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Adultery एक नंबर के ठरकी (from internet)
#15
जिस दिन से शशांक ने राहुल की बीबी को ऑफिस की पार्टी में देखा था, उसके मन मे उसे चोदने के ख़याल आने लगे...इसलिए वो अपनी तरफ से बढ़ - चड़कर उसकी मदद करने लगा..उसकी वाइफ को अपने ही ऑफीस में जॉब भी दिलवा दी...अच्छी सैलरी के साथ...और अपनी सोसायटी में ही उसे फ्लैट भी दिलवा दिया...और उसका कारण था उसकी जैसी मानसिकता वाले उसके ये तीनों दोस्त..

वैसे तो ये सभी अच्छे बिज़नेसमॅन या ऑफिस में उँची पोस्ट पर थे...पर रात को एक साथ बैठकर ये दारू पीते तो पूरी सोसायटी में रहने वाली औरतों की माँ-बेटी एक कर देते थे...चारो एक नंबर के ठरकी थे...सभी की उम्र 40-50 के बीच थी..कई सालों से पड़ोसी रहने की वजह से सभी में काफ़ी गहरी दोस्ती हो चुकी थी...कई बार मिलकर इन्होने रंडिया भी चोदी थी...जब भी किसी की बीबी किसी काम से बाहर या मायके जाती तो उसके खाली घर में ये चारों मिलकर हवस का नंगा खेल खेलते...हर उम्र की और खासकर कच्ची कलियों को चोदना ही इनका मकसद रहा करता था...इसलिए सोसायटी में रहने वाली औरतों के साथ-2 उनकी जवान हो रही लड़कियों को भी ये नही छोड़ते थे...

इन सभी की ऐसी हरकतों की वजह से ही सोसायटी के ज़्यादातर मर्द इनसे दूर रहते थे...पर इनकी बेबाक शरारतों की वजह से इन्होने अपनी कॉलोनी की कई औरतों को चोद भी डाला था...क्योंकि वहां रहने वाली कई औरतों की चूत भी काफ़ी खुजलाती थी...लेकिन फिर भी हर बार नए माल की तलाश में इनकी भूखी नजरें लगी रहती थी

बस ऐसे ही इन सभी की जिंदगी चल रही थी जब एक रात दारू पीते हुए शशांक ने अपने ऑफीस में काम करने वाले राहुल की जवान बीबी सबा का ज़िक्र छेड़ दिया...एक तो नाम इतना सेक्सी...उपर ने नयी ब्याही हुई लड़की...उन सभी के लंड तन कर खड़े हो गये...और उसकी बीबी को फ़साने और चोदने के अलग-2 तरीके वो शशांक को बताने लगे...उन्ही तरीक़ो पर अमल करते-2 उसने उसकी बीबी को जॉब दे डाली...अपनी सोसायटी में कम रेंट पर फ्लेट भी दिलवा दिया..लेकिन इस बीच शशांक या उसके इन दोस्तों ने कभी भी अपने गंदे इरादो की भनक राहुल या सबा को नही लगने दी...वो सभी उन दोनो के सामने बड़े ही सभ्य तरीके से पेश आते थे....और ये भी उन्ही का प्लान था...जिसके अनुसार वो सही मौके की तलाश कर रहे थे...

और इन 4-5 महीनो में वो जब भी एकसाथ मिलकर बैठते तो उनकी चर्चा का विषय सबा ही होती..

शशांक अक्सर बोलता : "यार.....आज तो ऑफीस में साली टाइट स्लेक्स पहन कर आई थी....और उसमें से उस रंडी की मोटी जांघे ऐसे दिख रही थी जैसे एक बड़ा सा चबा जाने लायक लेग पीस....बस स्लेक्स उतारो और चबा जाओ उसकी टंगड़ी को....''

उपर से गुप्ता जी अपने लंड को मसलते हुए कहते : "भेन की लौड़ी के मुम्मे तो देखो...कल सुबह जब सीडियों से उतर रही थी तो ऐसा लग रहा था जैसे दो छोटी-2 फुटबॉल उछल रही है...मुझे दुनियादारी की परवाह ना होती तो इस रंडी को वहीं नंगा करके पेल देता...''

सरदारजी बोले : "आज सुबह मेरी वाइफ अपने घर की चाबी इनके घर छोड़ गयी थी...शाम को जब मैं वापिस आया तो इसे लगा की राहुल आया है...मदारचोद ऐसी ही भागती चली आई दरवाजा खोलने ....छोटी सी निक्कर और टी शर्ट में ..ऐसी मलाई जैसी टांगे थी यारो...बस चाटते रहो...लंड रगड़ते रहो उसपर....''

कपूर साहब भी कहाँ पीछे रहने वाले थे...वो भी बोलते : "ऐसी खूबसूरत रंडी को चोदकर ही मेरे लंड को सकून मिलेगा...संडे को मेरी मिसेज के साथ मेरे ही बैडरूम में बैठकर बाते कर रही थी , बस उसी बेड पर चोदना है मुझे तो उसे , दोस्तों अब हमे जल्द से जल्द कुछ करना होगा...''

उन्हे जो भी करना था, तरीके से करना था...जैसे अभी तक योजना बनाकर वो करते आए थे...सबा को अपने जाल में फँसाकर चोदना तो बस एक ज़रिया था अपनी लाइफ का मज़ा लेने का...वरना चारों की पत्निया एक से बढ़कर एक खूबसूरत थी...वो भी अपने पतियों की तरह आपस में घुल मिलकर रहती थी और उनके रंगीन मिज़ाज से वो सब भी वाकिफ़ थी...लेकिन वो अपने रंगीन मिज़ाज के लिए क्या-2 करते है,ये उनमे से कोई भी नही जानता था...और उन्हे ज़रूरत भी नही थी उनकी जिंदगी में दखल देने की...सभी को ऐश की जिंदगी जीने को मिली हुई थी...ऐसे में अपने पतियों के उपर लगाम लगाकर उन्हे कुछ मिलने वाला तो नही था...और वैसे भी, जो आग इन मर्दों को जलाती थी,वो क्या इन गर्म औरतों को कम जलाती थी ..
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RE: एक नंबर के ठरकी (from internet) - by Deadman2 - 28-11-2019, 12:50 PM



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