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Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
#48
मैं एक अच्छा लड़का तो मुझे ये सब शोभा नहीं देता पर क्या करे इसके बिना चलता भी नहीं हैं | मेरे बारे में एक चीज़ समझ लीजिये की अगर मैं कसीस से प्यार करने लगा तो बस उसका ही होक रह जाता हूँ और मेरी बहन से मैं बहुत प्यार करता हूँ | मुझे ये समझ नहीं पता कि रिश्तों में चुदाई को इतना गन्दा क्यूँ कहा जाता है जबकि ये भी जिंदगी का एक एहम हिस्सा है | तो दोस्तों आप लोग अब समझ ही गये होंगे कि मेरी कहानी क्या है और मुझे किस चीज़ की तलाश थी और मुझे वो किसने दी | अब मैं आपको ये बतात हूँ ये सब क्या हुआ और हुआ तो हुआ कैसे | मैं उस समय अपने कॉलेज में था और वो भी कॉलेज में ही थी हम दोनों एक दिन एक ही समय पर पैदा हुए थे | तो मुझे वो बहुत अच्छे से जानत थी और मुझे समझती भी थी | मेरे मम्मी पापा से ज्यादा बनती नहीं थी मेरी [पर वो ही एक लौटी थी घर में जो मेरा ख्याल रखती थी | बिलकुल जैसे एक माँ अपने बचे का रखती है | मुझे जब भी अच्छा नहीं लगता मैं उसकी गोद में सर रखके लेट जाता था और वो मेरे सर के बाल सहलाते हुए कहती थी क्या हुआ ? तो मैं उसे हर बात बता देता था | वो मुझे अच्छे से समझाती थी कि देख तेरे साथ मैं हूँ न तेरे साथ तुझे कुछ भी चाहिए तू मुझसे कहना | मैंने कहा कुछ भी तो उसने कहा हाँ | वो मुझसे बड़ा खुली हुयी थी तो उसने कहा बस मेरी इज्ज़त मत माँगना फिर कहा खेर तेरे लिए वो भी दे दूंगी |



मैंने कहा नहीं मुझे नहीं चाहिए बस तू हमेशा मेरे साथ रहना | तब वो प्यार से कहा करती थी तू मेरा प्यारा भाई है तुझे छोड़ के कैसे जाउंगी कहीं | मैं भी उसे गले लगा लेता था और मेरे माथे पर किस कर देती थी | फिर वो मुझे गले लगाकर सुला देती थी | मैं जब 10 साल का था तब से मुझसे बहुत प्यार करती थी और हमेशा मेरे लिए खड़ी रहती थी | मैं भी भाई होने का फ़र्ज़ निभाता था जो भी उसे व्चैये होता था मैं उसे लाकर देता था | हम दोनों का कोलेगे ख़तम हुआ और हम दोनों ने ही सोचा कि चलो अपना काम शुरू किया जाए | उसने भी कहा तेरा आईडिया बिलकुल सही है और उसने कहा पर इतने पैसे लाएंगे कहाँ से | मैंने कहा चल पापा से बात करके देखते हैं | पापा उस दिन बहुत खुश थे क्यूंकि मेरा सिलेक्शन एक बड़ी कंपनी में मेनेजर की पोस्ट पर हो गया था और ये बहुत ही गर्व की बात थी | पर जिया ने कहा पापा हम दोनों अपना काम करना चाहते हैं | उसके बाद तो पापा का दिमाग ऐसा खराब हुआ की उन्होंने हमसे एक महीने तक बात नहीं की | फिर एक उन्होंने कहा तुमलोगों को जो करना है करो बस मुझसे कोई उम्मीद मत रखना | इस बार मैं टूट गया था पर मुझसे ज्यादा टूटी थी जिया पर मैंने उसे संभाला और कहा कि हमलोग कोई न कोई तरीका निकाल लेंगे | तब मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया भाई ऑनलाइन काम कर सकता बस इसके लिए कंप्यूटर और इन्टरनेट चाहिए | मैंने ये बात किया को बताई तो उसने कहा चल एक बार शुरुवात तो करके देखते हैं | मैंने भी कहा चल क्यूंकि ये दोनों चीज़ें हमारे पास थी और हमे बस इनका पूरा इस्तमाल करना था | हमने ऑनलाइन ऑर्डर्स पे अपने टैग्स दिए और हमे एक साथ चार प्रोजेक्ट्स मिल गये पैसा कम था पर शुरुवात करने के लिए उतना बुरा भी नहीं था | फिर हम दोनों ने काम चालू किया और हमारे क्लाइंट्स को हमारा काम पसंद आने लगा और तीन महीने बाद हुमदोनो ५०००० रू महिना कमाने लगे थे |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अरे दीदी - by neerathemall - 19-11-2019, 03:25 PM
RE: मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई - by neerathemall - 19-11-2019, 03:59 PM



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