04-12-2019, 09:12 AM
पानी छिड़कने पर अंकल होश मे आने लगे... पर वो अभी भी ठंड से कांप रहे थे.. रश्मि उनके सामने ही ख़डी थी...
अंकल बोले रश्मि मुझे बहुत तेज ठंड लग रही है मुझे कुछ ओढ़ने को दे दो.. रश्मि ने अंकल के नीचे से पर्दा खींच कर निकाला.. और उनके ऊपर डाल दिया.. पर अंकल अभी भी कांप रहे थे...
अंकल रश्मि का हाथ पकड़ कर बोले रश्मि मेरी तबियत खराब हो रही है... मुझसे उठा भी नहीं जा रहा... तुम शाम होने से पहले घर चली जाना.... अंधेरे मे तुम्हारा अकेले जाना ठीक
नहीं होगा
मे सुबह तक ठीक हो जाऊँगा... तभी दुकान पर आऊंगा...
रश्मि बोली अंकल रात भर मे तो आप ठंड से अकड़ जायेंगे.. ऊपर से आपकी तबियत भी ठीक नहीं है.. मे कैसे आपको अकेले छोड़ कर जाऊँ...
फिर अंकल बोले तुम तो बिलकुल मेरी महक (अंकल की miss) की तरह मेरी फ़िक्र कर रही हो... अब रश्मि को थोड़ी सी शर्म आने लगी
और वो नीचे देखने लगी..
नीचे देखते ही उसे झटका लगा क्यों कि वो बिलकुल नंगी उनके सामने ख़डी थी..(..... जो कि वो भूल चुकी थी )
फिर अंकल बोले काश अभी महक होती तो मेरे साथ इसी पर्दे मे घुस कर मुझसे लिपट रही होती... और मुझसे इतना लिपटती कि मुझमे गर्मी आ जाती....
रश्मि चुप ख़डी थी...
फिर अंकल बोले रश्मि क्या तुम पर्दे के अंदर आ सकती हो...
अंकल ने रश्मि का हाथ अब भी पकड़ रखा था..
रश्मि की आंखे बड़ी होने लगी फिर बोली मे कैसे आपके साथ लेट सकती हूँ..ऊपर से मे बिलकुल नंगी हूँ... अगर यहाँ कोई आ गया तो हमें देख कर क्या कहेगा..
फिर अंकल बोले यहाँ कोई भी नहीं आता है.. तुम बेफिक्र होकर मुझसे लिपट सकती हो....
अगर नंगी होने वाली शर्म है तो महक के ब्रा और कच्छी पहन लो...
अब मुझमे डॉक्टर के यहाँ जाने की ताकत नहीं बची है
शायद ठंड से पूरी रात मे में अकड़ जाऊं और मेरी सुबह ही ना हो...
रश्मि दुविधा मे पड़ गई फिर बोली...आंटी के ब्रा पेंटी तो बहुत बड़े हैं ये मेरे नहीं आ पाएंगे... फिर अंकल रश्मि का हाथ पकड़ कर पर्दे के अंदर खींचते हुए बोले तो रश्मि ऐसे ही आ जाओ...
ऐसे ज्यादा गर्मी मिलेगी......
रश्मि ने बिलकुल विरोध नहीं किया था... वो सीधे अंकल के ऊपर गिर पड़ी... फिर उठते हुए बोली अंकल मे गेट लगा कर आती हूँ..
फिर रश्मि गेट लगाने चली गई...
फिर आकर अंकल के पर्दे मे घुस गईं
अंकल एक साइड की करवट लिए हुए थे उन्होंने राइट वाले हाथ
के ऊपर रश्मि का सिर रख लिया और रश्मि को अपनी तरफ करवट लेने को कहा... रश्मि ने अंकल की तरफ करवट ले ली
पर अभी भी उनके बीच मे दूरी थी...
अंकल बोले रश्मि थोड़ा पास आ जाओ तभी तो मुझे गर्मी मिलेगी रश्मि अंकल से सट गई... फिर अंकल बोले तुम बहुत प्यारी और बहुत खूबसूरत हो.. मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो
रहा है कि तुम जैसी हसीन लड़की मेरे साथ मेरी चारपाई पर है... रश्मि ने शर्माकर अपनी आंखे बंद कर ली..
फिर अंकल बोले तुम्हारे होंठ कितने रसीले लग रहे हैं. मन कर रहा है अभी इनका रस निचोड़ लूँ...
अब अंकल ने रश्मि से कहा तुम अपनी टांग और हाथ मेरे ऊपर
रख कर लिपट जाओ...
रश्मि बिलकुल नहीं हिली..
इसपर अंकल ने उसकी जाँघ के पीछे हाथ लगाकर उसकी टांग उठाई और अपने ऊपर रख ली. फिर रश्मि का हाथ उठकर अपनी पीठ तक
लिपटा लिया अब उनके बीच मे बिलकुल भी दूरी नहीं थी..
रश्मि चुपचाप उनसे लिपटी हुई थी...
फिर अंकल ने अपने होंठ रश्मि के होठों के पास ले जाते हुए कहा
अगर मे इन्हे चूम पाता और तुरंत ही मर जाता तो मुझे कोई गम नहीं होता. अब अंकल रश्मि के बालों मे हाथ फिरा रहे थे.. थोड़ी देर बाद बोले
रश्मि क्या मे तुम्हारे इन रशीले होठों को एक बार चूम लूँ
अंकल बोले रश्मि मुझे बहुत तेज ठंड लग रही है मुझे कुछ ओढ़ने को दे दो.. रश्मि ने अंकल के नीचे से पर्दा खींच कर निकाला.. और उनके ऊपर डाल दिया.. पर अंकल अभी भी कांप रहे थे...
अंकल रश्मि का हाथ पकड़ कर बोले रश्मि मेरी तबियत खराब हो रही है... मुझसे उठा भी नहीं जा रहा... तुम शाम होने से पहले घर चली जाना.... अंधेरे मे तुम्हारा अकेले जाना ठीक
नहीं होगा
मे सुबह तक ठीक हो जाऊँगा... तभी दुकान पर आऊंगा...
रश्मि बोली अंकल रात भर मे तो आप ठंड से अकड़ जायेंगे.. ऊपर से आपकी तबियत भी ठीक नहीं है.. मे कैसे आपको अकेले छोड़ कर जाऊँ...
फिर अंकल बोले तुम तो बिलकुल मेरी महक (अंकल की miss) की तरह मेरी फ़िक्र कर रही हो... अब रश्मि को थोड़ी सी शर्म आने लगी
और वो नीचे देखने लगी..
नीचे देखते ही उसे झटका लगा क्यों कि वो बिलकुल नंगी उनके सामने ख़डी थी..(..... जो कि वो भूल चुकी थी )
फिर अंकल बोले काश अभी महक होती तो मेरे साथ इसी पर्दे मे घुस कर मुझसे लिपट रही होती... और मुझसे इतना लिपटती कि मुझमे गर्मी आ जाती....
रश्मि चुप ख़डी थी...
फिर अंकल बोले रश्मि क्या तुम पर्दे के अंदर आ सकती हो...
अंकल ने रश्मि का हाथ अब भी पकड़ रखा था..
रश्मि की आंखे बड़ी होने लगी फिर बोली मे कैसे आपके साथ लेट सकती हूँ..ऊपर से मे बिलकुल नंगी हूँ... अगर यहाँ कोई आ गया तो हमें देख कर क्या कहेगा..
फिर अंकल बोले यहाँ कोई भी नहीं आता है.. तुम बेफिक्र होकर मुझसे लिपट सकती हो....
अगर नंगी होने वाली शर्म है तो महक के ब्रा और कच्छी पहन लो...
अब मुझमे डॉक्टर के यहाँ जाने की ताकत नहीं बची है
शायद ठंड से पूरी रात मे में अकड़ जाऊं और मेरी सुबह ही ना हो...
रश्मि दुविधा मे पड़ गई फिर बोली...आंटी के ब्रा पेंटी तो बहुत बड़े हैं ये मेरे नहीं आ पाएंगे... फिर अंकल रश्मि का हाथ पकड़ कर पर्दे के अंदर खींचते हुए बोले तो रश्मि ऐसे ही आ जाओ...
ऐसे ज्यादा गर्मी मिलेगी......
रश्मि ने बिलकुल विरोध नहीं किया था... वो सीधे अंकल के ऊपर गिर पड़ी... फिर उठते हुए बोली अंकल मे गेट लगा कर आती हूँ..
फिर रश्मि गेट लगाने चली गई...
फिर आकर अंकल के पर्दे मे घुस गईं
अंकल एक साइड की करवट लिए हुए थे उन्होंने राइट वाले हाथ
के ऊपर रश्मि का सिर रख लिया और रश्मि को अपनी तरफ करवट लेने को कहा... रश्मि ने अंकल की तरफ करवट ले ली
पर अभी भी उनके बीच मे दूरी थी...
अंकल बोले रश्मि थोड़ा पास आ जाओ तभी तो मुझे गर्मी मिलेगी रश्मि अंकल से सट गई... फिर अंकल बोले तुम बहुत प्यारी और बहुत खूबसूरत हो.. मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो
रहा है कि तुम जैसी हसीन लड़की मेरे साथ मेरी चारपाई पर है... रश्मि ने शर्माकर अपनी आंखे बंद कर ली..
फिर अंकल बोले तुम्हारे होंठ कितने रसीले लग रहे हैं. मन कर रहा है अभी इनका रस निचोड़ लूँ...
अब अंकल ने रश्मि से कहा तुम अपनी टांग और हाथ मेरे ऊपर
रख कर लिपट जाओ...
रश्मि बिलकुल नहीं हिली..
इसपर अंकल ने उसकी जाँघ के पीछे हाथ लगाकर उसकी टांग उठाई और अपने ऊपर रख ली. फिर रश्मि का हाथ उठकर अपनी पीठ तक
लिपटा लिया अब उनके बीच मे बिलकुल भी दूरी नहीं थी..
रश्मि चुपचाप उनसे लिपटी हुई थी...
फिर अंकल ने अपने होंठ रश्मि के होठों के पास ले जाते हुए कहा
अगर मे इन्हे चूम पाता और तुरंत ही मर जाता तो मुझे कोई गम नहीं होता. अब अंकल रश्मि के बालों मे हाथ फिरा रहे थे.. थोड़ी देर बाद बोले
रश्मि क्या मे तुम्हारे इन रशीले होठों को एक बार चूम लूँ