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Incest निर्जन टापू पर
#6
ये तीन साल द्वीप पर अच्छे ही बीते थे ,माँ -बेटे के संबंधो में जो एक दूरी थी उसे यहाँ के एकाकीपन ने दूर कर दिया था ,उनके अलावा था भी कौन ?उनके रिश्तो में प्रगाढ़ता आ गयी थी और द्वीप के वातावरण तथा खाने -पीने की वस्तुओ के प्रचुरता के चलते तथा वातावरण की शुद्धता के कारण उनका स्वास्थ्य भी अच्छा थाl

चालीस की वय में वह थोड़ी बेडौल तथा भारी हो चुकी थी। किन्तु पिछले तीन वर्षो में उसकी काया में अद्भुत निखार आ चुका था और वह खूबसूरत से कम कहलाने से काफी आगे निकल चुकी थी। वास्तव में ,इन तीन वर्षो की आयु बढ ने के स्थान पर शायद कम हुई थी।

सतत फलों और मछलियों के आहार से तथा दिन भर के कई मील के आवागमन से उसके बदन का छरहरापन वापस लौट आया था और अंग -अंग में कसाव झलकता था। शरीर पर विद्यमान वस्त्रों का क्षरण कब का हो चुका था अब तो टापू पर उगने वाली रेशेदार वनस्पति लज्जा ढकने के उपाय मात्र थे।

पुत्र यद्यपि वयस्क हो चुका था। प्रायः वे तरह तरह के खेल खेला करते थे। तीसरे वर्ष उसने महसूस किया की अब वह उसके शरीर को दूसरी नजर से से देखा करता था और उसके शरीर के अंगो की तारीफ भी करता था । उसकी परखी नजरो ने उसकी नजरो के बदलाव को ताड़ लिया था। उसकी नजरे उसके वक्षस्थल और कदली साम्भ सी जंघाओ का प्रायः अनुसरण करता पाती थी और बात बदल कर उसका ध्यान हटाने का प्रयास करती थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: निर्जन टापू पर - by neerathemall - 02-12-2019, 04:21 PM



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