19-11-2019, 03:48 PM
मैं कशिश 19 साल की मस्त माल हु, ऐसा मैं नहीं कह रही हु, सारे मेरे कॉलेज के दोस्त कहते है. तब से मुझे भी यकीं हो गया की मैं मस्त माल हु, फिर क्या था दोस्तों मैं फुले नहीं समाने लगी. और अपनी स्टैण्डर्ड ऑफ़ लिविंग को ठीक करने लगी. बालों में मेहंदी, डभ साबुन लगाने लगी. अपने चेहरे को फेसिअल और ब्लीच से चमकाने लगी. क्या बताऊँ दोस्तों, कुछ ही दिनों में और भी खिल गई. मेरी चूचियां जबरदस्त तरीके से उभार लिया, और मेरी चूतड़ गजब की लचक खाने लगी. दोस्तों अब तो मैं एक खूबसूरत मॉडर्न लड़की बन गई. गली मुहल्ले के लोग मुझे घूर घूर कर देखने लगे. यहाँ तक की अंकल और दादा जी टाइप लोग भी अपने नजर से मुझे पिने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.