21-11-2019, 08:05 PM
(This post was last modified: 07-02-2021, 10:33 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मम्मी
" चल न मम्मी बाहर काफी बना के वेट कर रही होंगी। "
और सच में मम्मी ने घड़े भर काफी बनायी थी ,
मम्मी ने न कुछ पूछा न चिढाया ,
लेकिन जिस तरह उनकी ओर देखा , बस वो शर्मा गए ,और हम दोनों खिलखिला के हंस पड़े।
" मम्मी ,काफी बहुत अच्छी बनी है। "
उनकी टिपिकल लजाने पर बात टालने की आदत।
उन्होंने ५०० ग्राम मक्खन लगाया।
" और क्या मेरी मम्मी , हर चीज अच्छी बनाती है। "
मैं बोली , लेकिन बात में कोई उनसे जीत पाया है जो मैं जीत पाती।
वो दुष्ट , पागल , बिना इस बात की परवाह किये की मम्मी सामने बैठी हैं ,टकटकी लगा के मुझे देखते हुए बोले,
" सच में एक चीज तो बहुत अच्छी बनायी है। "
और अब मैं लजा गयी।
……………………………………………………………………………
" मम्मी ,मैं ब्रेकफास्ट लगा देता हूँ ,काफी के साथ साथ ही ,.. "
मुझे उनकी बात पे लजाते देख , मम्मी मुझे मीठी निगाह से देख रही थीं , उनसे बोलीं ,
" हाँ लेकिन सिंपल सा , ज्यादा नहीं और जल्दी। "
सिम्पल था लेकिन इलैबोरेट भी।
आमलेट ढेर सारा , चिकेन सैंडविचेज़ ,अल्फांसो की कटी सुनहरी बड़ी बड़ी जूसी पीसेज , फ्रेश जूस
मम्मी के आने पर जो उन्होंने छुट्टियां ली थीं ,वो ख़त्म हो गयी थीं।
" आज आफिस जाना होगा न " मैंने उन्हें याद दिलाया ,
" हाँ भी और नहीं भी " मुस्करा के वो बोले , और फिर एक्सप्लेन किया ,फर्स्ट हाफ आज वर्क फ्राम होम है और सेकेण्ड हाफ में जाऊंगा। " आमलेट का एक बड़ा टुकड़ा खाते वो बोले।
उनके वर्क फ्राम होम में आधा तीहा तो मैं निपटा देती थी , आखिर घर के काम में वो बिचारे इत्ती मेरी हेल्प करते थे तो थोड़ी बहुत हेल्प बनती थी न। ब्रेकफास्ट करते करते मैंने उनकी लैपी खोल ली अरे सारे पासवर्ड तो मेरी बर्थडे पर थे और कुछ ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड तो मेरी फिगर पर ३४-२७-३५। हाँ अडल्स्ट फिल्मों का उनका जो जखीरा था , और एडल्ट साइट्स के लिए मैंने चुना था और कौन उनकी फेवरिट ममेरी बहन , गुड्डी छिनार १७।
अल्फांसो की बड़ी सुनहरी पीस चूसते हुए मम्मी ने अपने होंठों के बीच से निकाल कर सीधे उनके मुंह में डाल दिया और वो गप्प कर गए।
शादी के समय जो उनकी आम से चिढ थी वो जग जाहिर थी और ऊपर से उनकी मायके वालियों ने खूब गा गा के बताया भी था, तो मम्मी को तो अच्छी तरह से मालूम था ऊपर से जो मेरी छुटकी ननदिया से बेट लगी थी ,उन्हें उनके मायके में आम खिलाने की , वो भी उन्हें मालूम थी।
" हे अगर इन्हें ऐसे तेरी ससुराल वालियां देख ले तो क्या हो , " खिलखलाते हुए माँ ने मुझसे पूछा।
" मम्मी सब की फट जायेगी। " हंस के मैं बोली।
" चल इससे याद आया , जिसकी सबसे ज्यादा फटी है , मेरी समधन से सोचती हूँ बात कर लूँ। ज़रा नंबर लगा। "
वो बोलीं ,
" चल न मम्मी बाहर काफी बना के वेट कर रही होंगी। "
और सच में मम्मी ने घड़े भर काफी बनायी थी ,
मम्मी ने न कुछ पूछा न चिढाया ,
लेकिन जिस तरह उनकी ओर देखा , बस वो शर्मा गए ,और हम दोनों खिलखिला के हंस पड़े।
" मम्मी ,काफी बहुत अच्छी बनी है। "
उनकी टिपिकल लजाने पर बात टालने की आदत।
उन्होंने ५०० ग्राम मक्खन लगाया।
" और क्या मेरी मम्मी , हर चीज अच्छी बनाती है। "
मैं बोली , लेकिन बात में कोई उनसे जीत पाया है जो मैं जीत पाती।
वो दुष्ट , पागल , बिना इस बात की परवाह किये की मम्मी सामने बैठी हैं ,टकटकी लगा के मुझे देखते हुए बोले,
" सच में एक चीज तो बहुत अच्छी बनायी है। "
और अब मैं लजा गयी।
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" मम्मी ,मैं ब्रेकफास्ट लगा देता हूँ ,काफी के साथ साथ ही ,.. "
मुझे उनकी बात पे लजाते देख , मम्मी मुझे मीठी निगाह से देख रही थीं , उनसे बोलीं ,
" हाँ लेकिन सिंपल सा , ज्यादा नहीं और जल्दी। "
सिम्पल था लेकिन इलैबोरेट भी।
आमलेट ढेर सारा , चिकेन सैंडविचेज़ ,अल्फांसो की कटी सुनहरी बड़ी बड़ी जूसी पीसेज , फ्रेश जूस
मम्मी के आने पर जो उन्होंने छुट्टियां ली थीं ,वो ख़त्म हो गयी थीं।
" आज आफिस जाना होगा न " मैंने उन्हें याद दिलाया ,
" हाँ भी और नहीं भी " मुस्करा के वो बोले , और फिर एक्सप्लेन किया ,फर्स्ट हाफ आज वर्क फ्राम होम है और सेकेण्ड हाफ में जाऊंगा। " आमलेट का एक बड़ा टुकड़ा खाते वो बोले।
उनके वर्क फ्राम होम में आधा तीहा तो मैं निपटा देती थी , आखिर घर के काम में वो बिचारे इत्ती मेरी हेल्प करते थे तो थोड़ी बहुत हेल्प बनती थी न। ब्रेकफास्ट करते करते मैंने उनकी लैपी खोल ली अरे सारे पासवर्ड तो मेरी बर्थडे पर थे और कुछ ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड तो मेरी फिगर पर ३४-२७-३५। हाँ अडल्स्ट फिल्मों का उनका जो जखीरा था , और एडल्ट साइट्स के लिए मैंने चुना था और कौन उनकी फेवरिट ममेरी बहन , गुड्डी छिनार १७।
अल्फांसो की बड़ी सुनहरी पीस चूसते हुए मम्मी ने अपने होंठों के बीच से निकाल कर सीधे उनके मुंह में डाल दिया और वो गप्प कर गए।
शादी के समय जो उनकी आम से चिढ थी वो जग जाहिर थी और ऊपर से उनकी मायके वालियों ने खूब गा गा के बताया भी था, तो मम्मी को तो अच्छी तरह से मालूम था ऊपर से जो मेरी छुटकी ननदिया से बेट लगी थी ,उन्हें उनके मायके में आम खिलाने की , वो भी उन्हें मालूम थी।
" हे अगर इन्हें ऐसे तेरी ससुराल वालियां देख ले तो क्या हो , " खिलखलाते हुए माँ ने मुझसे पूछा।
" मम्मी सब की फट जायेगी। " हंस के मैं बोली।
" चल इससे याद आया , जिसकी सबसे ज्यादा फटी है , मेरी समधन से सोचती हूँ बात कर लूँ। ज़रा नंबर लगा। "
वो बोलीं ,