19-11-2019, 03:44 PM
हम दोनों एक दुसरे से छेड़खानी करने लगे और अनेक तरह की शरारते करने लगे. आज के लिए मैं अपने भाई की माल बन गयी थी. प्यार करते करते छोटू एक बार फिर से मेरे मम्मो को मुँह में भरके पीने लगा. मुझे बहुत मजा मिलने लगा. लगा की जन्नत मिल गयी है. छोटू किसी बच्चे की तरह मेरे दूध पीने लगा. मुलायम दूध को वो अपने तेज दांत से काट रहा था. जहाँ मुझे मजा भी मिल रहा था, वही दर्द भी मेरे मम्मे में हो रहा था. छोटू का सीधा हाथ नीचे चला गया. मैं जान गयी की अब वो मुझे फिर से चोदेगा. छोटू ने अपने लंड को पकड़ लिया और मेरी गुलाबी छोटी सी कमसिन सी चूत का रास्ता देखने लगा. मैंने दोनों टांगे खोल दी जिससे छोटू आराम से मेरी चूत का सुराख दूड ले. फिर थोडा भटकने के बाद छोटू के मोटे प्यारे लंड को मेरी चूत मिल गयी. उसने लंड अंदर डाल दिया मुझे चोदने लगा. मैं आँखें बंद कर ली और इश्वर का ध्यान लगाकर चुदवाने लगी. छोटू गचागच मुझे चोदने लगा. बड़ी जादुई, बड़ा करिश्माई थी वो चुदाई. मैंने अपनी टांगो को हाथ से पकड़ के फैला दिया. छोटू के लंड की ट्रेन मेरी चूत की गहराइयों में दौड़ने लगी. वो कमर जल्दी जल्दी चलाकर मुझे चोदने लगा.
‘भाई!! चोद मुझे! कसके ले भाई!…किसी रंडी की तरह चोद मुझे!…तू मेरा प्यारा भाई है ….इसलिए चोद!!…आज मुझे चोद चोदके पेट से कर दे’ मैं तरह तरह से चिल्लाने लगी. छोटू बड़े जोश और ताव में आ गया. ‘ले बहना!! आज अपने भाई का लंड खा ले!!….ले आज जी भरके चुदवा ले!! अपनी यौन इक्षा को संतुस्ट कर ले!!…ले ले ले!!’ भाई बोला और गचागच मुझे चोदने लगा. वो इतना जूनून में आ गया की मुझे गाल पर चांटे ही चांटे मारने लगा. मेरे कड़े कड़े नुकीले मम्मो पर भी छोटू जोर जोर से चांटे जड़ने लगा. इससे एक नई प्रकार की उतेज्जन मुझे मिलने लगी. दोस्तों, मेरा भाई छोटू अब किसी जानवर में परवर्तित हो गाया था. वो बिलकुल कोई भेड़िया बन चूका था. जैसी नर भेड़िया मादा भेड़िया को पीछे से गचा गच पेलता है, ठीक उसी तरह मेरा भाई छोटू मुझे खाने लगा.
मेरे बहन की एक एक हड्डी चट चट करके आवाज करने लगी. मेरा एक एक रोंया भाई से चुदते समय जाग गया. इस समय मैं चुद रही थी और मेरी हालत उसी तरह की थी जैसी किसी मोटर साइकिल को १०० की रफ्तार में दौड़ाते है. छोटू मुझे जल्दी जल्दी चोद चोदकर १०० किलोमीटर पति घंटा की रफ्तार से दौड़ा रहा था. उसके एक एक झटके पर मेरा बहन नाच रहा था. छोटू ने मुझे ऐसा पेला था की मौज आ गयी थी. मेरे सर और माथे पर पसीना ही पसीना छलक आया है. मेरा प्यारा भाई अभी भी मुझसे प्यार कर रहा था. अभी भी वो खटाखट धक्के मार रहा था. बड़ी देर वो चुकी थी उसका लंड खाये पर छोटू अभी भी नही झडा था. मैं भी चाहती थी की वो कभी न झड़े और मुझे खाता रहे. फिर भाई बुबुआने लगा. उसने मुझे जोर से अपने में कस लिया और ताबडतोड़ करिश्माई तरह से मेरी चूत में लौड़ा देने लगा. उसने मुझे बाहों की किसी छिनाल की तरह कस लिया और शानदार धक्के देते देते छोटू का लंड मेरी चूत में शहीद हो गया.
‘दीदी!! आई लव यू!!…दीदी !! आई लव यू!!’ छोटू बोलने लगा.
‘आई लव यू भाई!!!….आई लव यू वैरी मच!!’ मैंने जवान दिया.
छोटू मेरी चूत में शहीद हो चूका था. हम दोनों पसीने से भीग गये थे. हम दोनों अभी भी प्यार कर रहे थे. वो उतेज्जना में मेरे हाथो की उँगलियाँ अपने मुँह में डालकर चाट रहा था. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा. कुछ देर बाद मम्मी पापा बाहर से लौट आये. उस दिन के बाद दोस्तों मैं अपने भाई की परमानेंट माल बन गयी. जब भी छोटू कहता ‘दीदी चूत दे दो’ मैंने बिना किसी बहाने के उसको चूत दे देती थी
‘भाई!! चोद मुझे! कसके ले भाई!…किसी रंडी की तरह चोद मुझे!…तू मेरा प्यारा भाई है ….इसलिए चोद!!…आज मुझे चोद चोदके पेट से कर दे’ मैं तरह तरह से चिल्लाने लगी. छोटू बड़े जोश और ताव में आ गया. ‘ले बहना!! आज अपने भाई का लंड खा ले!!….ले आज जी भरके चुदवा ले!! अपनी यौन इक्षा को संतुस्ट कर ले!!…ले ले ले!!’ भाई बोला और गचागच मुझे चोदने लगा. वो इतना जूनून में आ गया की मुझे गाल पर चांटे ही चांटे मारने लगा. मेरे कड़े कड़े नुकीले मम्मो पर भी छोटू जोर जोर से चांटे जड़ने लगा. इससे एक नई प्रकार की उतेज्जन मुझे मिलने लगी. दोस्तों, मेरा भाई छोटू अब किसी जानवर में परवर्तित हो गाया था. वो बिलकुल कोई भेड़िया बन चूका था. जैसी नर भेड़िया मादा भेड़िया को पीछे से गचा गच पेलता है, ठीक उसी तरह मेरा भाई छोटू मुझे खाने लगा.
मेरे बहन की एक एक हड्डी चट चट करके आवाज करने लगी. मेरा एक एक रोंया भाई से चुदते समय जाग गया. इस समय मैं चुद रही थी और मेरी हालत उसी तरह की थी जैसी किसी मोटर साइकिल को १०० की रफ्तार में दौड़ाते है. छोटू मुझे जल्दी जल्दी चोद चोदकर १०० किलोमीटर पति घंटा की रफ्तार से दौड़ा रहा था. उसके एक एक झटके पर मेरा बहन नाच रहा था. छोटू ने मुझे ऐसा पेला था की मौज आ गयी थी. मेरे सर और माथे पर पसीना ही पसीना छलक आया है. मेरा प्यारा भाई अभी भी मुझसे प्यार कर रहा था. अभी भी वो खटाखट धक्के मार रहा था. बड़ी देर वो चुकी थी उसका लंड खाये पर छोटू अभी भी नही झडा था. मैं भी चाहती थी की वो कभी न झड़े और मुझे खाता रहे. फिर भाई बुबुआने लगा. उसने मुझे जोर से अपने में कस लिया और ताबडतोड़ करिश्माई तरह से मेरी चूत में लौड़ा देने लगा. उसने मुझे बाहों की किसी छिनाल की तरह कस लिया और शानदार धक्के देते देते छोटू का लंड मेरी चूत में शहीद हो गया.
‘दीदी!! आई लव यू!!…दीदी !! आई लव यू!!’ छोटू बोलने लगा.
‘आई लव यू भाई!!!….आई लव यू वैरी मच!!’ मैंने जवान दिया.
छोटू मेरी चूत में शहीद हो चूका था. हम दोनों पसीने से भीग गये थे. हम दोनों अभी भी प्यार कर रहे थे. वो उतेज्जना में मेरे हाथो की उँगलियाँ अपने मुँह में डालकर चाट रहा था. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा. कुछ देर बाद मम्मी पापा बाहर से लौट आये. उस दिन के बाद दोस्तों मैं अपने भाई की परमानेंट माल बन गयी. जब भी छोटू कहता ‘दीदी चूत दे दो’ मैंने बिना किसी बहाने के उसको चूत दे देती थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.