30-11-2019, 06:50 PM
(This post was last modified: 30-11-2019, 06:51 PM by angad. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रश्मि के जाने के कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कैंची और फेविकोल मांगी....
मेने पूँछा उससे क्या होगा अंकल...
अंकल बोले बस कुछ जरूरी चीज बनानी है...
मैंने अंकल को दोनों चीज लाकर दी..
अंकल दोनों चीज लेकर स्टोर मे चले गए.. साथ मे मुझसे कह कर गए की कोई भी स्टोर मे ना आये...
मुझे कुछ अजीब लग रहा था.... मेने मन मे कहा कैंची से क्या काटा है मैं पता लगा कर रहूंगा.....
एक घंटे बाद अंकल एक कूड़े की पन्नी लेकर निकले और पन्नी कूड़ेदान मे डाल दी फिर दुकान मे बैठ कर काम करने लगे...
मे थोड़ी देर अंकल के साथ काम
मे मदद करता रहा फिर उनसे छिप कर कूड़ेदान मे से उस पन्नी को उठाकर छत पर ले गया..
छत पर कोई भी नहीं था... मैंने पन्नी खोली तो उसमे फोटोग्राफ की कटिंग थीं मैंने गौर से देखा तो सब फोटो रश्मि के ही थे
पर उनमे से चेहरा गोल काट कर अलग निकाला गया था. किसी भी फोटो मे चेहरा नहीं था.. फिर मैं छत पर दूसरी तरफ देखने लग गया बराबर वाला प्लॉट खाली पड़ा था बस उसकी बाउंड्री करी गयी थी हमारे घर की दीवार मे एक खिड़की बनी हुई थी ... उस खिड़की से हम हल्का कूड़ा उसी प्लॉट मे डाल देते थे......
आने जाने वाले लोगभी उसी प्लॉट में पेशाब कर लिया करते थे
गली की तरफ से उस प्लॉट की एंट्री मै घने घास फूस थे जो की काफ़ी बड़े बड़े थे कई बार कूड़ा बीनने वाले उस प्लॉट मै संडास करने भी बैठ जाते थे. क्यों की बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता था.. मै काफ़ी देर तक सोचता रहा की उन्होंने ये फोटो क्यों खराब करे हैं.. मै यही सोच रहा था कि तभी मुझे वहाँ अंकल आते
दिखाई दिए ..
मैंने सोचा अभी घर की टॉयलेट मे कोई भी नहीं है तो फिर ये इस प्लॉट मे क्यों आये..
में तुरंत छुप गया..
उन्होंने मुझे नहीं देख पाया मे छिप कर उन्हें देखने लग गया..
वो बैठ कर पेशाब करने लगे ...
कूड़े की पन्नी पर पेशाब करने से काफी आवाज आ रही थी....
फिर पेशाब करने के बाद उन्होंने जेब से पहले जैसी गंदी किताब निकाली और उस किताब को चूमने लगे.. और फिर अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगे... वो बार बार उस किताब को चूमते और तेज तेज लण्ड हिलाते....
मे सोच रहा था बुड्ढे ने मुझे किताब देने से मना कर दिया और खुद उसे देखकर हिला रहा है...
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मै नीचे उतर आया फिर मै कमरे मै जाने लगा... आज मुझे घर मै बड़ी शांति लग रही थी मै अपने रूम मै जैसे ही घुसने लगा मुझे खिड़की पर रश्मि दिखाई दी वो खिड़की से बाहर बड़ी गौर से देख रही थी उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला.
बाहर का मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मे सोच रहा था ये इतनी गौर से बाहर क्या देख रही है...
तभी मेरा माथा ठनका बाहर तो अभी अंकल हिला रहे थे... कहीं रश्मि उन्हें ही तो नहीं देख रही.....
मै दबे पाँव वापस बाहर निकल गया .. और छत पर चला गया.. फिर छिप कर नीचे देखने लगा...
नीचे अंकल अभी भी लण्ड हिला रहे थे पर अब अंकल खडे थे
वो राईट साइड की दीवार के साथ खडे थे और उनके लेफ्ट मै हमारी खिड़की थी उस प्लॉट की चौडाई 12 फिट थी... अब भी ऊपर से मुझे तो लण्ड नहीं दिख रहा था पर रश्मि को 100%दिखाई दे रहा होगा
मेने पूँछा उससे क्या होगा अंकल...
अंकल बोले बस कुछ जरूरी चीज बनानी है...
मैंने अंकल को दोनों चीज लाकर दी..
अंकल दोनों चीज लेकर स्टोर मे चले गए.. साथ मे मुझसे कह कर गए की कोई भी स्टोर मे ना आये...
मुझे कुछ अजीब लग रहा था.... मेने मन मे कहा कैंची से क्या काटा है मैं पता लगा कर रहूंगा.....
एक घंटे बाद अंकल एक कूड़े की पन्नी लेकर निकले और पन्नी कूड़ेदान मे डाल दी फिर दुकान मे बैठ कर काम करने लगे...
मे थोड़ी देर अंकल के साथ काम
मे मदद करता रहा फिर उनसे छिप कर कूड़ेदान मे से उस पन्नी को उठाकर छत पर ले गया..
छत पर कोई भी नहीं था... मैंने पन्नी खोली तो उसमे फोटोग्राफ की कटिंग थीं मैंने गौर से देखा तो सब फोटो रश्मि के ही थे
पर उनमे से चेहरा गोल काट कर अलग निकाला गया था. किसी भी फोटो मे चेहरा नहीं था.. फिर मैं छत पर दूसरी तरफ देखने लग गया बराबर वाला प्लॉट खाली पड़ा था बस उसकी बाउंड्री करी गयी थी हमारे घर की दीवार मे एक खिड़की बनी हुई थी ... उस खिड़की से हम हल्का कूड़ा उसी प्लॉट मे डाल देते थे......
आने जाने वाले लोगभी उसी प्लॉट में पेशाब कर लिया करते थे
गली की तरफ से उस प्लॉट की एंट्री मै घने घास फूस थे जो की काफ़ी बड़े बड़े थे कई बार कूड़ा बीनने वाले उस प्लॉट मै संडास करने भी बैठ जाते थे. क्यों की बाहर से अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं देता था.. मै काफ़ी देर तक सोचता रहा की उन्होंने ये फोटो क्यों खराब करे हैं.. मै यही सोच रहा था कि तभी मुझे वहाँ अंकल आते
दिखाई दिए ..
मैंने सोचा अभी घर की टॉयलेट मे कोई भी नहीं है तो फिर ये इस प्लॉट मे क्यों आये..
में तुरंत छुप गया..
उन्होंने मुझे नहीं देख पाया मे छिप कर उन्हें देखने लग गया..
वो बैठ कर पेशाब करने लगे ...
कूड़े की पन्नी पर पेशाब करने से काफी आवाज आ रही थी....
फिर पेशाब करने के बाद उन्होंने जेब से पहले जैसी गंदी किताब निकाली और उस किताब को चूमने लगे.. और फिर अपना लण्ड निकाल कर हिलाने लगे... वो बार बार उस किताब को चूमते और तेज तेज लण्ड हिलाते....
मे सोच रहा था बुड्ढे ने मुझे किताब देने से मना कर दिया और खुद उसे देखकर हिला रहा है...
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था... मै नीचे उतर आया फिर मै कमरे मै जाने लगा... आज मुझे घर मै बड़ी शांति लग रही थी मै अपने रूम मै जैसे ही घुसने लगा मुझे खिड़की पर रश्मि दिखाई दी वो खिड़की से बाहर बड़ी गौर से देख रही थी उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला.
बाहर का मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मे सोच रहा था ये इतनी गौर से बाहर क्या देख रही है...
तभी मेरा माथा ठनका बाहर तो अभी अंकल हिला रहे थे... कहीं रश्मि उन्हें ही तो नहीं देख रही.....
मै दबे पाँव वापस बाहर निकल गया .. और छत पर चला गया.. फिर छिप कर नीचे देखने लगा...
नीचे अंकल अभी भी लण्ड हिला रहे थे पर अब अंकल खडे थे
वो राईट साइड की दीवार के साथ खडे थे और उनके लेफ्ट मै हमारी खिड़की थी उस प्लॉट की चौडाई 12 फिट थी... अब भी ऊपर से मुझे तो लण्ड नहीं दिख रहा था पर रश्मि को 100%दिखाई दे रहा होगा