17-11-2019, 08:50 AM
बाथरूम में
जैसा मुझे उम्मीद थी वो अपना टूथ ब्रश नहीं लाये थे ,
वैसे भी सुहागरात के दो दिन बाद से , जब से हम दोनों साथ साथ नहाने लगे थे , हम दोनों एक ही ब्रश यूज करते थे ,
और वहां भी मैं ही ब्रश में पेस्ट लगा के उनके दांत में , ...
उनके हाथ के पास तो बस एक काम था , ... मेरे दोनों उभार ,...
और फिर उसी ब्रश से मैं भी ,
तो मैंने अपना ब्रश निकाला लेकिन उनका एक और ,... व्हाइट कलर वाला टूथ पेस्ट , गुलाबी या मिंट कलर नहीं , ...
बस , अब उन्होंने वही सवाल खड़ा किया
" हे व्हाइट वाला नहीं है , ... "
" है एकदम है , मेरा मुन्ना सफ़ेद वाले पेस्ट से ब्रश करेगा , कराती हूँ न , बस मुंह खोल के रखना , ... "
मैंने हँसते हुए उन्हें छेड़ा , ...
उन्होंने मुंह खोल दिया ,
और मेरी गुलाबो में दो दो बार की मलाई पूरी भरी पड़ी थी , अभी अभी जो उन्होंने निहुरा के कटोरी भर मलाई छोड़ी थी , और उसके पहले बिस्तर पर पीछे से , ... वो भी मैंने भींच कर , सब बचा रखी थी ,
और अपनी गुलाबो को थोड़ा ढीला किया , दो ऊँगली लगाई और ढेर सारी मलाई सीधे ब्रश में ,
और जब तक कुछ वो समझते मेरी चूत से निकली ढेर सारी मलाई , उनके दांतों पर , ...
गिन के पूरे ३२ बार , तीन मिनट तक जैसा डेंटिस्ट कहते हैं , दांतो के आगे पीछे , चारो ओर
उन्हें सफ़ेद वाला पेस्ट पसंद था और उसकी कोई कमी नहीं थी ,
दो बार मैंने ऊँगली अंदर डाल डाल कर , ...
हाँ मैंने भी जब उनके मुंह से ब्रश निकला तो हर बार की तरह उसी ब्रश से मंजन किया , ...
लेकिन हर बार वो कटोरी भर मलाई छोड़ते थे अंदर मेरे , ...
आखिर उन्ही का माल था ,
थोड़ी सी मैंने जाँघे फैलायीं कस के दो ऊँगली अंदर तक घुसा के चम्मच की तरह , करोच करोच के ,
और अबकी जितना भी निकला , सब मलाई उन के गोरे चिकने चिकने गालों पर रगड़ रगड़ के बोलीं ,
चलों ब्रश भी हो गया , अब फेसियल भी करा देती हूँ , हो गयी न तैयारी , ...
मैंने फिर छेड़ा ,
लेकिन उनका ' वो ' फिर कड़ा लग रहा था , लेकिन उनके चेहरे से लग रहा था 'मामला कुछ और है,'
" हे जरा तुम बाहर जाओ न , बस एक मिनट के लिए "
वो बड़ी परेशान हालत में बोले ,
मेरी परेशानी की कौन वो ,... पूरा एक बार में ठेल देते थे , ...
मैं कुछ कुछ तो समझ रही थी ,लेकिन उनके मुंह से सुनना चाहती थी ,
कुछ बातों में वो इतना अभी भी शरमाते झिझकते थे न , ..
सच में जब तक एक बार वो अपनी ससुराल नहीं जाएंगे , और सास सलहज जम के रगड़ाई नहीं करेंगे , वो लाज , हिचक जाने वाली नहीं थी ,
" क्यों क्या हुआ , "
मैंने बड़ा सीरयस सा मुंह बनाते कहा।
" वो , .... वो आ रही है , कस के , ... तुम जाओ न ज़रा बाहर ,... "
बुरी हालत में थे बेचारे ,
उनके चेहरे से लग रहा था , बड़ी जोर से आ रही है , पर मैं भी आज भी मूड में थी उनकी रगड़ाई करने के ,
" साफ़ साफ़ बोल न , मुझे समझ में नहीं आ रहा है "
पूरी तरह समझते हुए भी मैं बोली।
" अरे यार सुसु आ रही है , बहुत कस के , ... जाओ न , अच्छा चल उधर मुंह कर के ,.... "
वो बोले सच में उनकी हालत ख़राब लग रही थी।
" यार सु सु तो छोटे बच्चे करते हैं , तुम तो ,... तुम्हारा वो भी ,... तो कर लो न , ... "
जैसा मुझे उम्मीद थी वो अपना टूथ ब्रश नहीं लाये थे ,
वैसे भी सुहागरात के दो दिन बाद से , जब से हम दोनों साथ साथ नहाने लगे थे , हम दोनों एक ही ब्रश यूज करते थे ,
और वहां भी मैं ही ब्रश में पेस्ट लगा के उनके दांत में , ...
उनके हाथ के पास तो बस एक काम था , ... मेरे दोनों उभार ,...
और फिर उसी ब्रश से मैं भी ,
तो मैंने अपना ब्रश निकाला लेकिन उनका एक और ,... व्हाइट कलर वाला टूथ पेस्ट , गुलाबी या मिंट कलर नहीं , ...
बस , अब उन्होंने वही सवाल खड़ा किया
" हे व्हाइट वाला नहीं है , ... "
" है एकदम है , मेरा मुन्ना सफ़ेद वाले पेस्ट से ब्रश करेगा , कराती हूँ न , बस मुंह खोल के रखना , ... "
मैंने हँसते हुए उन्हें छेड़ा , ...
उन्होंने मुंह खोल दिया ,
और मेरी गुलाबो में दो दो बार की मलाई पूरी भरी पड़ी थी , अभी अभी जो उन्होंने निहुरा के कटोरी भर मलाई छोड़ी थी , और उसके पहले बिस्तर पर पीछे से , ... वो भी मैंने भींच कर , सब बचा रखी थी ,
और अपनी गुलाबो को थोड़ा ढीला किया , दो ऊँगली लगाई और ढेर सारी मलाई सीधे ब्रश में ,
और जब तक कुछ वो समझते मेरी चूत से निकली ढेर सारी मलाई , उनके दांतों पर , ...
गिन के पूरे ३२ बार , तीन मिनट तक जैसा डेंटिस्ट कहते हैं , दांतो के आगे पीछे , चारो ओर
उन्हें सफ़ेद वाला पेस्ट पसंद था और उसकी कोई कमी नहीं थी ,
दो बार मैंने ऊँगली अंदर डाल डाल कर , ...
हाँ मैंने भी जब उनके मुंह से ब्रश निकला तो हर बार की तरह उसी ब्रश से मंजन किया , ...
लेकिन हर बार वो कटोरी भर मलाई छोड़ते थे अंदर मेरे , ...
आखिर उन्ही का माल था ,
थोड़ी सी मैंने जाँघे फैलायीं कस के दो ऊँगली अंदर तक घुसा के चम्मच की तरह , करोच करोच के ,
और अबकी जितना भी निकला , सब मलाई उन के गोरे चिकने चिकने गालों पर रगड़ रगड़ के बोलीं ,
चलों ब्रश भी हो गया , अब फेसियल भी करा देती हूँ , हो गयी न तैयारी , ...
मैंने फिर छेड़ा ,
लेकिन उनका ' वो ' फिर कड़ा लग रहा था , लेकिन उनके चेहरे से लग रहा था 'मामला कुछ और है,'
" हे जरा तुम बाहर जाओ न , बस एक मिनट के लिए "
वो बड़ी परेशान हालत में बोले ,
मेरी परेशानी की कौन वो ,... पूरा एक बार में ठेल देते थे , ...
मैं कुछ कुछ तो समझ रही थी ,लेकिन उनके मुंह से सुनना चाहती थी ,
कुछ बातों में वो इतना अभी भी शरमाते झिझकते थे न , ..
सच में जब तक एक बार वो अपनी ससुराल नहीं जाएंगे , और सास सलहज जम के रगड़ाई नहीं करेंगे , वो लाज , हिचक जाने वाली नहीं थी ,
" क्यों क्या हुआ , "
मैंने बड़ा सीरयस सा मुंह बनाते कहा।
" वो , .... वो आ रही है , कस के , ... तुम जाओ न ज़रा बाहर ,... "
बुरी हालत में थे बेचारे ,
उनके चेहरे से लग रहा था , बड़ी जोर से आ रही है , पर मैं भी आज भी मूड में थी उनकी रगड़ाई करने के ,
" साफ़ साफ़ बोल न , मुझे समझ में नहीं आ रहा है "
पूरी तरह समझते हुए भी मैं बोली।
" अरे यार सुसु आ रही है , बहुत कस के , ... जाओ न , अच्छा चल उधर मुंह कर के ,.... "
वो बोले सच में उनकी हालत ख़राब लग रही थी।
" यार सु सु तो छोटे बच्चे करते हैं , तुम तो ,... तुम्हारा वो भी ,... तो कर लो न , ... "