25-11-2019, 11:45 PM
बात पिछले दिसम्बर की है मुझे बहुत तेज बुखार हुआ था. पापा कही बाहर गए हुए थे मम्मी ने मुझे दवाई दिलायी और अगले दिन मेरी छुट्टी करवा दी..
अगले दिन दोनों बहनें और मम्मी कॉलेज को चली गयीं.. घर पर मे अकेला बोर हो रहा था.. सुबह 10,,, 11 बजे थोड़ा बुखार हल्का हुआ तो मे दुकान मैं जाकर बैठ गया.. दुकान पर सिर्फ अनवर अंकल थे अजय भी पापा के साथ गया था..
अंकल ने तबियत के बारे मै पूँछा. मैंने बोला ठीक है अंकल पर अभी बुखार है..
अंकल काफ़ी देर तक इधर उधर का बे फिजूल का ज्ञान बांटते रहे. ये नहीं खाना वो नहीं खाना ये नही करना वो नहीं करना..
मैं बुरी तरह पक रहा था..
कुछ देर बाद अंकल बोले बेटा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मेरी कुछ समझ मै नहीं आया
अंकल फिर बोले क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मैंने बोला नहीं अंकल मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है
अंकल मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले मुझे अपना दोस्त समझो और सही सही बताओ..... मै किसी से कह थोड़ा ही रहा हूँ. शायद किसी दिन मै तुम्हारे काम आ जाऊं
मैंने फिर वही जवाब दिया
अंकल बोले चलो नहीं है तो कोई बात नहीं पर होती तो तुम्हे बुखार भी अच्छा लगता.
मै बोला वो कैसे अंकल..
अगले दिन दोनों बहनें और मम्मी कॉलेज को चली गयीं.. घर पर मे अकेला बोर हो रहा था.. सुबह 10,,, 11 बजे थोड़ा बुखार हल्का हुआ तो मे दुकान मैं जाकर बैठ गया.. दुकान पर सिर्फ अनवर अंकल थे अजय भी पापा के साथ गया था..
अंकल ने तबियत के बारे मै पूँछा. मैंने बोला ठीक है अंकल पर अभी बुखार है..
अंकल काफ़ी देर तक इधर उधर का बे फिजूल का ज्ञान बांटते रहे. ये नहीं खाना वो नहीं खाना ये नही करना वो नहीं करना..
मैं बुरी तरह पक रहा था..
कुछ देर बाद अंकल बोले बेटा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मेरी कुछ समझ मै नहीं आया
अंकल फिर बोले क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मैंने बोला नहीं अंकल मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है
अंकल मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले मुझे अपना दोस्त समझो और सही सही बताओ..... मै किसी से कह थोड़ा ही रहा हूँ. शायद किसी दिन मै तुम्हारे काम आ जाऊं
मैंने फिर वही जवाब दिया
अंकल बोले चलो नहीं है तो कोई बात नहीं पर होती तो तुम्हे बुखार भी अच्छा लगता.
मै बोला वो कैसे अंकल..