19-11-2019, 03:42 PM
‘भाई कुछ हुआ??? कुछ झनझनी हुई???’ मैंने पूछा
‘नही दीदी….कुछ नही हुआ’ छोटू बोला
मैंने उसके लंड को हाथ से पकडके सहलाती रही. फिर हाथ से फेटने लगी. धीरे धीरे छोटू को कुछ कुछ होने लगा.
‘मुमताज दीदी!! मेरे लंड में कुछ हो रहा है. कुछ लग रहा है’ छोटू बोला.
मैं खुश हो गयी और अपने हाथों से जोर जोर से छोटू का लंड फेटने लगी. कुछ देर बाद दोस्तों छोटू का लंड बिलकुल से सीधा खड़ा हो गया. छोटू परेशान था.
‘दीदी ये मेरे लंड में क्या हुआ??? कहीं कोई बीमारी तो नही हो गयी??” छोटू परेशान होकर बोला
‘अरे नही पगले! तेरा लंड तो खड़ा हो गया है. इसे लंड खड़ा कहना कहते है. अब तू मुझे चोद पाएगा’’ मैंने कहा और मैं नंगी ही गयी. मैं घर में स्कर्ट पहनती थी. मैंने अपनी स्कर्ट और पजामी उतार दी. मैंने अपनी चड्ढी भी उतार दी. मेरा प्यारा छोटा भाई छोटू मेरे मस्त मस्त मम्मे सहलाने लगा. मैंने उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. मेरे होठ बहुत ही सुंदर थे. इससे ही मैं भाई के लौड़े को चूस रही थी. छोटू जमीन पर खड़ा हुआ था. जबकि मैं घुटनों के बल फर्श पर बैठी थी. फिर दोस्तों मैं छोटू के लंड को हाथ में ले लिया और मल मलकर चूसने लगी. आज १४ साल का मेरा भाई मुझे चोदने वाला था. मैं भगवान से मनाने लगी की सब कुछ ठीक हो. भाई मुझे अच्छे से चोद पाए. क्यूंकि आज मेरा और उसका दोनों का पहला चांस था. मैं सर को आगे पीछे कर रही थी और छोटू का खूबसूरत लंड चूस रही थी. फिर जब उसका लंड टपकने लगा और माल छोड़ने लगा तो मैं जान गयी की अब वो मुझे चोद देगा.
‘भाई!! आजा, अब मेरी चुचि पी!!’ मैंने छोटू से कहा
‘दीदी !! क्या हर लड़का किसी जवान चुदासी लकड़ी की चुचि पीता है??” छोटू ने पूछा
‘नही दीदी….कुछ नही हुआ’ छोटू बोला
मैंने उसके लंड को हाथ से पकडके सहलाती रही. फिर हाथ से फेटने लगी. धीरे धीरे छोटू को कुछ कुछ होने लगा.
‘मुमताज दीदी!! मेरे लंड में कुछ हो रहा है. कुछ लग रहा है’ छोटू बोला.
मैं खुश हो गयी और अपने हाथों से जोर जोर से छोटू का लंड फेटने लगी. कुछ देर बाद दोस्तों छोटू का लंड बिलकुल से सीधा खड़ा हो गया. छोटू परेशान था.
‘दीदी ये मेरे लंड में क्या हुआ??? कहीं कोई बीमारी तो नही हो गयी??” छोटू परेशान होकर बोला
‘अरे नही पगले! तेरा लंड तो खड़ा हो गया है. इसे लंड खड़ा कहना कहते है. अब तू मुझे चोद पाएगा’’ मैंने कहा और मैं नंगी ही गयी. मैं घर में स्कर्ट पहनती थी. मैंने अपनी स्कर्ट और पजामी उतार दी. मैंने अपनी चड्ढी भी उतार दी. मेरा प्यारा छोटा भाई छोटू मेरे मस्त मस्त मम्मे सहलाने लगा. मैंने उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. मेरे होठ बहुत ही सुंदर थे. इससे ही मैं भाई के लौड़े को चूस रही थी. छोटू जमीन पर खड़ा हुआ था. जबकि मैं घुटनों के बल फर्श पर बैठी थी. फिर दोस्तों मैं छोटू के लंड को हाथ में ले लिया और मल मलकर चूसने लगी. आज १४ साल का मेरा भाई मुझे चोदने वाला था. मैं भगवान से मनाने लगी की सब कुछ ठीक हो. भाई मुझे अच्छे से चोद पाए. क्यूंकि आज मेरा और उसका दोनों का पहला चांस था. मैं सर को आगे पीछे कर रही थी और छोटू का खूबसूरत लंड चूस रही थी. फिर जब उसका लंड टपकने लगा और माल छोड़ने लगा तो मैं जान गयी की अब वो मुझे चोद देगा.
‘भाई!! आजा, अब मेरी चुचि पी!!’ मैंने छोटू से कहा
‘दीदी !! क्या हर लड़का किसी जवान चुदासी लकड़ी की चुचि पीता है??” छोटू ने पूछा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)