19-11-2019, 03:49 PM
मेरे पापा जी का ट्रांसफर हो गया था आज से एक महीना पहले. घर में मैं मेरा भाई और मेरी माँ जो की एक कॉलेज में टीचर है. मैं अब फुल मजे लेने लगी क्यों की घर पर पापा जी नहीं थे. माँ ज्यादा कुछ कहती नहीं थी. और रहा भाई तो मैं उसकी दीदी थी. तो वो क्या कहेगा. मैं उसको थोड़े पैसे वैसे देते रहती थी ताकि उसको लगे की मैं बड़ी बहन हु. अब मेरा स्टाइल थोड़ा और बढ़ गया था. मैं रात को छोटे छोटे स्कर्ट में रहने लगी. रात को अक्सर बिना ब्रा के ही रहने लगी. मेरी चूचियां का निप्पल बाहर से साफ़ साफ़ दिखाई देने लगा. मैं मटक मटक कर चलती ही, और ये मेरा रंडीपन मेरा भाई घूर घूर कर देखने लगा. दोस्तों मैं और मेरा भाई रात में एक ही कमरे में सोते थे. पर अलग अलग बेड पर, माँ दूसरे कमरे में सोती थी. मैं रोज रात को नॉनवेज स्टोरी पे स्टोरी पढ़ती फिर मूवी देखती, फिर अपने चूत को सहलाते सहलाते सो जाती, उसके बाद मैं सारे कपडे उतार कर सोने लगी. जब से सर्दी आई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.