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Adultery पूस की रात एक कामुक कहानी
#9
अंकल भाभी की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबोचे हुई उनकी चूत को घपाघप चोद रहे थे | करीब 15 मिनट बाद अंकल का फॉल हो गया | भाभी बिस्तर पर से उठकर बाथरूम में अपनी चूत धोने चली गई | भाभी जब बाथरूम से आई तो उनके गदराए हुए अत्यंत विशाल नितम्ब को देखकर अंकल के मुंह में पानी आ गया, अंकल ने कहा- निशा, तुम्हारे चूतड़ तो बहुत बड़े हैं, क्या इसे तुम्हारे पति ने तुम्हारी गांड मार मार कर इसे चौड़ा कर दिया है? ऐसा बोलते हुए अंकल भाभी के बड़े-बड़े नितम्ब सहलाने लगे | 

भाभी- नहीं अंकलजी, मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई है, ये कुदरती बड़े हैं | 

रवि - बेटी, तुम्हारे नितम्ब बहुत ही सुन्दर हैं, मुझे इसे प्यार करने का बहुत मन कर रहा है, तुम जरा बिस्तर पर घोड़ी बन जाओ तो मैं तुम्हारी गदराए हुए नितम्बों को प्यार करूँगा | ऐसा सुनकर भाभी बिस्तर पर अपने दोनों घुटनों और हथेलियों के बल घोड़ी बन गई | 

अंकल ने पहले भाभी के बड़े-बड़े चूतड़ों को खूब सहलाया, उन पर ढेर सारा चुम्बन भी लिया, फिर भाभी के चूतड़ों की दोनों फाँक को फैलाया तो उसके गुलाबी छेद देख कर एकदम दंग रह गए और उसने कहा- बेटी, तुम्हारा गुलाबी गांड का छेद तो दिखने में अत्यंत ही सुन्दर है, कोई भी इसे देख के एकदम पागल हो जायेगा | गांड की प्रशंसा सुनकर भाभी ने अंकल को धन्यवाद बोला | 

रवि ने चूतड़ों के बीच के छेद को सूंघा तो उसकी खुशबू पाकर उनका लंड एकदम फनफना कर खड़ा हो गया | फिर अंकल ने छेद पर एक चुम्बन लिया फिर गांड के छेद को फैला चाटने लगे | अंकल के चाटना शुरू करते ही भाभी के मुंह से सिसकारी निकलने लगी | भाभी की छेद की कुछ देर चाटने के बाद अंकल ने भाभी के गांड में अपनी एक उँगली घुसा के उसे आगे-पीछे करने लगे तो भाभी के मुँह से सीत्कारें निकलने लगी | 

अपनी उंगली को अंदर-बाहर करते हुए पूछा- बेटी, कैसा महसूस हो रहा है?

निशा- मजा आ रहा है अंकलजी!

रवि - बेटी, इसमें मेरा मोटा लंड घुसवाओगी तो स्वर्ग जैसा आनन्द मिलेगा | यह सुनकर भाभी ने डरते हुए बोली- ना बाबा ना, चूत के मुकाबले मेरी गांड का छेद तो अत्यंत छोटा और काफी संकुचित होता है और आपका सुपारा तो भयंकर मोटा है, मुझे अपनी गांड नहीं फड़वानी है | 

फिर अंकल ने उसे फुसलाते हुए कहा- डरो नहीं बेटी, तुम्हारा गांड तो अत्यंत ही बड़ी है, वो मेरा पूरा 10 इंच आसानी से खा जायेगा और फिर मैं तुम्हारे छेद में ढेर सारा वैसलिन लगा दूंगा और बहुत धीरे-धीरे घुसाऊंगा और तुम्हें जरा भी दर्द होगा तो मैं अपना लंड तुरंत बाहर निकाल लूँगा | 

तब भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, पर धीरे-धीरे आराम से घुसाइएगा | 

रवि - ठीक है बेटी, अब तुम घोड़ी बन जाओ | 

भाभी के घोड़ी बनने के बाद अंकल ने उनके चूतड़ों की दोनों फाँकों को फैला कर उसके छेद में ढेर सी वेसलिन लगाई और उसके बाद भाभी के गाण्ड के छेद पर अपना मोटा सुपारा को रगड़ने लगे फिर अंकल ने छेद में थोड़ा सा सुपारा घुसाने के बाद भाभी की पतली कमर को पकड़ कर एक जोर का धक्का मारा तो अंकल का मोटा सुपर भाभी के सिकुड़न-सलवटों वाले गुलाबी छेद को फैलाता हुआ गप्प से अन्दर घुस गया | भाभी दर्द से चिल्ला उठी तो अंकल ने झट से अपना लंड बाहर निकाल लिया | 

लंड को बाहर निकालने के थोड़ी देर के बाद अंकल ने भाभी को पुचकारते हुए कहा- बेटी, अब दर्द कैसा है?भाभी- अब दर्द बहुत कम हो गया है, अंकलजी | फिर थोड़ी देर के बाद अंकल ने कहा- ऐसा करो बेटी, मैं लेट जाता हूँ और तुम अपनी गांड का छेद मेरे लंड पर रख के धीरे-धीरे बैठो, इससे तुम्हें बहुत ही कम दर्द होगा | भाभी ने डरते हुए कहा- ठीक है मैं कोशिश करती हूँ पर मुझे दर्द हुआ तो मैं लंड पर से उठ जाऊँगी | 

रवि - ठीक है बेटी, अब मैं लेटता हूँ और तुम अपनी गांड को चीर कर अपनी गुलाबी छेद को मेरे सुपारा पर रख कर धीरे-धीरे बैठो | अंकल बिस्तर पर लेट गए और मुट्ठी से अपना लंड पकड़ लिया | 

फिर भाभी ने अंकल के फ़नफ़नाये हुए भयंकर, काले सुपारे पर अपने विशाल नितम्बों को चीर कर अपने गांड के गुलाबी छेद को रखकर धीरे से बैठी तो अंकल का सुपारा भाभी के कसे, सिकुड़न-युक्त छेद को फैलाते हुए घप्प से छेद के अंदर घुस के गांड के छल्ले में फँस गया | भाभी अचानक दर्द से चिहुंक उठी तो अंकल ने भाभी को कहा- डरो मत बेटी, शुरू में दर्द होगा पर जब मेरा पूरा लंड तुम्हारी गांड में समा जायेगा तो बिल्कुल दर्द नहीं होगा और तुम्हें बहुत ही मज़ा आएगा | भाभी ने करहाते हुए कहा- अंकलजी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी, मुझे बहुत डर लग रहा है | तब अंकल ने भाभी को फुसलाते हुए कहा- डर मत पगली, चूत में भी तो शुरू में घुसवाने में थोडा दर्द हुआ था पर बाद में तुम्हे कितना मज़ा आया था | 

भाभी- वो बात तो है अंकलजी, ठीक है मैं धीरे-धीरे बैठती हूँ ताकि ज्यादा दर्द न हो | फिर भाभी थोड़ा जोर लगाकर बैठी तो अंकल का 2 इंच लंड गांड में और घुस गया | भाभी को अत्यंत दर्द होने लगा और वह करहाते हुए अंकल के लंड पर से उठने लगी, ऐसा करते देख कर अंकल ने भाभी की पतली, नाजुक कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे नीचे अपनी ओर जबरदस्ती खींचने लगे | अंकल ताकत लगा कर जैसे-जैसे भाभी को नीचे खींच रहे थे वैसे-वैसे अंकल का वेसलीन लगा हुआ लंड भाभी की गांड के तंग छेद में धीरे धीरे घुसता जा रहा था | 

भाभी दर्द से चिल्ला रही थी पर अंकल ने उसकी परवाह किये बिना उसके गांड में अपना 10 इंच लम्बा लंड पूरा घुसा दिया | भाभी की आँखों से आँसू निकल रहे रहे थे पर अंकलजी उसकी परवाह किये बगैर अपने चूतड़ उचका-उचकाकर भाभी की गांड में अपने दैत्याकार लंड को अंदर-बाहर करने लगे | थोड़ी देर के बाद भाभी की कराहट मादक सिसकारियों में बदल गई | पाँच मिनट तक धक्के लगाने के बाद अंकल थक कर रुक गये तो भाभी अपनी गांड को ऊपर-नीचे करने लगी | ऐसा करते देख कर अंकल ने प्रसन्नता से कहा- शाबाश मेरी मुन्नी, अब मज़ा आ रहा है ना निशा बेटी? 

निशा ने लजाते हुए कहा- हाँ अंकलजी, आप बहुत अच्छे हैं | 

Ravi- बेटी अब मेरे लंड पर रोज बैठोगी ना?

निशा- बिल्कुल अंकल जी, अब तो मैं रोज अपने दोनों छेदों को आपके लण्ड पर रख कर बैठूंगी | ऐसा बोलने के बाद भाभी अपने चूतड़ तेजी से ऊपर-नीचे करने लगी और अंकल ने भाभी के गांड में अपनी गर्म-गर्म वीर्य की बौछार कर दी | इस तरह अंकल ने छह महीने तक अपने भीमकाय लंड से मुझे और मेरी भाभी की चूत और गांड को चोद-चोद कर अत्यधिक बड़ा बना दिया है | 

आज मैं पचीस साल की ही उम्र में एक अत्यंत बड़े चूत और विशाल नितम्ब की मालकिन हूँ | अंकल ने मेरी चूत और गांड के छेद को बड़ा कर दिया है, पाठको, आप मेरी झालरदार चार इंच लम्बी चूत और चालीस इंच बड़े नितम्ब देखकर एकदम दंग रह जाएँगे | 


                THE END
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RE: पूस की रात एक कामुक कहानी - by masala44 - 15-11-2019, 08:42 PM



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