02-12-2019, 09:09 AM
प्यारे दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार! मेरा नाम जसदीप कौर है व उम्र 25 साल है. मैं ठेठ पंजाब के मोगा ज़िले में एक गाँव से हूँ. मैंने अपनी पढ़ाई कम्प्यूटर्स में की थी, इसलिए मुझे कॉलेज में टीचर की नौकरी मिल गयी थी. लेकिन इस नौकरी से मैं कुछ खुश नहीं थी. मैं वेब डेवलपर की नौकरी करना चाहती थी लेकिन मेरे घर वाले मुझे दूर भेजना नहीं चाहते थे.
फिर मैंने उन सभी को किसी तरह मना लिया और मैं नौकरी के लिए दिल्ली चली गयी.
मैं अब आपको अपनी देहयष्टि के बारे में बता देती हूँ. मेरा कद 5 फ़ीट 7 इंच है. मुम्मे मोटे, रंग एकदम दूध सा गोरा है और मेरा शरीर भरा हुआ है. मैं जब टीचर थी, तब भी सूट ही पहनती थी और दिल्ली में भी सूट ही पहनती थी.
मैं नौकरी करने के लिए दिल्ली आ गयी. मुझे कंपनी ने रहने के लिए कमरा भी दिलवा दिया. मेरे साथ एक लड़की और रहती थी. वो दिल्ली की ही थी. उसकी उम्र 26 साल थी और वो बहुत खूबसूरत थी.
मैंने तो अब तक सूट ही पहने थे, पर यहाँ मेरी साथ वाली बहुत मॉडर्न थी. वो कई बार बहुत छोटे कपड़े पहनती थी.
आपको मैंने उसका नाम नहीं बताया, उसका नाम मनु था. हम दोनों कमरे में छोटी स्कर्ट ही डालते थे. मैं अब उसको देखकर अपने पूरे शरीर पर वैक्सिंग करवाने लग गयी थी. मेरे ऑफिस में सभी लड़कियां बहुत चालू थीं. मेरा बॉस, जिसकी उम्र 42 साल थी, उसने बहुत अच्छी बॉडी बनाई हुई थी. वो मुझे बहुत ध्यान से देखता था. लेकिन मैंने कभी उसको मौका नहीं दिया था कि वो मेरे साथ कुछ आगे बढ़ सके. मैंने यही बात मनु को बताई, तो उसने कहा कि वो तुमसे दोस्ती करना चाहता होगा और कुछ नहीं.
धीरे धीरे मेरी अपने बॉस से दोस्ती हो गयी और वो मुझसे फ़ोन पर भी बात करने लगा.
एक दिन मनु ने मुझसे कहा- क्या तुमने और तुम्हारे बॉस ने अब तक कुछ किया है या नहीं?
मुझे मनु की ये बात सुनकर बड़ा गुस्सा आया. मैं बोली- हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं है, हम सिर्फ दोस्त हैं.
मनु बोली- तुम्हारे बॉस ने तुमसे दोस्ती सिर्फ तुमको चोदने के लिए की है.
यह सुनकर मेरा गुस्सा और बढ़ गया, मैंने तमतमामते हुए उससे कहा- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूँ.
इस पर मनु हंसकर बोली- तुम जो मर्ज़ी कर लो, वो तुम्हारी चूत में अपना लंड घुसेड़ कर ही मानेगा.
मैंने भी कह दिया- मैं एक पंजाबन सरदारनी हूँ. ऐसे कोई मुझे छू भी नहीं सकता.
तभी मनु बोली- मैं तुम्हारे जैसी बहुत सरदारों की लड़कियों को जानती हूँ, जो पहले तुम्हारी तरह ही नखरे दिखाती थीं, पर अब वो खुद लंड को अपने हाथों में लेकर उसे अपनी चूत में डालती हैं.
मैंने उससे इस बात पर और बहस करना ठीक नहीं समझा. हमारी ये बात समाप्त हो गई.
कुछ दिन बाद मेरे बॉस ने मुझसे रात का खाना किसी होटल में करने के लिए पूछा, तो मैंने हाँ कर दी. मैं डिनर पर बैकलेस सूट और पटियाला सलवार पहन कर गयी.
उस दिन मनु ने मुझसे कहा- आज तुम बहुत गजब की माल लग रही हो, अपने बॉस से बच कर रहना.
मैंने अपने आपको शीशे में देखा. मेरे चूचे बहुत कसे हुए थे और चूतड़ भी पूरे बाहर को निकले हुए थे. मुझे कहीं न कहीं अपने ऊपर गर्व हो रहा था. मैं डिनर के लिए होटल गयी और मैंने महसूस किया कि मेरा बॉस मुझे काम भरी निगाहों से देख रहा था. वहां पर उसके और दोस्त भी थे वे सब अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ उधर आए हुए थे. वो मेरे साथ बहुत मज़ाक कर रहे थे.
तभी उनमें से बॉस के एक दोस्त ने मुझसे कहा- मेरा जन्मदिन आ रहा है, मेरी पार्टी पर तुम जरूर आना.
मैंने कहा- ठीक है.
होटल से आने के बाद मैंने मनु को पूरी बात बताई. साथ ही बॉस के दोस्त के जन्मदिन की पार्टी पर जाने लिए भी बताया.
उसने मुझसे कहा- तुम पार्टी में जरूर जाना.
फिर मैंने उन सभी को किसी तरह मना लिया और मैं नौकरी के लिए दिल्ली चली गयी.
मैं अब आपको अपनी देहयष्टि के बारे में बता देती हूँ. मेरा कद 5 फ़ीट 7 इंच है. मुम्मे मोटे, रंग एकदम दूध सा गोरा है और मेरा शरीर भरा हुआ है. मैं जब टीचर थी, तब भी सूट ही पहनती थी और दिल्ली में भी सूट ही पहनती थी.
मैं नौकरी करने के लिए दिल्ली आ गयी. मुझे कंपनी ने रहने के लिए कमरा भी दिलवा दिया. मेरे साथ एक लड़की और रहती थी. वो दिल्ली की ही थी. उसकी उम्र 26 साल थी और वो बहुत खूबसूरत थी.
मैंने तो अब तक सूट ही पहने थे, पर यहाँ मेरी साथ वाली बहुत मॉडर्न थी. वो कई बार बहुत छोटे कपड़े पहनती थी.
आपको मैंने उसका नाम नहीं बताया, उसका नाम मनु था. हम दोनों कमरे में छोटी स्कर्ट ही डालते थे. मैं अब उसको देखकर अपने पूरे शरीर पर वैक्सिंग करवाने लग गयी थी. मेरे ऑफिस में सभी लड़कियां बहुत चालू थीं. मेरा बॉस, जिसकी उम्र 42 साल थी, उसने बहुत अच्छी बॉडी बनाई हुई थी. वो मुझे बहुत ध्यान से देखता था. लेकिन मैंने कभी उसको मौका नहीं दिया था कि वो मेरे साथ कुछ आगे बढ़ सके. मैंने यही बात मनु को बताई, तो उसने कहा कि वो तुमसे दोस्ती करना चाहता होगा और कुछ नहीं.
धीरे धीरे मेरी अपने बॉस से दोस्ती हो गयी और वो मुझसे फ़ोन पर भी बात करने लगा.
एक दिन मनु ने मुझसे कहा- क्या तुमने और तुम्हारे बॉस ने अब तक कुछ किया है या नहीं?
मुझे मनु की ये बात सुनकर बड़ा गुस्सा आया. मैं बोली- हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं है, हम सिर्फ दोस्त हैं.
मनु बोली- तुम्हारे बॉस ने तुमसे दोस्ती सिर्फ तुमको चोदने के लिए की है.
यह सुनकर मेरा गुस्सा और बढ़ गया, मैंने तमतमामते हुए उससे कहा- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूँ.
इस पर मनु हंसकर बोली- तुम जो मर्ज़ी कर लो, वो तुम्हारी चूत में अपना लंड घुसेड़ कर ही मानेगा.
मैंने भी कह दिया- मैं एक पंजाबन सरदारनी हूँ. ऐसे कोई मुझे छू भी नहीं सकता.
तभी मनु बोली- मैं तुम्हारे जैसी बहुत सरदारों की लड़कियों को जानती हूँ, जो पहले तुम्हारी तरह ही नखरे दिखाती थीं, पर अब वो खुद लंड को अपने हाथों में लेकर उसे अपनी चूत में डालती हैं.
मैंने उससे इस बात पर और बहस करना ठीक नहीं समझा. हमारी ये बात समाप्त हो गई.
कुछ दिन बाद मेरे बॉस ने मुझसे रात का खाना किसी होटल में करने के लिए पूछा, तो मैंने हाँ कर दी. मैं डिनर पर बैकलेस सूट और पटियाला सलवार पहन कर गयी.
उस दिन मनु ने मुझसे कहा- आज तुम बहुत गजब की माल लग रही हो, अपने बॉस से बच कर रहना.
मैंने अपने आपको शीशे में देखा. मेरे चूचे बहुत कसे हुए थे और चूतड़ भी पूरे बाहर को निकले हुए थे. मुझे कहीं न कहीं अपने ऊपर गर्व हो रहा था. मैं डिनर के लिए होटल गयी और मैंने महसूस किया कि मेरा बॉस मुझे काम भरी निगाहों से देख रहा था. वहां पर उसके और दोस्त भी थे वे सब अपनी गर्ल फ्रेंड्स के साथ उधर आए हुए थे. वो मेरे साथ बहुत मज़ाक कर रहे थे.
तभी उनमें से बॉस के एक दोस्त ने मुझसे कहा- मेरा जन्मदिन आ रहा है, मेरी पार्टी पर तुम जरूर आना.
मैंने कहा- ठीक है.
होटल से आने के बाद मैंने मनु को पूरी बात बताई. साथ ही बॉस के दोस्त के जन्मदिन की पार्टी पर जाने लिए भी बताया.
उसने मुझसे कहा- तुम पार्टी में जरूर जाना.