04-12-2019, 03:21 PM
लॉन्ग अपडेट
अपने फ्लैट में पहुँचते ही सबा ने राहुल को पीछे से पकड़ लिया और अपनी नुकीली छातियाँ उसकी कमर में धंसा कर उससे बुरी तरह से लिपट गयी...
राहुल समझ गया की सबा इस वक़्त काफ़ी गर्म है....
और वो हो भी क्यों नही...अभी कुछ देर पहले जिस तरह से सोसायटी की लेडीज़ उसके और राहुल की चुदाई के बारे में उससे पूछ रही थी उन्हे सुनने के बाद जो आग उसके अंदर सुलगनी शुरू हुई थी,वो अब पूरी तरह से भड़क चुकी थी...वो गहरी -2 साँसे लेती हुई अपने बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी..
राहुल को हमेशा से सबा का सेक्स के बारे में पहल करना पसंद आता था...आज भी वो ऐसा ही कर रही थी...लेकिन आज वो और दिनों से कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित लग रही थी...और उसे पता था की जब भी ऐसा होता है तो उसे मिलने वाला मज़ा काफ़ी बढ़ जाता है...और ऐसे में वो अपने आप को उसके हाथो में छोड़कर निश्चिन्त हो जाता था...जो भी करती थी,सबा ही करती..उसे तो अपने आप मज़े मिल जाया करते थे..
राहुल अपनी मस्ती में मस्त था और सबा के जहन में उसकी सहेलियो की बातें घूम रही थी...
'राहुल तेरी एस फकिंग करता होगा न......देख न इसकी गांड कैसे फ़ैल गयी है '
वैसे तो आज तक सबा ने अपनी गांड नहीं मरवाई थी,लेकिन उनकी बाते सुनकर वो भी मरवाने का मन करता था
'राहुल तेरे बूब्स काफ़ी चूसता है ना...देख तो कितने बड़े हो गये है...'
बस ये याद आते ही सबा ने राहुल को अपनी तरफ घुमाया और एक ही झटके में अपना टॉप उतार कर नीचे फेंक दिया...नीचे उसने डिज़ायनर ब्रा पहनी हुई थी...जो उसने बड़ी बेरहमी से नोच फेंकी...और एक ही पल के अंदर वो राहुल के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी...उसके गोरे-2 बूब्स देखकर राहुल की आँखे चुंधिया गयी...
सबा ने उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती की तरफ धकेला और चिल्लाई : "चूसो इन्हे राहुल.....सक्क माय बूब्स नाउsssssssss ....''
राहुल तो उसके इस रवैय्ये को देखकर हैरान रह गया...पर उसे क्या फ़र्क पड़ रहा था...उसे तो दूध पीने से मतलब था..बस फिर क्या था...वो भी अपने पैने दाँतों और गर्म जीभ के साथ टूट पड़ा उसके नर्म मुलायम बूब्स पर...और ऐसे चूसने लगा जैसे वैक्यूम क्लीनर किसी चीज़ को अपनी तरफ खींचता है..
सबा भी उसकी सकिंग पावर से उसके मुँह की तरफ खींचती चली गयी...और अपने पंजों पर खड़ी होकर अपना पूरा का पूरा मुम्मा उसने मुँह में घुसेड़ दिया...और साथ ही साथ एक सुरीली और सेक्सी आवाज़ में कराह भी उठी...
''उफफफफफफफफफ्फ़........माआआआआआआआयययय डार्लिंग.................उम्म्म्ममममममम.........ज़ोर से........ऐसे ही.........आआआआआआआआआअहह .............. हाआआआआआआअ.....''
राहुल की उंगलियाँ उसकी गद्देदार गांड के अंदर धँस गयी....और उसने उसे उपर हवा में उठा लिया...और अपने लंड के उपर उसकी चूत को रगड़ते हुए उसके बूब्स को चूसने लगा...दोनो के कपड़े बीच में ना आए होते तो एक ही झटके में राहुल ने उसकी चूत में दाखिला ले लेना था...
सबा के पैरों के नीचे से ज़मीन क्या गायब हुई वो हवा में फड़फड़ाती हुई अपने दर्द भरे मज़े बयां करने लगी..
''ओह राहुल........मार डालो मुझे आज.....आआअहह चबा जाओ.....इन्हे.........ज़ोर से चूसो.......काटो.....मेरे निप्पल्स को.....उम्म्म्मममममममममम.....''
राहुल को वो ये सब ना भी कहती तो वो यही करता...और कर भ रहा था...अपने तेज दांतो से वो उसके बर्फ़ी जैसे नर्म मुम्मों की मिठास को अपने मुँह में लेकर मज़े ले रहा था....उसके निप्पल्स के चारों तरफ जो घेरा था,उनमे भी नन्हे दाने चमक उठे...उनको भी राहुल के निर्दयी दाँतों ने नही छोड़ा और उन्हे ज़ोर -2 से चबा कर पहले से ज़्यादा लाल कर दिया...
सबा : "बाइट मी राहुल......बाइट मीइइइइइइइइइ ........मार्क बनाओ इनपर......अपने प्यार के टैटू छाप दो इनपर.....''
ये सबा हमेशा करवाती थी....उसे अपने गोरे-2 बूब्स पर राहुल के दांतो के निशान काफ़ी पसंद आते थे...वो सुबह उठकर जब बाथरूम में नहाने जाती तो उन मार्क्स को देखकर उसे काफ़ी मज़ा आता था...और अपनी चूत सहलाकर वो अक्सर वहीं झड़ जाया करती थी..
आज भी वो अपने बूब्स पर राहुल की कला का नमूना बनवाना चाहती थी...जिससे वो अगले दिन की मूठ का इंतज़ाम कर रही थी...
राहुल ने उसके मुममे चूसते -2 उसकी जीन्स भी उतार दी...साथ में उसकी कच्छी भी लिपट कर उतर गयी...अब वो पूरी तरह से नंगी थी...
उसका नंगा हुस्न देखते ही बनता था..
सबा ने भी राहुल की टी शर्ट उतारने में मदद की और उसके बाद उसकी पेंट भी...
और फिर उसने राहुल को बेड पर खींच लिया ..और खुद उसकी टाँगो के बीच लेट गयी...उसकी नज़र अब राहुल के लंड पर थी...जो कुतुब मीनार की तरह एकदम सीधा खड़ा हुआ था..
उनकी सोसायटी की मेंबर, डिंपल सरदारनी उसे हमेशा लंड चूसने के बारे में ही पूछा करती थी...आज शाम भी उसने एक-दो बार उसके
अपने फ्लैट में पहुँचते ही सबा ने राहुल को पीछे से पकड़ लिया और अपनी नुकीली छातियाँ उसकी कमर में धंसा कर उससे बुरी तरह से लिपट गयी...
राहुल समझ गया की सबा इस वक़्त काफ़ी गर्म है....
और वो हो भी क्यों नही...अभी कुछ देर पहले जिस तरह से सोसायटी की लेडीज़ उसके और राहुल की चुदाई के बारे में उससे पूछ रही थी उन्हे सुनने के बाद जो आग उसके अंदर सुलगनी शुरू हुई थी,वो अब पूरी तरह से भड़क चुकी थी...वो गहरी -2 साँसे लेती हुई अपने बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी..
राहुल को हमेशा से सबा का सेक्स के बारे में पहल करना पसंद आता था...आज भी वो ऐसा ही कर रही थी...लेकिन आज वो और दिनों से कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित लग रही थी...और उसे पता था की जब भी ऐसा होता है तो उसे मिलने वाला मज़ा काफ़ी बढ़ जाता है...और ऐसे में वो अपने आप को उसके हाथो में छोड़कर निश्चिन्त हो जाता था...जो भी करती थी,सबा ही करती..उसे तो अपने आप मज़े मिल जाया करते थे..
राहुल अपनी मस्ती में मस्त था और सबा के जहन में उसकी सहेलियो की बातें घूम रही थी...
'राहुल तेरी एस फकिंग करता होगा न......देख न इसकी गांड कैसे फ़ैल गयी है '
वैसे तो आज तक सबा ने अपनी गांड नहीं मरवाई थी,लेकिन उनकी बाते सुनकर वो भी मरवाने का मन करता था
'राहुल तेरे बूब्स काफ़ी चूसता है ना...देख तो कितने बड़े हो गये है...'
बस ये याद आते ही सबा ने राहुल को अपनी तरफ घुमाया और एक ही झटके में अपना टॉप उतार कर नीचे फेंक दिया...नीचे उसने डिज़ायनर ब्रा पहनी हुई थी...जो उसने बड़ी बेरहमी से नोच फेंकी...और एक ही पल के अंदर वो राहुल के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी...उसके गोरे-2 बूब्स देखकर राहुल की आँखे चुंधिया गयी...
सबा ने उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती की तरफ धकेला और चिल्लाई : "चूसो इन्हे राहुल.....सक्क माय बूब्स नाउsssssssss ....''
राहुल तो उसके इस रवैय्ये को देखकर हैरान रह गया...पर उसे क्या फ़र्क पड़ रहा था...उसे तो दूध पीने से मतलब था..बस फिर क्या था...वो भी अपने पैने दाँतों और गर्म जीभ के साथ टूट पड़ा उसके नर्म मुलायम बूब्स पर...और ऐसे चूसने लगा जैसे वैक्यूम क्लीनर किसी चीज़ को अपनी तरफ खींचता है..
सबा भी उसकी सकिंग पावर से उसके मुँह की तरफ खींचती चली गयी...और अपने पंजों पर खड़ी होकर अपना पूरा का पूरा मुम्मा उसने मुँह में घुसेड़ दिया...और साथ ही साथ एक सुरीली और सेक्सी आवाज़ में कराह भी उठी...
''उफफफफफफफफफ्फ़........माआआआआआआआयययय डार्लिंग.................उम्म्म्ममममममम.........ज़ोर से........ऐसे ही.........आआआआआआआआआअहह .............. हाआआआआआआअ.....''
राहुल की उंगलियाँ उसकी गद्देदार गांड के अंदर धँस गयी....और उसने उसे उपर हवा में उठा लिया...और अपने लंड के उपर उसकी चूत को रगड़ते हुए उसके बूब्स को चूसने लगा...दोनो के कपड़े बीच में ना आए होते तो एक ही झटके में राहुल ने उसकी चूत में दाखिला ले लेना था...
सबा के पैरों के नीचे से ज़मीन क्या गायब हुई वो हवा में फड़फड़ाती हुई अपने दर्द भरे मज़े बयां करने लगी..
''ओह राहुल........मार डालो मुझे आज.....आआअहह चबा जाओ.....इन्हे.........ज़ोर से चूसो.......काटो.....मेरे निप्पल्स को.....उम्म्म्मममममममममम.....''
राहुल को वो ये सब ना भी कहती तो वो यही करता...और कर भ रहा था...अपने तेज दांतो से वो उसके बर्फ़ी जैसे नर्म मुम्मों की मिठास को अपने मुँह में लेकर मज़े ले रहा था....उसके निप्पल्स के चारों तरफ जो घेरा था,उनमे भी नन्हे दाने चमक उठे...उनको भी राहुल के निर्दयी दाँतों ने नही छोड़ा और उन्हे ज़ोर -2 से चबा कर पहले से ज़्यादा लाल कर दिया...
सबा : "बाइट मी राहुल......बाइट मीइइइइइइइइइ ........मार्क बनाओ इनपर......अपने प्यार के टैटू छाप दो इनपर.....''
ये सबा हमेशा करवाती थी....उसे अपने गोरे-2 बूब्स पर राहुल के दांतो के निशान काफ़ी पसंद आते थे...वो सुबह उठकर जब बाथरूम में नहाने जाती तो उन मार्क्स को देखकर उसे काफ़ी मज़ा आता था...और अपनी चूत सहलाकर वो अक्सर वहीं झड़ जाया करती थी..
आज भी वो अपने बूब्स पर राहुल की कला का नमूना बनवाना चाहती थी...जिससे वो अगले दिन की मूठ का इंतज़ाम कर रही थी...
राहुल ने उसके मुममे चूसते -2 उसकी जीन्स भी उतार दी...साथ में उसकी कच्छी भी लिपट कर उतर गयी...अब वो पूरी तरह से नंगी थी...
उसका नंगा हुस्न देखते ही बनता था..
सबा ने भी राहुल की टी शर्ट उतारने में मदद की और उसके बाद उसकी पेंट भी...
और फिर उसने राहुल को बेड पर खींच लिया ..और खुद उसकी टाँगो के बीच लेट गयी...उसकी नज़र अब राहुल के लंड पर थी...जो कुतुब मीनार की तरह एकदम सीधा खड़ा हुआ था..
उनकी सोसायटी की मेंबर, डिंपल सरदारनी उसे हमेशा लंड चूसने के बारे में ही पूछा करती थी...आज शाम भी उसने एक-दो बार उसके