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Misc. Erotica ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण
#16
वो एक कहानी थी और उसका शीर्षक था जिस पर पूनम की नज़र गयी थी। "पूनम की चुदाई।" अपनी चुदाई की बात पढ़कर पूनम अपनी चुत में कुछ उबलती हुई महसूस की। वो आगे पढ़ना शुरू की और तुरंत ही पेज पलटने लगी। ये एक लड़की की चुदाई की कहानी थी की कैसे वो दो लड़कों से चुदवाई और उसे कितना मज़ा आया था। कहानी के बीच बीच में कहानी के हिसाब से फोटो लगे हुए थे।

2-3 पेज पढ़ते पढ़ते ही पूनम अपने कपड़ों को पूरा उतार दी और नंगी होकर कहानी पढ़ने लगी और अपनी चुत और चुच्ची मसलने लगी। वो लगातार नहीं पढ़ रही थी और जहाँ उसे चुदाई का सीन मिल रहा था बस वहीँ पढ़ रही थी। थोड़ी ही देर में उसकी चुत ने जवानी का रस उगल दिया और पूनम हाँफती हुई बेड पे निढाल पड़ गयी।

पूनम थोड़ी देर बाद जब उठी और वो पेपर दुबारा उठाई तो उसे लगा की उसमें एक पेपर अलग से है। वो उसे पढने लगी। ये उन लड़कों का लेटर था। लव लेटर। नहीं, लस्ट लेटर।

पूनम लेटर पढने लगी. अभी तुरंत ही उसकी चुत ने काम रस उगला था तो उसे अभी फिर से उन लड़कों पे गुस्सा आने लगा था. वो गुस्से में ही लेटर पढने लगी.

प्यारी पूनम,

उम्मीद है तुम्हे मेरा पहला लेटर और साथ में भेजे हुई तस्वीरें पसंद आई होंगी. उन तस्वीरों को देख कर तुमने महसूस किया होगा की इस जवानी में हमें कितने सुख मिलते हैं और किस किस तरह से लोग उसका मज़ा लेते हैं. फिर तुम क्यों इस सुख से दूर रहना चाहती हो.

मैं तुमसे ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा. बस एक बार अपनी इस हसीं और मदमस्त जवानी का सुख हमें भी लेने दो. मैं तुम्हे यकीं दिलाता हूँ की इसमें तुम्हे इतना मज़ा आएगा की तुम दूसरी दुनिया में पहुँचने लगोगी.


तुम्हारे हाँ के इंतज़ार में
तुम्हारी जवानी का प्यासा.

इस कागज के नीचे 2 फोटो पेपर थे जिनपे 5-6 फोटो प्रिंट किये हुए थे. पूनम की चुत की आग फिर से भड़कने लगी. वो उन तस्वीरों को गौर से देखने लगे. ये चुदाई की तस्वीरें नहीं थी. ये सिर्फ लंड की तस्वीर थी. पूनम की सांस अटक गयी. एक पिक में जिसका लंड था वो खरा था और टेबल पे उसका लंड रखा हुआ था. ऐसा लग रहा था जैसे कोई मोटा सा रॉड रखा हुआ हो, और लंड पे बोल्ड मार्कर से लिखा हुआ था “पूनम का तोहफा”

पूनम दूसरी पिक देखी उसमे लड़का लंड के साथ में फोग डियो को लगाया हुआ था और लंड की लम्बाई डिओ के उस बोतल के बराबर ही थी. इस पिक में भी वो लंड पे अपना नाम लिखा हुआ साफ साफ देख रही थी. इसी तरह और भी पिक्स थी और सब के सब लंड के क्लोज-अप वाली पिक्स ही थे.



पूनम पेज पलटी तो इसमें भी लंड की ही पिक्स प्रिंट किये हुए थे. पूनम की नज़र जिस तस्वीर पे रुकी वो उसमे एक नंगी लड़की अपने दोनों पैरों को फैलाये हुए सीधी लेटी हुई थी और लड़का अपने लंड को ऐसे रखे हुए था जैसे नाप रहा हो की लंड चुत के अंदर अगर होती तो कहाँ तक जाती. और उसके बगल वाली पिक में लंड चुत के अन्दर था. पूनम इमेजिन करने लगी और सोचने लगी की लंड कितना अन्दर तक होगा और उसका हाथ अपने आप चुत के छेद को छेड़ने लगा. इस पिक्स में लंड पे कुछ लिखा हुआ नहीं था. ये शायद दुसरे वाले का होगा.

पूनम दोनों पेज में लंड को गौर से देखने लगी. ये दोनों दो अलग अलग लंड थे और पूनम के अंदाज़े से वो दोनों ही लंड उसकी चुत में जाने क लिए तड़प रहे थे. पूनम पहले की भी पिक्स निकल ली. वो पहले वाले पिक्स में और इस पिक्स में लंड देखने लगी. उसे अंदाज़ा हो गया की उन पिक्स में जिस लंड से वो लड़कियां मज़े ले रहे हैं, वो यही दोनों लंड हैं और इन्ही दोनों लड़कों के हैं. पूनम अपनी चुत पे ऊँगली फिराने लगी थी और उसे मज़ा आ रहा था.

वो पिक्स रख दी और सोचने लगी की ‘मैं चुदवा तो ली हूँ, दर्द बहुत हुआ लेकिन मज़ा तो बहुत आ रहा था.’ वो रेस्टूरेंट के दृश्य पूनम की आँखों के सामने घूमने लगे जब अमित उसकी चुचियों को चूस रहा था मसल रहा था और जब वो उसकी पैंटी निकाल कर उसकी चुत को चूस रहा था और ऊँगली अन्दर बाहर कर रहा था. वो अपने मज़े को महसूस करने लगी. वो सोचने लगी की जब अमित ने उसकी चुत में लंड सटाया ही था की वो कितनी उत्तेजित हो गयी थी और उसकी चुत ने काम रस छोड़ दिया था.

लेकिन साथ साथ ही उसे अफ़सोस भी हो रहा था की वो बहुत ज्यादा मज़ा नहीं ले पाई थी. वो अमित के लंड को नोटिस करने लगी और इन पिक्स को देखने लगी तो उसे लगा की ये लंड तो बहुत बड़े हैं. पूनम सबको समेट कर रख दी और सोने लगी, लेकिन उन आँखों में नींद कहाँ जिसे चुदवाने की फिक्र हो.

वो अपने कपड़े पहन ली थी और सोचने लगी की ये लड़के कितने हरामी हैं और कैसे लड़कियों के बारे में सोचते हैं. कोई प्यार मोहब्बत की बात नहीं, कोई जिंदगी भर साथ निभाने के वादे नहीं, बस जवानी का मज़ा, सेक्स बस. बस लड़कियों को चोदना है, उनका मज़ा लेना है बस. इन लोगों ने मुझे भी रंडी समझ लिया है क्या. जिस जिस लड़कियों को इन्होने चोदा होगा वो रंडियां होंगी. मैं ऐसी नहीं हूँ. मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली और अबकी मैं उन्हें साफ साफ मना कर दूंगी और फिर ज्यादा हुआ तो शोर शराबा भी कर दूंगी.

उसे अफ़सोस हो रहा था की उस लड़के ने उसे एन्वेलोप उठाते हुए देख लिया था, उन लड़कों ने उसे मुस्कुराते हुए देख लिया था. लेकिन वो इन सारी गलतियों को सुधार लेगी. और रही बात मज़ा करने की, तो उसके पास उसका प्यार अमित तो है ही. जो न सिर्फ उसे सेक्स का मज़ा देगा, बल्कि उससे प्यार भी करता है और शादी भी करेगा, जिसका मतलब सिर्फ जिस्म के मज़े से नहीं है. वो अपने रूम का गेट खोल दी और अमित के बारे में सोंचते सोंचते सो गयी.

आज पूनम का मेन्सट्रूअल पीरियड ख़त्म हो गया था तो वो बाल धो कर नहा ली और फ्रेश होकर ऑफिस के लिए निकल ली. रोड पे आते ही वो दोनों लड़के रोड के उस पार खड़े दिख गए. पूनम नज़रे नीची करके चल रही थी, लेकिन न चाहते हुए भी उसकी नज़र उन से मिल ही जा रही थी. पूनम अपनी गली से निकल रही थी और वो ठीक सामने रोड के दुसरे साइड से पूनम को ही देख रहे थे.

जब पूनम रोड पे आई तो उसकी नज़र उन लड़कों के पैंट पर गयी. उसकी नज़र वहां कुछ पल के लिए रुक गयी जब उसके मन में आया की इन्ही पैंट के अन्दर वो बड़ा सा राक्षस मौजूद है जो लड़कियों के चुत को फाड़ता हुआ उनके पेट तक पहुँच जाता है. फिर से पूनम की नज़रें उस लड़के से मिल गयी और उसे महसूस हुआ की वो उनके पैंट की तरफ देख रही थी वो उसने देख लिया है. वो लड़का मुस्कुरा दिया और फिर से अचानक से न चाहते हुए भी पता नहीं कैसे पूनम की मुस्कराहट उसके चेहरे पे फ़ैल गयी. वो अपनी मुस्कान को किसी तरह दूसरी तरफ देखते हुए और चेहरे पे हाथ फेर कर छुपायी, लेकिन जिसे जो देखना था, उसने वो देख लिया था.

पूनम आगे बढ़ गयी और अब जब वो नार्मल हुई तो उसे फिर से अपने पे गुस्सा आ रहा था. लेकिन अब भला हो ही क्या सकता था. बिता हुआ वक़्त गुजर चूका था. पूनम को समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो जाता है। उसके मन में उन लड़कों के लिए कोई फीलिंग नहीं थी और वो उन से नफरत करती थी।

पूनम अपने ऑफिस आ गयी. उसकी चुत में फिर से खुजली हो रही थी. उसका चुदवाने का मन कर रहा था लेकिन वो चुद नहीं सकती थी. अमित आज कहीं बाहर गया हुआ था तो उससे मिलने भी नहीं आया था.

शाम में जब पूनम वापस अपने घर आई तो आज उसे रस्ते में कोई भी नहीं दिखा. वो राहत की साँस ली. पूनम पे चुत का खुमार चढ़ा हुआ था। घर आने के बाद उसे मन नहीं लग रहा था और वो आज फिर से सबके सोने का इंतज़ार कर रही थी. सबके सोते ही वो रूम बंद की और आलमीरा से उन लड़कों का भेजा हुआ सब कुछ निकल ली. वो अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी। उसकी चुत तो गेट बंद करते ही गीली हो गयी थी।

वो कहानी पढने बैठ गयी और आज वो पूरी कहानी पढ़ी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कहानी पढ़ते हुए नंगी होकर अपनी चुत सहलाते जा रही थी. और कहानी ख़तम होने से पहले उसकी चुत ने काम रस छोड़ दिया. वो चुदवाना चाहती थी। उसकी चुत की प्यास ऊँगली करने से कम नहीं हो रही थी बल्कि और बढ़ रही थी। वो उस तरह से चुदवाना चाहती थी जैसे फोटो में वो रंडियाँ चुद रही थी। उसे चुत के अंदर ऊँगली नहीं लण्ड चाहिए था जो उसकी चुत की दीवारों को अंदर तक रगड़ता हुआ उसकी चुदाई करे। लेकिन अफ़सोस की ऐसा हो नहीं पा रहा तंग।

पूनम सारी चीजों को वापस अलमीरा में रखी, अपने कपड़े पहनी और गेट खोल कर सोने लगी. सुबह वो तैयार होकर फिर से ऑफिस चल दी. आज फिर से वो लड़के वहीं खड़े थे और अपनी होने वाली रंडी को वासना भरी नज़रों से घूर रहे थे.

पूनम लेग्गिंग्स कुर्ती पहनी हुई थी और चलने से उसकी ऊपर नीचे होती छाती और कुर्ती जो चुत के पास दोनों जांघों के बीच में सट गयी थी, उन जगहों को वो ऐसे देख रहे थे जैसे वहां कपड़े हो ही नहीं और पूनम रोड पे नंगी ही चलकर उनकी तरफ आ रही हो. पूनम आज खुद पे पूरा कण्ट्रोल किये हुए थी और उन लड़कों की तरफ देख भी नहीं रही थी. लेकिन जिस तरह से वो लड़के उसे देख रहे थे, उसे बहुत गुस्सा आ रहा था. लेकिन इस तरह वो देखते भी क्यू नहीं, पूनम की हरकतों ने उन्हें समझा दिया था की बस अब कुछ ही समय की बात है और ये मस्त माल उनके लण्ड के नीचे होगी और अपने हसीं जिस्म का मज़ा दे रही होगी.

पूनम अब रोड पे आ गयी थी और अब उसे महसूस हो रहा था कि उन लड़कों की ऑंखें उसकी पीठ, कमर और गांड पे चिपकी हुई है। वो रोड पे खुद को नंगी महसूस कर रही थी। उसके पास कोई चारा नहीं था। वो लड़के उससे दूर थे और पूनम भी पुरे कपड़े पहने थी, लेकिन एक स्त्री अपने जिस्म पे पड़ती निगाहों को भी जान लेती है।

पूनम ऑफिस पहुँच गयी और इन सबको भूल कर वो अपने काम में लग गयी। आज पूनम की बात अमित से हो पाई. पूनम उसे अपने ऑफिस के फ़ोन से उसके मोबाइल पे कॉल की थी और आज फिर से दोनों दोपहर में उसी केबिन में थे. पूनम आज इस केबिन में नहीं बल्कि एक बंद कमरे में अमित के साथ रहना चाहती थी जहाँ वो उस दिन से भी ज्यादा मस्ती से चुदवा सके. लेकिन आज ऐसा संभव नहीं था क्यू की अमित के नज़रों में आज कोई रूम खाली नहीं था. उस दिन तो पूनम और अमित की किस्मत अच्छी थी की अमित का वो दोस्त घर में अकेला था और उसके घर जाने में कोई दिक्कत नहीं था. लेकिन आज ऐसा नहीं था और अमित होटल जाने का रिस्क नहीं ले सकता था.

अमित पूनम को किस कर रहा था, उसकी चुच्ची मसल रहा था, निप्पल चूस रहा था और चुत में भी ऊँगली करता हुआ चूस रहा था, लेकिन पूनम को मज़ा नहीं आ रहा था. आज उसकी चुत ने पानी नहीं छोड़ा और जब वेटर आया तो अमित वापस अपनी जगह पे बैठ गया था. वेटर के जाते ही उसने अपना लंड बाहर निकल लिया और पूनम गौर से उस लंड को देखने लगी. उसे ये लंड फोटो वाले लंड से थोड़ा छोटा लगा, लेकिन वो इग्नोर कर दी. अब जो भी है, यही लंड उसके लिये बना है.

वो झुक कर लंड चूसने लगी. आज उसे बुरा नहीं लग रहा था. वो लंड को ज्यादा से ज्यादा मुंह में भर रही थी . अमित खड़ा हो गया और अब पूनम सहूलियत के साथ लंड चूसने लगी. अमित को बहुत मज़ा आ रहा था. 5 दिन पहले तक जो लड़की इतनी शरीफ थी की 6 महीने तक उसे खुद को किस भी नहीं करने दी थी, आज रेस्तौरेंट के केबिन में आराम से उसका लंड चूस रही थी. अमित पूनम के सर पे हाथ रख कर लंड चुसवाने का मज़ा ले रहा था.

उसे बहुत मज़ा आ रहा था और जब उसका लंड पूनम के मुंह के अन्दर था, उसके लंड ने एक झटका मारा और पूनम को अपने मुंह में कुछ गर्म सा महसूस हुआ. अचानक इस तरह होने पे वो खुद को सम्हाल नहीं पाई और अपना मुंह पीछे कर ली. अमित के लंड से वीर्य टपक रहा था और जो वीर्य पूनम के मुंह में गिरा था, वो अनजाने में ही सही, लेकिन पूनम उसे निगल चुकी थी.

पूनम लण्ड से गिरते हुए वीर्य को आश्चर्य से देख रही थी और फिर वो एक पल के लिए सोची की क्या करे और फिर उसे लगा की इससे पहले की देर हो जाये और सारा वीर्य ख़त्म हो जाये, वो अमित के लंड को अपने मुंह में फिर से ले ली. फिर से वीर्य उसके मुंह में गिरा और वो उसका स्वाद समझने लगी. मुंह में जाते ही अमित के लण्ड ने फिर से झटका मारा और फिर से वीर्य पूनम के मुंह में गिरा. पूनम ताज़ा ताज़ा गरमा गर्म वीर्य अपने मुंह में ले रही थी. उसे अजीब सा लगने लगा. वो अपना मुँह हटा ली और मुँह में आये वीर्य को बाहर फेंकने की तयारी करने लगी. लेकिन तुरंत ही उसके मन में ये ख्याल आया की पहली बार लंड चूसते वक़्त भी तो उसे बुरा लगा था, लेकिन वो लंड चुसी न. वो वीर्य को निगल गयी.

अमित के लंड पे अभी भी वीर्य की कुछ बूदें जमा थी, वो सोची की फिर से लंड मुंह में ले ले, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाई. उसे अजीब सा लग रहा था और उबकाई आनेवाली थी, वो गिलास से एक घूँट पानी पीने लगी. अमित अभी तक यूँ ही खड़ा था. उसके लिए तो ये एक अचीवमेंट था की उसने पूनम जैसी हसीना को अपना लंड चुसवाया था और उसे अपना वीर्य पिलाया था।

पूनम के मुँह का टेस्ट अभी तक बदला नहीं था और उसे अपने गले में कुछ अटका हुआ सा लग रहा था तो वो कोल्ड ड्रिंक की बोतल उठा ली और पीने लगी.अमित का लण्ड अब सिकुड़ गया था तो उसने अपने लंड को अन्दर किया और बैठ गया. वो भी कोल्ड ड्रिंक पीने लगा. वो पूनम की तरफ देख रहा था और जब पूनम की नज़र उससे मिली तो पूनम अचानक से खिलखिला कर हंस दी. वो अपनी हंसी रोक नहीं पा रही थी और बोली “खूब खुश हो न. छिः... कितना गन्दा चीज़ पिला दिए मुझे.” अमित भी शरारती मुस्कान भरता हुआ बोला “इतना ही गंदा था तो पी क्यू.” पूनम तिरछी नज़र करती हुई शर्माती हुई नीचे देखकर बोली “वो तो तुम्हारी ख़ुशी के लिए.” दोनों हँस दिए और रेस्टॉरेंट से बाहर आ गए और फिर पूनम वापस अपने ऑफिस आ गयी.

पूनम खुश थी की आज उसने वीर्य का टेस्ट तो कर लिया. लेकिन फिर भी उसकी प्यास अभी तक मिटी नहीं थी. उसे बहुत कुछ करना था और उसकी चूत में जैसे कुछ दौड़ रहा था. लेकिन वो कर ही क्या सकती थी.
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RE: ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण - by Bunty4g - 23-01-2019, 09:28 AM



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