20-11-2019, 11:05 PM
(20-11-2019, 10:27 PM)babasandy Wrote: मेरी रूपाली दीदी अब छत की फर्श पर अपने घुटने टीका के घोड़ी बनी हुई थी... रवि के मोटे खूंटे को अपने मुंह में भर के.. उनके गुलाबी होंठों के बीच में रवि मोटा सुपाड़ा डाल के खड़ा था... जिसे वह चूस रही थी... दिनेश अब रुपाली दीदी के पीछे आ गया और घुटने के बल बैठकर उनकी गांड के ऊपर अपना मोटा लण्ड तान के रख दिया...nice bro keep posting
उसने मेरी दीदी के नितंबों के दोनों बड़े बड़े भागो को पकड़ कर अपने दोनों हाथों से अलग अलग कर दिया.... मेरी दीदी की गांड का छेद, जो एक सुरंग की भांति दिखाई दे रहा था, उसके मुहाने पर दिनेश ने अपना सुपाड़ा टीका किया... और एक जोरदार झटके के साथ ही उसका आधा लण्ड मेरी रूपाली दीदी की गांड के अंदर था...