28-11-2019, 11:30 PM
उस रात मैं जल्दी सो गया.......
आधी रात को मेरी नींद खुल गई मैने टाइम देखा रात के 1:30 बज रहे थे.. मैंने पानी पिया फिर मैं बिस्तर पर लेट गया अभी मुझे नींद नहीं आ रही थीं फिर मुझे आज के दिन भर की घटना याद आने लगी.
मैं सोच रहा था की अंकल को कच्छी देकर कोई गलती तो नहीं कर दी ..अंकल रश्मि की कच्छी ले गए हैं वो उसे सूंघकर कहाँ वीर्य खाली करेंगे..
कहीं फोटो की तरह कच्छी का भी नाश तो नहीं कर देंगे..
क्या कल वो कच्छी को वापस लाएंगे इस तरह के बहुत सारे सवाल मेरे मन मै घूम रहे थे... मै सोच रहा था कहीं अंकल मुझे ब्लैकमेल करके मुझ से और क्या क्या करवाएंगे..
कहीं अंकल रश्मि को चोदने के मूड मैं तो नहीं है.
अगर अंकल उसे चोदेंगे तो क्या वो राजी हो जाएगी.
रश्मि की चुदाई की सोच कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा मैंने सोचा बाथरूम मैं जाकर हिला लेता हूँ मैं जाने के लिए उठा ही था की रश्मि के ऊपर से कंबल उतर गया रश्मि एक ढीला ढाला टॉप पहनी हुई थी और उसके नीचे वही काली शलवार थी टॉप उसकी नाभि तक उठा हुआ था उसका पेट और कमर की साइड बड़ी सेक्सी लग रही थी मेरी आँखे उसकी नाभि पर जम गई..
मन कर रहा था अभी उसमे जीभ डाल कर चाटने लगूँ
फिर मैंने मम्मी और काजल को देखा वो भी बिलकुल बेसुध होकर सो रही थी फिर मेरा मन करने लगा क्यों ना बेड पर ही मुठ मार लूं..
मैं बेड पर लेट गया और रश्मि के और अपने ऊपर कंबल डाल लिया. अभी मैं उसके होठ देख कर हिलाने लगा मन कर रहा था की उसके मुँह मैं ही लण्ड डाल दूँ पर डर भी बहुत था....
मैंने धीरे धीरे हिलाते रहा..मुझे जोश बढ़ते जा रहा था मैंने एक बार बिलकुल निडर बनकर उसकी ऊँगली से अपना लण्ड छुआ दिया. उसकी ऊँगली से टच होते ही लण्ड जोर जोर से फूंकार मारने लगा फिर जोश और ज्यादा बढ़ गया तो मैंने लण्ड उसकी हथेली मैं रख दिया..
अभी लण्ड बार बार ऊपर झटके मारता और फिर वापस उसकी हथेली पर गिरता उसके हाथो मैं कोई भी हरकत नहीं हो रही थी फिर मैंने अपना लेफ्ट हाथ धीरे से उसकी लेफ्ट चूची पर हल्के से रख दिया उसमे कोई हरकत
नहीं हो रही थी बस सांस लेने से चूचियाँ ऊपर निचे हो रही थी लण्ड तो मैंने उसकी हथेली पर खुला छोड़ रखा था.. और वो भी बार बार झटके देकर अपना काम कर रहा था...
कई बार उसकी उंगलियों मै हलचल सी हुई मैं डर गया अभी मै उसके निप्पल को महसूस करना चाहता था मैंने अंदाज से उसकी निप्पल वाली जगह पर उंगलियां घुमानी शुरू कर दी..
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था और टॉप भी बहुत हल्का था तो थोड़ी ही देर मै उसके निप्पल महसूस होने लगे उसकी चूचियाँ भी ज्यादा बड़ी नहीं थी और निप्पल भी छोटे छोटे ही उभरे थे .. अभी तक रश्मि गहरी नींद मै थी इससे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी अभी मेने उसकी दूसरी चूची के निप्पल पर ऊँगली घुमाने लगा.
मेरे लण्ड से लार टपकने लगी थी फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पर लार उठायी और उसके दोनों होठों के बीच मै टपका दी लार गिरते ही वो हड़बडा कर उठ गयी मेने तुरंत अपना हाथ हटा लिया और अपनी आंखे बंद कर ली पर मेरा लण्ड अभी भी उसकी हथेली पर ही था.. फिर उसने
उसने अपनी मुठ्ठी बंद करी मेरा डर के मारे बुरा हाल हो रहा था
मै थोड़ी सी आंखे खोल कर देख रहा था उसने एक बार मेरी तरफ देखा फिर मुझे सोया समझ कर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गयी..
मैंने भी फटाफट आराम से अपना लण्ड अपने अंडरवीयर मैं डाल कर सो लेट गया..
अब मेरी नींद उड़ चुकी थी मुझे डर लग रहा था ज़ब सुबह रश्मि
मम्मी को मेरी बात बताएगी तब मुझे कितनी मार पड़ेगी..
सुबह के 4 बज चुके थे मुझे डर भी बहुत लग रहा था और टेंशन भी बहुत हो रही थी..
फिर मुझे याद आया की उसने अपने होठों से लार तो पोंछी ही नहीं थी.
कहीं वो भी जाग कर एन्जॉय तो नहीं कर रही थी...
यहीं सब सोचते सोचते मुझे नींद आ गई.. और मै सो गया...
.....
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आधी रात को मेरी नींद खुल गई मैने टाइम देखा रात के 1:30 बज रहे थे.. मैंने पानी पिया फिर मैं बिस्तर पर लेट गया अभी मुझे नींद नहीं आ रही थीं फिर मुझे आज के दिन भर की घटना याद आने लगी.
मैं सोच रहा था की अंकल को कच्छी देकर कोई गलती तो नहीं कर दी ..अंकल रश्मि की कच्छी ले गए हैं वो उसे सूंघकर कहाँ वीर्य खाली करेंगे..
कहीं फोटो की तरह कच्छी का भी नाश तो नहीं कर देंगे..
क्या कल वो कच्छी को वापस लाएंगे इस तरह के बहुत सारे सवाल मेरे मन मै घूम रहे थे... मै सोच रहा था कहीं अंकल मुझे ब्लैकमेल करके मुझ से और क्या क्या करवाएंगे..
कहीं अंकल रश्मि को चोदने के मूड मैं तो नहीं है.
अगर अंकल उसे चोदेंगे तो क्या वो राजी हो जाएगी.
रश्मि की चुदाई की सोच कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा मैंने सोचा बाथरूम मैं जाकर हिला लेता हूँ मैं जाने के लिए उठा ही था की रश्मि के ऊपर से कंबल उतर गया रश्मि एक ढीला ढाला टॉप पहनी हुई थी और उसके नीचे वही काली शलवार थी टॉप उसकी नाभि तक उठा हुआ था उसका पेट और कमर की साइड बड़ी सेक्सी लग रही थी मेरी आँखे उसकी नाभि पर जम गई..
मन कर रहा था अभी उसमे जीभ डाल कर चाटने लगूँ
फिर मैंने मम्मी और काजल को देखा वो भी बिलकुल बेसुध होकर सो रही थी फिर मेरा मन करने लगा क्यों ना बेड पर ही मुठ मार लूं..
मैं बेड पर लेट गया और रश्मि के और अपने ऊपर कंबल डाल लिया. अभी मैं उसके होठ देख कर हिलाने लगा मन कर रहा था की उसके मुँह मैं ही लण्ड डाल दूँ पर डर भी बहुत था....
मैंने धीरे धीरे हिलाते रहा..मुझे जोश बढ़ते जा रहा था मैंने एक बार बिलकुल निडर बनकर उसकी ऊँगली से अपना लण्ड छुआ दिया. उसकी ऊँगली से टच होते ही लण्ड जोर जोर से फूंकार मारने लगा फिर जोश और ज्यादा बढ़ गया तो मैंने लण्ड उसकी हथेली मैं रख दिया..
अभी लण्ड बार बार ऊपर झटके मारता और फिर वापस उसकी हथेली पर गिरता उसके हाथो मैं कोई भी हरकत नहीं हो रही थी फिर मैंने अपना लेफ्ट हाथ धीरे से उसकी लेफ्ट चूची पर हल्के से रख दिया उसमे कोई हरकत
नहीं हो रही थी बस सांस लेने से चूचियाँ ऊपर निचे हो रही थी लण्ड तो मैंने उसकी हथेली पर खुला छोड़ रखा था.. और वो भी बार बार झटके देकर अपना काम कर रहा था...
कई बार उसकी उंगलियों मै हलचल सी हुई मैं डर गया अभी मै उसके निप्पल को महसूस करना चाहता था मैंने अंदाज से उसकी निप्पल वाली जगह पर उंगलियां घुमानी शुरू कर दी..
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था और टॉप भी बहुत हल्का था तो थोड़ी ही देर मै उसके निप्पल महसूस होने लगे उसकी चूचियाँ भी ज्यादा बड़ी नहीं थी और निप्पल भी छोटे छोटे ही उभरे थे .. अभी तक रश्मि गहरी नींद मै थी इससे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी अभी मेने उसकी दूसरी चूची के निप्पल पर ऊँगली घुमाने लगा.
मेरे लण्ड से लार टपकने लगी थी फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पर लार उठायी और उसके दोनों होठों के बीच मै टपका दी लार गिरते ही वो हड़बडा कर उठ गयी मेने तुरंत अपना हाथ हटा लिया और अपनी आंखे बंद कर ली पर मेरा लण्ड अभी भी उसकी हथेली पर ही था.. फिर उसने
उसने अपनी मुठ्ठी बंद करी मेरा डर के मारे बुरा हाल हो रहा था
मै थोड़ी सी आंखे खोल कर देख रहा था उसने एक बार मेरी तरफ देखा फिर मुझे सोया समझ कर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गयी..
मैंने भी फटाफट आराम से अपना लण्ड अपने अंडरवीयर मैं डाल कर सो लेट गया..
अब मेरी नींद उड़ चुकी थी मुझे डर लग रहा था ज़ब सुबह रश्मि
मम्मी को मेरी बात बताएगी तब मुझे कितनी मार पड़ेगी..
सुबह के 4 बज चुके थे मुझे डर भी बहुत लग रहा था और टेंशन भी बहुत हो रही थी..
फिर मुझे याद आया की उसने अपने होठों से लार तो पोंछी ही नहीं थी.
कहीं वो भी जाग कर एन्जॉय तो नहीं कर रही थी...
यहीं सब सोचते सोचते मुझे नींद आ गई.. और मै सो गया...
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