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Incest मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई
#33
‘हाँ भाई! इसे ही चुदवाना कहते है’ मैंने जवाब दिया

‘क्यों दीदी मजा आया चुदकर??

‘हाँ बहुत मजा आया भाई. जब तुम्हारा लंड मेरी गुलाबी चूत के छेद में अंदर बाहर हो रहा था, उस वक़्त तो मुझे बहुत मजा आया. मेरी चूत पानी पानी हो गयी थी. पर भाई साथ में दर्द भी बहुत हुआ’ मैंने सुबकते हुए कहा.

‘कोई बात नही दीदी.. अब दूसरी बार जब तुम्हारी चूत लूँगा तो दर्द कम होगा’ छोटू बोला. भोसड़ी का!! अभी कुछ मिनट पहले मेरा भाई चूत चोदन के बारे में कुछ नही जानता था और अब मेरी चूत मारने के बाद देखो कैसे बड़ी बड़ी बातें पेल रहा है मैं अपने मन में सोचने लगी. कुछ देर बाद हम दोनों का ठुकाई का मौसम फिर से बन गया. मैंने छोटू का लंड चूसने लगे. अब उसका लंड भी कुवारा नही रह गया था. उसके लंड का धागा जो नीचे की तरह होता है टूट चूका था. मेरी चूत में तो खूब खून निकला ही था, छोटू के लंड की डोरी टूटने से भी काफी खून निकला था. फिर वो बाथरूम से एक कपड़ा भीगा कर ले आया है और मेरी चूत और अपने लंड को अच्छे से साफ़ कर दिया था. अब एक बार फिर से हम भाई बहन का ठुकाई का मन बन चूका था. मैं भाई का लंड चूसने लग गयी थी. आज पहली बार छोटू ने मुझे नंगा बिना कपड़ों के देखा था. मैं बिना कपड़ों के बहुत सुंदर लग रही थी. मेरा हाथ पैर बड़े गोरे गोरे और चिकने थे. आज छोटू से मेरे बेहद आकर्षक और खूबसूरत मम्मे देख लिए थे. उसके अलावा उसने मेरी प्यारी सी चिकनी चमेली चूत भी देख ली थी. अब मैं उसका लंड चूसन कर रही थी. छोटू को बहुत मजा आ रहा था.

‘दीदी !! जोर जोर से मेरा लंड चुसो! अपने मुँह में मेरे लंड को पूरा अंदर जड़ तक ले लो’ भाई बोला. ये सुनकर मैं और जोश में आ गयी. सर हिला हिलाकर भाई का लंड चूसने लगी. कहीं मेरे मम्मी पापा आ जाते तो मेरी गांड मार देते. मुझे सायद घर से निकाल देते. मैं अच्छे से भाई का लंड चूसती रही और उसका लंड लोहे जैसा सख्त हो गया. छोटू एक बार फिर से मेरे उपर लेट गया. हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह प्यार करने लगी. ‘दीदी! तुम बड़ी जोर की माल हो! अब मैं तुमसे प्यार करूँगा और रोज तुम्हारी चूत बजाऊंगा!’ छोटू बोला. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा. मैं पूरी तरह नंगी थी, जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था. हम भाई बहन जो कर रहे थे वो गलत था और पाप था. पर जिस पाप को करने में मजा मिले उसे कर लेना चाहिए. छोटू बड़ी नाज और प्यार से मेरे गले, कान, कंधे में चुम्मी देने लगा. जब उसका गला मेरे गले से छू रहा था तो मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही थी. बड़ा सुखद अहसास था वो. फिर छोटू अपने दांतों से मेरे निचे के ओंठ चबाने लगा जिससे बिंदु बिंदु से बन गये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: अरे दीदी - by neerathemall - 19-11-2019, 03:25 PM
RE: मेरी प्यारी दीदी मुझसे चुद गई - by neerathemall - 19-11-2019, 03:44 PM



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