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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
मस्ती साजन संग 


[Image: WOT-upgrade-your-sex-life.jpg]







 और फिर निपल उनके प्यासे होंठों पे।

…………………
 
जब तक मुंह खोल के वो उसे गपुच करते,


शरारती मैं ,

[Image: nip-suck-17263114.gif]

मैंने उन्हें दूर हटा लिया।
 
 
सच में उन्हें तड़पाना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
 
वो पूरी तरह अब मेरे अंदर थे ,


मेरी गुलाबी परी हलके हलके उन्हें भींच रही थी ,रगड़ रही थी ,निचोड़ रही थी।


[Image: WOT-G-tumblr-p6x008-CJmq1s1bhx2o1-540.gif]
 
और कुछ देर में मैंने धक्के की रफ़्तार बढ़ा दी


नीचे से वो भी अपने नितम्ब उठा उठा के ,
 
उनकी कलाइयां अब आजाद थीं और मेरी पतली कमर उनके हाथों में ,
 
मैं पुश करती थी ,पूरी ताकत से और वो अपने मजबूत हाथों से पुल करते ,
 
 
सटासट ,गपागप ,हचक हचक के उनका खूब मोटा खूंटा मेरी सहेली के अदंर बाहर ,



[Image: wot-hard-fu.gif]
 
पर कुछ पलों के बाद ,शायद उनको अहसान हो गया था ,मैं रात भर की जगी थकी
 
 
और वो ऊपर गए थे ,मैं नीचे।
 
और कुछ देर में ही मैंने सरेडंर कर दिया , जो मजा जितने में है उससे ज्यादा सरेंडर में।
 
अब मैं सिर्फ मजे ले रही थे और वो , मजे दे रहे थे।



मेरी देह  के बारे में मुझसे ज्यादा अब उन्हें मालुम था।

[Image: fucking-hard-tumblr-ol1jte-Ktnp1sg1lgao1-400.gif]
 
 
जैसे कोई आटा गुंथेमेरे दोनों जोबन गूंथे जा रहे थे। दर्द भी हो रहा था और मजा भी रहा।
 
उनका मोटा खूंटा रगड़ रगड़ के , हचक हचक के मेरी चूत फाड़ता हुआ घुस रहा था।
 
उनके होंठ कभी मेरे गालों को रगड़ते ,चूमते चाट लेते ,कचकचा के काट लेते।
 
दर्द तो बहुत होता पर प्यार के ये निशान ( इन्हें देख के चिढाने का कोई मौका मेरी सहेलियां नहीं छोड़ती थीं ) ,


मजा भी बहुत था इनमे।


[Image: nip-bites-tumblr-nhyi6z34uj1sr0rlno1-400.jpg]
 
गालों के निशान से कौन इनका मन भरने वाला था ,जब तक दांत के निशान मेरे उरोजों पर पड़े।
 
इन्हें कोई फर्क पड़ रहा था मुझे की इस समय दिन के दस बज रहे थे




और पति पत्नी होने का यही तो फर्क है



 
जब मिंया बीबी राजी तो क्या करेगा ,
 
मुझे जल्दी थी इन्हें ,
 
बाहर से सावन की मीठी मीठी हवा अंदर रही थी और सावन के झूले के झोंके से हम दोनों धीमे धीमे पेंगे लगा रहे थे।
 
जब जड़ तक ' वो ' दुष्ट घुसता ,उसका बेस मेरी गुलाबी क्लीट को रगड़ देता ,मैं गिनगिना उठती ,


[Image: fucking-ruff-15135570.gif]



जोर से उन्हें भींच लेती,अपने कड़े कड़े उभार उनके सीने पे मस्सल देती। 


और बदले में आलमोस्ट बाहर तक निकाल के जड़ तक एक बार वो फिर पेल देते ,
 
 
मेरे तीखे नाख़ून उनकी पीठ पर उनके शोल्डर ब्लेड्स को खरोंच खरोंच कर कहते ' और और "
 
और , और    उन्होंने मेरी लंबी टांगो को उठा के अपने कंधो पर रख लिया ,एक हाथ उनका मेरे गोल गदराये नितम्ब पर और दूसरा कटीली कमरिया पर ,
 
 
फिर तो एकदम वो अपने असली रूप में ,






धक्के पर धक्का ,हर धक्का तूफानी धक्का ,सीधे  मेरी बच्चेदानी पर ,

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कभी मैं चीख उठती तो कभी सिहर उठती ,कभी दर्द से कभी मजे से,
 
उन के दोनों हाथ मेरे गदराये जोबन पे , और हर धक्का पहले से दूनी ताकत से ,
 
यही तो मैं चाहती थी।  


और अब मैं कभी नीचे से चूतड़ उठा उठा के तो कभी लन्ड अपनी बुर में निचोड़ के , साथ दे रही थी।
 
 
और तभी कुछ खड खड़ की आवाज हुयी ,लेकिन बिना हटे उन्होंने जोर से मुझे दबोच लिया और पूरे घुसे खूंटे को जोर जोर अदंर गोल गोल घुमाने लगे।
 

[Image: Fucking-G-ruff-17221178.gif]

कुछ ही देर में फिर आवाज हुयी , किचेन से , लगता है मम्मी जग गयी थीं और किचेन में थी।
 
मैं कुछ बोल पाती उसके पहले लन्ड उन्होंने ऑलमोस्ट बाहर निकाल लिया और जोर से ,हचक केसीधे मेरी बच्चेदानी पे ,
 
मेरी चीख निकल गयी और उन्होंने कचकचा के मेरी गोल गोल चूंची जोर से काट ली ,
 
उईईईईई आह्ह्ह्ह
 
हे तुम लोग भी काफी पियोगे , किचेन से मम्मी की आवाज आयी।
 
चीख किसी तरह रोकती मैं बोली


" हाँ मम्मी ,बस थोड़ी देर में हम दोनों  बाहर रहे हैं। "



 
और फिर तो धक्का पेल चुदाई

मुझे फर्क पड़ रहा था इन्हें ,कि मम्मी जग गयी है , हमारे बेड रूम से सटे किचेन में हैं।


 
पांच मिनट तक रगड़ रगड़ उन्होंने ऐसा चोदा , मैं पहले झड़ी और साथ में फिर ये भी।


[Image: Fucking-G-cum-tumblr-inline-p0ckto4-Ohi1u5h4gs-540.gif]
 
किसी तरह मैं पलंग से उठी ,कपडे समेटे ,ठीक किये और इन्हें भी उठाया ,



 
" चल मम्मी बाहर काफी बना के वेट कर रही होंगी। "
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Messages In This Thread
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 21-11-2019, 07:59 PM



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