19-11-2019, 04:00 PM
फिर क्या था पापा ये सब देखते रहते थे और धीरे धीरे हमलोग और बढ़ गये | फिर पापा ने कहा तुम लोग ये घर में करते क्या रहते हो | तो जिया ने बताया पापा हमलोगों ने बस अपने कंप्यूटर और इन्टरनेट से कुछ चालु किया और आज देखिये हम खुद इतना कम लेते हैं जितना ये मेनेजर की पोस्ट से कमाता | पापा को सुनकर अच्छा लगा तो उन्होंने कहा शाबाश आगे क्या करना है | तब जिया ने कहा पापा अब आप रहने दीजिये वो हम देख लेंगे की हमे आगे क्या करना है ? अब पापा को समझ आ गया था कि उन्होंने अपने बच्चो को पहचानने में गलती की | पर अब कोई मतलब नहीं था पछताने का क्यूंकि अब हम उनका सहारा नहीं लेना चाहते थे | अब हमे एक ऑफिस ले लिया था जहाँ हमारा केबिन अलग था और वर्कर्स काम करते थे | हमारी लाइफ मस्त कट रही थी क्यूंकि अब हम लाख लाख रूपये महिना निकाल लेते थे सारे खर्चे काटने के बाद | उसके बाद क्या था मैंने भी जिया से आहा देख चार साल हो गये हैं हमे काम करते हुए और अब एक महीने बाद पांचवां साल होगा तो जशन तो बनता है | उसने भी कहा हाँ अगर तू बोल रहा है तो ज़रूर करुँगी फिर उसने मुझे गले लगाया और कहा मेरा भाई खुश रहना चाहिए बस | मैंने कहा जिया कई दिन हो गये मैंने तेरी गोद में सर नहीं रखा | उसने कहा आजा पागल द्बोलना चैये न | इस बार जब मैं लेता था तो उसकी चूत से कुछ अजीब सी महक आ रही थी तो मैंने पुछा टॉयलेट करके आई क्या अभी ? तब उसने कहा नहीं पीरियड चल रहे है | मैंने बोला ये क्या होता है ? तो उसने कहा इस टीम पर लड़की की चूत से ख्हों निकलता है | मैंने कहा दिखा तो उसने अपना जीन्स नीचे किया और पेंटी हटा के मुझे दिखाया | मैंने कहा यार इसे देख कर मेरा तो खड़ा हो गया उसने कहा काबू में रख नहीं तो अपनी बहन के साथ ही सेक्स करना पड़ेगा \ फिर उसने कहा चलो अब कल की तैयारी करनी है पार्टी भी देनी है सबको | फिर मैंने कहा हाँ ठीक है और हम दोनों सारा सामन लेने चले गये और रातभर ऑफिस को सजाया |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.