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Romance काला इश्क़!
update 54

दिन बीतते गए और क्रिसमस का दिन आया, पर ऑफिस की छुट्टी तो थी नहीं और ना ही मैं छुट्टी ले सकता था| हरसाल मैं आज के दिन चर्च जाया करता था और वहाँ mass अटेंड किया करता था| वापसी में वहाँ से केक खरीद लेता और फिर घर आ जाता था| अब अकेला इंसान था तो टाइम पास हो जाता था और इसी बहाने गॉड जी से भी मन ही मन कुछ बातें कर लिया करता था| पर इस बार मेरे पास Pray करने का कारन था, मैं ऑफिस से सीधा ऋतू के पास हॉस्टल पहुँचा| आज आंटी जी घर पर ही थीं, मैंने उनसे ऋतू को थोड़ी देर ले जाने को कहा तो उन्होंने पुछा की कहाँ जा रहे हो? तो मैंने उन्हें सच बता दिया; "वो आंटी जी दरअसल मैं हरसाल क्रिसमस पर चर्च जाता हूँ, सोचा इस बार ऋतू को भी ले जाऊँ?" ये सुन कर आंटी अचरज करने लगीं; "चर्च? पर क्यों?" उनका इशारे मेरे धर्म से था; "आंटी जी मैं सब धर्मों को मानता हूँ| भगवान् तो एक ही हैं ना?" मैंने मुस्कुराते हुए कहा तो आंटी जी ने हाँ में सर हिला दिया| उन्होंने ऋतू को आवाज दी और ऋतू मुझे देखते ही खिल गई| "चल जल्दी से तैयार हो जा, चर्च जाना है!" मैंने कहा तो ऋतू तुरंत तैयार होने चली गई| "मैं आधे-पौने घंटे में ऋतू को छोड़ जाऊँगा|" मैंने आंटी जी से कहा| "कोई बात नहीं बेटा! तेरे साथ जा रही है इसलिए जाने दे रही हूँ!" आंटी जी ने मुस्कुराते हुए कहा| ऋतू तुरंत तैयार हो कर आ गई और हम दोनों चर्च की तरफ चल दिए| जब मैंने बाइक चर्च के पास रोकी और उसे उतरने को कहा तो ऋतू भी अचरज से मुझे देखने लगी| "मुझे तो लगा की आपने ये झूठ सिर्फ इसलिए बोलै ताकि हम बाहर मिल सकें? पर आप तो सच में चर्च ले आये!"

"तुम्हें पता नहीं है पर कॉलेज के दिनों से मैं साल में एक बार आज ही के दिन यहाँ आता हूँ| याद है तेरा वो दसवीं का रिजल्ट वाला काण्ड? तेरा रिजल्ट आने से पहले ही मैं जानता था की कोई तुझे आगे पढ़ने नहीं देंगे, तब यहीं मैंने तेरे लिए Pray किया था की तुझे आगे अच्छे से पढ़ने को मिले और देख दुआ क़बूल भी हुई| आज के दिन तुझे साथ इसलिए लाया हूँ ताकि आज तू भी गॉड को शुक्रिया अदा कर दे|"

ऋतू का चेहरा ख़ुशी से दमकने लगा, उसने अपने दुपट्टे से अपना सर ढका जैसे की वहाँ सब लड़कियों और औरतों ने ढक रखा था और हम चर्च में घुसे| ऋतू को कुछ नहीं पता था की वहाँ कैसे पूजा की जाती थी, इसलिए अंदर जाने से पहले ही वो चर्च के बाहर अपनी चप्पल उतारने लगी| पर मैंने उसे मना किया और हम दोनों ही अंदर घुसे, अब ऋतू को बस मुझे देख रही थी| हम दोनों वहाँ सबसे पीछे वाली लाइन में सब के साथ बैठ गए| आगे की तरफ था स्टैंड था जहाँ लोग अपने घुटने मोड़ कर टिका कर pray करते थे| ऋतू मुझे देखते हुए वैसे ही करने लगी, पता नहीं कैसे पर उस दिन वहाँ उस तरह बैठे हुए Pray करते हुए मेरी आँख से आँसू बह निकले| ऋतू ये देख रही थी पर वो उस समय खामोश रही, Pray कर के हम दोनों बाहर आये और मैंने वहाँ से Candles खरीदीं और बाहर Mother Mary के पास जलाने लगा, ऋतू ने भी ठीक वैसे ही किया| जब हम बाहर आये तो वहाँ से मैंने cake खरीदा और ऋतू को  खाने को दिया|   

आज पहलीबार ऋतू ने ऐसा केक खाया था और उसे ये बहुत टेस्टी भी लगा था| "एक और करना था तुझे यहाँ लाने का, वो ये की तुझे आज तक पता नहीं होगा की क्रिसमस पर होता क्या है? पर आज तुझे एटलीस्ट आईडिया होगया की आज के दिन की relevance क्या है?"

"आज तक मैंने क्रिसमस ट्री मैंने सिर्फ किताब में देखा था पर आज पता चला की वो कितना सुंदर होता है! चर्च को किस तरह सजाया जाता है और वो जो वहाँ बच्चों ने जीसस क्राइस्ट के बचपन को दिखने के लिए खिलौने सजाया था उसे देख कर मुझे मेरे बचपन की याद आ गई जब मैं गुड़ियों के साथ खेलती थी|"

"चलो अब तुझे हॉस्टल छोड़ दूँ|" ये कहते हुए मैंने जैसे ही बाइक स्टार्ट की तो ऋतू बोली: "थोड़ी देर और रुकते हैं ना?"

"यार मैंने आंटी जी को बोला था की मैं आधे-पौने घंटे में आ जाऊँगा, ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं| कहीं आंटी जी कुछ सोचने लगीं तो? 
"आपके बारे में उनके मुँह से सिर्फ तारीफ ही निकलती है| इतने महीनों में मैंने बस ये ही सुना है की मानु बेटा ऐसा है मानु बेटा वैसा है, ईमानदार है, मेहनती है और पता नहीं क्या-क्या! कई बार तो लगता है की वो आपको दमाद बनाने के चक्कर में हैं| पर मोहिनी दीदी का शायद कोई चक्कर चल रहा है, तभी तो वो हर बार अपनी शादी की बात टाल जातीं हैं| कुछ दिन पहले तो वो शराब पी कर आईं थीं, मैंने दरवाजा खोला और वो चुप-चाप अपने कमरे में जा कर सो गईं|"


"उसे आंटी जी से प्रॉब्लम है, आंटी जी उस पर रोक-टोक लगतीं हैं और इसे तो अपनी लाइफ एन्जॉय करनी है|"

हम दोनों ऐसे ही बात करते हुए हॉस्टल पहुंचे और मैं अंदर आ गया और आंटी जी को केक दिया| हैरानी की बात ये थी की जहाँ वो कुछ देर पहले कह रहीं थीं की मैं क्यों क्रिसमस पर चर्च जा रहा हूँ वहीँ अब बड़े चाव से केक खा रही थीं| तभी मोहिनी भी आ गई; "अरे मानु जी आप?! और केक!!!!! वाओ!!! ये आप ही लाये होंगे.... माँ तो...." वो आगे आंटी जी के डर से कुछ नहीं बोली और केक खाने लगी|

"मानु जी एक बात सच-सच बताना, आप मुझ से ही रोज-रोज मिलने के लिए बहाना कर के आते हो ना?" मोहिनी बोली| उस समय आंटी जी किचन में थी और हम तीनों बैठक में बैठे केक खा रहे थे| उसके ये कहते ही मुझे खाँसी आ गई और ऋतू को शायद गुस्सा आने लगा था|        

ऋतू भाग कर गई और मेरे लिए पानी ले आई| एक घूँट पानी पीने के बाद मैं बोला; "यार क्या कुछ भी बोल देते हो आप? इसने (ऋतू ने) अगर घर में बता दिया ना तो गाँव वाले भला ले कर यहाँ आ जायेंगे| बतया था न आपको हमारे गाँव में प्यार करना पाप है!" ये सुन कर मोहिनी चुप हो गई| तभी आंटी जी खाना परोस कर ले आईं और बिना खाये उन्होंने जाने नहीं दिया| चलो इसी बहाने घर जा कर खाना बनाने से तो छुट्टी मिली! कुछ दिन और बीते और 29 दिसंबर आ गया, ऑफिस वाले लड़कों ने पार्टी का प्लान बनाया और मुझे भी उसमें शामिल होना था| सब लड़के अपनी-अपनी बीवियों या गर्लफ्रेंड के साथ आने वाले थे तो जाहिर था की मैं भी ऋतू के ले जाने वाला था| इसी बहाने ऋतू को आज पता चल जाता की New year की पार्टी में क्या होता है?!                           

     मैंने ऋतू को सारा प्लान समझा दिया, 30 दिसंबर की शाम को मैं ऋतू के कॉलेज पहुँचा और उसे वहाँ से पिक कर के घर ले आया| उस दिन सुभाष अंकल के घर जन्मदिन की पार्टी थी तो मैं और ऋतू उसमें शरीक हो गए, पार्टी के बाद हम घर आये और एक दुसरे पर टूट पड़े|   

दरवाजा बंद होते ही ऋतू मेरी गोद में चढ़ गई और उसका निशाना मेरे होंठ थे| मैंने भी ऋतू के कूल्हों को कस कर पकड़ लिया और खुद से चिपका लिया| मैं उसके होठों को चूसते हुए पलंग पर आया और उसे अपनी गोद से उतार कर बिस्तर पर पटक दिया| मैंने फटाफट अपने कपडे निकाल फेंके और ऋतू ने भी लेटे-लेटे अपने कपडे उतार दिए| मैं उस पर चढ़ने लगा तो ऋतू ने अपने हाथ के इशारे से मुझे रोक दिया| वो उठ कर बिस्तर पर खड़ी हुई, अपने थूक से चुपड़ी उँगलियाँ अपनी बुर पर मलने लगी| फिर अगले ही पल वो मेरी गोद में चढ़ गई| मैंने बाएँ हाथ को उसके कूल्हे के नीचे ले जा कर उसे सपोर्ट दिया और दाएँ हाथ से अपने लंड को पकड़ के उसकी बुर से सटा दिया| मेरे झटका मारने से पहले ही ऋतू ने अपनी बुर मेरे लंड पर दबानी शुरू कर दी| कुछ ही सेकंड में लंड पूरा का पूरा ऋतू की बुर में समा गया पर मुझसे नीचे से झटके लगाना मुश्किल हो रहा था| मैं बिस्तर की तरफ पीठ कर के खड़ा हो गया, जिससे ऋतू को अपने पंजे टिकाने का सहारा मिल गया| ऋतू ने अपने पंजों को गद्दे से टिकाया और अपनी बाहों को मेरे गर्दन से लपेटे उसने अपनी बुर उछालनी शुरू की| अब मेरा लंड बड़े आराम से सटा-सट अंदर बाहर होने लगा| हम दोनों ही लय से लय मिलाते हुए अपनी कमर आगे-पीछे हिला रहे थे| ऋतू की बुर पनियाती चली गई और मेरा लंड अंदर बड़े आराम से फिसलने लगा था| “आईईईईईईई ....आहनननननन...धीरे....जानू....!!!!” ऋतू कराही|


[Image: RituHardFuck.gif]
मेरी गति इस कदर तेज थी की ऋतू के लिए सहन कर पाना मुश्किल हो गया था, वो ज्यादा देर टिक न पाई और झड़ने लगी; “सससस...आह!...मााााााााााा ...हम्म्म.....नननन” पर मैं अभी और देर तक उसे भोगना चाहता था| मैंने उसे अपनी गोद से उतारा और उसे पलट दिया| मैं उसके पीछे आ कर खड़ा हो गया, ऋतू को आगे की तरफ झुकाया जिससे उसकी बुर उभर कर पीछे आ गई| मैंने पहले तो दोनों हाथों को ऋतू के love handles पर जमा दिया और फिर अपना लंड पीछे से ऋतू की बुर में पेल दिया और तेजी से झटके मारने लगा| मेरी गति इतनी तेज थी की हर झटके से ऋतू का बुरा जिस्म बुरी तरह हिलने लगा था, उसके स्तन तेजी से झूलने लगे थे| 

[Image: RituHardFuck2.gif]


ऋतू से ये सब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल था क्योंकि उसके झड़ने के बाद मैंने उसे जरा सा समय भी नहीं दिया था की वो अपनी सांसें तक दुरुस्त कर ले| ऋतू अब मेरी पकड़ से छूटने के लिए कुलबुलाने लगी थी| "ससस...जााााााााााााााााााााआनननन नननननननुउउउऊऊऊऊऊऊऊऊऊ..... प्लीज...ईइइइइइ ...रुक्खक्क....!!!" इससे आगे उससे बोला ही नहीं गया! अपने आखरी झटके के साथ मैंने अपना वीर्य ऋतू की बुर में भर दिया और लंड बाहर खींच कर मैं पीछे कुर्सी पर फैल गया| ऋतू भी औंधे मुँह बिस्तर पर गिर गई और अपनी साँसों पर काबू करने लगी| दोनों ही पिछले कुछ दिनों से बहुत प्यासे थे तो ये तूफ़ान आना तो तय था, पर इस तूफ़ान के शांत होने के बाद जब मैं उठा तो ऋतू ने कराहते हुए कहा; "आह! हहहहमममम...  जानू! मेरी कमर!!!!" तब मुझे एहसास हुआ की ऋतू की कमर में मोच आ चुकी है| मैंने किसी तरह से ऋतू को सीधा कर के उसे बिठाया; "सॉरी...सॉरी....सॉरी....सॉरी यार ...." मैंने कान पकड़ते हुए ऋतू से कहा, पर वो मुस्कुराते हुए बोली; "जान निकाल दी थी आपने मेरी! पर.......... मजा बहुत आया!!!!" ये कहते हुए ऋतू की हँसी निकल गई| मैंने तुरंत पानी गर्म करने को रखा और ऋतू की पीठ पर लगाने के लिए Iodex निकाली| ऋतू को बाथरूम जाना था तो उसे बड़ी मुश्किल से मैंने सहारा दे कर खड़ा किया और उसे बाथरूम ले गया| सहारा दे कर मैंने ऋतू को कमोड पर बिठाया, पिशाब की पहली धार के साथ मेरा और ऋतू का माल बाहर आया और फिर ऋतू की बुर हलकी हुई| मैंने पानी से खुद उसकी बुर को धीरे-धीरे साफ़ किया, पर ऋतू की बुर को छूते ही ऋतू ने सिसीकी ली; "स्स्स्सस्साः!!!" ऋतू मुस्कुराती हुई मुझे अपनी आँखों से इशारे करने लगी की उसे अब अंदर जाना है|

मैंने उसे इस बार गोद में उठाया पर बहुत संभाल कर! मैंने ऋतू को बहुत आहिस्ते से बिस्तर पर लिटाया और उसे पेट के बल लेटने को कहा| फिर मैंने उसकी कमर पर Iodex लगाई और गर्म पानी की बोतल रख कर उसे सेंक देने लगा| कमरे में ब्लोअर चल रहा था जिससे कमरे गर्म था| मैं ऋतू की बगल में लेट गया और हम दोनों के ऊपर रजाई डाल ली|  ऋतू ने औंधे लेटे हुए ही मेरी तरफ गर्दन घुमा ली, माने भी ऋतू की तरफ करवट ले ली; "So सॉरी जान!" ऋतू ने प्यार से अपने निचले होंठ को दांतों तले दबाते हुए कहा; "इस कमर दर्द को छोड़ दो तो मजा बहुत आया!"

"तू सच में पागल है!" मैंने ऋतू के गाल को चूमा और हम दोनों सो गए|
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काला इश्क़! - by Rockstar_Rocky - 09-10-2019, 11:13 AM
RE: काला इश्क़! - by asha10783 - 12-10-2019, 05:29 AM
RE: काला इश्क़! - by Black Horse - 13-10-2019, 11:32 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 13-10-2019, 01:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Sam Fisher - 14-10-2019, 10:05 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 24-10-2019, 08:23 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 25-10-2019, 04:38 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 04-11-2019, 10:46 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 05-11-2019, 03:07 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 12-11-2019, 07:47 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 12-11-2019, 09:49 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 14-11-2019, 03:30 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 19-11-2019, 09:19 PM
RE: काला इश्क़! - by Dev rathore - 23-11-2019, 07:05 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 25-11-2019, 04:04 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 27-11-2019, 02:29 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 27-11-2019, 03:38 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 27-11-2019, 06:57 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 27-11-2019, 10:40 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 01:02 AM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 04:23 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 07:51 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 30-11-2019, 10:46 PM
RE: काला इश्क़! - by Rockstar_Rocky - 03-12-2019, 02:05 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 09-12-2019, 11:19 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 10-12-2019, 11:11 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 11-12-2019, 07:28 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 15-12-2019, 09:55 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 16-12-2019, 07:55 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 16-12-2019, 08:00 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 16-12-2019, 08:59 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 16-12-2019, 10:48 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 17-12-2019, 12:12 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 17-12-2019, 04:26 PM
RE: काला इश्क़! - by vedprakash - 18-12-2019, 05:58 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 18-12-2019, 10:55 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 18-12-2019, 08:27 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 18-12-2019, 11:29 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 19-12-2019, 09:50 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 19-12-2019, 11:05 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 20-12-2019, 06:28 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 21-12-2019, 07:01 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 21-12-2019, 07:34 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 21-12-2019, 02:34 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 21-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 21-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 22-12-2019, 08:58 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 23-12-2019, 05:58 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 23-12-2019, 11:02 AM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 23-12-2019, 10:37 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 24-12-2019, 03:23 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 24-12-2019, 10:21 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 24-12-2019, 10:24 PM
RE: काला इश्क़! - by johnni - 25-12-2019, 01:31 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 26-12-2019, 12:58 PM
RE: काला इश्क़! - by johnni - 26-12-2019, 10:32 PM
RE: काला इश्क़! - by nts - 26-12-2019, 10:41 PM
RE: काला इश्क़! - by vedprakash - 28-12-2019, 05:50 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 28-12-2019, 07:24 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 30-12-2019, 11:19 AM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 30-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 31-12-2019, 01:45 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 31-12-2019, 10:35 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 01-01-2020, 09:31 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 02-01-2020, 07:34 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 02-01-2020, 11:21 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 03-01-2020, 12:09 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 04-01-2020, 05:01 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 04-01-2020, 09:45 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 06-01-2020, 02:47 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 08-01-2020, 12:45 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 08-01-2020, 05:01 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 09-01-2020, 08:49 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 08-01-2020, 10:07 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 10-01-2020, 03:06 PM
RE: काला इश्क़! - by Ashuk - 10-01-2020, 11:36 PM
RE: काला इश्क़! - by kill_l - 12-11-2020, 03:20 PM



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