03-12-2019, 11:10 AM
कमलदास ने सारे कपड़े खोल दिए और दूसरी अण्डरवियर पहनकर पलंग पर लेट गए। तभी दरवाज़े पर उनकी समधन अनुपा ने आवाज़ लगाई। कमलदास उनकी आवाज़ सुनकर डर गए। घबराते हुए दरवाज़ा खोला। वह यह भी भूल गए कि वे सिर्फ अण्डरवियर में ही हैं। अनुपा दरवाज़ा धकेलते हुए अन्दर आई और बोली- क्या पिला दिया है तुमने मेरे छोरे को? वह उल्टी पर उल्टी किए जा रहा है। अपनी उम्र देखो और मासूम बच्चे को देखो। ज़रा सा भी ख़्याल नहीं आया आपको यह गंदी हरक़त करते हुए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.