27-11-2019, 11:06 PM
मैने बोला अंकल जहाँ से पहले ये किताब लाये थे वही से फिर ले आओ. फिर अंकल बोले ये किताब मै अपने गांव से लेकर आया था अब 20 रूपये की किताब के लिए 100 रूपये खर्च करूँ और दो दिन बर्बाद करूँ....
अभी एक महीना भी नहीं हुआ है गांव से आये हुए...
मैने बोला अंकल यहीं मार्किट मे देख लो किसी दुकान पर शायद मिल जाये...
अंकल बोले मैने बहुत ढूंडी है यहाँ कहीं नहीं मिलती तभी तो अपने गांव से लाया था..
मैंने बोला अंकल किराया मै दे दूंगा आप गांव जाकर ले आओ..
अंकल बोले मै ले तो आऊंगा पर जरुरत तो अभी है....
मैं शांत रहा.....
फिर अंकल बोले तू अपने घर मै से फोटो एल्बम उठा ला...
मैंने पूँछा अंकल एल्बम से क्या करोगे..
वो बोले ज्यादा मत सोच बच्चे बस ले आ...
मै घर मै गया और एल्बम निकाल लाया..
एल्बम देखकर उनकी आँखों मै चमक आ गई.... फिर वो एल्बम लेकर दुकान मै दूसरी तरफ चले गए.. फिर वो एल्बम मे फोटो पलटने लगे.
लास्ट मै उन्होंने एक फोटो निकाल कर साइड मै रख ली और मुझसे एल्बम एल्बम वापस रखने को कहा..
मै एल्बम लेकर चला गया ज़ब वापस आया तब अंकल बोले अब दुकान तू देखना मै थोड़ी देर मे बाथरूम से आता हूँ....
फिर अंकल बाथरूम मै चले गए...
बहुत देर बाद वो वापस आये. उनके माथे पर ठंड मै भी पसीना आ रहा था.. मैंने उनसे फोटो के बारे मै पूँछा तो वो बोले वो फोटो तो खराब हो गई...
मैंने बोला अंकल वो फोटो तो वापस रखनी थी..
अंकल बोले मेरी किताब तूने खराब कर दी मैंने तो तुझसे कुछ नहीं कहा. तू एक फोटो के लिए रो रहा है...
फिर मै वहां से कमरे मै चला गया.. थोड़ी देर बाद मुझे फिर से किताब देखने का मन हुआ.... पर किताब तो फ़ेंकी जा चुकी थी.. मै किताब को ढूंढ़ने की सोचने लगा तभी मुझे एल्बम के फोटो का ख्याल आया
मै फटाफट बाथरूम मै गया पर मुझे फोटो नहीं मिली मैने इधर उधर काफ़ी तलाश करी पर फोटो नहीं मिली.. फिर मै बाथरूम की छत पर चढ़ गया वहाँ मुझे वो फोटो मिल गई मैंने वो फोटो उठाई तो फोटो बहुत गंदी हो चुकी थी फोटो मै मेरी तीनो बहने थी... ये पिछले महीने की फोटो थी ज़ब वंदना दी पिछले महीने घर पर आयी थीं..
फोटो मैं वंदना दी की मांग मै तो पहले ही सिंदूर था जबकि रश्मि और काजल की मांग मै लाल पेन से माँग भरी गई थी..
तीनो की चूचियों की निप्पल भी पेन से बनाये गए थे और तीनो की चूत वाली जगह पर पेन से आर पार सुराख़ करा गया था..
तीनो के चेहरे पर और पूरे शरीर पर अंकल ने अपना वीर्य खाली करा था छेदो मै हो कर वीर्य दूसरी तरफ पार निकल गया था..
अब मुझे जोश चढ़ने लगा था मैं उस फोटो को उठा कर बाथरूम मैं घुस गया और फोटो को देखकर हिलाने लगा. वन्दना दीदी साडी मे थी उनका पेट साफ दिख रहा था मैंने कई बार उनके होंठों पर अपना लण्ड छुआया और आखिर मैं बुरी तरह कांप कर खाली होने लगा..
मैंने लण्ड को वंदना दीदी के मुँह पर इतनी तेज दबा दबा कर वीर्य खाली करा कि फोटो से कागज़ छूटने लगा..
जब मै शांत हो गया तब मैंने देखा कि वंदना दीदी तो फोटो मैं दिख ही नहीं रही जबकि रश्मि और काजल कुछ कुछ दिख रहे थे..
मैंने वो फोटो फिर बाथरूम कि छत पर ही डाल दी और फिर जाकर सो गया....
शाम को 4 बजे रश्मि आयी तब उसने मुझे जगाया और मेरे लिये चाय बनाई...
चाय पीकर मैं घूमने चला गया....
शेष अगले भाग मै.............
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अभी एक महीना भी नहीं हुआ है गांव से आये हुए...
मैने बोला अंकल यहीं मार्किट मे देख लो किसी दुकान पर शायद मिल जाये...
अंकल बोले मैने बहुत ढूंडी है यहाँ कहीं नहीं मिलती तभी तो अपने गांव से लाया था..
मैंने बोला अंकल किराया मै दे दूंगा आप गांव जाकर ले आओ..
अंकल बोले मै ले तो आऊंगा पर जरुरत तो अभी है....
मैं शांत रहा.....
फिर अंकल बोले तू अपने घर मै से फोटो एल्बम उठा ला...
मैंने पूँछा अंकल एल्बम से क्या करोगे..
वो बोले ज्यादा मत सोच बच्चे बस ले आ...
मै घर मै गया और एल्बम निकाल लाया..
एल्बम देखकर उनकी आँखों मै चमक आ गई.... फिर वो एल्बम लेकर दुकान मै दूसरी तरफ चले गए.. फिर वो एल्बम मे फोटो पलटने लगे.
लास्ट मै उन्होंने एक फोटो निकाल कर साइड मै रख ली और मुझसे एल्बम एल्बम वापस रखने को कहा..
मै एल्बम लेकर चला गया ज़ब वापस आया तब अंकल बोले अब दुकान तू देखना मै थोड़ी देर मे बाथरूम से आता हूँ....
फिर अंकल बाथरूम मै चले गए...
बहुत देर बाद वो वापस आये. उनके माथे पर ठंड मै भी पसीना आ रहा था.. मैंने उनसे फोटो के बारे मै पूँछा तो वो बोले वो फोटो तो खराब हो गई...
मैंने बोला अंकल वो फोटो तो वापस रखनी थी..
अंकल बोले मेरी किताब तूने खराब कर दी मैंने तो तुझसे कुछ नहीं कहा. तू एक फोटो के लिए रो रहा है...
फिर मै वहां से कमरे मै चला गया.. थोड़ी देर बाद मुझे फिर से किताब देखने का मन हुआ.... पर किताब तो फ़ेंकी जा चुकी थी.. मै किताब को ढूंढ़ने की सोचने लगा तभी मुझे एल्बम के फोटो का ख्याल आया
मै फटाफट बाथरूम मै गया पर मुझे फोटो नहीं मिली मैने इधर उधर काफ़ी तलाश करी पर फोटो नहीं मिली.. फिर मै बाथरूम की छत पर चढ़ गया वहाँ मुझे वो फोटो मिल गई मैंने वो फोटो उठाई तो फोटो बहुत गंदी हो चुकी थी फोटो मै मेरी तीनो बहने थी... ये पिछले महीने की फोटो थी ज़ब वंदना दी पिछले महीने घर पर आयी थीं..
फोटो मैं वंदना दी की मांग मै तो पहले ही सिंदूर था जबकि रश्मि और काजल की मांग मै लाल पेन से माँग भरी गई थी..
तीनो की चूचियों की निप्पल भी पेन से बनाये गए थे और तीनो की चूत वाली जगह पर पेन से आर पार सुराख़ करा गया था..
तीनो के चेहरे पर और पूरे शरीर पर अंकल ने अपना वीर्य खाली करा था छेदो मै हो कर वीर्य दूसरी तरफ पार निकल गया था..
अब मुझे जोश चढ़ने लगा था मैं उस फोटो को उठा कर बाथरूम मैं घुस गया और फोटो को देखकर हिलाने लगा. वन्दना दीदी साडी मे थी उनका पेट साफ दिख रहा था मैंने कई बार उनके होंठों पर अपना लण्ड छुआया और आखिर मैं बुरी तरह कांप कर खाली होने लगा..
मैंने लण्ड को वंदना दीदी के मुँह पर इतनी तेज दबा दबा कर वीर्य खाली करा कि फोटो से कागज़ छूटने लगा..
जब मै शांत हो गया तब मैंने देखा कि वंदना दीदी तो फोटो मैं दिख ही नहीं रही जबकि रश्मि और काजल कुछ कुछ दिख रहे थे..
मैंने वो फोटो फिर बाथरूम कि छत पर ही डाल दी और फिर जाकर सो गया....
शाम को 4 बजे रश्मि आयी तब उसने मुझे जगाया और मेरे लिये चाय बनाई...
चाय पीकर मैं घूमने चला गया....
शेष अगले भाग मै.............
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