05-12-2019, 05:21 PM
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आज पहलीबार मैं किसी शक़्स के चेहरे को नहीं पढ़ पा रहा था! शायद ये घबराहट थी या फिर ऋतू को खो देने का डर! मोहिनी मेरे सामने आकर खड़ी हुई और कुछ बोलने को हुई पर उसे एहसास हुआ की हमारे इर्द-गिर्द बहुत से लोग हैं इसलिए उसने मेरा और ऋतू का हाथ पकड़ा और हमें एक कोने में ले आई| अभी उसने कुछ कहा नहीं था और इधर मेरा दिल कह रहा था की आज रात ही मैं ऋतू भगा कर ले जाऊँगा|
"मानु जी! ये सच है की आप रितिका से प्यार करते हो?" मोहिनी की बात सुन ऋतू घबरा गई और जल्दीबाजी में बीच-बचाव करने को कूद पड़ी|
"हाँ दीदी...ये...ये तो सब जानते हैं!"
"मैं उस प्यार की बात नहीं कर रही?" मोहिनी ने गंभीर होते हुए कहा| मोहिनी का ये रूप देख ऋतू का सर झुक गया तो मैंने एक गहरी साँस ली और पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा; "हाँ! बहुत प्यार करता हूँ मैं ऋतू से?"
"ये जानते हुए की आपका उससे रिश्ता क्या है?" मोहिनी की आँखों मुझे अब एक चिंगारी नजर आने लगी थी|
"खून के रिश्ते से बड़ा प्यार का रिश्ता होता है!" मैंने कहा|
"और आगे क्या करोगे?" मोहिनी ने पुछा|
"शादी और क्या?!" मैंने सरलता से जवाब दिया|
"Really? भाग कर? क्योंकि यहाँ तो ये सुनने के बाद आप दोनों को कोई जिन्दा नहीं छोड़ेगे|" मोहिनी ने ताना मारते हुए कहा|
"हम दोनों यहाँ से दूर अपनी नई जिंदगी बसायेंगे|" ऋतू ने भी आत्मविश्वास दिखते हुए कहा|
"रहोगे तो इसी दुनिया में ना? भूल गए आपने ही बताया था की आपके गाँव वाले प्रेमियों को जिन्दा जला देते हैं!" मोहिनी ने ऋतू को डाँटते हुए कहा|
"सब याद है, वो ऋतू की ही माँ थी जिन्हें खेत के बीचों बीच जिन्दा जला दिया गया था|" मैंने मोहिनी की आँखों में देखते हुए कहा| अब ये सुन कर तो मोहिनी के होश ही उड़ गए!
"क्या? और फिर भी आप?" मोहिनी ने हैरान होते हुए कहा|
"प्यार होना था, हो गया कोई इसे माने चाहे ना माने हम तो इस प्यार पर विश्वास करते हैं ना?! जानता हूँ ये लड़ाई बहुत लम्बी है और शायद भागते-भागते जमीन भी कम पड़े पर हम अलग होने से रहे! ज्यादा से ज्यादा हमें मार ही देंगे ना? इससे ज्यादा तो कुछ नहीं कर सकते?"
"आपको ये इतना आसान लग रहा है? दिमाग-विभाग है या इसके (ऋतू के) प्यार में पड़ कर सब खो दिया आपने? तुझमें (ऋतू में) अक्ल नहीं है क्या? क्यों अपनी अच्छी खासी जिंदगी ख़राब करना चाहते हो? क्या अच्छा लगता है तुम्हें एक दूसरे में? सेक्स करो खत्म करो! ये शादी-वादी का क्या चक्कर है?!" मोहिनी की ये बात मुझे बहुत बुरी लगी, ऐसा लगा मानो उसने मेरे प्यार को गाली दी हो| मैंने उसकी कलाई पकड़ी और उसे गुस्से से दिवार के सहारे खड़ा करते हुए उसकी आँखों में आँखें डालते हुए कहा; "तुझे क्या लगता है की मैं इसके जिस्म का भूखा हूँ? या फिर ये सिर्फ मेरे साथ सेक्स करना चाहती है और इसलिए हम शादी कर रहे हैं? शादी हम इसलिए नहीं कर रहे ताकि दिन रात बस सेक्स कर सकें, शादी हम इसलिए कर रहे हैं ताकि ताउम्र हम एक दूसरे के साथ गुजार सकें| अपना परिवार बसा सकें, जहाँ हमें एक साथ देख कर कोई हमारे रिश्ते को नहीं प्यार की तारीफ करे| अगर सेक्स ही करना होता तो ये प्यार नहीं वासना होती! हमारे अंदर वासना कतई नहीं, सिर्फ एक दूसरे के लिए प्यार है|
हम दोनों एक घर में पैदा हुए क्या ये मेरी गलती है? या फिर ये मेरी भतीजी बन कर पैदा हुई ये इसकी गलती है? हम अपनी मर्जी से अपने माँ-बाप नहीं चुनते और अगर चुन सकते तो कभी एक परिवार में पैदा नहीं होते| I don't give a fuck what this society thinks of this relationship, what matters to me is what she thinks of this relationship and she’s bloody danm proud of it. Throughout her childhood she has suffered a lot, you have no idea what it feels to be the unwanted child in a family. जब ये अपना दर्द भरा बचपन काट रही थी तब तो किसी ने आ कर इसके दिल पर मरहम नहीं लगाया ना? अगर मेरे प्यार से इसके जख्मों को आराम मिलता है तो दुनिया को कोई हक़ नहीं की वो हमें अलग करे| मेरा प्यार सच्चा है और तुझे कोई हक़ नहीं की मेरे प्यार को गाली दे!” मेरी बातें सुन कर मोहिनी हैरान थी और जब वो बोली तो बातें बहुत हद्द तक साफ़ हो गईं| “I’m sorry! मेरा वो उदेश्य नहीं था.....मैं बस जानना चाहती थी की आप कितना प्यार करते हो ऋतू को| I’m happy for you guys!” मोहिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर ऋतू का हाथ पकड़ कर उसे अपने गले लगा लिया| ऋतू रउवाँसी हो गई थी और उसे ये चिंता सता रही थी की अगर ये राज मोहिनी ने खोल दिया तो क्या होगा? पर उसकी चिंता का निवारण मोहिनी ने खुद ही कर दिया; "रितिका रो मत! Your secret is safe with me. पर हाँ शादी में जर्रूर बुलाना!” मोहिनी ने हँसते हुए कहा| ऋतू की आँख से आँसू की एक धार बह निकली थी, मोहिनी ने खुद उसके आँसू पोछे और उसे वाशरूम जाने को कहा| ऋतू के जाने के बाद मोहिनी बोली; "वैसे मैंने आज एक बहुत बड़ा सबक सीखा है! अगर किसी से प्यार करो तो उसे बता देना चाहिए, ज्यादा इंतजार करने से वो शक़्स आपसे बहुत दूर चला जाता है!" वो इतना कह कर जाने लगी, मुझे ऐसा लगा जैसे उसके अंदर कोई दर्द छुपा है और वो उसे छुपा रही है| मैंने उसका हाथ थामा और उसे अपनी तरफ घुमाया तो पाया की उसकी आँखें नम हैं! मुझे उससे पूछना नहीं पड़ा की उसकी बात का मतलब क्या है क्योंकि उसके आँसू सब ब्यान कर रहे थे| पर मोहिनी अपने मन में कुछ रखना नहीं चाहती थी इसलिए बोल पड़ी; "कॉलेज के लास्ट ईयर मुझे आपसे प्यार हुआ पर कहने की हिम्मत नहीं पड़ी| फिर हमारा साथ छूट गया और शायद मैं भी आपको भूल गई थी, फिर उस दिन आपने मेरे दिल में दुबारा एंट्री ली और क्या एंट्री ली! वो सोया हुआ प्यार फिर जाग गया पर फिर हिम्मत नहीं हुई आपसे कहने की और जब कहना चाहा तो आपने ये बोल कर डरा दिया की आपके गाँव में डॉम प्यार करने वालों को मार दिया जाता है| जैसे-तैसे खुद को संभाल लिया ये सोच कर क्या पता की आगे चल कर हालात सुध जाएं और तब मैं आपसे अपने प्यार का इजहार करूँ! पर सच्ची मैंने बहुत देर कर दी!!!"
"प्यार तो फर्स्ट ईयर से मैं तुम्हें करता था पर लगता था की तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड होगा ही| फिर जब टूशन पढ़ाने आया तो पता चला की तुम तो वेल्ली हो पर कुछ कह पाता उससे पहले ही मुझे मेरे ही घर की ये बात पता लगी और फिर रही सही हिम्मत भी टूट गई! फिर ऋतू से प्यार हुआ और मैंने ये रिस्क लेने की सोची!" मैंने मोहिनी को सब सच बता दिया|
"तो ये सब आपके गाँव वालों की वजह से हुआ! कोई बात नहीं ....शायद मेरे नसीब में प्यार था ही नहीं!" मोहिनी ने नकली हँसी हँसते हुए कहा| मेरे आगे कुछ कहने से पहले ही ऋतू आ गई और ठीक उसी समय स्टेज पर से सोमू भैया ने मेरे नाम की अनाउंसमेंट की और मुझे स्टेज पर बुलाया| हम तीनों स्टेज की तरफ चल दिए; "भाई आज तक हमारे वो गुमनाम शायर जिन्होंने आजतक हमारे कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर टोपर की शोभा बधाई है उनसे दरख्वास्त करूँगा की वो कुछ लाइन आपको सुनायें| मैं स्टेज पर चढ़ा और सोमू के कान के पास जा कर बोलै; "कहाँ फँसा दिया भैया आपने!" मैंने ये ध्यान नहीं दिया की उनके हाथ में जो माइक है वो ऑन है| जब सब ने मेरी ये बात सुनी तो सब लोग हँसने लगे|
"दोस्तों एक शायर की चंद लाइन्स याद आती हैं.....
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं कहीं आसमान नहीं मिलता
तमाम शहर में ऐसा नहीं खुलूस न हो
जहाँ उम्मीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता
कहाँ चराग़ जलाएं कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती हैं लेकिन माकन नहीं मिलता
ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं
ज़बान मिली है मगर हम-ज़बान नहीं मिलता
चराग़ जलते ही बिनाई बुझने लगती है
खुद अपने घर में ही घर का निशान नहीं मिलता "
ये लाइन्स सिर्फ और सिर्फ मोहिनी के लिए थीं ताकि उसे उसकी कही बात का जवाब मिल जाये| तालियों की गड़गड़ाहट और सीटियों से सब ने अपनी ख़ुशी जाहिर की| मैं स्टेज से उतरा और अब मेरा मन शांत था और कोई डर नहीं था पर शायद ऋतू को अब भी घबराहट थी| मैं उसके और मोहिनी के पास पहुंचा और तभी मोहिनी हम दोनों को छोड़ कर अपनी किसी दोस्त के पास चली गई| "वो किसी से कुछ नहीं कहेगी! मुँह-फ़ट है पर चुगली करना उसकी आदत नहीं|" मैंने कहा और फिर ऋतू को सारी बात बता दी| वो सब सुन कर उसे इत्मीनान हुआ और वो मुस्कुरा दी| कुछ देर में गाने फिर से बजने लगे, हम दोनों एक चाट वाले स्टाल के पास खड़े थे की तभी वहाँ राहुल नाम का एक लड़का आया| ये ऋतू की क्लास में कुछ महीने पहले ही ट्रांसफर ले कर आया था| साल के बीचों बीच आया है मतलब जर्रूर कोई नामी बाप की औलाद होगा| पहनावा उसका बिलकुल अमीरों जैसा पर वो रोहित की तरह चूतिया नहीं था| स्टाइलिश था और जब से हम आये थे उसकी नजर ऋतू पर ही टिकी थी| राहुल ने आते ही ऋतू से पुछा; "Shall we dance?" पर ऋतू ने एक दम से जवाब दिया; "नहीं!" वो हैरानी से उसकी तरफ देखने लगा और इससे पहले की कुछ बोलता ऋतू ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे डांस फ्लोर पर ले आई|
"क्या हुआ?" मैंने पुछा|
"I Hate that guy! ये उसी मंत्री का बेटा है जो उस दिन हमारे घर पर आया था|" ऋतू ने चिढ़ते हुए कहा| अब पहले से ही उसका मूड थोड़ा ऑफ था और मैं उसे और ख़राब नहीं करना चाहता था| मैंने ऋतू को उसकी कमर से पकड़ा और अपने जिस्म से सटा कर थिरकने लगा|
"जानू! अगर दीदी (मोहिनी) ने आपसे पहले इजहार किया होता तो?" ऋतू ने पुछा| अब मैं उससे इस बारे में बात नहीं करना चाहता था, शायद ऋतू खुद समझ गई; "तो आज आप उनके साथ होते .... और मैं अपनी किस्मत को कोस रही थी!" मैंने ऋतू के सर को चूमा और कहा; "जान! हमारी किस्मत में एक होना लिखा था, इसलिए आज हम यहाँ हैं|" ऋतू को मेरी बात से इत्मीनान हुआ और अब वो फिर से मुस्कुराने लगी| उस दिन मुझे इस बात का एहसास हुआ की मेरे अंदर इस जमाने से लड़ने की कितनी शक्ति है और ऋतू भी जान गई की मैं उससे कितना प्यार करता हूँ| प्रोग्राम खत्म हुआ तो मैं और ऋतू बाहर आये और अभी मैं बाइक को किक कर ने वाला था की ऋतू के कुछ दोस्त आये और मुझे Hi बोल कर उससे कुछ बात करने लगे| उनकी बात होने तक मैंने बाइक घुमा ली थी, फिर ऋतू को हॉस्टल छोड़ कर मैं अपने घर आ गया|
समय का चक्का घूमने लगा और ऋतू के exams आ गए, मुझे कहने की जर्रूरत नहीं की उसने फर्स्ट ईयर में टॉप किया| घर वाले उसकी इस उपलब्धि से बहुत खुश थे और रिजल्ट ले कर हम घर पहुँचे तो उसे इस बार बहुत प्यार मिला| परिवार के प्यार की खुशियाँ देर से ही सही पर उसे अब मिलने लगीं थीं|
रिजल्ट की ख़ुशी मना कर मैं और ऋतू शहर वापस जा रहे थे की रास्ते में मेरी बाइक ख़राब हो गई| बाइक को धक्का लगाते-लगाते हम एक मैकेनिक तक पहुँचे और मैं वहाँ उससे बाइक बनवाने लगा की ऋतू बोर हो रही थी और ऐसे ही चलते-चलते कुछ आगे चली गई| वहाँ उसने एक झोपडी देखि जहाँ एक बच्चा धुल में खेल रहा था| उसके पास ही उसकी माँ बैठी थी जो सर झुका कर कुछ सोच रही थी| उसका ध्यान जरा भी अपने बच्चे पर नहीं था, उसका पति कहीं मजदूरी करने गया था, चूल्हा ठंडा था और शायद उन बेचारों के पास खाने को भी कुछ नहीं था| ऋतू वहीँ कड़ी उस बच्चे और उसकी माँ को देख रही थी, माँ की उम्र ऋतू से कुछ 1-2 साल ही ज्यादा थी और बच्चा करीब 1 साल का होगा| बाइक ठीक होने के बाद मैं ऋतू को ढूँढता हुआ आया तो मैंने देखा की ऋतू वहाँ उस बच्चे की माँ से बात कर रही है| मुझे वहाँ खड़ा देख उसने मुझसे पैसे मांगे और उस औरत को देने लगी| कुछ न-नुकुर के बाद उसने पैसे ले लिए उसके बाद जब ऋतू मेरे पास चल के आई तो उसकी आँखें नम थी| वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कुछ दूर लाई और आ कर मेरे गले लग गई| आज पहली बार उसने गरीबी देखि थी, गाँव में उसका घर से निकलना कम होता था और जो गरीबी उसने गाँव में देखि थी वो थी मिटटी के घर और हमारे खेतों में काम करने वाले मजदूर!! ऋतू के लिए तो जिसका घर मिटटी का है या जो दूसरों के खेतों में काम करता है वही गरीब और जिसका घर पक्का बना है या जो अपने खेतों में दूसरों से काम करवाता है वो अमीर| शहर आ कर उसने जब लोगों को भीख मांगते हुए देखा तो उसने सोचा की शायद ये गरीबी होती है पर जब उसे पता चला की इनमें से ज्यादातर एक 'रैकेट' का हिस्सा हैं तो उसके मन के विचार बदलने लगे| भला कोई काम न कर के जानबूझ कर भीक मांगे तो वो काहे का गरीब? पर आज जब उसने उस औरत से उसकी कहानी सुनी तो उसे एहसास हुआ की गरीबी क्या होती हैं!
उसका नाम फुलवा है, वो एक बंजारन है| उसे एक दूसरे कबीले के लड़के से प्यार हुआ और जब उसने ये बात अपने घर में बताई तो उन्होंने उसे और उस लड़के को कबीले से निकाल दिया| तब से दोनों दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, इसी बीच उसका ये बेटा पैदा हुआ और अब इन दोनों की जिंदगी तबह हो गई| उसका पति काम के तलाश में रोज निकलता है और शाम को खाली हाथ लौटता है| क्या प्यार करने वालों के साथ ऐसा ही होता है? क्यों ये लोग उन्हें चैन से जीने नहीं देते? और हमारा क्या होगा? अगर हमारे साथ ऐसा हुआ तो?" ऋतू ने रोते-रोते पुछा|
"हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं होगा! मैंने सब कुछ प्लान कर रखा है| मैं ये जॉब क्यों कर रहा हूँ? इसीलिए ना की जब हम घर से भागें तो हम एक नई जिंदगी शुरू कर सकें| हाँ मैं मानता हूँ की ये इतना आसान नहीं होगा पर failure is not an option for us! We've to fight till the last breath and we will succeed! तुझे बस मुझ पर विश्वास रखना है|" मैंने पूरे आत्मविश्वास से कहा| उस टाइम तो ऋतू ने मेरी बात मान ली पर अब उसके मन में ये चिंता पैदा हो चुकी थी|
आज पहलीबार मैं किसी शक़्स के चेहरे को नहीं पढ़ पा रहा था! शायद ये घबराहट थी या फिर ऋतू को खो देने का डर! मोहिनी मेरे सामने आकर खड़ी हुई और कुछ बोलने को हुई पर उसे एहसास हुआ की हमारे इर्द-गिर्द बहुत से लोग हैं इसलिए उसने मेरा और ऋतू का हाथ पकड़ा और हमें एक कोने में ले आई| अभी उसने कुछ कहा नहीं था और इधर मेरा दिल कह रहा था की आज रात ही मैं ऋतू भगा कर ले जाऊँगा|
"मानु जी! ये सच है की आप रितिका से प्यार करते हो?" मोहिनी की बात सुन ऋतू घबरा गई और जल्दीबाजी में बीच-बचाव करने को कूद पड़ी|
"हाँ दीदी...ये...ये तो सब जानते हैं!"
"मैं उस प्यार की बात नहीं कर रही?" मोहिनी ने गंभीर होते हुए कहा| मोहिनी का ये रूप देख ऋतू का सर झुक गया तो मैंने एक गहरी साँस ली और पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा; "हाँ! बहुत प्यार करता हूँ मैं ऋतू से?"
"ये जानते हुए की आपका उससे रिश्ता क्या है?" मोहिनी की आँखों मुझे अब एक चिंगारी नजर आने लगी थी|
"खून के रिश्ते से बड़ा प्यार का रिश्ता होता है!" मैंने कहा|
"और आगे क्या करोगे?" मोहिनी ने पुछा|
"शादी और क्या?!" मैंने सरलता से जवाब दिया|
"Really? भाग कर? क्योंकि यहाँ तो ये सुनने के बाद आप दोनों को कोई जिन्दा नहीं छोड़ेगे|" मोहिनी ने ताना मारते हुए कहा|
"हम दोनों यहाँ से दूर अपनी नई जिंदगी बसायेंगे|" ऋतू ने भी आत्मविश्वास दिखते हुए कहा|
"रहोगे तो इसी दुनिया में ना? भूल गए आपने ही बताया था की आपके गाँव वाले प्रेमियों को जिन्दा जला देते हैं!" मोहिनी ने ऋतू को डाँटते हुए कहा|
"सब याद है, वो ऋतू की ही माँ थी जिन्हें खेत के बीचों बीच जिन्दा जला दिया गया था|" मैंने मोहिनी की आँखों में देखते हुए कहा| अब ये सुन कर तो मोहिनी के होश ही उड़ गए!
"क्या? और फिर भी आप?" मोहिनी ने हैरान होते हुए कहा|
"प्यार होना था, हो गया कोई इसे माने चाहे ना माने हम तो इस प्यार पर विश्वास करते हैं ना?! जानता हूँ ये लड़ाई बहुत लम्बी है और शायद भागते-भागते जमीन भी कम पड़े पर हम अलग होने से रहे! ज्यादा से ज्यादा हमें मार ही देंगे ना? इससे ज्यादा तो कुछ नहीं कर सकते?"
"आपको ये इतना आसान लग रहा है? दिमाग-विभाग है या इसके (ऋतू के) प्यार में पड़ कर सब खो दिया आपने? तुझमें (ऋतू में) अक्ल नहीं है क्या? क्यों अपनी अच्छी खासी जिंदगी ख़राब करना चाहते हो? क्या अच्छा लगता है तुम्हें एक दूसरे में? सेक्स करो खत्म करो! ये शादी-वादी का क्या चक्कर है?!" मोहिनी की ये बात मुझे बहुत बुरी लगी, ऐसा लगा मानो उसने मेरे प्यार को गाली दी हो| मैंने उसकी कलाई पकड़ी और उसे गुस्से से दिवार के सहारे खड़ा करते हुए उसकी आँखों में आँखें डालते हुए कहा; "तुझे क्या लगता है की मैं इसके जिस्म का भूखा हूँ? या फिर ये सिर्फ मेरे साथ सेक्स करना चाहती है और इसलिए हम शादी कर रहे हैं? शादी हम इसलिए नहीं कर रहे ताकि दिन रात बस सेक्स कर सकें, शादी हम इसलिए कर रहे हैं ताकि ताउम्र हम एक दूसरे के साथ गुजार सकें| अपना परिवार बसा सकें, जहाँ हमें एक साथ देख कर कोई हमारे रिश्ते को नहीं प्यार की तारीफ करे| अगर सेक्स ही करना होता तो ये प्यार नहीं वासना होती! हमारे अंदर वासना कतई नहीं, सिर्फ एक दूसरे के लिए प्यार है|
हम दोनों एक घर में पैदा हुए क्या ये मेरी गलती है? या फिर ये मेरी भतीजी बन कर पैदा हुई ये इसकी गलती है? हम अपनी मर्जी से अपने माँ-बाप नहीं चुनते और अगर चुन सकते तो कभी एक परिवार में पैदा नहीं होते| I don't give a fuck what this society thinks of this relationship, what matters to me is what she thinks of this relationship and she’s bloody danm proud of it. Throughout her childhood she has suffered a lot, you have no idea what it feels to be the unwanted child in a family. जब ये अपना दर्द भरा बचपन काट रही थी तब तो किसी ने आ कर इसके दिल पर मरहम नहीं लगाया ना? अगर मेरे प्यार से इसके जख्मों को आराम मिलता है तो दुनिया को कोई हक़ नहीं की वो हमें अलग करे| मेरा प्यार सच्चा है और तुझे कोई हक़ नहीं की मेरे प्यार को गाली दे!” मेरी बातें सुन कर मोहिनी हैरान थी और जब वो बोली तो बातें बहुत हद्द तक साफ़ हो गईं| “I’m sorry! मेरा वो उदेश्य नहीं था.....मैं बस जानना चाहती थी की आप कितना प्यार करते हो ऋतू को| I’m happy for you guys!” मोहिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर ऋतू का हाथ पकड़ कर उसे अपने गले लगा लिया| ऋतू रउवाँसी हो गई थी और उसे ये चिंता सता रही थी की अगर ये राज मोहिनी ने खोल दिया तो क्या होगा? पर उसकी चिंता का निवारण मोहिनी ने खुद ही कर दिया; "रितिका रो मत! Your secret is safe with me. पर हाँ शादी में जर्रूर बुलाना!” मोहिनी ने हँसते हुए कहा| ऋतू की आँख से आँसू की एक धार बह निकली थी, मोहिनी ने खुद उसके आँसू पोछे और उसे वाशरूम जाने को कहा| ऋतू के जाने के बाद मोहिनी बोली; "वैसे मैंने आज एक बहुत बड़ा सबक सीखा है! अगर किसी से प्यार करो तो उसे बता देना चाहिए, ज्यादा इंतजार करने से वो शक़्स आपसे बहुत दूर चला जाता है!" वो इतना कह कर जाने लगी, मुझे ऐसा लगा जैसे उसके अंदर कोई दर्द छुपा है और वो उसे छुपा रही है| मैंने उसका हाथ थामा और उसे अपनी तरफ घुमाया तो पाया की उसकी आँखें नम हैं! मुझे उससे पूछना नहीं पड़ा की उसकी बात का मतलब क्या है क्योंकि उसके आँसू सब ब्यान कर रहे थे| पर मोहिनी अपने मन में कुछ रखना नहीं चाहती थी इसलिए बोल पड़ी; "कॉलेज के लास्ट ईयर मुझे आपसे प्यार हुआ पर कहने की हिम्मत नहीं पड़ी| फिर हमारा साथ छूट गया और शायद मैं भी आपको भूल गई थी, फिर उस दिन आपने मेरे दिल में दुबारा एंट्री ली और क्या एंट्री ली! वो सोया हुआ प्यार फिर जाग गया पर फिर हिम्मत नहीं हुई आपसे कहने की और जब कहना चाहा तो आपने ये बोल कर डरा दिया की आपके गाँव में डॉम प्यार करने वालों को मार दिया जाता है| जैसे-तैसे खुद को संभाल लिया ये सोच कर क्या पता की आगे चल कर हालात सुध जाएं और तब मैं आपसे अपने प्यार का इजहार करूँ! पर सच्ची मैंने बहुत देर कर दी!!!"
"प्यार तो फर्स्ट ईयर से मैं तुम्हें करता था पर लगता था की तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड होगा ही| फिर जब टूशन पढ़ाने आया तो पता चला की तुम तो वेल्ली हो पर कुछ कह पाता उससे पहले ही मुझे मेरे ही घर की ये बात पता लगी और फिर रही सही हिम्मत भी टूट गई! फिर ऋतू से प्यार हुआ और मैंने ये रिस्क लेने की सोची!" मैंने मोहिनी को सब सच बता दिया|
"तो ये सब आपके गाँव वालों की वजह से हुआ! कोई बात नहीं ....शायद मेरे नसीब में प्यार था ही नहीं!" मोहिनी ने नकली हँसी हँसते हुए कहा| मेरे आगे कुछ कहने से पहले ही ऋतू आ गई और ठीक उसी समय स्टेज पर से सोमू भैया ने मेरे नाम की अनाउंसमेंट की और मुझे स्टेज पर बुलाया| हम तीनों स्टेज की तरफ चल दिए; "भाई आज तक हमारे वो गुमनाम शायर जिन्होंने आजतक हमारे कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर टोपर की शोभा बधाई है उनसे दरख्वास्त करूँगा की वो कुछ लाइन आपको सुनायें| मैं स्टेज पर चढ़ा और सोमू के कान के पास जा कर बोलै; "कहाँ फँसा दिया भैया आपने!" मैंने ये ध्यान नहीं दिया की उनके हाथ में जो माइक है वो ऑन है| जब सब ने मेरी ये बात सुनी तो सब लोग हँसने लगे|
"दोस्तों एक शायर की चंद लाइन्स याद आती हैं.....
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं कहीं आसमान नहीं मिलता
तमाम शहर में ऐसा नहीं खुलूस न हो
जहाँ उम्मीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता
कहाँ चराग़ जलाएं कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती हैं लेकिन माकन नहीं मिलता
ये क्या अज़ाब है सब अपने आप में गुम हैं
ज़बान मिली है मगर हम-ज़बान नहीं मिलता
चराग़ जलते ही बिनाई बुझने लगती है
खुद अपने घर में ही घर का निशान नहीं मिलता "
ये लाइन्स सिर्फ और सिर्फ मोहिनी के लिए थीं ताकि उसे उसकी कही बात का जवाब मिल जाये| तालियों की गड़गड़ाहट और सीटियों से सब ने अपनी ख़ुशी जाहिर की| मैं स्टेज से उतरा और अब मेरा मन शांत था और कोई डर नहीं था पर शायद ऋतू को अब भी घबराहट थी| मैं उसके और मोहिनी के पास पहुंचा और तभी मोहिनी हम दोनों को छोड़ कर अपनी किसी दोस्त के पास चली गई| "वो किसी से कुछ नहीं कहेगी! मुँह-फ़ट है पर चुगली करना उसकी आदत नहीं|" मैंने कहा और फिर ऋतू को सारी बात बता दी| वो सब सुन कर उसे इत्मीनान हुआ और वो मुस्कुरा दी| कुछ देर में गाने फिर से बजने लगे, हम दोनों एक चाट वाले स्टाल के पास खड़े थे की तभी वहाँ राहुल नाम का एक लड़का आया| ये ऋतू की क्लास में कुछ महीने पहले ही ट्रांसफर ले कर आया था| साल के बीचों बीच आया है मतलब जर्रूर कोई नामी बाप की औलाद होगा| पहनावा उसका बिलकुल अमीरों जैसा पर वो रोहित की तरह चूतिया नहीं था| स्टाइलिश था और जब से हम आये थे उसकी नजर ऋतू पर ही टिकी थी| राहुल ने आते ही ऋतू से पुछा; "Shall we dance?" पर ऋतू ने एक दम से जवाब दिया; "नहीं!" वो हैरानी से उसकी तरफ देखने लगा और इससे पहले की कुछ बोलता ऋतू ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे डांस फ्लोर पर ले आई|
"क्या हुआ?" मैंने पुछा|
"I Hate that guy! ये उसी मंत्री का बेटा है जो उस दिन हमारे घर पर आया था|" ऋतू ने चिढ़ते हुए कहा| अब पहले से ही उसका मूड थोड़ा ऑफ था और मैं उसे और ख़राब नहीं करना चाहता था| मैंने ऋतू को उसकी कमर से पकड़ा और अपने जिस्म से सटा कर थिरकने लगा|
"जानू! अगर दीदी (मोहिनी) ने आपसे पहले इजहार किया होता तो?" ऋतू ने पुछा| अब मैं उससे इस बारे में बात नहीं करना चाहता था, शायद ऋतू खुद समझ गई; "तो आज आप उनके साथ होते .... और मैं अपनी किस्मत को कोस रही थी!" मैंने ऋतू के सर को चूमा और कहा; "जान! हमारी किस्मत में एक होना लिखा था, इसलिए आज हम यहाँ हैं|" ऋतू को मेरी बात से इत्मीनान हुआ और अब वो फिर से मुस्कुराने लगी| उस दिन मुझे इस बात का एहसास हुआ की मेरे अंदर इस जमाने से लड़ने की कितनी शक्ति है और ऋतू भी जान गई की मैं उससे कितना प्यार करता हूँ| प्रोग्राम खत्म हुआ तो मैं और ऋतू बाहर आये और अभी मैं बाइक को किक कर ने वाला था की ऋतू के कुछ दोस्त आये और मुझे Hi बोल कर उससे कुछ बात करने लगे| उनकी बात होने तक मैंने बाइक घुमा ली थी, फिर ऋतू को हॉस्टल छोड़ कर मैं अपने घर आ गया|
समय का चक्का घूमने लगा और ऋतू के exams आ गए, मुझे कहने की जर्रूरत नहीं की उसने फर्स्ट ईयर में टॉप किया| घर वाले उसकी इस उपलब्धि से बहुत खुश थे और रिजल्ट ले कर हम घर पहुँचे तो उसे इस बार बहुत प्यार मिला| परिवार के प्यार की खुशियाँ देर से ही सही पर उसे अब मिलने लगीं थीं|
रिजल्ट की ख़ुशी मना कर मैं और ऋतू शहर वापस जा रहे थे की रास्ते में मेरी बाइक ख़राब हो गई| बाइक को धक्का लगाते-लगाते हम एक मैकेनिक तक पहुँचे और मैं वहाँ उससे बाइक बनवाने लगा की ऋतू बोर हो रही थी और ऐसे ही चलते-चलते कुछ आगे चली गई| वहाँ उसने एक झोपडी देखि जहाँ एक बच्चा धुल में खेल रहा था| उसके पास ही उसकी माँ बैठी थी जो सर झुका कर कुछ सोच रही थी| उसका ध्यान जरा भी अपने बच्चे पर नहीं था, उसका पति कहीं मजदूरी करने गया था, चूल्हा ठंडा था और शायद उन बेचारों के पास खाने को भी कुछ नहीं था| ऋतू वहीँ कड़ी उस बच्चे और उसकी माँ को देख रही थी, माँ की उम्र ऋतू से कुछ 1-2 साल ही ज्यादा थी और बच्चा करीब 1 साल का होगा| बाइक ठीक होने के बाद मैं ऋतू को ढूँढता हुआ आया तो मैंने देखा की ऋतू वहाँ उस बच्चे की माँ से बात कर रही है| मुझे वहाँ खड़ा देख उसने मुझसे पैसे मांगे और उस औरत को देने लगी| कुछ न-नुकुर के बाद उसने पैसे ले लिए उसके बाद जब ऋतू मेरे पास चल के आई तो उसकी आँखें नम थी| वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कुछ दूर लाई और आ कर मेरे गले लग गई| आज पहली बार उसने गरीबी देखि थी, गाँव में उसका घर से निकलना कम होता था और जो गरीबी उसने गाँव में देखि थी वो थी मिटटी के घर और हमारे खेतों में काम करने वाले मजदूर!! ऋतू के लिए तो जिसका घर मिटटी का है या जो दूसरों के खेतों में काम करता है वही गरीब और जिसका घर पक्का बना है या जो अपने खेतों में दूसरों से काम करवाता है वो अमीर| शहर आ कर उसने जब लोगों को भीख मांगते हुए देखा तो उसने सोचा की शायद ये गरीबी होती है पर जब उसे पता चला की इनमें से ज्यादातर एक 'रैकेट' का हिस्सा हैं तो उसके मन के विचार बदलने लगे| भला कोई काम न कर के जानबूझ कर भीक मांगे तो वो काहे का गरीब? पर आज जब उसने उस औरत से उसकी कहानी सुनी तो उसे एहसास हुआ की गरीबी क्या होती हैं!
उसका नाम फुलवा है, वो एक बंजारन है| उसे एक दूसरे कबीले के लड़के से प्यार हुआ और जब उसने ये बात अपने घर में बताई तो उन्होंने उसे और उस लड़के को कबीले से निकाल दिया| तब से दोनों दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, इसी बीच उसका ये बेटा पैदा हुआ और अब इन दोनों की जिंदगी तबह हो गई| उसका पति काम के तलाश में रोज निकलता है और शाम को खाली हाथ लौटता है| क्या प्यार करने वालों के साथ ऐसा ही होता है? क्यों ये लोग उन्हें चैन से जीने नहीं देते? और हमारा क्या होगा? अगर हमारे साथ ऐसा हुआ तो?" ऋतू ने रोते-रोते पुछा|
"हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं होगा! मैंने सब कुछ प्लान कर रखा है| मैं ये जॉब क्यों कर रहा हूँ? इसीलिए ना की जब हम घर से भागें तो हम एक नई जिंदगी शुरू कर सकें| हाँ मैं मानता हूँ की ये इतना आसान नहीं होगा पर failure is not an option for us! We've to fight till the last breath and we will succeed! तुझे बस मुझ पर विश्वास रखना है|" मैंने पूरे आत्मविश्वास से कहा| उस टाइम तो ऋतू ने मेरी बात मान ली पर अब उसके मन में ये चिंता पैदा हो चुकी थी|