28-11-2019, 10:07 AM
शाम को मैं 6बजे के करीब वापस आया तब तक अंकल गए नहीं थे. मै भी जाकर दुकान मे बैठ गया अंकल बोले कहां घूमने गया था मैंने बोला यहीं पार्क मै गया था
फिर वो बोले पार्क मैं ही गया था या कहीं आंखे सेकने..
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा कुछ नहीं है मैं तो बस घूमने ही गया था
अंकल बोले बच्चे कहीं ऐसा ना हो तू बाहर आँखे सेकने जाए और कोई तेरे घर मैं सिकाई कर दे..
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा नहीं हो सकता
अंकल बोले थोड़ा रश्मि की चूचियाँ तो देख दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं लगता है कोई पूरे मन से मेहनत कर रहा है इनपर.. ऐसा कहकर वो हँसपडे..
फिर अंकल बोले भाई चाय नहीं मिलेगी मै बोला अभी बोलता हूँ
मैंने रश्मि को चाय के लिये आवाज लगाई. रश्मि थोड़ी देर मे 2 कप चाय लेकर आयी
रश्मि ने एक टाइट सा काला सूट और काले रंग की लच्चेदार सलवार पहन रखी थी ऊपर चुन्नी नहीं थी..
शूट बड़े गले वाला था.. रश्मि ने पहले चाय अंकल को दी फिर मुझे..
अंकल बोले बेटा चाय तो काली सी लग रही है क्या दूध कम था
रश्मि बोली अंकल दूध तो था पर बिल्ली ने झूठा कर दिया..
ये तो एक कप चाय मेरे लिए बची थी उसी मै पानी पत्ती बढ़ा कर ले आयी हूँ....
अंकल रश्मि की चूचियों को देखते हुए बोले बेटा दूध ढक कर रखा करो नहीं तो कोई भी झूठा कर सकता है.. रश्मि ने शर्मा कर सिर झुका लिया
फिर रश्मि अंदर चली गई
थोड़ी देर बाद अंकल बोले बच्चे एक फोटो और निकाल ला एल्बम से.
मैने कहा क्या अंकल एक दिन मे 2 दो फोटो खराब करोगे
इस तरह तो एक महीने मै ही पूरी एल्बम ही खत्म हो जाएगी..
अंकल बोले वो फोटो बड़ा मस्त था कंट्रोल नहीं हुआ इसलिए खराब हो गया.. एक और दे दे अब खराब नहीं करूंगा..
मै फोटो लेने अंदर गया पर अंदर मौका नहीं मिला..
मै वापस आ गया और अंकल को बोला अंकल फोटो अभी नहीं मिल सकती..
अंकल बोले देख ले बच्चे बता अब मै क्या करूँ
मै चुप रहा...
फिर अंकल बोले एक काम कर रश्मि की कोई कच्छी ही निकाल ला मैने बोला अंदर मम्मी रश्मि काजल सब हैं अभी नहीं ला सकता .
फिर वो बोले छत पर जो भी सूख रही हो वही उठा ला....
मैं ना चाहते हुए भी छत पर गया
छत पर सिर्फ रश्मि के कपड़े सूख रहे थे पर उनमे कच्छी नहीं थी
मैने सलवार उठा कर देखा तो उसकी एक लाल कच्छी मिली गयी. मैंने जल्दी से उसे उतारा और पेंट की जेब मैं रख लिया और निचे आने लगा तभी रश्मि कपड़े उतारने के लिए छत पर आ गई..
रश्मि को देखते ही मै डर गया. रश्मि कपड़े उतारने लगी मैं जल्दी से नीचे उतरने लगा मुझे डर था कहीं वो कच्छी ना मिलने पर मेरी जेब ना देखने लगे..
जल्दबाजी मैं कच्छी भी जेब मैं अच्छी तरह नहीं घुस पायी थी मेरे बगल से देखने पर कच्छी आराम से दिख जाती..
मैं फटाफट नीचे आया और कच्छी निकाल कर अंकल को दी..
कच्छी देख कर अंकल खुश हो गए उन्होंने कच्छी को फैला कर अपनी नाक पर लगाया और बहुत जोर से सूंघने लगे. फिर बोले इस कच्छी की खुशबू ज़ब इतनी मस्त है तो उसकी चूत की खुशबू तो बडी नशीली
होगी.. वो खुशबू सूंघने मै मस्त हो रहे थे तभी रश्मि ने मुझे आवाज लगाई भाई दवा खा ले दवा का टाइम हो गया है...
अंकल बोले पता नहीं मुझे दवा कब मिलेगी...
उन्होंने कच्छी को जेब मै रख लिया और अपने रूम पर चले गए...
मैंने दुकान बन्द कर दी और घर मै चला गया..
रात के आठ बज चुके थे मैंने खाना खाया और सोने चला गया
हमारे घर मै 5 कमरे थे एक छोटा कमरा था जहाँ पापा अपने हिसाब किताब की चीज रख़ते थे और उसी कमरे मै वो सोते थे एक गेस्टरूम था जो की किसी मेहमान के आने पर ही खुलता था एक कमरे मैं हम सब की पढ़ाई लिखाई का सामान रखा जाता था एक कमरा दुकान के जस्ट पीछे लगा हुआ था जिसमे दुकान के पुराने टूल्स एक्स्ट्रा कुर्सी जैसी चीजें रखी जाती थीं लास्ट कमरा हमारे सोने के लिए था इसमे दो सिंगल बेड थे एक बेड पर मम्मी और काजल सोती थीं दुसरे पर मै और रश्मि सोते थे..
उस दिन मै जल्दी सो गया..
फिर वो बोले पार्क मैं ही गया था या कहीं आंखे सेकने..
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा कुछ नहीं है मैं तो बस घूमने ही गया था
अंकल बोले बच्चे कहीं ऐसा ना हो तू बाहर आँखे सेकने जाए और कोई तेरे घर मैं सिकाई कर दे..
मैंने बोला नहीं अंकल ऐसा नहीं हो सकता
अंकल बोले थोड़ा रश्मि की चूचियाँ तो देख दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं लगता है कोई पूरे मन से मेहनत कर रहा है इनपर.. ऐसा कहकर वो हँसपडे..
फिर अंकल बोले भाई चाय नहीं मिलेगी मै बोला अभी बोलता हूँ
मैंने रश्मि को चाय के लिये आवाज लगाई. रश्मि थोड़ी देर मे 2 कप चाय लेकर आयी
रश्मि ने एक टाइट सा काला सूट और काले रंग की लच्चेदार सलवार पहन रखी थी ऊपर चुन्नी नहीं थी..
शूट बड़े गले वाला था.. रश्मि ने पहले चाय अंकल को दी फिर मुझे..
अंकल बोले बेटा चाय तो काली सी लग रही है क्या दूध कम था
रश्मि बोली अंकल दूध तो था पर बिल्ली ने झूठा कर दिया..
ये तो एक कप चाय मेरे लिए बची थी उसी मै पानी पत्ती बढ़ा कर ले आयी हूँ....
अंकल रश्मि की चूचियों को देखते हुए बोले बेटा दूध ढक कर रखा करो नहीं तो कोई भी झूठा कर सकता है.. रश्मि ने शर्मा कर सिर झुका लिया
फिर रश्मि अंदर चली गई
थोड़ी देर बाद अंकल बोले बच्चे एक फोटो और निकाल ला एल्बम से.
मैने कहा क्या अंकल एक दिन मे 2 दो फोटो खराब करोगे
इस तरह तो एक महीने मै ही पूरी एल्बम ही खत्म हो जाएगी..
अंकल बोले वो फोटो बड़ा मस्त था कंट्रोल नहीं हुआ इसलिए खराब हो गया.. एक और दे दे अब खराब नहीं करूंगा..
मै फोटो लेने अंदर गया पर अंदर मौका नहीं मिला..
मै वापस आ गया और अंकल को बोला अंकल फोटो अभी नहीं मिल सकती..
अंकल बोले देख ले बच्चे बता अब मै क्या करूँ
मै चुप रहा...
फिर अंकल बोले एक काम कर रश्मि की कोई कच्छी ही निकाल ला मैने बोला अंदर मम्मी रश्मि काजल सब हैं अभी नहीं ला सकता .
फिर वो बोले छत पर जो भी सूख रही हो वही उठा ला....
मैं ना चाहते हुए भी छत पर गया
छत पर सिर्फ रश्मि के कपड़े सूख रहे थे पर उनमे कच्छी नहीं थी
मैने सलवार उठा कर देखा तो उसकी एक लाल कच्छी मिली गयी. मैंने जल्दी से उसे उतारा और पेंट की जेब मैं रख लिया और निचे आने लगा तभी रश्मि कपड़े उतारने के लिए छत पर आ गई..
रश्मि को देखते ही मै डर गया. रश्मि कपड़े उतारने लगी मैं जल्दी से नीचे उतरने लगा मुझे डर था कहीं वो कच्छी ना मिलने पर मेरी जेब ना देखने लगे..
जल्दबाजी मैं कच्छी भी जेब मैं अच्छी तरह नहीं घुस पायी थी मेरे बगल से देखने पर कच्छी आराम से दिख जाती..
मैं फटाफट नीचे आया और कच्छी निकाल कर अंकल को दी..
कच्छी देख कर अंकल खुश हो गए उन्होंने कच्छी को फैला कर अपनी नाक पर लगाया और बहुत जोर से सूंघने लगे. फिर बोले इस कच्छी की खुशबू ज़ब इतनी मस्त है तो उसकी चूत की खुशबू तो बडी नशीली
होगी.. वो खुशबू सूंघने मै मस्त हो रहे थे तभी रश्मि ने मुझे आवाज लगाई भाई दवा खा ले दवा का टाइम हो गया है...
अंकल बोले पता नहीं मुझे दवा कब मिलेगी...
उन्होंने कच्छी को जेब मै रख लिया और अपने रूम पर चले गए...
मैंने दुकान बन्द कर दी और घर मै चला गया..
रात के आठ बज चुके थे मैंने खाना खाया और सोने चला गया
हमारे घर मै 5 कमरे थे एक छोटा कमरा था जहाँ पापा अपने हिसाब किताब की चीज रख़ते थे और उसी कमरे मै वो सोते थे एक गेस्टरूम था जो की किसी मेहमान के आने पर ही खुलता था एक कमरे मैं हम सब की पढ़ाई लिखाई का सामान रखा जाता था एक कमरा दुकान के जस्ट पीछे लगा हुआ था जिसमे दुकान के पुराने टूल्स एक्स्ट्रा कुर्सी जैसी चीजें रखी जाती थीं लास्ट कमरा हमारे सोने के लिए था इसमे दो सिंगल बेड थे एक बेड पर मम्मी और काजल सोती थीं दुसरे पर मै और रश्मि सोते थे..
उस दिन मै जल्दी सो गया..