23-11-2019, 10:40 AM
फिर बोले – बहन की लौड़ी… ये सावित्री वाला नाटक तो करना मत… बड़ी भोली है तू, जो सिर्फ़ मेरे मज़े के लिए ये सब बोल रही थी… लगाऊँ अभी फोन, तेरे भाई को… (कुछ देर रुक के) चल उठ… चल अभी चल, डॉक्टर के पास… तेरे सारे टेस्ट करवाता हूँ… बस एक बात याद रखना, अगर तेरी बात झूठ हुई की तूने मेरे और अपने पति से सिवा किसी के साथ नहीं किया और सिर्फ़ मेरे एंजाय के लिए ये किया तो माँ चोद के रख दूँगा, तेरी… अगर, मैं तेरे प्यार में जान दे सकता हूँ तो तेरी जान ले भी सकता हूँ… चल उठ, अभी के अभी…
अंकल मम्मी का हाथ खींच के उन्हें उठाने लगे.
अब मम्मी, थोड़ी घबराई सी लगीं और रोते रोते बोलने लगीं – नहीं मुझे माफ़ कर दीजिए… ग़लती हो गई… आइ एम सॉरी…
अंकल ने उन्हें छोड़ दिया और थोड़ी देर, दूसरी तरफ मुँह करके खड़े हो गये.
फिर कुछ देर बाद, अंकल बोले – महक, मुझे माफ़ कर दे… पर क्या करूँ, मैंने अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दिया… तू ही सोच कोई बताएगा की उसने अपनी माँ को ही चोदा है… फिर तू क्यूँ मुझसे झूठ बोलती है… मुझे धोखा देती है…
अंकल ने मम्मी के आँसू पोछे और उन्हें गले से लगाया.
फिर कुछ देर बाद, वो बोले – चल, तू मुँह हाथ धो ले… मैं अपनी वाइफ को और लड़कों को देख के आता हूँ… क्या कर रहे हैं…
इधर मैं फ़ौरन दौड़ के गया और आंटी के रूम में घुस गया.
किस्मत से दरवाज़ा खुला हुआ था.
अरुण मम्मी के बगल में ही सो गया था तभी अंकल अंदर घुसे.
मुझे खड़ा देख और अरुण और आंटी को सोता देख वो बोले – तुम भी कुछ देर आराम कर लो, प्रणव… सो जाओ… फ्रेश हो जाओगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा…
मैंने कहा – जी अंकल… मैं भी यही सोच रहा था…
अंकल – चलो, तुम लोग आराम करो… मैं थोड़े काम ख़तम करके आता हूँ…
और, वो चले गये.
जैसे ही, अंकल निकले मैं भी चुपके से निकल लिया.
जब मैं पहुँचा तो सब सामान्य हो चुका था.
अंकल और मम्मी (नंगी बैठ कर) बातें कर रहे थे.
मम्मी ने पूछा – प्रोटेक्शन है ना…
तो अंकल ने कहा – नहीं…
मम्मी ने कहा – साथ क्यों नहीं रखा…
अंकल ने कहा – तू कोई रंडी है क्या… ?? मेरी ही है ना… फिर क्यों रखू… और, फिर से मेरी मम्मी की फुददी रगड़ने लगे.
मम्मी – आ आहह आ आहह आ आहह… करने लगीं.
![[Image: 3561718_4_o.jpg]](http://cdn.pichunter.com/356/1/3561718/3561718_4_o.jpg)
थोड़ी देर में ही, मेरी मम्मी की फुददी ने पानी छोड़ दिया.
अंकल की हथेली, मेरी मम्मी के पानी से गीली हो गई थी.
मुझे लगा, अभी कुछ देर पहले ही मम्मी अंकल से पीटी थीं और अब उनकी चूत ने, अंकल के लिए पानी छोड़ दिया था.
क्या मर्द का कभी कभी मर्दानगी दिखाना भी ज़रूरी है क्यूंकी मैंने कभी पापा को मम्मी के ऊपर हाथ उठाते नहीं देखा.
सच कहूँ तो मम्मी, पापा की लड़ाई भी बहुत कम ही देखी थी.
क्या पापा थोड़े आक्रामक होते तो भी मम्मी छीनाल होती.
खैर, इन सब बातों का अब क्या मतलब.
पापा तो अब जा ही चुके हैं.
यूँ ही एक बार, मेरे दिल में ख़याल आया की काश मेरे पापा और आंटी मतलब अरुण की मम्मी की शादी हुई होती तो कितना मस्त होता.
आंटी सही में, कितनी अच्छी थी.
मुझे याद पापा के बीमार होने के बाद, आंटी हर दो चार दिन में हमारे घर आती थीं.
वैसे ये थोड़ा अजीब है पर वो, मम्मी पापा को एक सिद्ध महाराज के पास भी ले गई थीं.
मैं और अरुण भी साथ गये थे.
अंकल का उन दिनों मम्मी से रिश्ता लगभग ख़त्म हो चुका था और मैं इस ग़लतफहमी में था की पापा की बीमारी ने, मम्मी को बदल दिया है.
आप को बताना चाहता हूँ ये बात तो थी की सिद्ध महाराज ने मम्मी की सारी पोल पट्टी खोल दी थी.
आप तो जानते ही हैं, मैं हमेशा एक कोना ढूँढ ही लेता हूँ बातें सुनने का.
जो कुछ महाराज ने कहा वो था तो थोड़ा अजीब पर आख़िर में निकला, बिल्कुल सच.
वो मम्मी से बोले थे – देवी, (जी हाँ, उन्होंने मम्मी को देवी ही कहा था) सिर्फ़ दो उपाय हैं, जिससे आपके पति को जीवन भर किसी गुप्त रोग से कोई नुकसान नहीं हो सकता… सबसे पहले तो आपको ध्यान रखना होगा की आपने अपने पति के सिवा जिससे भी आज तक अनैतिक संबंध बनाए हैं, उसकी परछाई तक आप पर अब कभी ना पड़े… किसी भी परिस्थिति में ऐसा पुरुष जिससे आपके पहले अनैतिक संबंध रहे हैं, आपको भविष्य में स्पर्श तक ना कर पाए और भविष्य में कोई भी पुरुष आपके पति के सिवा आपके किसी भी “स्त्री अंग” को स्पर्श ना करे… यदि ऐसा होता है तो आपके पति, 27 दिन के अंतराल में ही मर जाएँगें… दूसरा ये की आपने आज तक जो भी अशिष्ट आचरण किया है, उसके विषय में विस्तार से अपने पति को बता दें… दूसरा उपाय ये है की आप खुद अपने पति को आपकी तरह अशिष्ट होने पर मजबूर करें… लेकिन, ऐसा आपको खुद ही करना होगा और आपको भी उस क्रीड़ा में शामिल होना होगा…
आधी बातें, उस वक़्त मुझे उनकी बाउंसर लगी थीं.
समझ ही नहीं पाया था, वो कहना क्या चाह रहे हैं.
पर मम्मी ने तब भी पूछा – पर महाराज, यदि ये किसी और लड़की के साथ कुछ करेगें तो ऐसे ही, इनकी मृत्यु हो जाएगी…
अंकल मम्मी का हाथ खींच के उन्हें उठाने लगे.
अब मम्मी, थोड़ी घबराई सी लगीं और रोते रोते बोलने लगीं – नहीं मुझे माफ़ कर दीजिए… ग़लती हो गई… आइ एम सॉरी…
अंकल ने उन्हें छोड़ दिया और थोड़ी देर, दूसरी तरफ मुँह करके खड़े हो गये.
फिर कुछ देर बाद, अंकल बोले – महक, मुझे माफ़ कर दे… पर क्या करूँ, मैंने अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दिया… तू ही सोच कोई बताएगा की उसने अपनी माँ को ही चोदा है… फिर तू क्यूँ मुझसे झूठ बोलती है… मुझे धोखा देती है…
अंकल ने मम्मी के आँसू पोछे और उन्हें गले से लगाया.
फिर कुछ देर बाद, वो बोले – चल, तू मुँह हाथ धो ले… मैं अपनी वाइफ को और लड़कों को देख के आता हूँ… क्या कर रहे हैं…
इधर मैं फ़ौरन दौड़ के गया और आंटी के रूम में घुस गया.
किस्मत से दरवाज़ा खुला हुआ था.
अरुण मम्मी के बगल में ही सो गया था तभी अंकल अंदर घुसे.
मुझे खड़ा देख और अरुण और आंटी को सोता देख वो बोले – तुम भी कुछ देर आराम कर लो, प्रणव… सो जाओ… फ्रेश हो जाओगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा…
मैंने कहा – जी अंकल… मैं भी यही सोच रहा था…
अंकल – चलो, तुम लोग आराम करो… मैं थोड़े काम ख़तम करके आता हूँ…
और, वो चले गये.
जैसे ही, अंकल निकले मैं भी चुपके से निकल लिया.
जब मैं पहुँचा तो सब सामान्य हो चुका था.
अंकल और मम्मी (नंगी बैठ कर) बातें कर रहे थे.
मम्मी ने पूछा – प्रोटेक्शन है ना…
तो अंकल ने कहा – नहीं…
मम्मी ने कहा – साथ क्यों नहीं रखा…
अंकल ने कहा – तू कोई रंडी है क्या… ?? मेरी ही है ना… फिर क्यों रखू… और, फिर से मेरी मम्मी की फुददी रगड़ने लगे.
मम्मी – आ आहह आ आहह आ आहह… करने लगीं.
![[Image: 3561718_4_o.jpg]](http://cdn.pichunter.com/356/1/3561718/3561718_4_o.jpg)
थोड़ी देर में ही, मेरी मम्मी की फुददी ने पानी छोड़ दिया.
अंकल की हथेली, मेरी मम्मी के पानी से गीली हो गई थी.
मुझे लगा, अभी कुछ देर पहले ही मम्मी अंकल से पीटी थीं और अब उनकी चूत ने, अंकल के लिए पानी छोड़ दिया था.
क्या मर्द का कभी कभी मर्दानगी दिखाना भी ज़रूरी है क्यूंकी मैंने कभी पापा को मम्मी के ऊपर हाथ उठाते नहीं देखा.
सच कहूँ तो मम्मी, पापा की लड़ाई भी बहुत कम ही देखी थी.
क्या पापा थोड़े आक्रामक होते तो भी मम्मी छीनाल होती.
खैर, इन सब बातों का अब क्या मतलब.
पापा तो अब जा ही चुके हैं.
यूँ ही एक बार, मेरे दिल में ख़याल आया की काश मेरे पापा और आंटी मतलब अरुण की मम्मी की शादी हुई होती तो कितना मस्त होता.
आंटी सही में, कितनी अच्छी थी.
मुझे याद पापा के बीमार होने के बाद, आंटी हर दो चार दिन में हमारे घर आती थीं.
वैसे ये थोड़ा अजीब है पर वो, मम्मी पापा को एक सिद्ध महाराज के पास भी ले गई थीं.
मैं और अरुण भी साथ गये थे.
अंकल का उन दिनों मम्मी से रिश्ता लगभग ख़त्म हो चुका था और मैं इस ग़लतफहमी में था की पापा की बीमारी ने, मम्मी को बदल दिया है.
आप को बताना चाहता हूँ ये बात तो थी की सिद्ध महाराज ने मम्मी की सारी पोल पट्टी खोल दी थी.
आप तो जानते ही हैं, मैं हमेशा एक कोना ढूँढ ही लेता हूँ बातें सुनने का.
जो कुछ महाराज ने कहा वो था तो थोड़ा अजीब पर आख़िर में निकला, बिल्कुल सच.
वो मम्मी से बोले थे – देवी, (जी हाँ, उन्होंने मम्मी को देवी ही कहा था) सिर्फ़ दो उपाय हैं, जिससे आपके पति को जीवन भर किसी गुप्त रोग से कोई नुकसान नहीं हो सकता… सबसे पहले तो आपको ध्यान रखना होगा की आपने अपने पति के सिवा जिससे भी आज तक अनैतिक संबंध बनाए हैं, उसकी परछाई तक आप पर अब कभी ना पड़े… किसी भी परिस्थिति में ऐसा पुरुष जिससे आपके पहले अनैतिक संबंध रहे हैं, आपको भविष्य में स्पर्श तक ना कर पाए और भविष्य में कोई भी पुरुष आपके पति के सिवा आपके किसी भी “स्त्री अंग” को स्पर्श ना करे… यदि ऐसा होता है तो आपके पति, 27 दिन के अंतराल में ही मर जाएँगें… दूसरा ये की आपने आज तक जो भी अशिष्ट आचरण किया है, उसके विषय में विस्तार से अपने पति को बता दें… दूसरा उपाय ये है की आप खुद अपने पति को आपकी तरह अशिष्ट होने पर मजबूर करें… लेकिन, ऐसा आपको खुद ही करना होगा और आपको भी उस क्रीड़ा में शामिल होना होगा…
आधी बातें, उस वक़्त मुझे उनकी बाउंसर लगी थीं.
समझ ही नहीं पाया था, वो कहना क्या चाह रहे हैं.
पर मम्मी ने तब भी पूछा – पर महाराज, यदि ये किसी और लड़की के साथ कुछ करेगें तो ऐसे ही, इनकी मृत्यु हो जाएगी…