28-11-2019, 08:35 AM
किचेन
हम दोनों वापस बेडरूम में टॉवल पहने निकल आये और सीधे वैसे ही साथ लगे किचनेट में ,
वो चाय बनाते रहे ,
और मैं उन्हें छेड़ती रही ,
कभी उस एलवल वाली का नाम ले ले के ,
तो कभी उनके पिछवाड़े को ले के , कोहबर की बातें याद दिला के , ...
चाय पीते समय लेकिन मैं एकदम घबड़ा गयी ,
मेरी निगाह घड़ी पर गयी और मुझे एक बात भी याद आगयी। ,
साढ़े सात बज रहे थे ,
और मैं रोज इस समय , इनके ट्रेनिंग पर जाने के बाद से , किचेन में होती थी , ...
जेठानी के हाथ की बनी चाय पीती , उन्हें छेड़ती रात का हाल चाल पूछती ,
और जेठानी जी किचेन में पहुँच गयी होंगी , ... अगर मैं थोड़ी देर में नहीं पहुंची तो ,...
क्या पता वो ऊपर आ जाएँ और हम दोनों , इस हालत में , ...
बस , झट से मैं पेटीकोट के अंदर घुसी ,
ब्लाउज अपनी देह पर टांगा , साडी बस जैसे तैसे लपेटी
( अब ये पास हों तो ब्रा पैंटी पहनने का कोई फायदा नहीं था )
उन्हें एक चुम्मी की घूस दी , वायदा किया , अभी गयी अभी आयी , और बोला की बस वो थोड़ी देर लेट जायँ
और सीढ़ी पर से झटझट चलकर नीचे किचेन में
गैस पर चाय का पानी चढ़ा था और जेठानी जी
फ्रिज में कुछ झांक रही थी , मैं समझ शायद जल्दी में फ्रिज मैं ठीक से बंद करना , ...
पर वो उस बाउल में झाँक रही थीं , जिसमें रबड़ी थी और रात को मैंने उनके देवर को खिला दी ,...
बाउल एकदम खाली था ,
मुस्कराते हुए फ्रिज बंद करते बोलीं ,
" रात में मैंने किचेन में खटपट सुनी थी , तो लगा ,.. अब पता चला , बिल्ली ने पूरी रबड़ी सफाचट कर ली। "
" बिल्ली ने नहीं , ... बिल्ले ने "
हँसते हुए मैं बोली।
अब उनकी निगाह मेरे गाल पर उनके देवर के दांतो के निशान पर पड़ी ,
एक झटके में उन्होंने मेरा आँचल खींच के नीचे कर दिया , फिर तो ब्लाउज से झांकते उभारों पर
ढेर सारे नाख़ून के , दांतों के निशान ,
" लग रहा है। बिल्ले ने कस के काटा खरोंचा है। "
फिर उन्हें कुछ याद आया और वो एकदम उछल पड़ीं
" हे लेकिन बिल्ले ने , ... रबड़ी ,... वो , ... वो तो रबड़ी छूता भी नहीं था , पूरा बाउल चट्ट ,... कैसे "
उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था , उनके देवर ने , रबड़ी ,... जो उन्हें सख्त नापसंद थी , कैसे , वो भी , सब पूरा ,...
" दीदी , चटाने वाला होना चाहिए , फिर तो चाटने वाला सब कुछ चाट जाता है , ... "
मुस्कराते हुए मैं बोली।
बस उन्होंने मुझे कस के गले लगा लिया , बोलीं
" सच में एकदम सही देवरानी लायी हूँ मैं। "
सच में बिना मेरी जेठानी की हेल्प के हम दोनों की शादी , ... बहुत लोग थे बिघन डालने वाले ,...
गाँव की लड़की से , वो भी गाँव में जाकर , ...
एक से एक पढ़ी लिखी वाली , ...
पर इन्होने अपनी भाभी से साफ़ बोल दिया था
और जब जेठानी जी ने मुझे पहली बार देखा था , तभी कह दिया था ,
" आओगी तो तुम मेरे यहाँ ही , बस बात ये है की खूब जल्दी से आ जाओ। "
लगन शुरू होते ही पहली लग्न वाले दिन ही उन्होंने हम दोनों की तारीख तय करवा दी और तीन दिन की शादी की , गाँव में बारात की बात भी , ...
मैंने उन्हें सब बताया की कैसे उनके देवर कल सुबह नाश्ता करने के बाद कुछ भी नहीं खाया है उन्होंने ,
इसलिए मैं सोच रही हूँ , की कुछ नाश्ता , ...
लेकिन तब तक चाय उबलने लगी थी , चाय दो ग्लासों ढाल के वो बोलीं ,
" तू चाय पी। "
हम दोनों वापस बेडरूम में टॉवल पहने निकल आये और सीधे वैसे ही साथ लगे किचनेट में ,
वो चाय बनाते रहे ,
और मैं उन्हें छेड़ती रही ,
कभी उस एलवल वाली का नाम ले ले के ,
तो कभी उनके पिछवाड़े को ले के , कोहबर की बातें याद दिला के , ...
चाय पीते समय लेकिन मैं एकदम घबड़ा गयी ,
मेरी निगाह घड़ी पर गयी और मुझे एक बात भी याद आगयी। ,
साढ़े सात बज रहे थे ,
और मैं रोज इस समय , इनके ट्रेनिंग पर जाने के बाद से , किचेन में होती थी , ...
जेठानी के हाथ की बनी चाय पीती , उन्हें छेड़ती रात का हाल चाल पूछती ,
और जेठानी जी किचेन में पहुँच गयी होंगी , ... अगर मैं थोड़ी देर में नहीं पहुंची तो ,...
क्या पता वो ऊपर आ जाएँ और हम दोनों , इस हालत में , ...
बस , झट से मैं पेटीकोट के अंदर घुसी ,
ब्लाउज अपनी देह पर टांगा , साडी बस जैसे तैसे लपेटी
( अब ये पास हों तो ब्रा पैंटी पहनने का कोई फायदा नहीं था )
उन्हें एक चुम्मी की घूस दी , वायदा किया , अभी गयी अभी आयी , और बोला की बस वो थोड़ी देर लेट जायँ
और सीढ़ी पर से झटझट चलकर नीचे किचेन में
गैस पर चाय का पानी चढ़ा था और जेठानी जी
फ्रिज में कुछ झांक रही थी , मैं समझ शायद जल्दी में फ्रिज मैं ठीक से बंद करना , ...
पर वो उस बाउल में झाँक रही थीं , जिसमें रबड़ी थी और रात को मैंने उनके देवर को खिला दी ,...
बाउल एकदम खाली था ,
मुस्कराते हुए फ्रिज बंद करते बोलीं ,
" रात में मैंने किचेन में खटपट सुनी थी , तो लगा ,.. अब पता चला , बिल्ली ने पूरी रबड़ी सफाचट कर ली। "
" बिल्ली ने नहीं , ... बिल्ले ने "
हँसते हुए मैं बोली।
अब उनकी निगाह मेरे गाल पर उनके देवर के दांतो के निशान पर पड़ी ,
एक झटके में उन्होंने मेरा आँचल खींच के नीचे कर दिया , फिर तो ब्लाउज से झांकते उभारों पर
ढेर सारे नाख़ून के , दांतों के निशान ,
" लग रहा है। बिल्ले ने कस के काटा खरोंचा है। "
फिर उन्हें कुछ याद आया और वो एकदम उछल पड़ीं
" हे लेकिन बिल्ले ने , ... रबड़ी ,... वो , ... वो तो रबड़ी छूता भी नहीं था , पूरा बाउल चट्ट ,... कैसे "
उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था , उनके देवर ने , रबड़ी ,... जो उन्हें सख्त नापसंद थी , कैसे , वो भी , सब पूरा ,...
" दीदी , चटाने वाला होना चाहिए , फिर तो चाटने वाला सब कुछ चाट जाता है , ... "
मुस्कराते हुए मैं बोली।
बस उन्होंने मुझे कस के गले लगा लिया , बोलीं
" सच में एकदम सही देवरानी लायी हूँ मैं। "
सच में बिना मेरी जेठानी की हेल्प के हम दोनों की शादी , ... बहुत लोग थे बिघन डालने वाले ,...
गाँव की लड़की से , वो भी गाँव में जाकर , ...
एक से एक पढ़ी लिखी वाली , ...
पर इन्होने अपनी भाभी से साफ़ बोल दिया था
और जब जेठानी जी ने मुझे पहली बार देखा था , तभी कह दिया था ,
" आओगी तो तुम मेरे यहाँ ही , बस बात ये है की खूब जल्दी से आ जाओ। "
लगन शुरू होते ही पहली लग्न वाले दिन ही उन्होंने हम दोनों की तारीख तय करवा दी और तीन दिन की शादी की , गाँव में बारात की बात भी , ...
मैंने उन्हें सब बताया की कैसे उनके देवर कल सुबह नाश्ता करने के बाद कुछ भी नहीं खाया है उन्होंने ,
इसलिए मैं सोच रही हूँ , की कुछ नाश्ता , ...
लेकिन तब तक चाय उबलने लगी थी , चाय दो ग्लासों ढाल के वो बोलीं ,
" तू चाय पी। "