05-12-2019, 06:35 AM
(This post was last modified: 17-02-2021, 05:49 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कच्ची कली
शलवार का नाडा बड़े आराम से खुला , ... उसने थोड़ा चूतड़ उचकाए , लेकिन तबतक शलवार सरक कर उसकी जाँघों के नीचे ,
और पहली बार उसकी गुलाबो पर किसी का हाथ पड़ा , बस जस्ट टच , खूब हलके से पूरी हथेली मेरी ,...
झांटे बस आयी आयी थीं , हलके हलके मैंने हथेली से दबाना शुरू किया , दूसरा हाथ उस कच्ची कली की गोरी गोरी मांसल जाँघों को बस हलके हलके सहला रहा था
दस मिनट बाद , ...
चुसुक चुसुक , ...
वो मचल रही थी , उचक रही थी , तड़प रही थी , सिसक रही थी , ... पर
जैसे किस मरद का सूपड़ा किसी कच्ची चूत में घुस जाए , और फिर तो लड़की लाख हाथ पैर पटके , बिना चुदे वो बच नहीं सकती ,
बस यही हालत 'कन्या भोग ' में भी है , अगर एक बार भोगने वाली के होंठ कली के गुलाबी कली पर पड़ गए , अपने होंठों के बीच उसने दबोच लिया , फिर तो बिना झाड़े , पूरा रस लिए वो छोड़ेगी नहीं ,
मैं कस के उसकी कच्ची चूत चूस रही थी , पहले तो जीभ को दरारों के ऊपर से , ...
ऊपर से नीचे तक बस हलके हलके हलके चला रही थी , और फिर गुलाबो की फांको को फैला के , जीभ की नोक अंदर , ...
चुदने की बात तो छोड़ दीजिये , किसी भौजाई या सहेली ने अभी अपनी ऊँगली भी उसके अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की थी ,
बोर्डिंग में तो मैं तीन मिनट में लड़कियों को चूस के झाड़ देती थी , पर यहाँ मेरा पर्पज उसे झाड़ना नहीं तड़पाना था ,
देह के सारे रस से परिचित कराना था , जिससे वो खुद टाँगे खोल दे , खुद बेताब हो , कन्या रस की मस्ती के लिए , ...
जैसे ताले की चाभी बनाने वाले , एक मास्टर की से ताले के सारे कब्जे , जोड़ से परचित हो जाते हैं , और फिर झटाक से कोई भी ताला , बड़ा से बड़ा खुल जाता है ,
मेरी जीभ भी वही काम कर रही थी ,
हर लड़की के देह का सबसे बड़ा जादू का बटन ,... जी प्वाइंट , ...
बस जरा सा योनि की सुरंग में ऊपरी भाग में ही उठा हुआ , ... सारी नर्व एंडिंग्स भी चूत के ऊपरी हिस्से में होती हैं , ...
मिल गया वो जी प्वाइट
बस मैंने तिहरा हमला बोल दिया ,
मेरा एक हाथ उसके निप्स पर , दूसरे हाथ का अंगूठा उसके क्लिट पर ,
और जीभ चूत के अंदर , जी प्वाइंट पर
मिनट भर के अंदर वो पागल हो गयी , जो लड़की दस मिनट पहले दुपट्टा नहीं उतारने दे रही थी ,
खुद चूतड़ पटक रही थी , सिसक रही थी , चूत एकदम गीली हो गयी थी
वो एकदम झड़ने के कगार पर थी , ... और मैंने हाथ जीभ सब हटा दिए ,... मैंने भर आंख उसकी ओर देखा ,
वो मुस्करा रही थी , लेकिन एक हल्की सी शिकायत ,... बिन बोले ,
' रुक क्यों गयी "
और जहाँ जीभ थी , वहां अब मेरी मंझली ऊँगली घुस गयी ,
थोड़ी देर आगे पीछे , गोल गोल , सिर्फ एक पोर ,... और फिर सीधे जी प्वाइंट पर ,
मेरे होंठों ने उसके मुस्कराते गुनगुनाते होंठों को दबोच लिया
और अब मैं किस नहीं कर रही थी ,
कस कस के उन कुंवारे दर्जा आठ वाले होंठों को चबा रही थी , खा रही थी , मेरी जीभ उस के मुंह में पूरी तरह अंदर घुसी हुयी
मेरा हाथ क्या कोई मर्द किसी लौंडिया की चूँची दबाएगा , उस तरह उसे रगड़ मसल रहा था ,
तीन बार मैं उसे झाड़ने तक ले गयी लेकिन झड़ने नहीं दिया ,...
पांच मिनट बाद मैं उसके ऊपर बैठी , मेरी गुलाबो सीधे उसके होंठों पर , और अब वो चुसुक चुसुक चूस रही थी ,
मुझे अब कोई जल्दी नहीं थी , मैंने उसके हाथ खोल दिए थे , उसका सर पकड़ के मैंने उस नयी बछेड़ी को गाइड कर रही थी , सिखा रही थी
मेरी गुलाबो में वो अपनी जीभ कैसे डाले , कैसे जीभ गोल गोल घुमाये ,
एकदम क्विक लर्नर थी वो ,...
पौन घंटे बाद जब मौसी जी मेरे पास आयीं , हम दोनों अभी भी चिपके थे ,
वो मुझे चूस चूस कर दो बार झाड़ चुकी थी , दो बार वो खुद भी झड़ी थी
और जब मौसी जी आयी तो मैंने उसके चेहरे को फिर से सरका कर बजाय आगे के पीछे वाले छेद पर सेट कर दिया था ,
वहां भी वो चुसुक चुसुक कर ,...
घण्टे भर बाद पार्टनर बदल दिए गए ,
अब मेरे पास जो लड़की आयी इनकी ममेरी बहन की उम्र वाली , इंटर वाली , वो इस मजे से अपरचित नहीं थी ,
अबकी मैं सोफे पर बैठी रही , और वो नीचे से मेरी दोनों जाँघों के बीच बैठकर धीमे धीमे चूस रही थी ,
फिर थोड़ी देर में हम दोनों बेड पर थे 69
उसके बाद इंटरवल , ..एक से एक ड्रिंक्स , व्हिस्की , वाइन ,
मैंने एक मस्त आइडिया दिया , बैटल आफ लूजर्स
उन कलियों की चार जोड़ी बनाई गयी , 69
जो पहले झड़ा वो हारा , चार हारी हुयी लड़कियों की दो जोड़ी , और फिर फाइनल , जो हारेगी , उसपर पहले राउंड की जीती चारों लड़कियां , कुछ भी कर सकती हैं , पन्दरह मिनट तक , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ भी ,
खूब मस्ती हुयी , मैंने जिसे ट्रेंड किया था वो फर्स्ट राउंड में तो हार गयी लेकिन सेकंड राउंड में बच गयी।
पक्की लेस्बियन रेसलिंग ,
और इंटरवल के बाद फिर से एक बार
उस रात चार लड़कियों के साथ , दो तो कबुतरियों के ही उमर की थीं , एक गुड्डी की और एक मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों से भी छोटी ,...
और मजा वो भी ले रही थीं , ... सुबह सात बजे तक ,
अगर एक बार वो कबूतरियां दोनों चुग लेंगी तो हम सब को भी मजा ,
अरे सिर्फ मैं ही नहीं , सुजाता भी कन्या रस की प्रेमी थी और सबसे बढ़कर मिसेज खन्ना हम सब की नेता , वो तो ऐसे रगड़ रगड़ कर लेंगी दोनों की ,...
शलवार का नाडा बड़े आराम से खुला , ... उसने थोड़ा चूतड़ उचकाए , लेकिन तबतक शलवार सरक कर उसकी जाँघों के नीचे ,
और पहली बार उसकी गुलाबो पर किसी का हाथ पड़ा , बस जस्ट टच , खूब हलके से पूरी हथेली मेरी ,...
झांटे बस आयी आयी थीं , हलके हलके मैंने हथेली से दबाना शुरू किया , दूसरा हाथ उस कच्ची कली की गोरी गोरी मांसल जाँघों को बस हलके हलके सहला रहा था
दस मिनट बाद , ...
चुसुक चुसुक , ...
वो मचल रही थी , उचक रही थी , तड़प रही थी , सिसक रही थी , ... पर
जैसे किस मरद का सूपड़ा किसी कच्ची चूत में घुस जाए , और फिर तो लड़की लाख हाथ पैर पटके , बिना चुदे वो बच नहीं सकती ,
बस यही हालत 'कन्या भोग ' में भी है , अगर एक बार भोगने वाली के होंठ कली के गुलाबी कली पर पड़ गए , अपने होंठों के बीच उसने दबोच लिया , फिर तो बिना झाड़े , पूरा रस लिए वो छोड़ेगी नहीं ,
मैं कस के उसकी कच्ची चूत चूस रही थी , पहले तो जीभ को दरारों के ऊपर से , ...
ऊपर से नीचे तक बस हलके हलके हलके चला रही थी , और फिर गुलाबो की फांको को फैला के , जीभ की नोक अंदर , ...
चुदने की बात तो छोड़ दीजिये , किसी भौजाई या सहेली ने अभी अपनी ऊँगली भी उसके अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की थी ,
बोर्डिंग में तो मैं तीन मिनट में लड़कियों को चूस के झाड़ देती थी , पर यहाँ मेरा पर्पज उसे झाड़ना नहीं तड़पाना था ,
देह के सारे रस से परिचित कराना था , जिससे वो खुद टाँगे खोल दे , खुद बेताब हो , कन्या रस की मस्ती के लिए , ...
जैसे ताले की चाभी बनाने वाले , एक मास्टर की से ताले के सारे कब्जे , जोड़ से परचित हो जाते हैं , और फिर झटाक से कोई भी ताला , बड़ा से बड़ा खुल जाता है ,
मेरी जीभ भी वही काम कर रही थी ,
हर लड़की के देह का सबसे बड़ा जादू का बटन ,... जी प्वाइंट , ...
बस जरा सा योनि की सुरंग में ऊपरी भाग में ही उठा हुआ , ... सारी नर्व एंडिंग्स भी चूत के ऊपरी हिस्से में होती हैं , ...
मिल गया वो जी प्वाइट
बस मैंने तिहरा हमला बोल दिया ,
मेरा एक हाथ उसके निप्स पर , दूसरे हाथ का अंगूठा उसके क्लिट पर ,
और जीभ चूत के अंदर , जी प्वाइंट पर
मिनट भर के अंदर वो पागल हो गयी , जो लड़की दस मिनट पहले दुपट्टा नहीं उतारने दे रही थी ,
खुद चूतड़ पटक रही थी , सिसक रही थी , चूत एकदम गीली हो गयी थी
वो एकदम झड़ने के कगार पर थी , ... और मैंने हाथ जीभ सब हटा दिए ,... मैंने भर आंख उसकी ओर देखा ,
वो मुस्करा रही थी , लेकिन एक हल्की सी शिकायत ,... बिन बोले ,
' रुक क्यों गयी "
और जहाँ जीभ थी , वहां अब मेरी मंझली ऊँगली घुस गयी ,
थोड़ी देर आगे पीछे , गोल गोल , सिर्फ एक पोर ,... और फिर सीधे जी प्वाइंट पर ,
मेरे होंठों ने उसके मुस्कराते गुनगुनाते होंठों को दबोच लिया
और अब मैं किस नहीं कर रही थी ,
कस कस के उन कुंवारे दर्जा आठ वाले होंठों को चबा रही थी , खा रही थी , मेरी जीभ उस के मुंह में पूरी तरह अंदर घुसी हुयी
मेरा हाथ क्या कोई मर्द किसी लौंडिया की चूँची दबाएगा , उस तरह उसे रगड़ मसल रहा था ,
तीन बार मैं उसे झाड़ने तक ले गयी लेकिन झड़ने नहीं दिया ,...
पांच मिनट बाद मैं उसके ऊपर बैठी , मेरी गुलाबो सीधे उसके होंठों पर , और अब वो चुसुक चुसुक चूस रही थी ,
मुझे अब कोई जल्दी नहीं थी , मैंने उसके हाथ खोल दिए थे , उसका सर पकड़ के मैंने उस नयी बछेड़ी को गाइड कर रही थी , सिखा रही थी
मेरी गुलाबो में वो अपनी जीभ कैसे डाले , कैसे जीभ गोल गोल घुमाये ,
एकदम क्विक लर्नर थी वो ,...
पौन घंटे बाद जब मौसी जी मेरे पास आयीं , हम दोनों अभी भी चिपके थे ,
वो मुझे चूस चूस कर दो बार झाड़ चुकी थी , दो बार वो खुद भी झड़ी थी
और जब मौसी जी आयी तो मैंने उसके चेहरे को फिर से सरका कर बजाय आगे के पीछे वाले छेद पर सेट कर दिया था ,
वहां भी वो चुसुक चुसुक कर ,...
घण्टे भर बाद पार्टनर बदल दिए गए ,
अब मेरे पास जो लड़की आयी इनकी ममेरी बहन की उम्र वाली , इंटर वाली , वो इस मजे से अपरचित नहीं थी ,
अबकी मैं सोफे पर बैठी रही , और वो नीचे से मेरी दोनों जाँघों के बीच बैठकर धीमे धीमे चूस रही थी ,
फिर थोड़ी देर में हम दोनों बेड पर थे 69
उसके बाद इंटरवल , ..एक से एक ड्रिंक्स , व्हिस्की , वाइन ,
मैंने एक मस्त आइडिया दिया , बैटल आफ लूजर्स
उन कलियों की चार जोड़ी बनाई गयी , 69
जो पहले झड़ा वो हारा , चार हारी हुयी लड़कियों की दो जोड़ी , और फिर फाइनल , जो हारेगी , उसपर पहले राउंड की जीती चारों लड़कियां , कुछ भी कर सकती हैं , पन्दरह मिनट तक , ... अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ भी ,
खूब मस्ती हुयी , मैंने जिसे ट्रेंड किया था वो फर्स्ट राउंड में तो हार गयी लेकिन सेकंड राउंड में बच गयी।
पक्की लेस्बियन रेसलिंग ,
और इंटरवल के बाद फिर से एक बार
उस रात चार लड़कियों के साथ , दो तो कबुतरियों के ही उमर की थीं , एक गुड्डी की और एक मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों से भी छोटी ,...
और मजा वो भी ले रही थीं , ... सुबह सात बजे तक ,
अगर एक बार वो कबूतरियां दोनों चुग लेंगी तो हम सब को भी मजा ,
अरे सिर्फ मैं ही नहीं , सुजाता भी कन्या रस की प्रेमी थी और सबसे बढ़कर मिसेज खन्ना हम सब की नेता , वो तो ऐसे रगड़ रगड़ कर लेंगी दोनों की ,...