27-11-2019, 07:56 PM
(27-11-2019, 06:46 PM)Black Horse Wrote: Femdom की कहानी में अपने पति के लिए इतनी चिंता, सच में, यादगार होली मनवा रही हो, अपने पति की।
नहीं , नहीं यह कहानी कत्तई फेम डॉम नहीं है , यह शुद्ध रूप से एक इरोटिक कहानी , गाँव और कस्बाई परिवेश की , पूर्वांचल , जहां मैं पली बढ़ी , बस उसी की पृष्ठ भूमि पर है। हाँ ये कहानी एक मामले में एकदम अलग है , बहुत से ' किंक ' जिनका वर्णन मैं नहीं करती थी , या बहुत हुआ तो आँचल बचा कर निकल गयी , बस उल्लेख भर कर दिया , ... मैंने तय किया था की इस कहानी में गर्हित कुछ भी नहीं रहेगा , इस लिए समलैंगिक दृश्य , गोल्डन शावर , और भी बहुत कुछ इस कहानी में है ,
असल में मेरी एक मात्र कहानी जिसमें कुछ अंश फेम डॉम और सीसिफिकेशन के थे , वो जोरू का गुलाम और खास तौर से इंग्लिश वर्ज़न में , ... हिंदी में कहीं कहीं लाइट फेम डॉम बल्कि , एक अन्य विधा , ' शी मेक्स द रूल ' का मैंने प्रयोग किया है। मैंने लिखना इसी लिए शुरू किया की हिंदी इरोटिका में मुझे कम से कम विविधता का अभाव और भारतीय पृष्टभूमि, बल्कि माहौल की कमी झलकती थी , . मेरी हर कहानी में कुछ अलगाव रहता है , जैसे फागुन का दिन चार एक बड़ा एरोटिक थ्रिलर था , ... सोलहवां सावन पूरी तरह गाँव और सावन की पृष्ठभूमि पर ,...
यह कहानी अब अपने अंतिम चरण में है ,