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चारु की चड्डी और अन्य कहानियाँ
#13
कोमल लिफ्ट मे मेरे साथ थी. लिफ्ट को 17वीं मंज़िल जाना था. लिफ्ट के अंदर हल्का म्यूजिक बज रहा था , जो कि हर बड़ी जगह बजता ही रहता है. बैग सामने रखा हुआ था. मैं कोमल की तरफ मुंह करके लिफ्ट की दीवार से सटकर खड़ा था. पेंट के ऊपर से ही लण्ड को सहला रहा था, और मुस्कुरा भी रहा था. मुझे महसूस हो रहा था कि लण्ड चड्डी के अंदर ही बड़ा हो रहा है. कोमल लिफ्ट के दरवाजे कि तरफ मुंह करके खड़ी थी. थोड़ा सा असहज लग रही थी.

“आप लोगो को तो फ़िगर maintain करके रखना होता होगा ना?” मैंने उसकी खुली, चिकनी, नंगी टांगों को घूरते हुए कहा.


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“हाँ सर, management का कहना है guests के सामने थोड़े presentable लोग ही रहने चाहिए” वो जवाब दी और स्कर्ट को थोड़ा सा नीचे खींचा.

“हाँ, presentable तो काफी हैं आप. और इस ड्रेस मे तो सब कुछ उभर के आ रहा है.” मैं हल्का हंसा. कोमल कुछ नहीं बोली.

लिफ्ट अभी केवल चौथे मंज़िल तक ही पहुंची थी. मैं थोड़ा उसकी ओर बढ़ा और उसके पीछे खड़े होकर उसकी गांड देखने लगा. कोमल थोड़ा और सिकुड़ गयी और थोड़ी सहमी हुई मेरी तरफ एक बार देखी.

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मेरी सांसें बढ़ रही थी और लण्ड जैसे पैंट फाड़ कर बाहर आना चाहता था. लेकिन मैं कोई ज़बरदस्ती नहीं करना चाहता था. जितना मैं कर रहा था वो भी ज़्यादा था लेकिन इतने दिनों तक सेक्स न मिलने की वजह से मैं frustrate हो चुका था. 


“देख कर तो लगता है कि तुम्हारा केवल नाम ही नहीं काफी कुछ कोमल है”

वो कुछ नहीं बोली. मैं वापस लिफ्ट कि दीवार से टिककर खड़ा हो गया और उसके चेहरे कि तरफ देखें लगा.

लिफ्ट अभी 8वें मंज़िल को पार कर रही थी.
मैंने अपने मोबाइल मे एक विडियो ढूंढा जिसमे कि एक आदमी लिफ्ट मे ही एक बंदी को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था. विडियो को  मैंने मोबाइल मे ज़ोर से चला दिया. एक रशियन पॉर्न क्लिप था. विडियो मे बंदा लड़की की गांड मार रहा था. और लड़की ज़ोर ज़ोर से moan कर रही थी. 

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आहह ... आहह...आहहहह... लड़का हाँफ हाँफ कर गांड चोदे जा रहा था.

कोमल ने एक बार मुड़के मोबाइल की तरफ देखा और फिरसे आगे ही देखने लगी. 


“साले कहीं भी मन कर जाता है लोगों का. है ना?” मैंने जान बूझकर कोमल को involve करना चाहा. इससे ज़्यादा कुछ शायद कर भी नहीं सकता था.

“जी सर” उसने छोटा सा उत्तर दिया.


“इस होटल मे कभी लिफ्ट मे किया है क्या किसीने?” मैं चाहता था कि कोमल कुछ बोले. मुझे पता था इस लाइन मे लड़की इतनी शरीफ तो होती नहीं जितनी ये बन रही थी. और उतनी शरीफ होती तो रिसिप्शन वाली इसको मेरे साथ नहीं भेजती.
कोमल मेरी तरफ मुड़ी. एक पल के लिए मुझे लगा कि शायद अब ये लिफ्ट रोककर कम्प्लेंट करेगी. हालांकि कम्प्लेंट से मेरे कुछ नहीं उखड़ने वला था लेकिन फर्जी की एक बात होती. लेकिन मुड़ने के बाद कोमल का रुख कुछ और ही था. 

“सर इस होटल मे इतना कुछ होता है कि आप सोच भी नहीं सकते. और कमरे के अंदर कि तो मैं बात ही नहीं कर रही.” कोमल कॉन्फिडेंट अंदाज़ मे बोली. अब मज़ा आने वाला था.
“अच्छा ? क्या क्या?” मैंने मोबाइल ऑफ करके जेब मे रखते हुए पूछा.


“अरे सर यहाँ तो swimming pool मे, छत पर, पार्किंग मे गाड़ी के अंदर, फ्लोर के कॉरिडॉर में, कहाँ कहाँ नहीं होती चुदाई”
उसके मुंह से चुदाई शब्द सुनकर मेरा मन हुआ कि इसको आगे झुका कर अभी इसकी गांड पेल दूँ.

“room service के नाम पर तो पता नहीं क्या क्या करवाते हैं यहाँ. औरतें नंगी होकर रूम सर्विस वालों को अंदर बुलाती हैं. पति अंदर ही बैठा रेहता है. अपनी बीवी को दूसरे को नंगी दिखाकर पति का अच्छहे से खड़ा हो जाता है. शायद बाद मे दोनों दबाकर चुदाई करते हैं. ये सब देखकर रूम सर्विस वाले लड़कों का बुरा हाल हो जाता है. बिचारे बाहर आते ही मुट्ठ मारते हैं.” कोमल अचानक से ही बहुत सहज हो गयी थी. या फिर शायद यही उसका असली रूप था.
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exhibitionism बोलते हैं इसको” कहते कहते मैंने पेंट की ज़िप से अपना लण्ड बाहर निकालना चाहा.

कोमल ने ज़िप के ऊपर हाथ रख दिया “सर कैमरा लगा है लिफ्ट मे और आपका फ्लोर भी आ गया”

टिंग्ग की आवाज़ से लिफ्ट का दरवाजा खुला.
बैग लेकर मैं निकला, कोमल भी आई. उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी. लिफ्ट के सामेन ही कमरा था.
“रूम के अंदर तो कैमरा नहीं होता है ना?” मैंने कहा.
वो हंसी “ नहीं सर, लेकिन होटल मे और भी guests आते रहते हैं. सभी का ध्यान रखना पड़ता है ना हम लोगों को”
मैं कमरे के अंदर आ गया बैग लेकर. कोमल रूम के बाहर ही खड़ी थी. मुझसे और रहा नहीं गया और मैंने पेंट से लण्ड बाहर निकाल ही लिया और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा.

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“कोमल, अपनी चड्डी बेचोगी मुझे, जो इस समय पहनी हुई है?” मैं बड़े urgency से लण्ड हिलाये जा रहा था और बात भी कर रहा था हाँफते हुए.
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“क्या सर?”
“अपनी चड्डी उतार के मुझे दो, कितने पैसे चाहिए बोलो?”

कोमल हंसी, हल्की छिनालों वाली हंसी. “सर इतनी देर तक गांड घूरा आपने. इतने टाइट स्कर्ट मे अगर चड्डी पहनी होती तो आपको दिख नहीं गयी होती” कहकर वो मुड़ी और लिफ्ट की तरफ जाने लगी. उसकी हिलती गांड देखकर ही मुट्ठ गिरा देता लेकिन कॉरिडॉर मे एक दरवाजा खुलने की आवाज़ आई तो मैंने आओपना दरवाजा बंद कर दिया.

आकर बिस्तर पर फ़ेल गया. पेंट मे से लण्ड ऊपर निकला हुआ था और धीरे धीरे झटके ले रहा था. तभी फोन बजा.
“अबे रूम का कार्ड लेके रख लियो मेरे से रूम का कार्ड खो गया है” चारु का मैसेज था.
मैंने मोबाइल साइड मे फेंक दिया और पेंट उतार दिया. फिर चड्डी भी. बिस्तर पर नीचे से नंगा पड़ा हुआ था. बाहर शाम ढाल रही थी. मैं बिस्तर पर लेटकर चारु के बारे मे सोचने लगा. 
...क्रमश :
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RE: चारु की चड्डी और अन्य कहानियाँ - by savitasharma - 30-11-2019, 03:12 PM



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