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Misc. Erotica सेक्स, उत्तेजना और कामुकता -
#7
शालिनी ने जो चाहा वो पाया

मेरा भी शुरू से यह मानना है कि सेक्स, उत्तेजना और कामुकता का भाव आना और उस दौरान की जाने वाली सभी गतिविधियाँ जैसे लड़को-लड़कियों द्वारा किया जाने वाला हस्त-मैथुन एक सामान्य प्रक्रिया है। सेक्स का यह अहसास स्त्री-पुरुष के रूप में ही परिभाषित है, वहाँ न कोई मालिक-नौकर का भेद है, ना अमीर-गरीब का और तो और ना ही यह रिश्ते देखता है, बस हो जाता है।


ऐसा ही एक वाकया मुझे मेरी एक पाठिका ने बताया जिसका नाम शालिनी है। उसका सरनेम और शहर में यहाँ नहीं लिखूँगा।


उसने जो लिखा यह भी एक अजीबोगरीब फेंटेसी, कल्पना का ही हिस्सा है, जो सुनने में अजीब लगती है पर यह सदियों से चली आ रही है और शालिनी इन दिनों लगातार मेरे संपर्क में है, उसके कहने से ही मैं उसके साथ घटे इस वाकये को यहाँ एक कहानी के रूप में लिख रहा हूँ। इसके लिए उसने मुझे अपने कुछ फोटोग्राफ भी मेल किये थे जिनसे मुझे उसके रंग-रूप, अंग-प्रत्यंग और शारीरिक बनावट के बारे में अनुमान लगा, जो इस तरह की उत्तेजक कहानियों का जरूरी हिस्सा भी होता है।

तो यहाँ सबसे पहले मैं आपको शालिनी के बारे या कहें कि उसके रंग-रूप के बारे में उसके शारीरिक गठन के बारे में विस्तार से बता देता हूँ। मैंने उसके विभिन्न तरह के चित्र देख कर अनुमान लगाया कि वह एक बहुत ही ज्यादा गोरी, गदराये हुए बदन वाली थोड़ी तंदुरुस्त लड़की है, जिसके बाल काले घने, नैन-नक्श तीखे तो नहीं पर आकर्षक हैं, वो मेकअप करने की बहुत शौकीन है क्योंकि उसकी स्टाइलिश आई-ब्रो, आई लाइनर और लिपस्टिक सब कुछ लाजवाब दिख रहे थे, जैसे कोई मॉडल हो। उसके सभी चित्र हॉट निक्कर, केप्री और डोरियों वाले विदाउट स्लीव्स टॉप में ही थे, उसका शारीरिक नाप-तोल गजब हैं, वक्ष उसकी उम्र के हिसाब से कुछ ज्यादा ही विकसित प्रतीत हो रहे थे, नेकर और केप्री जिस हिसाब से उसके कूल्हों में फंसे हुए थे, उससे यह भी पक्का था कि उसके चूतड़ या कूल्हे भी कयामत ही होंगे।

मैं अपने पाठकों को उसका सही अनुमान लगाने के लिए एक इशारा देता हूँ, जिससे इस रोमांचक किस्से को पढ़ते समय वे शालिनी की एक छवि अपने दिमाग में बसा सकते हैं, वो काफी कुछ फिल्मों में नई आई हुई एक बहुत खूबसूरत अभिनेत्री 'हुमा कुरैशी' से मिलती जुलती सी है। यह तो बात हुई शालिनी की, अब मैं उसकी फेंटेसी की बात करता हूँ जो उसने मुझे सुनाई।

वो एक करोड़पति परिवार से ताल्लुक रखती है, एक आलिशान महलनुमा घर में रहने वाली, पूरे घर में सभी कामों के लिए खूब नौकर चाकर, ड्राइवर और माली रखे हुए थे।

वो हमेशा शाही शान और शौकत से रहने वाली, बड़ी बड़ी पार्टियों, रिसोर्ट और क्लब में शिरकत करने वाली, हमेशा रईस और दिखावे वाले लोगों से घिरी रहती थी। पर उसे इन सब से बहुत चिढ़ होती थी, उसकी 'यौन तृष्णा' यानि सेक्सुअल फेंटेसी उन लोगों से बिल्कुल ही उलट, गरीब, साधरण शक्ल-सूरत वाले, काले-कलूटे, पसीने से भीगे बदन वाले मजदूर या नौकर को देख कर हुआ करती थी, यहाँ तक कि उसने बताया कि इंटरनेट पर भी वो हमेशा अफ्रीकन पुरुषों के नंगे बदन वाले फोटो को बैठ कर घंटों निहारती रहती थी और अभी हाल में ही संपन्न हुए इलाहबाद कुम्भ में नंगे जटाधारी साधुओं को देखने में भी कामुक उत्तेजना महसूस करती थी।

तो चलिए अब हम उसके किस्से की तरफ आते हैं जो उसने मुझे सुनाया और अब मैं उसे यहाँ एक कहानी के रूप में आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ।
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RE: सेक्स, उत्तेजना और कामुकता - - by usaiha2 - 28-11-2019, 03:04 PM



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