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Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
#79
और अपने मुँह में जैसे ही काजल को थोड़ा बहुत स्वाद का एहसास हुआ, उसने अजीब सा मुँह बनाया...और फिर अगले ही पल बिल्ली की तरह अपनी जीभ से सारा का सारा रस चाटने लगी...लंड के आस पास गिरा रस ...और फिर केशव के लंड से अपने चेहरे को रगड़ा और उसपर लगे रस को फिर से लंड चूस्कर निगल गयी..

काजल : "वाव .......सब कुछ कितना टेस्टी है यहाँ का.....मैं तो फैन हो गयी रे तेरे इस केले की और इसके जूस की. ...... म्*म्म्मममम ''

अब केशव अपने बेड से उठ खड़ा हुआ...

और उसने खड़े होकर सबसे पहले तो अपने कपड़े उतार कर नीचे फेंके..और पूरा नंगा हो गया...और फिर उसने बड़े ही प्यार से काजल का पायजामा भी नीचे खिसकाया..और उसे भी अपनी तरह नंगा कर दिया..
[Image: 15456507.gif]
काजल की आँखे बंद थी...आख़िर पहली बार पूरी तरह से नंगी हो रही थी वो किसी के सामने...

काजल की चूत बिल्कुल चिकनी थी...शायद वो पहले से ही तैयार होकर आई थी...चिकनी चूत से हल्का पानी निकल कर बाहर रिस रहा था...

केशव ने नीचे बैठे-2 ही उसकी एक टाँग को अपने कंधे पर रखा और अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर लगा दिया...
[Image: tumblr_ny2q20vIwm1tfkuabo1_500.gif&ehk=v...0FBQKfkP9Q]
काजल ने उसके बाल पकड़े और ज़ोर से चीख उठी ....

''
अहहsssssssssssssssss...... ओह माय गॉड ....ओह माय गॉड ....ओह माय गॉड''

उसने तो सोचा भी नही था की नर्म चूत पर गर्म होंठ का संगम ऐसा एहसास देगा उसे.....

वो अपने आप को संभाल नही पाई और वो बेड की तरफ झुकती चली गयी और उसपर गिरकर चादर की तरह बिछ गयी...

केशव ने उसके दोनो पैरों को फेलाया और अपना मुँह अंदर डाल कर ज़ोर-2 से उसकी चूत को चूसने लगा...
[Image: szexgif177395443.gif]
काजल की तो आँखे चढ़ गयी....ऐसा सुखद एहसास तो उसे फिंगरिंग करने के बाद भी नही मिलता था...

वो पहले से ही उत्तेजित थी...इसलिए ज़्यादा टाइम नही लगा उसे झड़ने मे....और वो हिचकियाँ लेती हुई केशव के मुँह के अंदर ही झड़ने लगी...

''
अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। ................... उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म क्या मजा है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , चूस इसको , यहाँ से , अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आई एम कमिंगsssssssssssss ''


और केशव तो पुराना खिलाड़ी था इस खेल का...उसने एक भी बूँद बाहर नही निकालने दी...अपना मुँह उसकी चूत से तब तक नही हटाया जब तक वो पूरी तरह से शांत नही हो गयी..

उसके बाद केशव भी उसकी बगल मे आकर लेट गया...और दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस्कर अपना-2 रस खुद ही चखने लगे..

2
बज चुके थे ये सब करते-2 ....केशव का लंड अपनी आख़िरी लड़ाई के लिए तैयार हो चुका था...

उसने धीरे-2 अपने शरीर को काजल से रगड़ना शुरू कर दिया....

काजल भी समझ गयी की अब वो क्या चाहता है....पर उसके अंदर हिम्मत नही बची थी कुछ भी करने की अभी...और वो डर भी था की इतना बड़ा कैसे अंदर जायेगा

एक तो काफ़ी रात हो चुकी थी...दूसरा उसे सुबह ऑफीस भी जाना था...छोटी दीवाली पर ऑफीस मे सभी को गिफ्ट लेने के लिए बुलाया गया था...

काजल : "केशव.....आज के लिए इतना ही...बाकी कल करेंगे....ऑफीस भी जाना है...''

केशव ने भी कोई ज़बरदस्ती नही की....काजल ने उसको एक किस्स किया और अपने कपड़े पहन कर वो माँ के पास सोने के लिए चली गयी..

और केशव ऐसे ही नंगा सो गया...अगले दिन होने वाले जुए के बारे मे सोचते हुए और उसके बाद होने वाली चुदाई के बारे मे सोचते हुए...

अगले दिन काजल की नींद खुल ही नही रही थी...उसने अलार्म ना लगाया होता तो उसे पता ही नही चलता की सुबह के 7 बज चुके हैं..मन तो नहीं था,पर ऑफीस जाना भी ज़रूरी था...वो जल्दी से उठी..नहा धोकर तैयार हो गयी और अपने लिए चाय रख दी.. उसकी माँ अभी तक सो रही थी.. चाय का कप हाथ मे लेकर वो केशव के कमरे में गयी...और वहाँ का हाल देखकर उसे एहसास हुआ की रात को उन दोनो ने वहाँ क्या धमाल मचाया था..

केशव के बेड की चादर निकल कर नीचे गिरी हुई थी..उसके कपड़े चारों तरफ बिखरे पड़े थे...पिल्लो भी गिरे पड़े थे इधर उधर...और वो अपने पैर फेला कर गहरी नींद में सो रहा था...वो पूरा नंगा था..और उसके मैन पार्ट के उपर तकिया पड़ा था...शायद वो रात को उसको अपनी टाँगो के बीच दबोच कर ही सोया था..

काजल धीरे-2 आगे आई और उसने पिल्लो को उठा कर साइड में कर दिया...और अब केशव उसकी नज़रों के सामने पूरा नंगा था...भले ही इस वक़्त उसका सिपाही सोया हुआ था पर फिर भी वो बड़ा ही टेम्पटिंग सा लग रहा था..इतना टेम्पटिंग की काजल के मुँह में पानी गया..उसने घड़ी देखी, अभी दस मिनट थे उसके पास...उसने सोचा की चाय तो रोज पीते हैं, आज फ्रेश जूस पीया जाए..और उसने चाय का कप टेबल पर रख दिया और दरवाजा बंद करके उसके बेड के पास गयी..

शेर चाहे सो रहा हो पर होता वो भी ख़तरनाक है..इसलिए काजल को उसे हाथ लगाने मे डर भी लग रहा था...पर जैसे ही उसके ठंडे हाथ गर्म लंड को छुए , उसके नर्म एहसास हो महसूस करके काजल रोमांच से भर उठी...पिछले 2-3 दिनों से जो भी वो देख और कर रही थी, सबमे उसे मज़ा मिला था...और अब ये सुबह की रोशनी मे नहाया हुआ केशव का लंड , वो तो सबसे अलग ही था...वो धीरे से उसके उपर झुकी और पहले अपनी गर्म सांसो से और फिर गर्म जीभ से उसे गुड मॉर्निंग कहा.
[Image: 7242325.gif]

केशव को अभी तक मालूम नही था की उसके साथ हो क्या रहा है...वो रात को 4 बजे तक जागता रहा था..काजल के बारे मे सोच सोचकर..अब जब तक उसके साथ कुछ ज़ोर ज़बरदस्ती ना हो, तब तक उसकी नींद नही खुलने वाली थी..
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RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल - by Jyoti Singh - 23-01-2019, 09:24 PM



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