19-11-2019, 03:43 PM
‘छोटू!! मेरे भाई, मैं जैसा जैसा कह रही हूँ तू करता जा. जिस तरह से मैंने तेरा लंड चूसा है वैसे वैसे तुझे अब मेरी चूत पीनी है. चल बेटा काम पर लग जा!!’ मैंने उसे समझाया. मेरा सगा और १४ वर्षीय सगा भाई छोटू मजे से मेरी चूत पीने लगा. मैं मचलने लगी. मैं जितना समझती थी मेरा भाई उससे कहीं जादा होशियार निकला. वो मेरे चूत के होंठों पर उसकी पंखुड़ियों पर अपने पैने दाँतों से जोर जोर से काटने लगा. मैं सिसक पड़ी और उछल पड़ी. ‘छोटू! मेरे भाई आराम से कर’ मैंने कहा. छोटू ने अच्छे से मेरी चूत मुँह में लगाकर पी. अब उसे मुझे चोदना था.
‘दीदी! अब क्या करना है बताओ??” वो मासूमियत से बोला.
‘छोटू !! अब तुझे अपना लंड लेकर मेरे भोसड़े पर रखना है. एक जोर का धक्का देना है उसके बाद मेरी चूत की सील टूट जाएगी. फिर तुम अपने लंड को अंदर बाहर करने लगना. तुमको भी इसमें मजा आएगा’ मैंने कहा. छोटू ने ऐसा ही किया. अपने कुवारे लंड को मेरे मलाई जैसी चूत पर उसने रखा और जोर का धक्का मारा. ‘माँ…..मर गई मै…आआअह्हह्हह!! उईईईई..’ मैं रोने लगी क्यूंकि दोस्तों मेरी चूत में बेपनाह दर्द उठ रहा था. छोटू मुझे चोदने लगा. अब उसे कुछ बताना, कुछ समझाना नही पड़ रहा था. वो कमर चला चलाकर मुझे चोदने लगा. मेरी तो गांड फट चुकी थी. मैंने एक नजर नीचे देखा तो मेरी छोटी सी चूत खून से सराबोर थी. बहुत सारा खून भाई के लंड में भी लगा चूका था. अब मैं कुवारी नही रह गयी थी. मैंने अपने कुवारेपन को अपने छोटे भाई छोटू के साथ तोड़ दिया था.
फिर तो छोटू ने मुझे दोनों हाथो पर कन्धों से पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से हुमक हुमक कर चोदने लगा. जहाँ मुझे बहुत दर्द हो रहा था, भाई तो बड़ा मजा आ रहा था. ‘क्यों दीदी…..चुदवाने में कैसा लग रहा है??? मजा आ रहा है की नही ???” उसने पूछा. पर दर्द के मारे मैं कुछ नही बोल पा रही थी. मैं ऊऊऊऊऊ…हा हा हा आ आ आ करके आहें भर रही थी. भाई मुझे कसके चोद रहा था. लगभग २० मिनटों बाद छोटू मेरी चूत में आउट हो गया था. वो हांफ रहा था. आउट होने के बाद बड़ी देर तक वो मुझ पर लेता रहा. उसका लंड अभी भी मेरी चूत में था और सख्त था. फिर धीरे धीरे उसका लंड डाउन हो गया और मेरी चूत से बाहर निकल गया. मैं अपने सगे भाई की रंडी बन चुकी थी. छोटू ने पुचकार कर मुझे गाल पर चूम लिया. मुझे अच्छा लगा. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा.
‘क्यूँ दीदी अभी जो मैंने आपके साथ किया उसे ही चुदवाना कहते है??’ उसने पूछा
‘दीदी! अब क्या करना है बताओ??” वो मासूमियत से बोला.
‘छोटू !! अब तुझे अपना लंड लेकर मेरे भोसड़े पर रखना है. एक जोर का धक्का देना है उसके बाद मेरी चूत की सील टूट जाएगी. फिर तुम अपने लंड को अंदर बाहर करने लगना. तुमको भी इसमें मजा आएगा’ मैंने कहा. छोटू ने ऐसा ही किया. अपने कुवारे लंड को मेरे मलाई जैसी चूत पर उसने रखा और जोर का धक्का मारा. ‘माँ…..मर गई मै…आआअह्हह्हह!! उईईईई..’ मैं रोने लगी क्यूंकि दोस्तों मेरी चूत में बेपनाह दर्द उठ रहा था. छोटू मुझे चोदने लगा. अब उसे कुछ बताना, कुछ समझाना नही पड़ रहा था. वो कमर चला चलाकर मुझे चोदने लगा. मेरी तो गांड फट चुकी थी. मैंने एक नजर नीचे देखा तो मेरी छोटी सी चूत खून से सराबोर थी. बहुत सारा खून भाई के लंड में भी लगा चूका था. अब मैं कुवारी नही रह गयी थी. मैंने अपने कुवारेपन को अपने छोटे भाई छोटू के साथ तोड़ दिया था.
फिर तो छोटू ने मुझे दोनों हाथो पर कन्धों से पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से हुमक हुमक कर चोदने लगा. जहाँ मुझे बहुत दर्द हो रहा था, भाई तो बड़ा मजा आ रहा था. ‘क्यों दीदी…..चुदवाने में कैसा लग रहा है??? मजा आ रहा है की नही ???” उसने पूछा. पर दर्द के मारे मैं कुछ नही बोल पा रही थी. मैं ऊऊऊऊऊ…हा हा हा आ आ आ करके आहें भर रही थी. भाई मुझे कसके चोद रहा था. लगभग २० मिनटों बाद छोटू मेरी चूत में आउट हो गया था. वो हांफ रहा था. आउट होने के बाद बड़ी देर तक वो मुझ पर लेता रहा. उसका लंड अभी भी मेरी चूत में था और सख्त था. फिर धीरे धीरे उसका लंड डाउन हो गया और मेरी चूत से बाहर निकल गया. मैं अपने सगे भाई की रंडी बन चुकी थी. छोटू ने पुचकार कर मुझे गाल पर चूम लिया. मुझे अच्छा लगा. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा.
‘क्यूँ दीदी अभी जो मैंने आपके साथ किया उसे ही चुदवाना कहते है??’ उसने पूछा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.