलाब के पंखुडियो को मसल कर रखना मैं नही चाहता था इसलिए बस उसके रस को चूसता रहा जब तक चूसता रहा जब तक उसके होठ सूज न गए l
लगातार 2 घंटे हो गए थे मैं समझ गया था कि वो थक गई है इसलिये उसके चुत में लण्ड डाले हुए मैं सो गया
मैं सीमा को शिवानी समझ इंस्ट्रक्शन देता गया और वो भी नींद में होने की वजह से हाँ हाँ बोलते बोलते साथ में मेरे रूम में आ गई। मैं सामान रखा और बेड पर जा गिरा और लेट गया सीमा वो भी लेटी हुई थी लाइट सब बन्द करदी थी l
मैं और सीमा दोनों एक ही बेड पर मदहोश नींद में थे रात गहरी थी कटरा का मौसम अचानक ठंडा पड़ गया l मुझे ठंड लगने लगी l
ठंड की वजह से नींद में ही मैं सीमा को अपने आगोश में ले लिया ठण्ड और बढ़ती जा रही थी और कम्बल से मेरा और सीमा (शिवानी समझ) का बुरा हाल हो रहा था समझ नही आ रहा था क्या करूँ एक तरफ नींद दूसरी तरफ ठंड मैं और सीमा दोनों ने एक दूसरे को कास कर बाहों में भर लिया l इसके बाद मुझसे रहा नही गया और मैंने सीमा के पायजामा में हाथ डाला और उसके गांड पर हाथ फेरने लगा l
तभी सीमा भी मुझे अनिल समझ मेरे पेंट के हुक को खोल अंदर हाथ डाल दिया तब उसने मेरे लण्ड को पकड़ सहलाने लगी, ऐसा करने से उसको और मुझे दोनों को गर्माहट मिलने लगी l
तभी सीमा बोली, अनिल जी, माता रानी हमारी झोली भरेगी न?
ये सुनते ही मेरा 17 CM का लण्ड सुख कर 5 CM का हो गया, मैं समझ गया कि गलती से शिवानी की जगह सीमा आ गई फिर इमेजिन करने लगा की अनिल भी ठंड में क्या क्या कर रहा होगा । वैसे भी शिवानी तो बिना कुछ बोले अपनी खोल कर चुदती रहेगी । मैं सोचा की जब अनिल मेरी बीबी चोड़के झूठा कर ही देगा क्यों न सीमा को भी चोद देता हूँ l
फिर मैंने सीमा को अंधेरे में ही घुमा दिया और पायजामा ढीला कर नीचे उतार दिया, लण्ड को उसके गांड के क्लीवेज पर रख सहलाता रहा जो सेक्स में शिवानी के साथ नही कर पाया वो मैं सीमा के साथ करने की सोच रहा था, जब मेरा लण्ड अपने पूरे शबाब पर था तो मैंने धीरे धीरे सीमा के गांड के छेद पर लण्ड रखा, तो सीमा बोली अनिल मैंने आपको बोला हुआ है न कि मुझे इसमे दर्द बहुत होता है मैं बिना कुछ बोले सब छोड़ कर अलग हट गया और नाटक करने लगा की जैसे नराज हूँ l सीमा थोड़ी देर तो रुकी फिर मेरे ऊपर आ गई और बोलने लगी अनिल जी ऐसे करोगे तो माता पिता कैसे बनेगे? इतना बोलने के वो मेरे लण्ड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी जैसे जैसे लण्ड शबाब में आया तो मेरा पूरा लण्ड उसके मुंह को कवर कर लिया, फिर मैंने उसको अपने ऊपर किया और अपने हाथों से उसके चूचियो को दबाने लगा l माँ कसम यार चूचिया ऐसी थी मानो जैसे तरबूजा बड़े बड़े और रुई जैसे सॉफ्ट चेरी जैसे निप्पल मन तो किया कि चूस लू आम के रस को l
फिर ख्याल आया जल्दबाजी नही करना इसका रस धीरे धीरे पिने में मजा आएगा । फिर मैंने उसको थोड़ा उठाया और अपना लण्ड उसके गांड के छेद पर रखा वो फिर मना करने लगी मैंने बिना कुछ बोले उसको अपनी तरफ खिंचा और उसके ऊपर चढ़ गया और सबसे पहले उसके होठो को अपने होठों से चूसने लगा वो समझी के मैं मान गया हूँ, लेकिन मेरा इरादा कुछ अलग था l पहले मैंने उसकी गांड ऊपर उठाई और अपने लण्ड को फिर छेद पर रखा और बिना देर करते हुए एक धक्का मारा मेरा आधा लण्ड उसके गांड में जा चूका था उसकी चीख भी निकली लेकिन मैं अब इसके साथ नरमी नही बरतने वाला था मैंने फिर एक बार लण्ड बाहर निकाला और छेद पर रख दोबारा एक धक्का मार दिया इस बार वो और तेज चीखी मेरा लण्ड भी पूरा अंदर जा चूका था
सीमा -- अनिल जी बस करो, दर्द होता है बहुत
मैं -- प्लीज (दबी आवाज में) करने दो यार मजा आ रहा है ।
सीमा -- आपके आवाज को किया हुआ जी?
मैं -- वो कोल्ड ड्रिंक पिया था न ट्रैन में इसलिए गाला बैठ गया है ।
सीमा -- ओके लेकिन प्लीज मेरी गांड तो मत मारो दर्द होता है बहुत
मैं -- आज भर प्लीज इसके बाद नही ।
सीमा -- ओके , लेकिन सिर्फ आज
मैं तैयार हुआ दोबारा और एक बार फिर एक झटके मारे और झटके मारने की स्पीड तेज करदी पूरा रूम घपा घप की आवाज से गूंज रहा था उसके बाद मैंने लण्ड निकाला और उसकी चूत पर रखा और फिर मैंने एक तेज तरार धक्का मारा और उसके अंदर पेल दिया ।
15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने फील किया किया मैं झड़ने वाला हूँ मैं अपने लण्ड को गहराई तक ले गया चुत के अंदर , फिर मैंने अपना वीर्य छोड़ दिया, वीर्य छोड़ने के बाद मैंने उसके चूचियो को चूसने लगा क्योंकि मैं चाहता था कि आज की चुदाई की निशानी सीमा हमेशा याद रखे, इसलिए जब मैं उसके चूचियो को चूस रहा था तब मैंने उसके निप्पल को एक बच्चे की तरफ चूस रहा था और काट भी रहा था,
चूचियो के मसलने के बाद मेरा इरादा था कि उसके होठो को भी मसलू लेकिन गुलाब के पंखुडियो को मसल कर रखना मैं नही चाहता था इसलिए बस उसके रस को चूसता रहा जब तक चूसता रहा जब तक उसके होठ सूज न गए l
लगातार 2 घंटे हो गए थे मैं समझ गया था कि वो थक गई है इसलिये उसके चुत में लण्ड डाले हुए मैं सो गया