24-11-2019, 03:06 PM
(This post was last modified: 07-02-2021, 11:00 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
समधन का औज़ार
" सुबह सुबह आप भी , ..." उधर से मेरी सास की अनिश्चित सी आवाज सुनाई पड़ी।
" सच कह रही हूँ , कहिये तो उसके औजार का फोटो भेजूं , अगर न पसंद हो तो ऑफर कैंसल। अरे आखिर कोई गंगा नहान तीरथ काहें करता है , पाप धोने के लिए ,लेकिन उसके लिए कुछ गड़बड़ करना भी तो चाहिए न।
और आप लौट के आएँगी तो फिर तो , चलिए , उस के बाद,… “
उधर से कोई जवाब नहीं आया तो मम्मी ने फिर आग सुलगायी ,
" एकदम पत्थर है पत्थर ,तीन पानी झाड़ के झड़ेगा ,रात भर , आपको गौने की रात की याद दिला देगा। "
उधर से फिर मेरी सास की खिलखिलाने की आवाज आयी ,
" लगता है आपने ट्राई कर लिया है , अरे इस उम्र में कौन ,... और मैं बड़ों बड़ों का निचोड़ के रख देती हूँ ,
मजाक करने के लिए मैं ही मिली थी क्या "
" और क्या समधन से मजाक तो रिश्ता है है ,लेकिन ये सच्ची बात है , न हो तो बाजी लगा लीजिये , "
मम्मी ने उन्हें और उकसाया।
अब सास के भी खुजली तेज हो गयी थी ,बोलीं ,
" कौन है ? "
" अरे आप को आम खाने से मतलब है या पेड़ गिनने से , चलिए बोलिये लगी बाजी। "
मम्मी ने पत्ता फेंका।
" आम खाने से ,लगी बाजी। "
हँसते हँसते सासू जी बोलीं।
" तो चलिए पक्का , पंद्रह बीस दिन बाद बस आप लौट आइये , मुझे भी समधियाने का मजा लिए बहुत दिन हो गए हैं , मैं आती हूँ आप के पास। फिर आप को लेकर , आपके छोटे बेटे बहु के पास पांच सात दिन वहां सेवा करवायेगा , फिर गाँव के मजे।
हाँ आपने कर दी है , तो फिर उसने अगर तीन बार पानी झाड़ दिया न तो आप बिना कुछ ना नुकुर किये , आप की आँख पर पट्टी बाँध के,... "
मम्मी ने तो पुराना प्लान बोल दिया।
बात वो अपनी समधन से कर रही थीं लेकिन निगाहे उनकी अपने दामाद के ' वहां ' पर थीं।
एकदम क़ुतुब मीनार हो रहा था ,
एकबार फिर उन्होंने अपने प्लान की सफलता में उनकी सासु ने जोर से दबोच के रगड़ दिया।
" आप आएँगी न मेरे लौटने पर पक्का ,"
उधर से मेरी सासु की आवाज आयी।
" एकदम पक्का , आखिर मेरी समधन की सोनचिरैया को मजा दिलवाना है ,मेरा भी तो हक़ बनता है। "
मम्मी ने एश्योर किया।
" चलती हूँ ,नहाने जा रही हूँ। पक्का आइयेगा जरूर ,आपसे बात कर के बहुत मजा आया। "
हँसते हुए उधर से मेरी सास की फोन रखने की आवाज आयी।
इनके सास के चेहरे से खशी छलक रही थी , जोर जोर से मुठियाते जैसे इनके खड़े भूखे लिंग से बात करते ,उसे उकसाते बोली,
" सुन लिया न अब तो कोई शक नहीं न ,बहनचोद , बस बीस पच्चीस दिन के अंदर ही तुझे मस्त भोसड़े का मजा दिलवाऊंगी ,
जिस भोंसडे से निकला है न उसी के अंदर होगा मुझे मालूम है सोच सोच के ही पागल हो रहा हैं न
लेकिन मेरी समधन के जोबन हैं ही ऐसे। "
और साथ साथ उन्होंने मुझे भी हिदायत दी ,
" लेकिन उसके पहले इसकी वो ममेरी बहिनिया चुद जानी चहिये ,ये जिम्मेदारी तुम्हारी। आखिर भाभी हो तेरा हक़ भी है ,ननद की फड़वाने का। "
लेकिन मेरी निगाहें लैपी पर लगी थीं ,मुझे मिल गया था जो मैं ढूंढ रही थी। और मैं जोर जोर से मुस्करा रही थी।
ममी की बात लेकिन मैं सुन रही थीं।
" एकदम मम्मी अगवाड़ा पिछवाड़ा सब ,उसके यहां आने के दो चार दिन के अंदर ही , "
बिना लैपी पर से नजर हटाये मैं बोलीं।
वो टेबल का सब सामान हटा के किचेन में चले गए थे वहीँ से उन्होंने आवाज दी
" मम्मी ,लन्च में ,... "
……
" कुछ नहीं ,इतना जबरदस्त ब्रंच तो हो गया है ,अब बस मैं सोने जा रही हूँ ३-४ घंटे तो कोई मुझे उठाये नहीं। आज रात को रतजगा होना है एक लड़के की ऐसी की तैसी करनी है और उसकी प्रैक्टिस करनी है मादरचोद बनाने की। "
जब तक वो आये तो मम्मी अपने बेड रूम में थी
और मुस्कराते हुए मैंने उन्हें बुला के लैपी में दिखाया जो मैं इतने देर से खोज रही थी।
" सुबह सुबह आप भी , ..." उधर से मेरी सास की अनिश्चित सी आवाज सुनाई पड़ी।
" सच कह रही हूँ , कहिये तो उसके औजार का फोटो भेजूं , अगर न पसंद हो तो ऑफर कैंसल। अरे आखिर कोई गंगा नहान तीरथ काहें करता है , पाप धोने के लिए ,लेकिन उसके लिए कुछ गड़बड़ करना भी तो चाहिए न।
और आप लौट के आएँगी तो फिर तो , चलिए , उस के बाद,… “
उधर से कोई जवाब नहीं आया तो मम्मी ने फिर आग सुलगायी ,
" एकदम पत्थर है पत्थर ,तीन पानी झाड़ के झड़ेगा ,रात भर , आपको गौने की रात की याद दिला देगा। "
उधर से फिर मेरी सास की खिलखिलाने की आवाज आयी ,
" लगता है आपने ट्राई कर लिया है , अरे इस उम्र में कौन ,... और मैं बड़ों बड़ों का निचोड़ के रख देती हूँ ,
मजाक करने के लिए मैं ही मिली थी क्या "
" और क्या समधन से मजाक तो रिश्ता है है ,लेकिन ये सच्ची बात है , न हो तो बाजी लगा लीजिये , "
मम्मी ने उन्हें और उकसाया।
अब सास के भी खुजली तेज हो गयी थी ,बोलीं ,
" कौन है ? "
" अरे आप को आम खाने से मतलब है या पेड़ गिनने से , चलिए बोलिये लगी बाजी। "
मम्मी ने पत्ता फेंका।
" आम खाने से ,लगी बाजी। "
हँसते हँसते सासू जी बोलीं।
" तो चलिए पक्का , पंद्रह बीस दिन बाद बस आप लौट आइये , मुझे भी समधियाने का मजा लिए बहुत दिन हो गए हैं , मैं आती हूँ आप के पास। फिर आप को लेकर , आपके छोटे बेटे बहु के पास पांच सात दिन वहां सेवा करवायेगा , फिर गाँव के मजे।
हाँ आपने कर दी है , तो फिर उसने अगर तीन बार पानी झाड़ दिया न तो आप बिना कुछ ना नुकुर किये , आप की आँख पर पट्टी बाँध के,... "
मम्मी ने तो पुराना प्लान बोल दिया।
बात वो अपनी समधन से कर रही थीं लेकिन निगाहे उनकी अपने दामाद के ' वहां ' पर थीं।
एकदम क़ुतुब मीनार हो रहा था ,
एकबार फिर उन्होंने अपने प्लान की सफलता में उनकी सासु ने जोर से दबोच के रगड़ दिया।
" आप आएँगी न मेरे लौटने पर पक्का ,"
उधर से मेरी सासु की आवाज आयी।
" एकदम पक्का , आखिर मेरी समधन की सोनचिरैया को मजा दिलवाना है ,मेरा भी तो हक़ बनता है। "
मम्मी ने एश्योर किया।
" चलती हूँ ,नहाने जा रही हूँ। पक्का आइयेगा जरूर ,आपसे बात कर के बहुत मजा आया। "
हँसते हुए उधर से मेरी सास की फोन रखने की आवाज आयी।
इनके सास के चेहरे से खशी छलक रही थी , जोर जोर से मुठियाते जैसे इनके खड़े भूखे लिंग से बात करते ,उसे उकसाते बोली,
" सुन लिया न अब तो कोई शक नहीं न ,बहनचोद , बस बीस पच्चीस दिन के अंदर ही तुझे मस्त भोसड़े का मजा दिलवाऊंगी ,
जिस भोंसडे से निकला है न उसी के अंदर होगा मुझे मालूम है सोच सोच के ही पागल हो रहा हैं न
लेकिन मेरी समधन के जोबन हैं ही ऐसे। "
और साथ साथ उन्होंने मुझे भी हिदायत दी ,
" लेकिन उसके पहले इसकी वो ममेरी बहिनिया चुद जानी चहिये ,ये जिम्मेदारी तुम्हारी। आखिर भाभी हो तेरा हक़ भी है ,ननद की फड़वाने का। "
लेकिन मेरी निगाहें लैपी पर लगी थीं ,मुझे मिल गया था जो मैं ढूंढ रही थी। और मैं जोर जोर से मुस्करा रही थी।
ममी की बात लेकिन मैं सुन रही थीं।
" एकदम मम्मी अगवाड़ा पिछवाड़ा सब ,उसके यहां आने के दो चार दिन के अंदर ही , "
बिना लैपी पर से नजर हटाये मैं बोलीं।
वो टेबल का सब सामान हटा के किचेन में चले गए थे वहीँ से उन्होंने आवाज दी
" मम्मी ,लन्च में ,... "
……
" कुछ नहीं ,इतना जबरदस्त ब्रंच तो हो गया है ,अब बस मैं सोने जा रही हूँ ३-४ घंटे तो कोई मुझे उठाये नहीं। आज रात को रतजगा होना है एक लड़के की ऐसी की तैसी करनी है और उसकी प्रैक्टिस करनी है मादरचोद बनाने की। "
जब तक वो आये तो मम्मी अपने बेड रूम में थी
और मुस्कराते हुए मैंने उन्हें बुला के लैपी में दिखाया जो मैं इतने देर से खोज रही थी।